भाई के साथ सेक्स की इच्छा-2

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Desi incest sex story – bhai ke sath sex: हेलो दोस्तों, मेरा नाम मनीषा है। पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि मैंने अनजाने में अपने छोटे भाई नील का लंड देख लिया था। उसका 6 इंच का मोटा, चमकता लंड मेरे दिमाग में बस गया था। मेरी सोच उसके लिए बदलने लगी थी, और मैंने उसे सेड्यूस करना शुरू किया। धीरे-धीरे मेरा प्लान काम करने लगा। अब आगे की कहानी सुनिए।

कहानी का पिछला भाग: भाई के साथ सेक्स की इच्छा-1

कुछ दिन बाद मम्मी के पापा, यानी मेरे नाना जी, की तबीयत खराब हो गई। मम्मी और पापा उन्हें देखने गाँव चले गए। मम्मी ने फोन पर बताया कि नाना जी को हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़ा है, और वो 8-10 दिन तक रुकेंगे। घर में फिर से बस मैं और नील अकेले थे। मेरे दिमाग में बस एक ही बात थी—ये मौका फिर नहीं मिलेगा। मैंने ठान लिया था कि इन 8 दिनों में नील को पूरी तरह सेड्यूस करूँगी, और उसका लंड जरूर लूँगी।

अब मैं और बिंदास हो गई। सुबह-सुबह मैं बिना ब्रा के ढीली गुलाबी टी-शर्ट और काले शॉर्ट्स में घूमती। मेरी 32B की चूचियाँ टी-शर्ट में हल्के-हल्के हिलती थीं, और मेरे भूरे निप्पल्स कपड़े से साफ उभरते थे। मैं जानबूझकर नील के सामने झुकती, ताकि उसे मेरा क्लीवेज दिखे। मेरे शॉर्ट्स इतने छोटे थे कि मेरी गोरी जाँघें पूरी नजर आती थीं। मैं रसोई में काम करते वक्त उससे रगड़ खाती—कभी मेरी चूचियाँ उसकी पीठ से टच होतीं, तो कभी मेरी गाँड उसके हाथों से। वो भी अब मुझे चोर नजरों से देखने लगा। वो रसोई में मेरी मदद करने के बहाने आता, और जानबूझकर मेरे करीब आकर मुझे टच करने की कोशिश करता। उसका हाथ मेरी कमर पर, कभी मेरी जाँघों पर चला जाता। मैं समझ गई थी कि वो भी गरम हो रहा है।

दो दिन तक मैंने उसे ऐसे ही तड़पाया। तीसरी रात को मैंने और हद कर दी। मैंने एक ढीली सफेद टी-शर्ट पहनी, बिना ब्रा के, और नीचे सिर्फ ढीली काली शॉर्ट्स। मेरी पैंटी भी पतली सी लाल रंग की थी, जो शॉर्ट्स से हल्की-सी झलकती थी। मैं बेड पर लेटी थी, और नील लिविंग रूम में टीवी पर पॉर्न देख रहा था। मैं अपने रूम में लेटे-लेटे उसके बारे में सोच रही थी—उसका मोटा लंड, उसका चमकता सुपारा, वो सीन मेरे दिमाग में बार-बार आ रहा था। मेरी चूत गीली हो रही थी, और मैंने अपनी पैंटी के ऊपर से हल्के-हल्के रगड़ना शुरू किया। “उह्ह…” मेरे मुँह से हल्की सिसकारी निकली। उसी सोच में मेरी आँख लग गई।

अचानक मुझे लगा कि कोई मुझे टच कर रहा है। मेरी नींद हल्की-सी खुली, पर मैंने आँखें बंद रखीं और साँसों को नॉर्मल रखा। नील का हाथ मेरे पेट पर था। उसकी उंगलियाँ मेरी नाभि के आसपास धीरे-धीरे घूम रही थीं। मेरी टी-शर्ट हल्की-सी ऊपर खिसकी हुई थी, और उसका गर्म हाथ मेरी नंगी त्वचा पर फिसल रहा था। मेरी चूत में फिर से गीलापन बढ़ने लगा। मैंने सोंने का नाटक जारी रखा, देखना चाहती थी कि वो और क्या करता है।

वो धीरे-धीरे अपना हाथ ऊपर ले गया। उसकी उंगलियाँ मेरी टी-शर्ट के नीचे से मेरी चूचियों के ठीक नीचे रुकीं। मेरे निप्पल्स सख्त हो चुके थे, और वो शायद मेरी टी-शर्ट से दिख रहे थे। उसने हल्के-हल्के मेरी चूचियों को टच किया। मेरी साँसें तेज हो रही थीं, पर मैंने खुद को कंट्रोल किया। उसने मेरी दोनों चूचियों को हल्के से सहलाया, और फिर एक निप्पल पर अपनी उंगली गोल-गोल घुमाने लगा। मेरी चूत अब पूरी गीली थी, और मेरी पैंटी में गीलापन साफ महसूस हो रहा था। मैं चाहती थी कि वो मेरी चूचियाँ जोर से दबाए, पर मैं चुप रही।

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फिर उसने मेरी टी-शर्ट को धीरे-धीरे और ऊपर उठाया। मेरा पेट पूरी तरह नंगा हो गया। उसकी उंगलियाँ मेरी नाभि से लेकर मेरी चूचियों के ठीक नीचे तक फिरीं। फिर उसने टी-शर्ट को और ऊपर खींचा। मेरी चूचियाँ अब आधी नंगी थीं। मेरे भूरे निप्पल्स सख्त होकर उभरे हुए थे। उसने हल्के से मेरी चूचियों को सहलाया, और फिर एक निप्पल को अपनी उंगलियों से हल्का-सा दबाया। “उह्ह…” मेरे मुँह से हल्की सिसकारी निकलते-निकलते रह गई। उसने शायद नहीं सुना, क्योंकि वो मेरी चूचियों पर फोकस था। उसका एक हाथ मेरी चूची पर था, और दूसरा हाथ उसने अपने शॉर्ट्स के अंदर डाल रखा था। मैंने हल्के से आँख खोलकर देखा—वो अपने लंड को रगड़ रहा था। उसका सुपारा शॉर्ट्स के बाहर झलक रहा था, गुलाबी और चमकता हुआ।

फिर उसने मेरी चूचियों पर हल्का-सा झुककर एक निप्पल को चूमा। उसका गर्म मुँह मेरे निप्पल पर लगा, और मेरी चूत में जैसे करंट दौड़ गया। उसने दूसरी चूची को भी हल्के से चूमा, और फिर अपनी जीभ से मेरे निप्पल को चाटा। मेरी पैंटी अब पूरी तरह भीग चुकी थी। मैंने फिर से खुद को कंट्रोल किया। उसने अब अपना हाथ मेरी जाँघों पर रखा। मेरे ढीले शॉर्ट्स की वजह से उसका हाथ आसानी से अंदर चला गया। उसने मेरी जाँघों को सहलाया, और फिर मेरी पैंटी के ऊपर से मेरी चूत को हल्के से टच किया। अगर उसने मेरी पैंटी अंदर डाली होती, तो उसे पता चल जाता कि मैं कितनी गीली थी। उसका दूसरा हाथ अभी भी उसके शॉर्ट्स में था, और वो तेजी से अपने लंड को रगड़ रहा था।

अचानक उसने मेरी चूचियों को फिर से सहलाया, और फिर अपना लंड बाहर निकाल लिया। उसका 6 इंच का लंड पूरा खड़ा था, सुपारा गुलाबी और चिकना, नसें उभरी हुई। वो उसे तेजी से हिलाने लगा। थोड़ी देर बाद उसकी साँसें तेज हुईं, और वो अचानक उठकर वॉशरूम की तरफ भागा। शायद उसका पानी निकल गया था। मैंने चुपके से अपनी पैंटी में हाथ डाला—मेरी चूत इतनी गीली थी कि मेरी उंगलियाँ फिसल रही थीं। मैंने जल्दी से अपनी क्लिट को रगड़ा, और “आह्ह… उह्ह…” की सिसकारियों के साथ मेरा भी पानी निकल गया। मैं हांफते हुए लेट गई।

अगली सुबह नील बिल्कुल नॉर्मल बिहेव कर रहा था, जैसे कुछ हुआ ही न हो। वो नाश्ते के टेबल पर मजाक कर रहा था, “दीदी, आज फिर मैगी बनाएँ?” मैं भी नॉर्मल रही, पर मेरे दिमाग में रात का सीन बार-बार आ रहा था। मैं समझ गई थी कि वो भी मेरी तरफ खिंचा हुआ है। उस दिन मैंने उसे और तड़पाने का फैसला किया। मैंने जानबूझकर अपनी लाल ब्रा और मैचिंग पैंटी बेड पर छोड़ दी, और नहाने चली गई। बाथरूम से मैंने उसे आवाज दी, “नील, मेरे कपड़े बेड पर रखे हैं, प्लीज दे दे।”

वो दो मिनट तक नहीं आया। मैं समझ गई कि वो मेरी ब्रा-पैंटी देख रहा होगा। मैंने फिर आवाज दी, “नील, जल्दी दे ना!” तब वो आया और बाथरूम के बाहर से बोला, “दीदी, ये लो।” मैंने सिर्फ सफेद टॉवल लपेटा हुआ था, जो मेरी जाँघों तक आता था। मैंने दरवाजा हल्का-सा खोला और उससे कपड़े लिए। वो मुझे टॉवल में देखकर गड़बड़ा गया। मैंने हँसते हुए कहा, “क्या, बस देखेगा या कपड़े भी देगा?” वो हड़बड़ाते हुए “सॉरी” बोला और कपड़े देकर चला गया।

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उस दिन ऑफिस से लौटकर मैंने कहा, “नील, आज बहुत काम था, थक गई हूँ। बाहर से खाना मंगा ले।” वो बोला, “ठीक है, दीदी। पिज्जा मंगाएँ?” हमने खाना मंगाया और जल्दी खा लिया। फिर मैंने फिर से टॉवल लपेटकर शॉवर लिया। बाहर आने से पहले मैंने उसे आवाज दी, “नील, जरा कपबोर्ड से मेरे कपड़े निकाल दे।” वो आया और पूछने लगा, “कौन-से दूँ?” मैंने हँसते हुए कहा, “जो तुझे अच्छे लगें।”

वो मेरी लाल ब्रा और पैंटी का सेट, एक काला क्रॉप टॉप, और एक छोटी-सी काली मिनी स्कर्ट लेकर आया। मैंने टॉवल में ही कपड़े लिए और कहा, “वाह, तेरा टेस्ट तो अच्छा है।” मैंने कपड़े पहने और बाहर आई। क्रॉप टॉप इतना छोटा था कि मेरी चूचियाँ बस किसी तरह ढकी थीं, और मेरी कमर पूरी नंगी थी। मिनी स्कर्ट मेरी जाँघों के ऊपरी हिस्से तक थी—जरा-सा झुकूँ तो मेरी लाल पैंटी साफ दिख जाए। मैं जानबूझकर नील के सामने बार-बार झुकती, ताकि उसे मेरी पैंटी की झलक मिले। मैं सोफे पर टाँगें ऊपर करके बैठी, ताकि मेरी पैंटी पूरी दिखे। उसकी नीली शॉर्ट्स में उसका लंड साफ उभर रहा था, और मैं समझ गई कि वो पूरी तरह गरम है।

मैंने उससे कहा, “नील, आज थक गई हूँ। मेरी जाँघों और कंधों की मसाज कर देगा?” वो फट से बोला, “हाँ, ठीक है!” हमने डिनर जल्दी खत्म किया और बेडरूम में चले गए। मैं बेड पर सीधा लेट गई, मेरी स्कर्ट ऊपर खिसक गई, और मेरी लाल पैंटी साफ दिख रही थी। उसने मेरी जाँघों की मसाज शुरू की। उसकी उंगलियाँ मेरे पैरों की उंगलियों से शुरू हुईं, धीरे-धीरे ऊपर बढ़ीं। जब वो मेरी जाँघों पर पहुँचा, तो उसका हाथ मेरी पैंटी को हल्का-हल्का टच करने लगा। मेरी चूत फिर से गीली हो रही थी। मैंने आँखें बंद कर लीं और “उह्ह…” की हल्की सिसकारी ली।

फिर वो मेरे कंधों की मसाज करने लगा। उसने कहा, “दीदी, टॉप के ऊपर से मसाज अच्छे से नहीं होगी।” मैंने हँसते हुए कहा, “तो क्या करूँ?” वो बोला, “टॉप उतार दो ना, अंदर तो ब्रा है ना।” मैंने उसके सामने ही काला क्रॉप टॉप उतार दिया। मेरी लाल ब्रा में मेरी चूचियाँ सख्त थीं, और निप्पल्स उभरे हुए थे। वो मेरे कंधों की मसाज करने लगा, और उसका हाथ धीरे-धीरे मेरी ब्रा के अंदर जाने लगा। मैंने कहा, “वाह, तू तो अच्छी मसाज करता है।”

वो बोला, “थैंक्स, दीदी।” मैंने कहा, “पूरा बॉडी मसाज कर दे ना।” वो तुरंत मान गया और बोला, “तुम उल्टा लेट जाओ, मैं पीठ की मसाज करता हूँ।” फिर वो बोला, “रुको, मैं ऑलिव ऑयल ले आता हूँ, उससे बेहतर होगा।” वो बोतल ले आया, और मेरी पीठ पर तेल डालकर मसाज शुरू की। उसकी उंगलियाँ मेरी पीठ पर फिसल रही थीं, और मेरी चूत में गीलापन बढ़ता जा रहा था। वो धीरे-धीरे नीचे आया और रुक गया।

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मैंने पूछा, “क्या हुआ?” वो बोला, “तेरी ब्रा पर तेल लग जाएगा। हुक खोल दूँ?” मैंने कहा, “हाँ, खोल दे। ब्रा खराब नहीं होनी चाहिए।” उसने मेरी लाल ब्रा के हुक खोल दिए। मेरी चूचियाँ अब बेड पर दब रही थीं। उसने मेरी पूरी पीठ की मसाज की, और फिर नीचे मेरी कमर तक आया। वो फिर रुक गया। मैंने पूछा, “अब क्या हुआ?” वो बोला, “स्कर्ट पर भी तेल लग जाएगा।” मैंने अपनी गाँड हल्की-सी उठाई और कहा, “उतार दे।” उसने मेरी काली मिनी स्कर्ट खींचकर उतार दी। अब मैं सिर्फ लाल पैंटी में थी।

मैंने कहा, “मेरी पैंटी खराब मत करना।” वो बोला, “वहाँ बिना तेल के मसाज कर दूँगा।” उसने मेरी कमर तक तेल से मसाज की, और फिर हाथ पोंछकर मेरी गाँड के आसपास मसाज करने लगा। उसका हाथ मेरी पैंटी के अंदर तक जा रहा था, और मेरी चूत अब पूरी तरह भीग चुकी थी। फिर वो बोला, “अब सामने मसाज कर दूँ?” मैंने कहा, “ठीक है,” और पलट गई। मेरी ब्रा का हुक खुला था, तो मेरी चूचियाँ आधी बाहर थीं। मेरे भूरे निप्पल्स साफ दिख रहे थे। उसने मेरी गर्दन के पास तेल से मसाज शुरू की, और धीरे-धीरे नीचे आया।

वो बोला, “अब तेल से करूँ या बिना तेल?” मैं समझ गई कि वो ब्रा की वजह से बोल रहा है। मैंने कहा, “तेल से ही कर,” और खुद ही ब्रा उतारकर साइड में रख दी। मेरी नंगी चूचियाँ उसके सामने थीं। उसकी शॉर्ट्स में उसका लंड पूरा खड़ा था, टेंट बन रहा था। मैंने हँसते हुए कहा, “तेरी टी-शर्ट और शॉर्ट्स भी तेल से खराब हो जाएंगे। उतार दे।” उसने फट से अपनी नीली टी-शर्ट और शॉर्ट्स उतार दिए। उसकी काली अंडरवियर में उसका लंड साफ उभर रहा था।

मैंने हँसकर कहा, “क्या हुआ, इतना टेंट क्यों?” वो शरमाते हुए बोला, “कुछ नहीं, दीदी।” उसने मेरी चूचियों की मसाज शुरू की। उसकी उंगलियाँ मेरे निप्पल्स पर फिसल रही थीं, और वो उन्हें हल्के-हल्के दबा रहा था। मेरी पैंटी अब पूरी गीली थी, और मैं कंट्रोल नहीं कर पा रही थी। “आह्ह… नील… और जोर से…” मेरे मुँह से सिसकारी निकल गई।

आगे क्या हुआ, वो अगले पार्ट में पता चलेगा। आपको मेरी कहानी कैसी लगी, प्लीज कमेंट करके जरूर बताइए।

कहानी का अगला भाग: भाई के साथ सेक्स की इच्छा-3

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