Desi Bhabhi sex story – ये कहानी मेरी और मेरी भाभी के बीच की है। बात आज से करीब छह महीने पहले की है। पहले मैं आपको भाभी के बारे में बता देता हूँ। मेरी भाभी का नाम स्मिता है, वो मेरे मामा के बेटे की पत्नी हैं। स्मिता भाभी की उम्र करीब 28 साल है, गोरी-चिट्टी, भरा हुआ बदन, कद 5 फीट 4 इंच, और उनकी आँखों में एक ऐसी चमक जो किसी को भी दीवाना बना दे। उनके कूल्हे भारी और चुस्त, और वो लाल साड़ी में ऐसी लगती हैं जैसे कोई अप्सरा। भैया, यानी मामा का बेटा, 32 साल का है, साधारण कद-काठी, लेकिन काम में इतना डूबा रहता है कि भाभी को ज्यादा वक्त नहीं दे पाता। मैं, यानी राहुल, 24 साल का हूँ, जिम जाता हूँ, और मेरा बदन ठीक-ठाक तगड़ा है।
बात गर्मियों की है, जब हम सब टैरेस पर सोते थे। एक रात भाभी ने मुझसे मजाक में कहा, “राहुल, तुम रात को नींद में मेरे ऊपर चढ़कर सोते हो।” मैंने हँसकर टाल दिया, लेकिन उस वक्त मेरे मन में भाभी के लिए कोई गलत खयाल नहीं था। पर उनकी ये बात मेरे दिमाग में अटक गई। उस रात मैं जानबूझकर उनके पास लेटा। सोने का नाटक करते हुए मैंने धीरे से भाभी को गले लगाया। मेरा लंड टाइट हो गया और मैंने उसे उनकी जांघों के पास टच करना शुरू किया। उनकी साँसें तेज हो रही थीं, लेकिन वो चुप रही। फिर मैंने हिम्मत करके उनके बूब्स को हल्के से छुआ। उनके ब्लाउज के ऊपर से ही उनकी चूचियाँ इतनी मुलायम और भरी हुई थीं कि मेरा लंड और सख्त हो गया। डर भी लग रहा था, सो मैंने ज्यादा कुछ करने की हिम्मत नहीं की और मुठ मारकर सो गया।
अगले दिन सुबह मैं भाभी से नजर नहीं मिला पा रहा था। मुझे लगा वो नाराज होंगी, लेकिन भाभी ने मुझे देखकर एक शरारती स्माइल दी। उस स्माइल से मुझे लगा कि रात को वो भी जाग रही थीं और शायद नाटक कर रही थीं। मेरे दिल को थोड़ी राहत मिली। कुछ दिन बाद मैं अपने घर वापस आ गया। फिर भाभी के फोन आने शुरू हुए। पहले तो बातें साधारण थीं, जैसे घर का हाल, मौसम, वगैरह। लेकिन एक दिन भाभी ने अचानक पूछा, “उस रात तुम क्या कर रहे थे?”
मैंने अनजान बनते हुए कहा, “क्या भाभी?”
भाभी बोलीं, “वही जो तुम कर रहे थे।”
मैंने फिर बनावटी मासूमियत से कहा, “मुझे नहीं पता भाभी, क्या कर रहा था मैं?”
भाभी हँसते हुए बोलीं, “ठीक है, अगली बार आएगा तो बताऊँगी।”
उसके बाद भाभी ने फोन रख दिया। मैं तो खुशी से फूला नहीं समा रहा था। मुझे बस मौका ढूंढने की जरूरत थी मामा के घर जाने का। तभी मेरे कजिन, यानी भैया की शादी का न्योता आया। ये मेरे लिए सुनहरा मौका था।
जब मैं मामा के घर पहुँचा, तो सबके साथ मिला, लेकिन भाभी कहीं दिख नहीं रही थीं। मैंने मम्मी से पूछा, “भाभी कहाँ हैं?” मम्मी ने बताया कि वो ऊपर अपने कमरे में हैं। मैं तुरंत ऊपर गया। कमरे में भाभी अकेली थीं, लाल नाइटी में लेटी हुई थीं। उनकी नाइटी उनके कूल्हों पर चिपकी हुई थी, और उनके बूब्स का उभार साफ दिख रहा था। मैंने धीरे से उन्हें पुकारा, “भाभी!”
वो उठीं और मुझे देखकर इतनी खुश हुईं कि तुरंत गले लग गईं। बातों-बातों में उन्होंने मेरे गाल पर एक चुम्मी दे दी। मैं तो जैसे सातवें आसमान पर था। मैंने भी हिम्मत करके भाभी को गले लगाया और धीरे से कहा, “अब आगे का क्या प्रोग्राम है, भाभी?”
भाभी ने शरारती अंदाज में कहा, “तुझसे मिलने के लिए इतना तड़पी हूँ, आज रात तक तो रुक जा।”
मैंने कहा, “ठीक है भाभी।”
शादी का माहौल था, सब अपने-अपने काम में व्यस्त थे। डिनर के बाद मैं इधर-उधर घूम रहा था। तभी भाभी का फोन आया। उन्होंने कहा, “घर आ, कुछ काम है।” मैं बिना किसी को बताए चुपके से घर चला गया। मुझे नहीं चाहिए था कि कोई हमें डिस्टर्ब करे। घर पहुँचा तो कोई नहीं था। भाभी ने मुझे ऊपर बुलाया। मैं उनके कमरे में गया और उनके पास बेड पर बैठ गया।
बातें करते-करते मैंने धीरे से अपना हाथ उनकी पीठ पर फिराना शुरू किया। उनकी नाइटी के ऊपर से उनकी कमर की गर्मी मुझे महसूस हो रही थी। भाभी की साँसें तेज होने लगीं। अचानक वो उठीं और कमरे का दरवाजा लॉक कर दिया। फिर वो मेरे पास आईं और पागलों की तरह मुझे चूमने लगीं। उनके होंठ इतने नरम थे कि मैं जैसे खो सा गया। मैंने भी जवाब में उन्हें जोर से चूमा। हमारी जीभ आपस में टकरा रही थी, और करीब 5 मिनट तक हमने एक-दूसरे को चूमा।
मैंने धीरे से उनकी नाइटी के ऊपर से उनके बूब्स दबाए। उनके बूब्स इतने मुलायम और रसीले थे, जैसे रसगुल्ले। भाभी ने मेरी शर्ट उतार दी और मेरे सीने पर चूमने लगीं। मैंने उनकी नाइटी उतारी तो देखा कि उन्होंने लाल रंग की ब्रा और पैंटी पहनी थी। उनकी गोरी चमड़ी पर लाल ब्रा ऐसी लग रही थी जैसे कोई मॉडल। मैंने उनकी ब्रा उतारी और उनके बूब्स को आजाद किया। उनके निप्पल गुलाबी और सख्त थे। मैंने एक निप्पल को मुँह में लिया और चूसने लगा। भाभी सिसकारियाँ भरने लगीं, “आह्ह… राहुल… धीरे…” मैंने उनके दूसरे बूब को हाथ से दबाया और निप्पल को उंगलियों से मसला।
फिर भाभी ने मेरी पैंट और अंडरवियर उतार दिया। मेरा लंड देखकर वो पागल हो गईं। मेरा लंड करीब 7 इंच का है, मोटा और सख्त। भाभी ने उसे हाथ में लिया और हिलाने लगीं। मैंने कहा, “भाभी, इसे मुँह में लो।” पहले तो वो मना करने लगीं, लेकिन मैंने जिद की और धीरे से उनका मुँह अपने लंड पर रख दिया। वो करीब 2 मिनट तक चूसती रहीं, लेकिन शायद उन्हें अच्छा नहीं लगा, तो मैंने ज्यादा जोर नहीं दिया।
भाभी बोलीं, “अब और नहीं रुकता, राहुल। मुझे चोद दे।” उन्होंने बताया कि वो पीरियड्स में थीं। मैंने उनकी पैंटी उतारी। उनकी चूत गीली थी, और पीरियड्स की वजह से और भी गर्म। मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रगड़ा। ये मेरा पहला बार था, तो मुझे ज्यादा अनुभव नहीं था। भाभी ने मेरा लंड पकड़ा और अपनी चूत पर सेट किया। फिर बोलीं, “धक्का मार, राहुल।”
मैंने धीरे से धक्का मारा और मेरा पूरा लंड उनकी चूत में घुस गया। उनकी चूत इतनी गीली थी कि लंड आसानी से अंदर चला गया। भाभी चिल्लाईं, “उई माँ… मर गई… तेरा लंड तो हथौड़ा जैसा है!” मैंने हँसते हुए कहा, “भाभी, तुम्हारी याद में इतनी मुठ मारी है न, इसलिए।”
भाभी बोलीं, “फिर भी थोड़ा धीरे कर, बरसों बाद चुद रही हूँ।”
मैंने पूछा, “क्यूँ, भैया नहीं चोदते?”
वो बोलीं, “नहीं, वो तो बस अपने काम में डूबे रहते हैं।”
मैंने कहा, “इतना मस्त माल छोड़कर मैं तो कहीं नहीं जाता।” और मैं जोर-जोर से धक्के मारने लगा। भाभी की सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं, “आह्ह… उह्ह… धीरे कर, राहुल… उई माँ…” उनकी चूत इतनी टाइट थी कि हर धक्के में मुझे जन्नत का मजा आ रहा था।
फिर भाभी घोड़ी बन गईं। मैंने पीछे से उनका कमर पकड़ा और लंड उनकी चूत में डाला। उनकी गाण्ड इतनी गोल और मुलायम थी कि मैं उसे देखकर और जोश में आ गया। मैंने जोर-जोर से धक्के मारे और साथ में उनके बूब्स दबाता रहा। भाभी चिल्ला रही थीं, “आह्ह… उह्ह… मार डाला… उई माँ… और जोर से…” करीब 30 मिनट बाद भाभी झड़ गईं। उनकी चूत से गर्म रस निकला, जो मेरे लंड को और गीला कर गया। मैंने और जोर से चोदा, और करीब 45 मिनट बाद मैं भी झड़ गया। हम दोनों 5 मिनट तक वैसे ही लेटे रहे, एक-दूसरे को चूमते हुए।
फिर हमने अपने कपड़े पहने और मैं बाहर चला गया। अब मेरी और भाभी की फोन पर बात होती रहती है, लेकिन फिर से चोदने का मौका नहीं मिला। पर मैं जब भी मामा के घर जाऊँगा, भाभी को जरूर चोदूँगा, क्योंकि वो मुझे हर बार बुलाती हैं।
तो दोस्तों, आपको मेरी कहानी कैसी लगी? जरूर बताइए।