Indian taboo sex story in Hindi: हेलो दोस्तों, मेरा नाम मनीषा है। मैं अभी 29 साल की हूँ और शादीशुदा हूँ। लेकिन ये कहानी उस वक्त की है जब मैं 23 की थी, साल 2019 की बात है, और मेरी शादी नहीं हुई थी। ये मेरी और मेरे छोटे भाई नील की कहानी है, जो तब 21 साल का था। ये मेरी पहली कहानी है, तो अगर कुछ गलती हो जाए, तो प्लीज माफ कर देना। मैं चाहती हूँ कि आप इसे पढ़कर मजा लें और मुझे बताएं कि आपको कैसी लगी।
हमारी फॅमिली में चार लोग थे—मम्मी, पापा, मैं और नील। मम्मी, जो करीब 47 साल की थीं, हाउसवाइफ हैं। वो हमेशा साड़ी या सलवार सूट पहनती थीं, ज्यादातर सादी कॉटन की साड़ियाँ, और घर को बड़े प्यार से संभालती थीं। पापा, करीब 49 साल के, बैंक में जॉब करते थे। सुबह 8 बजे निकल जाते और शाम 7 बजे तक लौटते, थके-हारे। मैं एक छोटी-सी जॉब करती थी, ऑफिस में कुछ डाटा एंट्री का काम। नील कॉलेज में था, फाइनल ईयर में, और दिन भर अपनी किताबों और दोस्तों में बिजी रहता। उसकी बॉडी नॉर्मल थी—ना ज्यादा मस्कुलर, ना पतला। गेहुंआ रंग, छोटे काले बाल, और घर में हमेशा नीले या काले शॉर्ट्स और ढीली टी-शर्ट में घूमता। मेरा फिगर भी कुछ खास नहीं था—32B की ब्रा, 30 इंच की कमर, और 32 इंच की हिप्स। गोरा रंग, काले लंबे बाल, जो मैं घर में खुला छोड़ देती। मैं ज्यादातर ढीली सफेद या गुलाबी टी-शर्ट और काले शॉर्ट्स पहनती, बिना ब्रा के, क्योंकि घर में मुझे ऐसे ही आराम मिलता था।
नील और मैं बचपन से एक ही रूम और एक ही डबल बेड शेयर करते थे। हमारे घर में बस दो बेडरूम थे—एक मम्मी-पापा का, दूसरा हमारा। बचपन में हम साथ खेलते, लड़ते, हँसते, और धीरे-धीरे बेस्ट फ्रेंड्स जैसे बन गए। हम एक-दूसरे से कुछ नहीं छुपाते थे। मेरा एक बॉयफ्रेंड था, राहुल, और नील की भी एक गर्लफ्रेंड थी, प्रिया। हम अपनी लव लाइफ की बातें शेयर करते। मैं उसे बताती, “आज राहुल से मिलने जा रही हूँ,” और वो मुझे बताता, “प्रिया ने आज कॉलेज में ये कहा।” हमने कभी सीधे-सीधे सेक्स की बात नहीं की, पर इतना तो पता था कि हम दोनों अपने पार्टनर्स के साथ चुदाई करते थे। मतलब, हमारी जिंदगी में वो जवानपन था, बिना किसी झिझक के, सब खुला-खुला।
अब आते हैं कहानी की शुरुआत पर। एक बार मम्मी-पापा कुछ दिनों के लिए गाँव गए थे। मैं जॉब की वजह से और नील पढ़ाई की वजह से रुक गए। घर में बस हम दोनों थे, और कोई पाबंदी नहीं थी। नील को रात में देर तक टीवी देखने की छूट थी, जो मम्मी कभी नहीं देती थीं। मैं भी बिंदास थी—घर के काम का कोई टेंशन नहीं, क्योंकि नील बर्तन धोने से लेकर फर्श साफ करने तक में मदद करता। वो दो दिन बड़े मस्त बीते। दिन में हम साथ खाना बनाते—कभी आलू की सब्जी, कभी मैगी। शाम को हंसी-मजाक करते, पुरानी बातें याद करते। रात में वो टीवी देखता, और मैं अपने मोबाइल पर टाइमपास करती।
दूसरी रात को अचानक मेरी नींद खुली। घड़ी देखी तो रात 2:30 बज रहे थे। मैंने बेड पर हाथ घुमाया, पर नील नहीं था। मैं समझ गई कि ये लिविंग रूम में टीवी देख रहा होगा। मुझे वॉशरूम जाना था, तो मैं उठकर बाहर आई। लेकिन जो मैंने देखा, वो मेरे दिमाग में आज तक छाया है। हमारे पुराने 32 इंच के टीवी पर एक हार्डकोर पॉर्न वीडियो चल रहा था। स्क्रीन पर एक लड़की अपनी टाँगें फैलाए लेटी थी, और एक मोटा लंड उसकी गीली चूत में अंदर-बाहर हो रहा था। लड़की जोर-जोर से चिल्ला रही थी, “आह्ह… चोदो… और जोर से… मेरी चूत फाड़ दो…” कैमरा इतना क्लोज था कि उसकी चूत का गुलाबी रंग, उसका गीलापन, सब साफ दिख रहा था। नील सोफे पर बैठा था। उसका काला शॉर्ट्स और नीली अंडरवियर घुटनों तक नीचे खिसके थे। उसका लंड पूरी तरह खड़ा था—लगभग 6 इंच लंबा, मोटा, सुपारा गुलाबी-लाल, चमकता हुआ। वो अपने दाहिने हाथ से उसे धीरे-धीरे रगड़ रहा था, और उसकी उंगलियाँ सुपारे पर फिसल रही थीं। उसका ध्यान पूरी तरह टीवी पर था, और वो मुझे देख नहीं पाया।
मैं वहीँ खड़ी रह गई। मेरी नजरें उसके लंड पर टिक गईं। उसका सुपारा इतना चिकना था कि उसकी उंगलियों की हर रगड़ के साथ वो और चमक रहा था। उसकी नसें उभरी हुई थीं, और लंड का मोटापन देखकर मेरी साँसें तेज हो गईं। मेरे बॉयफ्रेंड राहुल का लंड इससे छोटा था, शायद 5 इंच, और इतना मोटा भी नहीं। मेरी चूत में हल्का-सा गीलापन महसूस हुआ। मेरी सफेद टी-शर्ट में मेरे निप्पल्स सख्त होने लगे, और मेरे शॉर्ट्स के अंदर एक अजीब-सी सनसनी दौड़ने लगी। मैं 2-3 मिनट तक बस उसे देखती रही। फिर मैंने खुद को संभाला और धीरे से बोली, “नील, अब टीवी बंद कर और सो जा।”
वो एकदम गबरा गया। उसने जल्दी से सोफे का तकिया अपने लंड पर रख लिया और रिमोट से टीवी बंद कर दिया। उसकी साँसें तेज थीं, और वो मेरी तरफ देख नहीं रहा था। मैं बिना कुछ और बोले वॉशरूम चली गई। वहाँ खड़े-खड़े मैंने अपने आपको शीशे में देखा। मेरे गाल लाल हो रहे थे, और मेरी चूत अभी भी हल्की गीली थी। जब मैं वापस बेडरूम में आई, नील बेड के एक कोने में बैठा था, चादर ओढ़े। मैं भी बेड पर बैठ गई। वो मेरी तरफ देख नहीं रहा था। फिर उसने धीरे से कहा, “सॉरी दीदी, प्लीज मम्मी-पापा को मत बताना।”
मैंने हल्के से हँसते हुए कहा, “अरे, चिल। ऐसा तो होता है। पर इतनी रात तक जागता है, नींद नहीं आती क्या?”
वो फिर सॉरी बोला। मैंने मजाक में कहा, “अगली बार कोई सिग्नल दे दे, तो मैं ऐसे अचानक बाहर नहीं आऊँगी ना।”
वो हल्का-सा मुस्कुराया और चुप हो गया। हम दोनों सो गए, पर मेरा दिमाग उसी सीन में अटक गया था। नील का लंड, उसका चमकता सुपारा, उसकी उंगलियों की रगड़—सब मेरे सामने घूम रहा था। मैं सोचने लगी कि मैं अपने भाई के बारे में ऐसा क्यों सोच रही हूँ। पर उसका लंड मेरे बॉयफ्रेंड से इतना बड़ा और मोटा था कि मैं खुद को रोक नहीं पा रही थी। उसी सोच में मेरी आँख लग गई।
अगली सुबह सब नॉर्मल था। नील नाश्ते के टेबल पर वही पुराने ढंग से मजाक कर रहा था, और मैं भी। हमने इडली बनाई, और वो मुझे चिढ़ा रहा था कि मेरी इडली जल गई है। लेकिन मेरे दिमाग में रात का सीन बार-बार आ रहा था। रात को उसने मुझसे कहा, “दीदी, आज प्लीज बाहर मत आना।”
मैंने हँसते हुए पूछा, “रोज-रोज ये क्या तमाशा है?”
वो बोला, “मम्मी-पापा आ जाएंगे, फिर कहाँ मौका मिलेगा?”
मैंने सोचा, बात तो सही है। मैंने कहा, “ठीक है, पर ज्यादा देर मत देख, जल्दी सो जा।”
वो लिविंग रूम में चला गया। मैं अपने रूम में थी और मोबाइल पर पॉर्न देखने लगी। एक वीडियो में एक लड़की अपने पार्टनर के लंड को मुँह में ले रही थी, और वो “आह्ह… और गहरा… चूसो…” बोल रहा था। उसका लंड चमक रहा था, बिल्कुल नील की तरह। मेरी चूत फिर गीली हो गई। मैंने सोचा, चुपके से जाकर देख लूँ क्या? फिर डर लगा कि कहीं उसे पता चल गया तो? आखिरकार मैंने अपनी शॉर्ट्स नीचे खिसकाई, अपनी गीली चूत में उंगली डाली, और नील के लंड को इमेजिन करते हुए “उह्ह… आह्ह…” की सिसकारियाँ लीं। मेरी उंगलियाँ मेरी क्लिट पर तेजी से रगड़ रही थीं, और मेरा पानी निकल गया। मैं हांफते हुए बेड पर लेट गई और सो गई।
अगली सुबह मैं नील को उठाने गई। वो गहरी नींद में था। मैंने कई बार आवाज दी, “नील, उठ! 9 बज गए!” पर वो हिला तक नहीं। शायद रात को देर तक पॉर्न देखता रहा। गुस्से में मैंने उसकी नीली चादर खींच ली। उसका शॉर्ट्स हल्का-सा नीचे खिसका हुआ था, और उसका मॉर्निंग बोनर साफ दिख रहा था। उसका लंड शॉर्ट्स के अंदर टेंट बना रहा था, और सुपारा कपड़े से रगड़ रहा था। उसकी शेप साफ दिख रही थी—वही 6 इंच का मोटा लंड, जो मैंने रात को देखा था। मेरा दिल फिर जोर-जोर से धड़कने लगा।
मैंने सोचा, ये तो गहरी नींद में है। अगर हल्का-सा छू लूँ, तो पता भी नहीं चलेगा। मैंने धीरे से अपने कांपते हाथों से उसके शॉर्ट्स के ऊपर से उसके लंड को छुआ। वो गर्मी, वो सख्ती—मेरे जिस्म में करंट-सा दौड़ गया। मेरी उंगलियाँ उसके सुपारे पर हल्के से फिरीं, और मैंने महसूस किया कि वो कितना टाइट और चिकना है। मेरी चूत फिर गीली हो गई, और मेरे निप्पल्स मेरी टी-शर्ट में सख्त हो गए। एक पल को मन किया कि शॉर्ट्स नीचे खींचकर उसे पूरा देख लूँ, मुँह में ले लूँ। पर डर लगा कि कहीं वो जाग गया तो? मैंने खुद को रोका और उसे जोर से हिलाकर उठाया। वो आँखें मलते हुए उठा और बोला, “क्या दीदी, सुबह-सुबह चिल्ला रही हो।”
दिन भर मेरा दिमाग उसी में अटका रहा। मैं नील को बार-बार इमेजिन कर रही थी। उसका लंड मेरे दिमाग में बस गया था। मैंने सोचा, इसे सेड्यूस करना होगा। मैं चाहती थी कि वो भी मेरी तरफ खिंचे। उस रात वो जल्दी सोने की तैयारी कर रहा था। मैंने पूछा, “आज नहीं देखना?”
वो बोला, “नहीं, आज बस सो जाऊँगा।”
मैंने मजाक में कहा, “कल मम्मी-पापा आ जाएंगे। फिर ये मौका कहाँ मिलेगा?”
वो चुप रहा। मैंने फिर कहा, “ठीक है, अगर तू नहीं देखेगा, तो आज मैं देख लेती हूँ।”
वो हैरान होकर मेरी तरफ देखने लगा। मैंने हँसते हुए कहा, “क्या? तू तो रोज देखता है, मुझे नहीं देखना?”
वो कुछ नहीं बोला। मैंने पूछा, “टीवी पर कैसे लगाते हो?”
वो बोला, “लैपटॉप को टीवी से HDMI केबल से कनेक्ट किया था।”
मैंने कहा, “मुझे भी बता, कैसे करते हैं।”
वो बोला, “रुको, मैं सेट कर देता हूँ।” उसने अपना पुराना डेल लैपटॉप लिया, ड्रॉअर से एक काली HDMI केबल निकाली, और टीवी से कनेक्ट कर दिया। लैपटॉप की स्क्रीन टीवी पर दिखने लगी। उसने कहा, “हो गया। अब मैं जा रहा हूँ, तू देख।”
मैंने हँसते हुए कहा, “हाँ, जा। और बाहर मत आ जाना, वरना मैं चिल्लाऊँगी।”
वो हँसने लगा और बेडरूम में जाकर दरवाजा बंद कर लिया। मैंने लैपटॉप पर वीडियोज ढूंढने शुरू किए, पर मुझे कुछ मिला नहीं। मैंने कई फोल्डर्स खोले, पर वीडियोज का कोई अता-पता नहीं। आखिरकार मैंने नील को बुलाया, “नील, ये वीडियोज का फोल्डर कहाँ है?”
वो आया, लैपटॉप लिया, और कुछ सेटिंग्स करके एक हिडन फोल्डर खोल दिया। उसमें ढेर सारी पॉर्न वीडियोज थीं—‘देसी भाभी चुदाई’, ‘हॉट इंडियन गर्लफ्रेंड’, ‘हार्डकोर इंडियन सेक्स’ जैसे नामों के साथ। मैंने कहा, “ये फोल्डर तो मुझे दिखा ही नहीं।”
वो बोला, “हिडन में था, इसलिए।” मुझे कुछ समझ नहीं आया, पर मैंने और सवाल नहीं किए। मैंने कहा, “अब तू जा।”
उसके जाने के बाद मैंने एक वीडियो स्टार्ट की—‘देसी गर्ल हार्ड फक’। टीवी पर एक लड़की अपने पार्टनर के लंड को चूस रही थी। उसका सुपारा गुलाबी और चमकदार था, ठीक नील जैसा। वो लड़की “उम्म… कितना टेस्टी है… और गहरा…” बोल रही थी। मैंने अपनी काली शॉर्ट्स नीचे खिसकाई, अपनी पैंटी एक साइड की, और अपनी चूत पर उंगलियाँ फिरानी शुरू की। मेरी चूत पहले से गीली थी, और मेरी क्लिट सख्त हो चुकी थी। मैंने धीरे-धीरे अपनी गुलाबी क्लिट को रगड़ा, और “आह्ह… उह्ह…” की सिसकारियाँ लेने लगी। वीडियो में लड़का लड़की की चूत में अपना लंड डाल रहा था, और वो “चोदो… मेरी चूत फाड़ दो… आह्ह…” चिल्ला रही थी। मैंने अपनी दो उंगलियाँ अपनी चूत के अंदर डालीं, और तेजी से अंदर-बाहर करने लगी। मेरी सिसकारियाँ तेज हो गईं, “उह्ह… हाँ… आह्ह…” मेरा पानी निकला, और मैं हांफते हुए सोफे पर लेट गई। मेरी पैंटी पूरी गीली हो चुकी थी।
जब मैं बेडरूम में गई, नील जाग रहा था। उसने पूछा, “इतनी जल्दी खत्म कर लिया?”
मैंने हँसते हुए कहा, “हाँ, तेरी तरह रात भर थोड़ी देखूँगी।”
हम दोनों हँसने लगे। अब हम एक-दूसरे के साथ और कंफर्टेबल हो गए थे। अगले दिन मम्मी-पापा वापस आ गए। लेकिन अब हमारा रूटीन बदल गया था। हम अपने रूम में लैपटॉप पर पॉर्न देख लेते थे। जब नील देखता, मैं जल्दी सो जाती। जब मैं देखती, वो जल्दी सो जाता।
अब मैंने सोचा कि इसे और आगे ले जाना है। मैंने नील को सेड्यूस करना शुरू किया। मैं जानबूझकर उसके सामने रूम की सफाई करती। अपनी ढीली गुलाबी टी-शर्ट में झुकती, ताकि मेरी 32B की चूचियाँ हल्के-हल्के हिलें और मेरा क्लीवेज दिखे। मेरे निप्पल्स, जो हल्के भूरे रंग के थे, टी-शर्ट से साफ उभरते थे। मैं पीछे मुड़कर अपनी गाँड की शेप दिखाती, जो मेरे टाइट काले शॉर्ट्स में साफ उभरी रहती थी। रात को सोटे वक्त मैं और ढीली सफेद टी-शर्ट पहनती, बिना ब्रा के, ताकि मेरे निप्पल्स कपड़े से रगड़ खाकर सख्त हो जाएँ।
पहले नील ने इग्नोर किया। लेकिन एक दिन मैंने देखा कि उसने मेरी लाल पैंटी, जो मैंने जानबूझकर बेड पर छोड़ी थी, उठाकर सूंघी और फिर जल्दी से रख दी। मैं समझ गई कि वो अब मेरी तरफ खिंच रहा है। उसका ध्यान मुझ पर जाने लगा था, और मैं चाहती थी कि ये सिलसिला और बढ़े।
आगे क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा। आपको मेरी कहानी कैसी लगी, प्लीज कमेंट करके जरूर बताइए।
कहानी का अगला भाग: भाई के साथ सेक्स की इच्छा-2