Bangali Sex Story मेरा नाम रिया है, और मैं नोएडा में रहती हूँ। मैं एक बंगाली फैमिली से हूँ, 26 साल की हूँ, गोरी-चिट्टी, हॉट और सेक्सी। मेरी फिगर 34-28-36 है, और मेरी बड़ी-बड़ी चूचियाँ और टाइट गाण्ड किसी का भी लंड खड़ा कर दे। मैं अपनी दीदी रीमा और जीजाजी अजय के साथ उनके फ्लैट में रहती हूँ। मेरे मम्मी-पापा भी नोएडा में ही रहते हैं, लेकिन मैं दीदी के साथ रहना पसंद करती हूँ। दीदी 30 साल की हैं, स्लिम, सेक्सी, और उनकी आवाज़ इतनी कामुक है कि जब वो जीजाजी के साथ चुदाई करती हैं, तो पूरा फ्लैट उनकी सिस्कारियों से गूँज उठता है। जीजाजी 35 साल के हैं, एवरेज लुक्स, लेकिन उनका लंड, जैसा दीदी बताती हैं, छोटा है, शायद 5 इंच का। फिर भी, वो दोनों रात-रात भर चुदाई करते हैं, और मैं अपनी चूत में आग लिए अकेली रह जाती हूँ।
जमाना बदल गया है, और मैं भी। आज मैं आपको अपनी एक ऐसी कहानी सुनाने जा रही हूँ, जो सुनकर आपका लंड खड़ा हो जाएगा और आप समझ जाएँगे कि आजकल की लड़कियाँ क्या चाहती हैं। मैं अपने से 10 साल बड़े एक मर्द के साथ रोज़ हमबिस्तर होती हूँ, शराब के नशे में अपनी हवस की आग बुझाती हूँ। ये कहानी मेरी वासना की है, मेरे जिस्म की प्यास की, और उस रात की, जब मैंने अपनी चूत की गर्मी को ठंडा किया।
मेरे फ्लैट के ठीक नीचे वाले फ्लोर पर एक भैया रहते हैं, जिन्हें हम सब भैया ही बुलाते हैं। उनका नाम राहुल है, 36 साल के हैं, लंबे, गोरे, और हट्टे-कट्टे। उनकी बीवी उन्हें छोड़कर चली गई है, तो वो अकेले रहते हैं। राहुल भैया का फ्लैट हमेशा पार्टी की रौनक से भरा रहता है। जीजाजी और दीदी अक्सर उनके यहाँ जाते हैं, शराब पीते हैं, और देर रात तक गप्पे मारते हैं। मैं भी कभी-कभी उनके साथ जाती थी, और धीरे-धीरे राहुल भैया के बारे में सब जान गई। वो मज़ाकिया हैं, लेकिन उनकी आँखों में एक हवस भरी चमक रहती है, जो मुझे हमेशा अपनी ओर खींचती थी। मैंने कई बार नोटिस किया कि वो मेरी चूचियों को घूरते थे, और मुझे ये अच्छा लगता था। मेरी चूत में गुदगुदी होने लगती थी।
एक दिन की बात है, दीदी और जीजाजी कोलकाता गए थे। मैं फ्लैट में अकेली थी। रात के करीब 8 बजे राहुल भैया का फोन आया। उनकी आवाज़ में एक अजीब सी गर्मी थी। “रिया, नीचे आ जा। मैंने चिकन बनाया है, साथ में खा लेते हैं। पेग भी मार लेंगे।” मैं उस दिन ज़ोमैटो से खाना मँगाने वाली थी, लेकिन उनका ऑफर सुनकर मना नहीं कर पाई। मैंने सोचा, नीचे ही तो है, चलो मज़ा आएगा। मैंने जल्दी से एक टाइट ब्लैक टॉप और शॉर्ट स्कर्ट पहनी, जिसमें मेरी चूचियाँ और गाण्ड उभरकर बाहर आ रही थीं। बाल खुले छोड़े, हल्का मेकअप किया, और 8:30 बजे तक उनके फ्लैट में थी।
राहुल भैया किचन में चिकन बना रहे थे। उनकी शर्ट के ऊपर के दो बटन खुले थे, और उनकी चौड़ी छाती दिख रही थी। मैं सोफे पर बैठ गई। उन्होंने प्लेट में चिकन के चार टुकड़े निकाले और दो गिलास में व्हिस्की डाली। मुझे पता था कि वो जानते हैं कि मैं पीती हूँ। हम दोनों ने शराब के घूँट लिए और चिकन खाते हुए बातें शुरू कीं। “रिया, तू तो बंगाली लड़की है, लेकिन इतनी मॉडर्न है। तेरे जीजाजी-दीदी तो बड़े मज़े में हैं, तू क्या करती है अकेले?” उनकी बातों में एक चुलबुलापन था, और मैं हँसते हुए बोली, “भैया, बस यही सुनती रहती हूँ कि दीदी कैसे चिल्लाती है रात में।” वो ज़ोर से हँसे और बोले, “अरे, अजय का तो छोटा सा है, फिर भी रीमा इतना चिल्लाती है?” मैं भी नशे में थी, तो हँसते हुए बोली, “हाँ भैया, लेकिन मेरी चूत तो प्यासी ही रहती है।”
एक पेग से शुरू हुआ, और हमने चार-पाँच पेग चढ़ा लिए। नशा चढ़ रहा था, और खाना खाने की इच्छा खत्म हो गई थी। हमने चिकन खत्म किया, और आधी-आधी रोटी खाई। मेरी स्कर्ट ऊपर खिसक गई थी, और मेरी गोरी जाँघें दिख रही थीं। राहुल भैया की नज़रें मेरी चूचियों पर टिकी थीं, जो मेरे टाइट टॉप में कैद थीं। मुझे उनकी नज़रें अच्छी लग रही थीं। मेरी चूत में गीलापन शुरू हो गया था। मैं चाहती थी कि आज कुछ हो, जो मेरी इस प्यास को बुझा दे।
राहुल भैया धीरे से मेरे पास आए। उनकी साँसों में शराब की महक थी। उन्होंने मेरे होंठों को अपनी उँगलियों से छुआ, और मेरे दिल की धड़कन बढ़ गई। “रिया, तू बहुत हॉट है,” वो धीरे से बोले। मैंने कुछ नहीं कहा, बस उनकी आँखों में देखा। फिर उन्होंने अपना हाथ मेरी चूचियों पर रखा। मेरी 34D की चूचियाँ टाइट थीं, और उनकी उँगलियाँ मेरे निप्पल्स को टटोल रही थीं। मैं सिसकने लगी, “आह्ह…” मेरी साँसें तेज हो गईं। वो धीरे-धीरे मेरी चूचियों को दबाने लगे, और मेरी चूत गीली हो गई। मैंने अपने होंठ उनके होंठों पर रख दिए। हम दोनों एक-दूसरे को पागलों की तरह चूमने लगे। उनकी जीभ मेरे मुँह में थी, और मैं उनकी जीभ को चूस रही थी। “रिया, तेरे होंठ कितने रसीले हैं,” वो बोले, और मैंने शरमाते हुए कहा, “भैया, आज मेरी चूत को शांत कर दो।”
वो मुझे बेडरूम में ले गए। मैंने देखा कि उनका बेड बड़ा और आरामदायक था। उन्होंने मेरे टॉप को ऊपर उठाया और मेरी ब्रा का हुक पीछे से खोल दिया। मेरी बड़ी-बड़ी चूचियाँ आजाद हो गईं। वो मेरे निप्पल्स को देखकर बोले, “क्या माल है तू, रिया!” फिर उन्होंने मुझे बेड पर लिटा दिया। मैंने अपनी स्कर्ट उतार दी, और अब मैं सिर्फ पैंटी में थी। मेरी गोरी टाँगें फैली हुई थीं, और मेरी पैंटी गीली हो चुकी थी। राहुल भैया मेरी टाँगों के बीच आए और मेरी चूत को निहारने लगे। “तेरी चूत तो गुलाबी है,” वो बोले और अपनी उँगली मेरी चूत के ऊपर फेरने लगे। मैं सिसक रही थी, “आह्ह… भैया, मत तड़पाओ…”
उन्होंने मेरी पैंटी उतारी और मेरी चूत को चाटना शुरू किया। उनकी जीभ मेरी चूत के दाने को छू रही थी, और मैं नीचे से अपनी गाण्ड उठा-उठाकर झटके दे रही थी। “ओह्ह… भैया… और चाटो… आह्ह…” मेरी सिस्कारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। उन्होंने मेरी चूत में दो उँगलियाँ डालीं और अंदर-बाहर करने लगे। मेरी चूत से पानी निकल रहा था, और वो उसे चाट रहे थे। “तेरी चूत का स्वाद तो जन्नत है,” वो बोले, और मैं शरमाते हुए सिसक रही थी।
मैंने उनकी पैंट उतारी और उनका लंड देखा। 7 इंच का मोटा लंड था, जिसकी नसें उभरी हुई थीं। मैंने उसे हाथ में लिया और चूसना शुरू किया। “आह्ह… रिया, तू तो रंडी की तरह चूस रही है,” वो सिसकते हुए बोले। मैं उनके लंड को आइसक्रीम की तरह चाट रही थी, कभी टोपा चूसती, कभी पूरा मुँह में लेती। वो मेरी चूचियों को दबा रहे थे, और मैं उनकी गोटियों को सहला रही थी। “भैया, आपका लंड तो मेरी चूत के लिए बना है,” मैंने कहा, और वो हँसते हुए बोले, “अब देख, कैसे तेरी चूत को फाड़ता हूँ।”
मैं बेड पर लेट गई। उन्होंने मेरी टाँगें फैलाईं और मेरे चूतड़ के नीचे तकिया रखा। उनका मोटा लंड मेरी चूत के छेद पर था। “रिया, तैयार है?” वो बोले। मैंने सिसकते हुए कहा, “हाँ भैया, डाल दो… मेरी चूत को चोद दो।” उन्होंने एक जोरदार धक्का मारा, और उनका लंड मेरी चूत में पूरा घुस गया। “आह्ह… ऊऊ… कितना मोटा है…” मैं चिल्लाई। वो धीरे-धीरे धक्के मारने लगे, और मैं अपनी गाण्ड गोल-गोल घुमाकर उनके लंड को और अंदर ले रही थी। “चोदो भैया… और जोर से… आह्ह…” मेरी सिस्कारियाँ कमरे में गूँज रही थीं।
करीब 15 मिनट तक वो मुझे मिशनरी में चोदते रहे। फिर उन्होंने मुझे घोड़ी बनाया। मैंने अपनी गाण्ड ऊपर उठाई, और वो पीछे से मेरी चूत में लंड डालने लगे। “पच… पच… पच…” की आवाज़ कमरे में गूँज रही थी। वो मेरे चूतड़ों पर थप्पड़ मार रहे थे, “रिया, तेरी गाण्ड तो मस्त है… ले मेरा लंड…” मैं सिसक रही थी, “आह्ह… भैया… चोदो… मेरी चूत फाड़ दो…” वो मेरे बाल पकड़कर मुझे और जोर से चोदने लगे। मैं नीचे से अपनी गाण्ड हिला रही थी, और उनका लंड मेरी चूत की गहराइयों को छू रहा था।
करीब दो घंटे तक चुदाई चली। हम दोनों पसीने से तर हो गए थे। आखिरकार, वो झड़ने वाले थे। “रिया, कहाँ लूँ?” वो बोले। मैंने कहा, “मेरी चूत में ही छोड़ दो…” उन्होंने एक जोरदार धक्का मारा, और उनकी पिचकारी मेरी चूत में छूटी। मैं भी झड़ गई, “आह्ह… ऊऊ…” हम दोनों नशे में धुत बेड पर गिर गए और नंगे ही सो गए।
सुबह 8 बजे नींद खुली। मैं उनके बगल में नंगी पड़ी थी। तभी दीदी का फोन आया, “रिया, हम आज रात तक आ रहे हैं।” मैंने राहुल भैया को देखा, और वो मुस्कुराए। उस दिन से मैं हर शाम उनके फ्लैट पर जाती हूँ। कभी-कभी दोपहर को भी। वो मुझे जमकर चोदते हैं, और मैं अपनी हवस की आग बुझाती हूँ। शहर की यही खूबी है—कोई नहीं पूछता कि कहाँ जा रही हो, क्या कर रही हो। मैं इसका पूरा फायदा उठा रही हूँ। अब दीदी और जीजाजी आने वाले हैं। आगे क्या होगा, वो मैं आपको अपनी अगली कहानी में बताऊँगी। तब तक, आप बताइए, आपको मेरी कहानी कैसी लगी?