सोनिया मैडम की चुदाई टीचर की वाइफ

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Teacher ki wife ki chudai मेरा नाम राजू है। मैं जब से दसवीं कक्षा में था, तभी से मेरे मन में सेक्स करने की तीव्र इच्छा थी। मैं हमेशा से चाहता था कि मेरा पहला सेक्स किसी शादीशुदा औरत के साथ हो, क्योंकि ऐसी औरतों को अनुभव होता है, और वो बिस्तर पर कमाल कर सकती हैं। बात उस समय की है जब मैं बारहवीं कक्षा में पढ़ता था। मैं इंग्लिश की कोचिंग के लिए एक सर के घर जाता था। हम पांच दोस्त एक साथ पढ़ने जाते थे। सर हमें दोपहर तीन बजे बुलाते और पांच बजे छोड़ते थे। हम रोज कोचिंग जाते थे। सर शादीशुदा थे, और उनकी वाइफ, सोनिया, एकदम मस्त माल थी। जिस दिन से मैंने उसे देखा, मेरा मन उसी के बारे में सोचने लगा। सोनिया एक बंगाली टीचर थी, और उसका फिगर ऐसा था कि बस देखते ही लंड खड़ा हो जाए।

सोनिया दोपहर को अपने बेडरूम में सोती थी, जबकि सर हमें हॉल में पढ़ाते थे। उसका उठने का टाइम साढ़े चार बजे था। वो नाइटी पहनकर बाथरूम जाती थी, और जब वो मूतती थी, तो उसकी मूत की आवाज इतनी तेज होती थी कि हमारे कानों तक आती थी। मैं सोचता था, काश एक बार उसे चोदने का मौका मिल जाए, तो मजा आ जाए। उसकी चूचियां, उसकी गांड, उसकी कमर—सब कुछ ऐसा था कि बस उसे देखकर ही मुठ मारने का मन करता था।

ऐसे ही दिन गुजरते रहे। कुछ दिन बाद हमारे सर, जो एक स्कूल में टीचर थे, उनका ट्रांसफर हो गया। उन्होंने हमें बताया कि वो अब ज्यादा दिन क्लास नहीं ले पाएंगे, और हमें किसी और टीचर का इंतजाम करना होगा। लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि अगर हम चाहें, तो सोनिया मैडम से क्लास ले सकते हैं, क्योंकि वो यहीं रहेंगी। मेरे सारे दोस्तों ने मना कर दिया और दूसरे टीचर को जॉइन कर लिया, लेकिन मैंने सोनिया मैडम से क्लास लेने का फैसला किया। सर ने मुझे थैंक्स कहा और ये भी बोला कि उनके ना होने पर मैडम का ध्यान रखना, अगर उन्हें किसी चीज की जरूरत हो, तो ला देना। मैंने भी भरोसा दिलाया कि मैं कोई कमी नहीं होने दूंगा।

सोनिया मैडम घर में अकेली थीं। उनका कोई बच्चा नहीं था। मैंने कोचिंग शुरू की, और कुछ ही दिनों में मैं उनका दोस्त बन गया। वो भी मेरे साथ खुल गईं। मैं उनका बहुत ख्याल रखता था—कभी किराने का सामान ला देता, कभी छोटे-मोटे काम कर देता। धीरे-धीरे हमारी दोस्ती गहरी हो गई।

एक महीना बीत गया। एक दिन मैंने सोनिया से पूछा, “सोनिया, क्या आपको सर की याद नहीं आती?” उन्होंने जवाब दिया, “याद तो बहुत आती है, लेकिन क्या करूं?” मैंने हिम्मत करके पूछा, “एक बात पूछूं?” वो बोलीं, “हां, बोलो।” मैंने कहा, “आपको सेक्स करने का मन नहीं करता?” ये सुनते ही वो चुप हो गईं। मुझे डर लगा कि कहीं मैंने गलत तो नहीं बोल दिया। मैंने तुरंत सॉरी बोला। लेकिन उन्होंने कहा, “सॉरी की क्या बात है? मुझे तो तुम्हें थैंक्स कहना चाहिए। तुम्हें मेरा कितना ख्याल है। मेरे पति को तो इसकी परवाह ही नहीं। जब से गए हैं, एक बार भी नहीं पूछा कि मैं कैसे रह रही हूं। बस एक दिन फोन आया, और वो भी काम की बातें करने के लिए।” ये कहते हुए उन्होंने मेरे गाल पर एक किस कर दिया। फिर हमने साथ में डिनर किया, और मैं अपने घर चला गया।

अगले दिन जब मैं उनके घर पहुंचा, तो वो कहीं दिखाई नहीं दीं। मैंने हर कमरे में देखा, लेकिन वो नहीं मिलीं। आखिरकार मैंने बाथरूम का दरवाजा खोला। जो मैंने देखा, वो मेरे सपनों से भी ज्यादा था। सोनिया बाथरूम में बैठी थी, पूरी नंगी। उसका गाउन, ब्रा, और पैंटी पास में पड़े थे। वो अपनी चूत में उंगलियां डालकर मजे ले रही थी, आंखें बंद करके सिसकियां भर रही थी—उह्ह…आह्ह…। मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया। ऐसा लग रहा था कि अभी उसे चोद दूं। मैं पांच मिनट तक उसे देखता रहा, मेरा लंड मेरे पैंट में तंबू बना रहा था। लेकिन मैंने खुद को संभाला और बोला, “सोनिया, ये क्या?” मेरी आवाज सुनते ही वो हड़बड़ा गईं। उन्होंने जल्दी से कपड़े उठाए और खुद को छिपाने की कोशिश की। मैं हॉल में जाकर सोफे पर बैठ गया।

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कुछ देर बाद वो कपड़े पहनकर आईं और मेरे पास बैठ गईं। वो बोलीं, “तुम्हें पता है, एक शादीशुदा औरत इतने दिन बिना पति और सेक्स के कैसे रह सकती है? सेक्स तो हर किसी को चाहिए।” ये कहते हुए वो मेरी बांहों में सिमट गईं और रोने लगीं। मैंने उन्हें संभाला और कहा, “आप ये बात किसी को नहीं बताएंगी, ना अपने पति को।” वो बोलीं, “कभी नहीं।” फिर मैंने हिम्मत करके कहा, “अगर आपको सेक्स की इतनी चाहत है, तो मैं उसे पूरा करना चाहता हूं।” सुनकर वो चौंक गईं और बोलीं, “सच? क्या तुम मुझे प्यार करोगे? मेरी मन की इच्छा पूरी करोगे?” ये कहते हुए उन्होंने मुझे चूम लिया और अपनी बांहों में दबा लिया। कुछ देर तक हम ऐसे ही रहे। जब मैं जाने लगा, तो वो बोलीं, “जा रहे हो? मुझे प्यार कब करोगे?” मैंने कहा, “मैं रात आठ बजे आ जाऊंगा। तुम तैयार रहना।”

रात आठ बजे मैं सोनिया के घर पहुंचा। उसने लाल रंग की साड़ी पहनी थी, जिसमें वो किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी। उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां ब्लाउज से बाहर आने को तड़प रही थीं। उसका पेट पूरी तरह दिख रहा था, और उसकी कमर इतनी मादक थी कि बस उसे पकड़कर चोदने का मन करे। उसका रंग गेहुंआ था, जो उसे और सेक्सी बनाता था। उसकी आंखें बड़ी-बड़ी, होंठ रसीले, और उंगलियां लंबी-लंबी थीं। वो सर से पांव तक चाटने लायक थी। वो मुझे बेडरूम में ले गई और दरवाजा बंद कर दिया। उसके खुले बाल हवा में लहरा रहे थे। मैंने कहा, “सोनिया, आज मैं तुम्हें हर तरह से खुश करूंगा। तुम्हारी चूत की गर्मी को ठंडा कर दूंगा।” वो हंसकर बोली, “चलो, देखते हैं तुममें कितना दम है।”

मेरा लंड और गर्म हो गया। मैंने उसे अपनी बांहों में भर लिया और उसके होंठों को चूमने लगा। उसके होंठ इतने नरम थे कि मैं उन्हें चूसता ही गया। फिर मैंने उसे बेड पर बिठाया और उसके पेट पर हाथ फेरने लगा। मैंने उसकी नाभि में उंगली डाली, तो वो सिहर उठी—उह्ह…। वो मेरे सिर के बाल सहलाने लगी। मैंने उसकी चूचियों को जोर से पकड़ लिया और दबाने लगा। पहले तो उसे हल्का दर्द हुआ, लेकिन फिर वो शांत हो गई। मैंने उसकी साड़ी का पल्लू ऊपर से गिरा दिया और धीरे-धीरे उसकी साड़ी खोल दी। अब वो सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज में थी। उसने मेरी शर्ट और पैंट उतार दी। मैं सिर्फ अंडरवियर में था।

उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे ऊपर लेट गई। वो मेरी छाती को चूमने लगी, मेरे निप्पल्स को चाटने लगी—उम्म…। मुझे उसकी चूत की गर्मी का अहसास हो रहा था। वो मुझे चूमती रही और बोली, “क्या तुम मेरी चूचियां नहीं चूसोगे?” ये कहते हुए उसने अपना ब्लाउज उतार दिया। उसकी दो बड़ी-बड़ी चूचियां मेरे सामने थीं। उनकी निप्पल्स ब्राउन थीं, और चूचियां गोरी थीं। मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसकी चूचियों पर टूट पड़ा। मैं एक चूची को चूस रहा था और दूसरी को जोर-जोर से दबा रहा था। वो सिसकियां भरने लगी—आह्ह…उह्ह…और जोर से…। उसने मेरे सिर को पकड़कर अपनी चूचियों पर रगड़ना शुरू कर दिया, जैसे वो अपनी पूरी चूची मेरे मुंह में ठूंस देना चाहती थी।

कुछ देर बाद मैंने उसका पेटीकोट उतार फेंका। उसने गुलाबी रंग की फूलों वाली पैंटी पहनी थी। उसकी मोटी-मोटी जांघें इतनी सेक्सी थीं कि मैं अभी उसकी चूत में लंड घुसा दूं। मैंने उससे पूछा, “तुम अपने पति के साथ सेक्स कैसे करती हो?” उसने कहा, “वो मुझे ज्यादा मजा नहीं देते। मेरी चूचियां चाटते हैं, फिर अपना लंड मेरी चूत में डाल देते हैं और दो मिनट में झड़ जाते हैं। मुझे तो झड़ने का मौका ही नहीं मिलता। जिस दिन तुमने मुझे बाथरूम में उंगली करते देखा, वो मैं उनके होते हुए भी करती थी।” मैंने कहा, “और कुछ नहीं करते?” वो बोली, “और होता ही क्या है?” मैंने कहा, “तुम्हें तो अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है।” ये कहकर मैंने उसकी पैंटी उतार दी। अब वो पूरी नंगी थी।

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मैंने पहली बार किसी औरत की चूत को इतने करीब से देखा। उसकी चूत एकदम टाइट थी। उस पर हल्के भूरे रंग के बाल थे। उसने मेरा 7 इंच का मोटा लंड देखा और बोली, “ऐसे लंड से चुदवाने का मजा मुझे पहली बार आएगा।” मैंने पूछा, “इसे टेस्ट करना चाहोगी?” वो बोली, “गंदा लगता है।” मैंने कहा, “अरे, करके तो देखो।” फिर मैंने उसके दोनों पैर फैलाए और उसकी चूत पर एक किस किया। वो बोली, “ऐसा मत करो, तुम्हें गंदा लगेगा।” मैंने कहा, “इसी में तो सारा मजा है।” मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया। उसकी चूत से एक मादक खुशबू आ रही थी। मैंने अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटा और उंगली से फैलाने लगा। उसे दर्द हो रहा था—आह्ह…धीरे…। वो सिसकियां भर रही थी। मैंने 15 मिनट तक उसकी चूत को चूसा। फिर मैंने पूछा, “अब कैसा लग रहा है?” उसने कहा, “अब अच्छा लग रहा है।”

मैंने अपनी उंगली उसकी गर्म चूत में डालने की कोशिश की, लेकिन उसकी चूत इतनी टाइट थी कि उंगली अंदर नहीं जा रही थी। मैंने कई ब्लू फिल्में देखी थीं, तो मुझे पता था कि औरत को कैसे चोदा जाता है। मैंने उसकी चूत पर थूक लगाया और उंगली डालने की कोशिश की। उसने पूछा, “ये क्या कर रहे हो?” मैंने कहा, “ताकि तुम्हें दर्द ना हो।” थूक से उसकी चूत गीली हो गई, और मेरी उंगली आसानी से अंदर चली गई। मैं उंगली को अंदर-बाहर करने लगा। उसका शरीर कांपने लगा। उसने कहा, “अब हटाओ, मैं झड़ने वाली हूं।” मैंने कहा, “मैं तुम्हारा रस पीना चाहता हूं।” इतना कहते ही वो झड़ गई। मैंने उसका सारा रस पी लिया, एक बूंद भी बर्बाद नहीं की।

उसने कहा, “तुमने मुझे बहुत संतुष्ट किया। अब मैं तुम्हारा लंड चूसना चाहती हूं।” उसने मेरा लंड अपने मुंह में लिया और चमड़ी पीछे करके चाटने लगी। मुझे बहुत मजा आ रहा था—उह्ह…। वो मेरा पूरा लंड अपने मुंह में लेने की कोशिश कर रही थी। कुछ देर बाद मैं झड़ने वाला था। मैंने लंड निकालने की कोशिश की, लेकिन उसने वही किया जो मैंने किया। मैं उसके मुंह में झड़ गया। मेरा सारा रस उसके मुंह में पिचकारी की तरह छूटा। वो मेरे रस को होंठों और उंगलियों से चाटने लगी। फिर उसने मेरा लंड चाटकर साफ कर दिया।

अब उसने कहा, “अब मेरी चूत में अपना लंड डालो।” मैंने धीरे-धीरे अपना लंड उसकी चूत में घुसाया, लेकिन वो चीख पड़ी—आह्ह…धीरे…। उसकी चूत बहुत टाइट थी। मैंने थोड़ा और जोर लगाया, आधा लंड अंदर गया। वो दर्द से कराहने लगी—उह्ह…बस करो…। उसने कहा, “मेरे पति का लंड तो सिर्फ 5 इंच का है। तुम्हारा 7 इंच का लंड कैसे जाएगा?” मैंने कहा, “तुम चिंता मत करो।” मैंने एक और जोरदार धक्का मारा, और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया। उसकी आंखों से आंसू निकल आए, लेकिन मैं नहीं रुका। मैं धीरे-धीरे लंड अंदर-बाहर करने लगा। उसकी चूत बहुत गर्म थी। कुछ देर बाद उसे भी मजा आने लगा। वो अपनी कमर हिलाकर मेरा साथ देने लगी। चूंकि हम दोनों अभी-अभी झड़े थे, इसलिए दोबारा जल्दी झड़ना मुश्किल था। हम दोनों को और मजा आ रहा था।

“चोदो मुझे…और जोर से…आह्ह…उह्ह…” वो सिसकियां भर रही थी। मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी—थप…थप…थप…। उसकी चूत की गीली आवाजें कमरे में गूंज रही थीं। करीब दो घंटे बाद वो फिर झड़ गई। उसकी चूत पूरी गीली हो गई। वो शांत हो गई, लेकिन मैं नहीं रुका। मैं उसे चोदता रहा। उसने कहा, “बस करो…” लेकिन मैंने कहा, “अभी तो मजा बाकी है।” दस मिनट बाद मैं भी झड़ गया और सारा माल उसकी चूत में डाल दिया। फिर मैं उसकी बांहों में लेट गया। वो मुझे चूमती रही और मेरे ऊपर लेट गई।

कुछ देर बाद मैंने कहा, “अभी एक और मजा बाकी है।” उसने पूछा, “वो क्या?” मैंने कहा, “अब मैं तुम्हारी गांड मारूंगा।” उसे इसके बारे में कुछ नहीं पता था। वो बोली, “क्या उसमें भी मजा आएगा?” मैंने कहा, “बिल्कुल।” वो राजी हो गई। मैंने उसे बेड के एक कोने में कुतिया की तरह खड़ा किया। उसके दोनों हाथ बेड पर थे, और पैर जमीन पर। मैंने उसकी चूत में लंड डाला ताकि वो गीली हो जाए। फिर मैंने उसके चूतड़ों को चाटा और गीला कर दिया। उसे अच्छा लग रहा था—उम्म…। मैंने अपना लंड उसकी गांड के छेद पर रखा और एक धक्का मारा। वो चीख पड़ी—आह्ह…बहुत दर्द हो रहा है…। मैंने कहा, “पहली बार है, थोड़ा सहन करो।” मैंने फिर धक्के लगाए। वो चीखती रही, लेकिन मेरा लंड धीरे-धीरे उसकी गांड में घुस गया। करीब 4 इंच अंदर गया। उसने रोते हुए कहा, “बस करो…” लेकिन मैंने समझाया, “बस थोड़ा और, फिर मजा आएगा।”

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मैंने एक जोरदार धक्का मारा, और मेरा पूरा लंड उसकी गांड में समा गया। वो सिसकियां भरने लगी—आह्ह…उह्ह…। मैंने लंड अंदर-बाहर करना शुरू किया। कुछ देर बाद उसे भी मजा आने लगा। मैंने पीछे से उसकी चूचियां दबानी शुरू कीं और उसकी गांड मारता रहा—थप…थप…। मैं उसकी गांड में झड़ गया और सारा माल अंदर डाल दिया। फिर मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसकी चूचियां चूसने लगा। इसके बाद मैं बेड पर लेट गया। मैंने उसे अपने लंड पर बैठाया। सोनिया ने धीरे-धीरे मेरा लंड अपनी गांड में लिया और मेरे ऊपर नाचने लगी—आह्ह…उह्ह…। उसने अपनी लंबी उंगलियों के नाखूनों से मेरी गांड के आसपास की जगह खरोंचनी शुरू की। मुझे बहुत मजा आ रहा था।

फिर उसने मेरी गांड के छेद पर थूक लगाया और अपनी उंगली मेरी गांड में डाल दी। मुझे पहले दर्द हुआ, लेकिन बाद में मजा आने लगा। वो 15 मिनट तक ऐसा करती रही। हम दोनों इतने थक गए थे कि कब सो गए, पता ही नहीं चला। सुबह हम एक-दूसरे के शरीर से लिपटे हुए उठे। इसके बाद जब भी मौका मिलता, मैं उसे दिन में भी चोदने लगा। हम हर रोज एक साथ सोने लगे। मैंने उसे हर स्टाइल में चोदा। हमने ब्लू फिल्में साथ देखीं और उन स्टाइल्स में चुदाई की। मैंने उसकी गांड इतनी मारी कि उसकी गांड का छेद बड़ा हो गया, जिससे वो और सेक्सी लगने लगी।

मैंने अपनी एक पुरानी इच्छा भी पूरी की। मैंने उससे कहा, “जब मैं शुरू में पढ़ने आता था, और तुम दोपहर को सोने के बाद टॉयलेट जाती थी, तो तुम्हारी मूत की आवाज सुनकर मुझे तुम्हारी चूत चाटने का मन करता था।” उसने कहा, “तो अब अपनी इच्छा पूरी कर लो।” वो बाथरूम में गई और मूतने लगी। मैंने उसकी चूत पर अपना मुंह लगा दिया। उसका गर्म मूत मेरे मुंह पर गिर रहा था, और मैं उसका मजा ले रहा था—उम्म…। इस तरह जब मेरा मन करता, मैं सोनिया को चोदने लगता, और वो पूरी चाहत के साथ मुझसे चुदवाती।

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