जवान विधवा भांजी को चोदकर स्वर्ग दिखाया मामा ने

5
(8966)

Mama bhanji sex kahani – vidhwa bhanji ki chudai: आज मैं आपको अपनी एक बहुत ही हॉट और सेक्सी मामा-भांजी सेक्स स्टोरी सुनाने जा रहा हूँ, ये मेरा असली अनुभव है जो मैं आपके साथ शेयर कर रहा हूँ, हर पल की वो गर्माहट और निषिद्ध उत्तेजना जो मुझे आज भी सिहरन देती है।

पहले मैं अपना और अपनी भांजी का परिचय देता हूँ, मेरा नाम कुणाल है, मेरी उम्र 32 साल है, मैं शादीशुदा हूँ लेकिन अभी तक कोई बच्चा नहीं है क्योंकि मेरी शादी को सिर्फ आठ महीने हुए हैं, मेरी भांजी का नाम कोमल है, उसकी उम्र अभी सिर्फ 24 साल है, वो बहुत हॉट और सेक्सी है, गजब की खूबसूरत है लेकिन दुर्भाग्य से भगवान ने उससे उसका पति छीन लिया, एक सड़क हादसे में उसके पति की मौत हो गई और कोमल विधवा हो गई।

मैं गाजियाबाद में रहता हूँ, एक आईटी कंपनी में काम करता हूँ, मेरी पत्नी उस समय गांव गई हुई थी क्योंकि उसके मम्मी की तबीयत खराब थी, कोमल ने लव मैरिज की थी लेकिन उसका पति उसे छोड़कर चला गया, मेरी दीदी ने कहा कि कोमल को गाजियाबाद ले जाओ, वहीं रखो और वो टीचर ट्रेनिंग का कोर्स करके अपने पैरों पर खड़ी हो जाएगी, मैंने हाँ कह दिया और कोमल गाजियाबाद आ गई।

शुरुआत में मेरी पत्नी भी घर पर थी लेकिन अचानक उसे लखनऊ जाना पड़ा, तो घर में सिर्फ मैं और कोमल ही रह गए, मैं फ्लैट में रहता हूँ इसलिए किसी का आना-जाना नहीं होता, पहले मैं दिन भर काम करता और रात में दोस्तों के साथ बाहर जाकर दारू पीकर आता था लेकिन कोमल के आने के बाद मैं घर पर ही रहने लगा, कभी-कभी शाम को उसकी हल्की-हल्की मुस्कान और वो कसी हुई बॉडी देखकर मन में अजीब सी हलचल होती थी, लेकिन मैं दबा लेता था क्योंकि वो मेरी भांजी थी।

एक दिन कोमल मुझसे बोली, मामा मैं जिंदगी अच्छे से जीना चाहती हूँ, लेकिन लोग विधवा के लिए लक्ष्मण रेखा खींच देते हैं, मैं बिंदास होकर खुशहाल जिंदगी जीना चाहती हूँ, पुराने जमाने की तरह नहीं रहना चाहती, जैसे आज मेरा आखिरी दिन हो वैसे जीना चाहती हूँ, उसकी आवाज में एक अजीब सी प्यास थी, जैसे वो सिर्फ जिंदगी नहीं बल्कि कुछ और भी मांग रही हो, मैंने कहा बिल्कुल ठीक कह रही हो, लोगों की परवाह मत करो, फिर उसने कहा आज शाम मुझे कहीं घुमा कर लाओ, मैंने कहा ठीक है, आज छुट्टी है तो चार बजे चलते हैं।

चार बजे हम नोएडा सेक्टर 18 के चमचमाते मॉल में पहुँचे, जहाँ की ठंडी एसी और चहल-पहल ने माहौल को और रोमांचक बना दिया, मैंने उसके लिए सेक्सी टॉप्स और जींस खरीदे, वो शरमाकर मुस्कुराती रही, लेकिन चुपके से एक लिंगरी का सेट भी खरीद लिया जो बाद में मुझे पता चला, फिर हमने पिज्जा खाया, हँसते-बतियाते, जैसे कोई यंग कपल हों, खूब मजे किए, लेकिन उसकी हर छुअन में एक इशारा था—जो शाम की आग का संकेत दे रही थी, वो मेरे हाथ पकड़कर चल रही थी, बाहों में बाहें डालकर, ऐसा लग रहा था जैसे वो मेरी भांजी नहीं बल्कि मेरी बीवी हो, हर मर्द को अच्छा लगता है जब उसके साथ कोई खूबसूरत औरत ऐसे चले, लेकिन मुझे कोमल की नीयत कुछ ठीक नहीं लग रही थी, वो बार-बार अपनी चूचियों को मेरे हाथ से टच करवा रही थी, मैं भी अपनी कोहनी से उसकी चूचियों को छूता रहा, वो बिल्कुल असहज नहीं हुई, बल्कि उसकी सांसें तेज हो गईं, जैसे वो जानबूझकर चिढ़ा रही हो।

इसे भी पढ़ें:  Bahen ko galiya dekar choda

रात करीब नौ बजे हम घर लौटे, घर आते ही मैंने बैग बनाया और मजाक में कोमल से पूछा, पीओगी क्या भांजी, मामा के साथ दारू, वो हँसकर बोली, हाँ मामा, आज तो सब हदें पार करनी हैं, आपकी ये मोटी बॉडी देखकर मन कर रहा है कुछ शरारत करने का, उसकी आवाज में वो नशीली मदहोशी थी, सांसें तेज, जैसे पहले से ही गर्म हो रही हो, हमने बाहर से खाना पैक कराया था, मैंने उसके लिए भी पैग बनाया और हम दोनों पीने लगे।

मैंने दो पैग लिए, कोमल ने भी दो पैग लिए, शराब की गर्मी हमारे शरीर में फैल रही थी, फिर कोमल हद से आगे बढ़ गई, वो मेरे इतने करीब आकर सोफे पर बैठ गई कि उसकी गर्म सांसें मेरी गर्दन पर लग रही थीं, शराब की महक मिलकर मेरे लंड को और सख्त कर रही थी, वो मेरे होंठों को हल्के से चूमने लगी, जैसे चिढ़ा रही हो, फिर मेरी शर्ट के बटन खोलकर अपनी नरम उंगलियों से मेरी छाती सहलाने लगी—मेरे निप्पल्स को छूकर रगड़ती, जिससे मेरे शरीर में电流 दौड़ गई, मैं चुपचाप उसे निहारता रहा, दिल धड़क रहा था कि ये मेरी भांजी है, लेकिन उसकी आँखों में वो भूख देखकर मेरा लंड जींस में फड़फड़ा रहा था—ना मना कर पा रहा था, ना रोक पा रहा, वो बार-बार मेरे होंठ चूमती, रुकती, आँखों में आँखें डालकर देखती, जैसे पूछ रही हो मामा, रुक जाऊँ।

आखिरकार मेरा सब्र टूट गया—मैंने उसे बाहों में कसकर जकड़ लिया, उसके गुलाबी होंठों को जोर से चूसना शुरू किया, जीभ अंदर डालकर उसकी मीठी लार का स्वाद चखा, जबकि मेरी हथेलियाँ उसकी पीठ पर फिसलती हुईं उसकी ब्रा के हुक तक पहुँच गईं, जैसे ही चूमा मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया, मैंने उसके टाइट चूचियों पर हाथ रखा तो वो मचल उठी, आह्ह्ह करके सिसकी, मैंने फटाक से उसका टॉप उतार फेंका, पीछे से ब्रा का हुक खोला और उसके दोनों गोल-गोल टाइट चूचियां बाहर आ गईं, मैं उनसे खेलने लगा, निप्पल्स को हल्के-हल्के दबाता, चुटकियों में लेता तो कोमल आह इह्ह्ह ओह्ह करके कराहने लगी, उसके निप्पल्स सख्त हो गए थे, जैसे आम के बौर, और मैं सोच रहा था कि ये विधवा कितनी भूखी होगी, पति के जाने के बाद कितना तरस रही होगी।

कोमल ने मेरे कपड़े उतार दिए, मैंने भी अपनी शर्ट उतार फेंकी, हम ड्राइंग रूम से बेडरूम तक एक-दूसरे को चूमते हुए गए, रास्ते में मैंने उसकी जींस खोली, पैंटी में उंगली फिसलाई तो वो गीली हो चुकी थी, बेडरूम में पहुंचकर मैंने कोमल को उठाकर बेड पर लिटा दिया, वो दोनों हाथ फैलाकर सेक्सी निगाहों से मुझे देख रही थी, मैंने उसके हाथों को उसके ही दुपट्टे से बेड के हेडबोर्ड से बाँध दिया, वो हँसी, मामा आप तो डोमिनेंट हो गए, लेकिन उसकी आँखों में वो सबमिशन की चमक थी, जैसे वो इसी का इंतजार कर रही हो, मैं अपने से रहा नहीं गया और उसके ऊपर टूट पड़ा, चूचियों को मुंह में लेकर चूसने लगा, होंठ चूमने लगा, बाल सहलाने लगा, फिर धीरे-धीरे नीचे गया और उसकी पैंटी उतार दी।

इसे भी पढ़ें:  पायल और मोनिका का मिलन

उसकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी, गुलाबी होंठों जैसी फूली हुई, और उसकी मुस्की खुशबू—मिली हुई शराब और उसकी अपनी रस की—मुझे पागल कर रही थी, मैंने दोनों टांगें धीरे से फैलाईं, पहले उंगलियों से उसके क्लिट को हल्के से सहलाया, जैसे चिढ़ाता हुआ, वो कमर उचका कर आह्ह्ह मामा… करके सिसकी, फिर उंगली से छुआ तो गर्म-गर्म रस बह रहा था, चिपचिपा और मीठा, मैंने जीभ से चाटना शुरू किया—पहले हल्के से किनारों पर, फिर जीभ अंदर डालकर जोर-जोर से चूसने लगा, उसके क्लिट को दांतों से हल्का काटा तो कोमल की जांघें कांपने लगीं, वो आह्ह्ह ह्ह्ह्ह इह्ह्ह करके अंगड़ाइयां लेने लगी, हाथ मेरे बालों में फंसा कर मेरे मुँह को अपनी चूत पर दबाने लगी, जैसे कह रही हो और चाटो मामा, मुझे खा जाओ, मेरे मन में विचार आया—ये विधवा चूत कितनी टाइट और भूखी है, सालों से पति के बिना तरस रही होगी।

मैंने अपना 9 इंच का मोटा लंड बाहर निकाला और कोमल के हाथ में दे दिया, जैसे ही वो उसके हाथ में गया कोमल सेक्सी निगाहों से देखने लगी, फिर मुंह में ले लिया, पूरा नहीं आ रहा था इसलिए आधा लंड बार-बार चाटती, चूसती, ग्ग्ग्ग गी गी गों गों करके आवाजें निकालती, मेरे तन-बदन में आग लग गई, मैं सिसकारियां ले रहा था, वो बोली मामा आपका लंड कितना मोटा है, मेरे पति का तो आधा भी नहीं था, ये सुनकर मुझे एक अजीब सी जलन हुई, जैसे मैं उसका नया पति बन रहा हूँ।

मैंने उसकी आँखों में देखकर कहा, आजा कोमल, आज मामा तुझे जन्नत दिखाएगा… तेरी ये टाइट चूत में मेरा मोटा लंड डालकर तेरी सारी प्यास बुझा दूँगा, वो सिसककर बोली, हाँ मामा, डालो ना… सालों से तरस रही हूँ, मुझे चोदो जोर से, फाड़ दो मेरी चूत को, उसकी आवाज टूट रही थी, सांसें फूल रही थीं, लंड उसकी चूत के छेद पर लगाया, पहले होंठों पर रगड़ा, चिढ़ाया, वो कमर हिलाकर लेने की कोशिश करती, फिर जोर से धक्का दिया, मेरा मोटा लंड जैसे ही अंदर घुसा कोमल फड़फड़ा उठी, आँखों में आंसू आ गए लेकिन वो खुशी के आंसू थे क्योंकि वो मुस्कुरा भी रही थी, मैं दोनों चूचियों को पकड़कर मसलते हुए जोर-जोर से धक्के देने लगा, आह ओह्ह्ह आह्ह्ह करके वो कराह रही थी, उसकी टाइट चूत मेरे लंड को निगल रही थी, दर्द और मज़े का मिश्रण।

उसका गोरा बदन मेरे सामने संगमरमर की तरह चमक रहा था, मैंने इतने जोर से मसला कि उसके गालों और चूचियों पर लाल निशान पड़ गए, कोमल अब वासना से भर चुकी थी, वो अपनी गांड गोल-गोल घुमाकर मेरा लंड अंदर ले रही थी, खुद चूचियां दबाती, नीचे से धक्के देती, आह्ह्ह ऊउइई ऊईईई करके चिल्लाती, बोली मामा, पति के जाने के बाद मैं खुद को कोस रही थी, लेकिन अब लगता है जिंदगी में नया सुख है।

इसे भी पढ़ें:  भाई और उसके दोस्तों से चुद गई मेरी ही नादानी के चलते

फिर मैंने उसे घोड़ी बनाया, पीछे से चूतड़ों के बीच लंड लगाकर जोर-जोर से ठोकने लगा, कभी चूतड़ों पर थप्पड़ मारता, बाल पकड़कर खींचता जैसे घोड़े पर सवार हूँ, कोमल आह ह ह ह्हीईई आअह्ह्ह करके पागल हो रही थी, बोली और जोर से ठोको मामा, मेरी गांड पकड़ो, फाड़ दो मुझे।

फिर मैं नीचे लेट गया, कोमल मेरे ऊपर चढ़ गई, मैंने लंड सेट किया और वो बैठ गई, पूरा लंड अंदर समा गया, अब वो जोर-जोर से उछल रही थी, मेरी छाती के बालों से खेलती, मुझे चूमती, गांड गोल-गोल घुमाती, आह्ह्ह ओह्ह ओह करके कराहती, बोली मामा, आपने मुझे आजादी दी है, अब मैं आपकी हूँ।

करीब दो घंटे तक हम चुदाई करते रहे, आखिर हम दोनों झड़ गए, कोमल पूरी शांत हो गई, लेकिन हल्के से रोने लगी, खुशी के आंसू, बोली पति ने कभी इतना मज़ा नहीं दिया, और मैंने सोचा अब ये मेरी है, कोई और नहीं छुएगा, एक अजीब सी मालिकाना हक की जलन थी, हम एक-दूसरे को बाहों में लेकर सो गए। उस दिन के बाद हमारा रिश्ता बदल गया, मैंने अपनी भांजी की टाइट चूत को अपने मोटे लंड से अच्छे से फैला दिया था, कोमल ने खुद माना कि उसके पति ने भी कभी इतना नहीं चोदा जितना मैंने चोदा।

अब जब भी मौका मिलता है, जब मेरी बीवी घर पर नहीं होती या ऑफिस जाती है, मैं कोमल को जबरदस्त तरीके से चोदता हूँ, उसे भरपूर खुशी देता हूँ, मेरी जिंदगी बहुत अच्छी चल रही है और कोमल भी पहले से कहीं ज्यादा खुश है, उसे अब अपने पति की कमी महसूस नहीं होती।

Related Posts

आपको यह कहानी कैसी लगी?

स्टार्स को क्लिक करके आप वोट कर सकते है।

Average rating 5 / 5. Vote count: 8966

अभी तक कोई वोट नहीं मिला, आप पहला वोट करें

We are sorry that this post was not useful for you!

Let us improve this post!

Tell us how we can improve this post?

Leave a Comment