एक दिन मैंने अपनी मां और पापा को एक साथ सेक्स करते देखा। इससे मुझे यह समझ में आया कि मेरी मां पापा से चुदाई करके संतुष्ट नहीं हो रही थीं। मां का नंगा शरीर देखकर मुझे भी अजीब सा महसूस हुआ।
मेरा नाम अनीश है। आज मैं आपको अपनी मां की एक सचित्र कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जिसमें मेरी मां मेरी रखैल बन गईं।
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मैं कोलकाता में रहता हूँ। हमारे घर में मैं, मां-पापा, चाची-चाचा और मेरी बहन रहते हैं। पापा बैंक में काम करते हैं, लेकिन वे शराब बहुत पीते हैं। चाचा चेन्नई में एक कंपनी में काम करते हैं। मेरी पढ़ाई पूरी हो चुकी है और मेरी बहन बारहवीं कक्षा में पढ़ रही है।
मेरी उम्र 21 साल है, मेरी बहन 19 साल की है, मां की उम्र 40 साल और पापा की 42 साल है। चाची 29 साल की हैं। अब मैं आपको बताता हूं कि मेरी मां देखने में कैसी लगती हैं। मां की गांड उठी हुई है और चूचियां इतनी तनी हुई हैं कि कोई भी उन्हें देखकर मुँह में पानी ला सकता है।
जैसा मैंने बताया कि पापा बहुत शराब पीते हैं, जिससे उनका लंड हमेशा ढीला रहता है। पापा रोज रात को मां की गांड और चूचियों को देखकर उन्हें जबरदस्ती चोदते थे। पापा हमेशा मां की चुत में लंड डालकर झड़ जाते थे, जिससे मां को संतोष नहीं मिलता था।
धीरे-धीरे मां ने पापा को चुदाई करने से मना कर दिया। पापा नशे में मां को छूने की कोशिश करते, लेकिन मां हमेशा उन्हें रोक देतीं। मां को अपनी चुत में उंगली करना पड़ता था ताकि वे शांत हो सकें।
यह सब मैंने उस दिन देखा था जब मैंने उनके असफल चुदाई का दृश्य देखा। उसके बाद मैंने एक-दो बार और देखने की कोशिश की, लेकिन मां पापा को मना कर देती थीं। यह समझ में आ गया था कि पापा का लंड अब चुत को शांत नहीं कर पा रहा था, इसलिए मां उन्हें मना कर रही थीं।
एक रात मुझे नींद नहीं आ रही थी, तो मैं पेशाब करने के लिए बाथरूम गया। तभी मुझे मां के कमरे से आवाज सुनाई दी। मैंने खिड़की से देखा कि पापा मां को जबरदस्ती चोदने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन मां मना कर रही थीं।
पापा नहीं माने और बेड पर चढ़कर नंगे हो गए। उन्होंने अपना लंड मां के मुँह में डालने की कोशिश की, लेकिन मां ने मुँह नहीं लिया। अब पापा मां की चूचियों को दबाने लगे और धीरे-धीरे मां के ब्लाउज के बटन खोलने लगे।
कुछ देर के बाद पापा ने मां के साया को कमर तक उठाकर उनकी पैंटी के ऊपर से चाटना शुरू कर दिया। अब मां भी गर्म हो गई थीं और कामुक सिसकारियां लेने लगी थीं।
मैं इस सीन को देख रहा था और मेरे लंड भी खड़ा होने लगा। मैंने एक हाथ से अपने लंड को सहलाने लगा। कुछ देर बाद पापा ने मां की पैंटी उतार दी और अपना लंड मां की चूत पर रखकर झटका दिया। लंड चुत के अंदर घुसा और 5-6 झटकों में ही पापा झड़ गए।
मां ने अपनी पैंटी से चुत को साफ किया और अपनी चुत में उंगली करने लगीं। मैंने देखा कि मां एक हाथ से अपनी चूचियों को दबा रही थीं। यह सब देख मेरा लंड और टाइट हो गया और मैंने मम्मी को देखकर लंड की मुठ मार ली।
करीब दस मिनट बाद मां भी झड़ गईं। मैं अपने कमरे में जाकर सो गया।
सुबह 4 बजे मेरी नींद खुली, तो मैं सीधा मां को देखने गया। मां अभी भी नंगी सोई हुई थीं। मैंने सुबह-सुबह अपने खड़े लंड को हिलाया और मां को नंगी देखकर एक बार फिर मुठ मार ली। फिर मैं आकर सो गया।
दो बार मुठ मारने से मुझे गहरी नींद लग गई थी। सुबह 7 बजे उठा तो देखा कि मामा जी आ गए थे। चाची की मां बीमार थीं। मामा चाची को अपने साथ ले गए।
कुछ देर बाद पापा ऑफिस और बहन कॉलेज के लिए निकल गए। अब घर में सिर्फ मैं और मां रह गए थे।
मां ने सब काम खत्म किया और नहाने के लिए कपड़े निकालकर बिस्तर पर रख दिए। फिर मां ने एक टॉवल लेकर बाथरूम जाते हुए मुझसे कहा कि मैं नहाने जा रही हूँ।
मैंने ओके कह दिया। मां बाथरूम में चली गईं। जैसे ही वो बाथरूम में गईं, मुझे रात वाली बात याद आ गई। मैं मां के कमरे में गया, तो देखा कि मां की लाल रंग की ब्रा और पैंटी रखी थी।
मैं उसे उठाकर सूंघा, तो मां की चुत की खुशबू आ रही थी। चुत की महक सूंघते ही मैंने मां को चोदने की सोचने लगा। आज मौका अच्छा था क्योंकि घर में कोई नहीं था।
मैं मोबाइल लेकर बाथरूम के पास खड़ा हो गया और दरवाजे की झिरी से अंदर देखा कि मां अपनी ब्रा और पैंटी धो रही थीं। मैंने मां को आवाज दी- मां दरवाजा खोलो, मुझे आपको कुछ दिखाना है।
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मां बोलीं कि बाद में दिखाना, जब मैं नहा कर बाहर आ जाऊंगी। लेकिन मैं तो मां की चुत में लंड पेलने की सोच रहा था। जब तक आवाज देता रहा, जब तक मां ने दरवाजा नहीं खोला।
आखिर में मां को दरवाजा खोलना ही पड़ा। जैसे ही उन्होंने दरवाजा खोला, मैं बाथरूम के अंदर चला गया और दरवाजा बंद कर दिया।
मां मुझे अंडरवियर में देखकर चौंक गईं और बोलीं- ये सब क्या है अनीस!
मां ने इस वक्त अपना साया अपनी चूचियों के ऊपर बांधा हुआ था। मैंने उनकी बात सुनकर कुछ नहीं बोला, बस अपनी मां की तानी हुई चूचियों को देखने लगा।
मां बोलीं- क्या दिखाना है? क्यों हाय तोबा मचा रहा था?
मैं बोला कि मुझे आपको चोदना है।
ये कहते हुए मैंने मां को पीछे से अपनी बांहों में भर लिया। मां चिल्लाते हुए मुझसे छूटने की कोशिश करने लगीं। तो मैंने उन्हें वो वीडियो दिखा दिए, जिसमें पापा मां को चोदने के बाद झड़ गए थे और मां खुश नहीं हुई थीं। फिर मां अपनी उंगली से खुद को शांत कर रही थीं।
ये सब उस वीडियो में देख कर मां ऐसे शांत हो गई, जैसे उन्हें सांप ने डस लिया हो।
मैंने मोबाइल एक तरफ रखते हुए कहा कि मां आप पांच साल से अपनी प्यारी चुत को उंगली से शांत कर रही हैं, एक बार मुझे मौका तो दो। मैं आपको पूरी तरह से खुश कर दूंगा।
मां कुछ नहीं बोल रही थीं और एक मूर्ति की तरह खड़ी थीं। मुझे उनकी मन:स्थिति समझ में आ गई थी कि उन्हें लंड भी लेना है और झिझक भी उन्हें हां कहने से रोक रही है।
उधर मुझे तो बस मां की चुत चुदाई से मतलब था। मैंने मां के साया की डोर को खोल दिया। उनका साया खुद ब खुद नीचे आ गया। अब मां मेरे सामने केवल लाल ब्रा और लाल पैंटी में खड़ी थीं, जिसे देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया।
फिर मैंने मां से कहा- अब मेरे कपड़े खोल दो मां। और मेरे लंड को चूसो।
पर मां बिना कुछ बोले मूर्ति की तरह खड़ी रहीं। मैंने हाथ बढ़ाकर मां की चूचियों को दबाया, जिससे उनकी एक आह निकल गई। मैंने उन्हें अपनी बांहों में भरा और उनकी गर्दन पर चुम्मी लेते हुए अपने हाथ पीछे करके उनकी ब्रा की पट्टी को दो बार खींचकर छोड़ दिया। इससे चट-चट की आवाज आने लगी और दोनों बार मां की आह निकल गई।
मैं ब्रा के ऊपर से ही मां की चूचियों को मसलने लगा और धीरे-धीरे करके उनकी ब्रा को खोल दिया। फिर मैंने अपने दांतों से मां की गोरी गोरी चूचियों पर भूरे कलर के कड़क हो चुके निप्पलों को बारी-बारी से काटने लगा।
इससे मां गरमा गईं और मादक सिसकारियां लेने लगीं। फिर भी मां अभी कुछ नहीं कर रही थीं। मैंने एक हाथ से पैंटी के ऊपर से ही उनकी चुत को रगड़ने लगा और उनकी पैंटी के अंदर हाथ डालकर चुत में उंगली करने लगा।
मां ने अब अपनी टांगों को थोड़ा खोल दिया था, जिससे मेरी उंगली मां की चुत में तेजी से अंदर-बाहर होने लगी थी.
कुछ देर बाद मां की चूत ने पानी छोड़ दिया।
मैंने मम्मी की पैंटी को उतार कर खड़ी पोजीशन में उन्हें दीवार से टिकाया और उनकी एक टांग उठाकर चूत में अपना लंड डाल दिया और धड़ाधड़ चोदने लगा।
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मेरी मम्मी वासना से सिसकारियां लेने लगीं। पर वो अभी भी न तो कुछ बोल रही थीं और न ही मेरा साथ दे रही थीं। बस केवल मूर्ति की तरह दीवार से टिकी हुई लंड का मजा लेते हुए कामुक आवाजें निकाल रही थीं।
मैंने उनकी एक चूची को अपने मुँह से चूसते हुए उन्हें तेजी से चोदने लगा। बीच में एक बार मम्मी की सिहरन महसूस की तो समझ गया कि मम्मी झड़ गई हैं। लेकिन मैं तेजी से लंड पेलता रहा।
करीब 20 मिनट चोदने के बाद मैं उनकी चुत में ही झड़ गया। मैंने लंड बाहर निकाला और एक बार फिर से बोला- मम्मी लंड को चूसो न। लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
इस बार मुझे गुस्सा आ गया, तो मैंने अपने हाथ में अपना मूत भरके उनके चेहरे पर मल दिया और मैं नहा कर बाहर आ गया।
थोड़ी देर बाद वो भी बाहर आ गईं और अपने कमरे में जाकर तैयार होकर किचन में काम करने लगीं।
कुछ देर बाद रीता भी आ गई।
फिर जब हम खाना खाने लगे, तो रीता ने आज फिर से पूछा- क्या बात है भईया आजकल मम्मी की खूब सेवा हो रही है। क्योंकि आज फिर से मम्मी बहुत खुश लग रही हैं।
इस पर मम्मी कुछ बोलतीं, इससे पहले मैं बोला- मम्मी को तो मैं और खुश करना चाहता था, पर मम्मी ने ही साथ नहीं दिया। मेरा मतलब मौका नहीं दिया।
ये सुनकर रीता हंसने लगी और मम्मी से बोली- मम्मी भईया को मौका क्यों नहीं देती हो आप! मैं मम्मी को देख कर मुस्करा रहा था।
उसी समय मम्मी ने मेरी ओर देखा तो मैंने उन्हें आंख मार दी। फिर मम्मी वहां से चली गईं और हम खाना खा कर टीवी देखने लगे।
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मुझे पता नहीं क्यों ऐसा लगने लगा था कि रीता हम दोनों के बारे में कुछ-कुछ समझने लगी है।
मगर अभी तो मम्मी को खुल कर चुदवाने का मजा देना था, फिर अपनी बहन रीता की सील पैक चुत चुदाई के बारे में सोचूंगा।
आपको मेरी हॉट सेक्स मॉम स्टोरी कैसी लग रही है? प्लीज़ कमेंट करके जरूर बताना।
हॉट सेक्स मॉम स्टोरी जारी है….
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