मैं और मेरी छोटी बहन और मेरी माँ तीनों की साथ चुदाई

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मेरा नाम पायल है। मेरी बहन का नाम पूजा है और मेरी माँ 38 साल की हैं। मेरे पापा होटल में मैनेजर हैं और कई-कई दिन घर नहीं आते। हम तीनों माँ-बेटियाँ ही घर पर रहती हैं। हम तीनों एक से बढ़कर एक सेक्सी हैं। मैं खुले विचारों वाली लड़की हूँ और कॉलेज में पढ़ती हूँ। मेरी छोटी बहन पूजा 18 साल की है और बहुत हॉट है। मेरी माँ हमेशा टिप-टॉप रहती हैं, उनका कसा हुआ बदन है और वो 36 साइज़ की ब्रा पहनती हैं। मैं 34 की ब्रा पहनती हूँ और पूजा 32 की। अब तो आपको हमारे तीनों के बूब्स के बारे में भी पता चल गया होगा।

मैं दिल्ली के पालम विहार इलाके में रहती थी। ज्यादातर समय हम तीनों ही घर पर रहते थे क्योंकि पापा तो हमेशा होटल में ही व्यस्त रहते थे। हम दोनों बहनें जवान हो चुकी थीं और हमें लड़कों की जरूरत महसूस होने लगी थी। लेकिन हर लड़के के साथ थोड़ा रिस्क होता है। इसलिए मैंने एक शादीशुदा जोड़े को पटाने का प्लान बनाया। उनकी अभी हाल ही में शादी हुई थी और वो गाँव से दिल्ली आए थे। उनकी बीवी भी उनके साथ थी। दोनों की उम्र थोड़ी ज्यादा थी, शायद जल्दबाजी में शादी कर ली थी, या यूँ कहिए कि सेक्स के चक्कर में।

मैं उनकी बीवी को दीदी कहती थी और वो मुझे अपनी छोटी बहन मानती थी। उनके पति को मैं जीजा कहती थी। आप समझ गए होंगे कि मैंने अपना जुगाड़ बना लिया था। धीरे-धीरे मैं उनके घर जाने लगी और वो दोनों भी हमारे घर आने लगे। मम्मी भी उन्हें बहुत प्यार करती थीं और उन्हें बेटी-दामाद मानती थीं। धीरे-धीरे हमारा रिश्ता बहुत गहरा हो गया। अब उनके खाने का इंतजाम सप्ताह में दो दिन हमारे घर पर ही होता था। देर रात तक हम बातचीत करते रहते थे।

एक दिन दीदी को गाँव जाना पड़ा क्योंकि वो प्रेग्नेंट हो गई थीं। अब जीजा अकेले रहने लगे। मेरी ज़िंदगी में वही एक इंसान थे जिनसे मैं बिना किसी रोक-टोक के मिल सकती थी। कोई दूरी नहीं थी, लेकिन अभी तक हमारा सेक्स संबंध नहीं बना था। फिर भी, उनके बारे में सोचते ही मेरी चूत गीली हो जाती थी। मैं चुदने के लिए बेकरार थी। मुझे उनका लंड चाहिए था।

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एक दिन हम चारों—मैं, पूजा, मम्मी और जीजा—खाना खा रहे थे। तभी मम्मी का फोन बजा। नोएडा में रहने वाली उनकी बहन की तबीयत अचानक खराब हो गई थी। मम्मी आधा खाना छोड़कर तुरंत वहाँ के लिए निकल गईं। जाते-जाते वो जीजा से बोलीं, “बेटा, आज यहीं सो जाना। मैं अब सुबह ही लौट पाऊँगी।” इतना कहकर वो चली गईं।

हम तीनों ने खाना खत्म किया और फिर बातचीत करने लगे। बाद में हमने टीवी पर एक मूवी लगाई, जो थोड़ी एडल्ट थी। जब भी कोई किसिंग सीन या सेक्स सीन आता, मैं जीजा को देखती और वो मुझे। पूजा भी हम दोनों को देख रही थी। यानी हम तीनों के जिस्म में चुदाई की आग भड़क रही थी। फिर हम सोने चले गए। हमारे घर में दो कमरे थे—एक में दो बेड और दूसरे में एक। पूजा हमेशा अकेले सोती थी, तो वो दूसरे कमरे में चली गई। मैं और जीजा एक ही कमरे में रहे।

हम दोनों बेड पर लेटे, लेकिन नींद नहीं आ रही थी। मैंने कहा, “जीजा, मुझे अकेले अच्छा नहीं लग रहा। क्या मैं आपके पास आ जाऊँ? मैं आपके पैरों की तरफ सो जाऊँगी।” वो बोले, “पैरों की तरफ क्यों? सीधे मेरे पास सो जाओ। मैं कुछ नहीं करूँगा।” मैंने हँसते हुए कहा, “मुझे आप पर भरोसा है, लेकिन खुद पर नहीं। इतना सुंदर राजकुमार मेरे साथ सो रहा हो, तो कैसे भरोसा करूँ?” मैं उनके बेड पर चली गई। पाँच मिनट बाद ही हम दोनों की साँसें तेज़ हो गईं। हमारी आवाज़ें लड़खड़ाने लगीं। मैंने उनकी तरफ देखा, वो मुझे देख रहे थे। फिर मैंने उन्हें किस करना शुरू कर दिया। वो भी मुझे किस करने लगे और मेरी चूचियों को दबाने लगे।

वो मेरे ऊपर चढ़ गए। हमने एक-दूसरे के कपड़े खोल दिए। वो मेरी चूत को चाटने लगे, मेरे बूब्स को चूसने और दबाने लगे। फिर उन्होंने मेरी गांड में उंगली डाल दी। मैं तो पागल हो गई थी। मेरी चूत से गर्म-गर्म पानी निकलने लगा। वो मेरी चूत को और चाटने लगे। मेरे पूरे शरीर में आग सी लग गई थी। मैं चिल्लाई, “जीजा, अब और मत तड़पाओ! मुझे तुम्हारा मोटा लंड चाहिए!” उन्होंने तुरंत मेरी दोनों टाँगें फैलाईं और अपना मोटा लंड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। “आआह्ह… उउह्ह…” मैं दर्द से कराह उठी। पहले तो बहुत दर्द हुआ, लेकिन तीन-चार झटकों के बाद मज़ा आने लगा।

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वो जोर-जोर से मुझे चोदने लगे। “पायल, तेरी चूत कितनी टाइट है… आह्ह…!” वो बोले। मैं भी चिल्लाई, “जीजा, और जोर से चोदो! मेरी चूत फाड़ दो!” कभी वो ऊपर, कभी मैं ऊपर। “पच-पच… थप-थप…” चुदाई की आवाज़ें कमरे में गूँज रही थीं। मैं कराह रही थी, “आआह्ह… उउह्ह… और जोर से!” तभी अचानक दरवाज़ा खुला और पूजा कमरे में आ गई। हमारी चुदाई पकड़ी गई। वो हमें देखकर वापस अपने कमरे में चली गई। लेकिन हम नहीं रुके। जीजा ने और जोर से चोदा, “पायल, तेरी चूत का मज़ा ही अलग है!” करीब चालीस मिनट बाद हम दोनों झड़ गए और शांत हो गए।

मुझे डर था कि पूजा मम्मी को सब बता देगी। मैं उसके कमरे में गई और बोली, “बहन, जो हो गया, सो हो गया। प्लीज़ मम्मी को मत बताना।” वो गुस्से में बोली, “क्यों? मैं क्या आलू-बैगन हूँ? सेक्स का मज़ा सिर्फ़ तुझे ही लेना है? मैं भी चुदना चाहती हूँ!” मैं समझ गई कि वो भी तैयार है।

मैंने जीजा को ये बात बताई। वो कमीना तुरंत पूजा के कमरे में गया, उसे बाँहों में भरा और चोदना शुरू कर दिया। पूजा चिल्ला रही थी, “आआह्ह… जीजा, और जोर से! मेरी चूत फाड़ दो!” जीजा बोले, “पूजा, तेरी चूत तो और भी टाइट है!” मैं भी कमरे में चली गई। अब हम दोनों बहनें मिलकर चुदाई करने लगीं। जब जीजा पूजा को चोद रहे थे, मैं कभी उनकी गांड सहलाती, कभी पूजा की चूचियाँ दबाती, कभी पूजा के मुँह पर बैठकर अपनी चूत और गांड चटवाती। पूजा ने मेरी चूत और गांड खूब चाटी। जीजा ने पूजा की चूत का भोंसड़ा बना दिया। “पच-पच… थप-थप…” चुदाई की आवाज़ें और “आआह्ह… उउह्ह…” की कराहटें कमरे में गूँज रही थीं। आखिर में हम तीनों थककर सो गए।

सुबह मम्मी दरवाज़ा खटखटा रही थीं। हम तीनों नंगे सो रहे थे। मेरे और जीजा के कपड़े दूसरे कमरे में थे। पूजा ने अपने कपड़े पहन लिए थे, लेकिन मैं बेडशीट लपेटे कोने में खड़ी थी और जीजा भी चादर लपेटे खड़े थे। मम्मी अंदर आईं और सब समझ गईं। हम दोनों बहनें तुरंत तैयार होकर कॉलेज जाने के लिए निकल गईं, लेकिन स्कूल पहुँचने पर पता चला कि सरकार के आदेश से छुट्टी हो गई थी।

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जब हम वापस लौटे, तो दरवाज़ा बंद था। अंदर से आवाज़ें आ रही थीं, “चोद बेटा, चोद! आज मेरी चूत को खुश कर दे!” मम्मी चिल्ला रही थीं, “आआह्ह… उउह्ह… और जोर से!” वो बोलीं, “मुझे पता है, तूने मेरी दोनों बेटियों को रात भर चोदा। आज मेरी बारी है!” जीजा मम्मी को जोर-जोर से चोद रहे थे। “पच-पच… थप-थप…” की आवाज़ें आ रही थीं। फिर दोनों शांत हो गए। मैंने दरवाज़ा खटखटाया। मम्मी ने जीजा को कोने में छिपा दिया, लेकिन हम अंदर चले गए और जीजा को नंगे खड़े देख लिया।

फिर क्या, हम चारों हँसने लगे। इसके बाद हमारे घर का माहौल तो आप समझ ही सकते हैं। जी हाँ, एक मर्द और तीन चुदक्कड़ औरतें। बारी-बारी से हम तीनों अपनी जिस्म की आग बुझाते रहे।

क्या आपने कभी ऐसा चुदाई का मज़ा लिया है? अपनी राय और अनुभव नीचे कमेंट में ज़रूर बताएँ!

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