पति से संतुष्टि नहीं मिली तो गैरों से बनाए रिश्ते

5
(17595)

Gair mard ke sath sex मेरा नाम कल्याणी है। मैं 33 साल की हूँ, दो बच्चों की माँ, और दिल्ली में रहती हूँ। मेरी शादी को बारह साल हो चुके हैं। मेरे पति, रमेश, उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले हैं और एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं। मैं दिल्ली की ही हूँ, मेरे पापा सरकारी नौकरी में थे, जिसके चलते मेरा बचपन आराम से गुजरा। मेरी हाइट 5 फीट 4 इंच है, रंग गोरा, और मेरी फिगर 36-28-38 है। मेरी चूचियाँ भारी और सुडौल हैं, और मेरी गांड का उभार ऐसा है कि जब मैं चलती हूँ तो लोग ठिठक कर देखते हैं। मेरे लंबे, घने बाल और कातिलाना नैन-नक्श मेरी खूबसूरती को और बढ़ाते हैं। लेकिन ये कहानी मेरी खूबसूरती की नहीं, मेरी अधूरी वासना और उसकी तलाश की है। ये कहानी चार साल पहले की है, जब मैं 29 साल की थी और मेरे दोनों बच्चे, 8 और 6 साल के, स्कूल में थे। हम किराए के मकान में रहते थे, और मेरी जिंदगी घर और बच्चों की देखभाल तक सीमित थी।

ये कोई गढ़ी हुई कहानी नहीं है। मैं आज अपने दिल की बात खुलकर बता रही हूँ। हाँ, मैं डंके की चोट पर कहती हूँ कि मैंने कई गैर मर्दों के साथ शारीरिक रिश्ते बनाए। मुझे सेक्स का नशा चढ़ गया था, वो भी गैर मर्दों से। मेरे पति से मुझे वो सुख कभी नहीं मिला जो मेरी जवानी माँगती थी। दोस्तों, आप सोच रहे होंगे कि मैं बदचलन हूँ, कि मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था। मैं भी यही सोचती थी, लेकिन फिर मैंने खुद से सवाल किया—क्या मेरी जवानी यूं ही बर्बाद हो जाए? क्या मुझे वो सुख नहीं मिलना चाहिए जो मेरा हक है? क्या मैं अपने मन की आग को दबाकर जिंदगी काट लूँ? मेरे दोनों बच्चे मेरे पति से हैं, लेकिन उनसे मैंने सिर्फ उतना ही सेक्स किया जितना बच्चे पैदा करने के लिए जरूरी था। उससे ज्यादा मुझे कभी कुछ नहीं मिला। मैं हमेशा तड़पती रही, अधूरी रह गई।

जब मेरे पति मुझे चोदते थे, मैं वाइल्ड हो जाती थी। मैं चाहती थी कि वो मुझे अपनी बाहों में जकड़ लें, मेरी चूचियों को जोर-जोर से मसलें, मेरे होंठों को चूसें, मेरी चूत का रस चाट लें। मैं चाहती थी कि वो मुझे वो सब दे जो मेरी जवानी की प्यास बुझाए। मेरा शरीर ऐसा था कि हर मर्द की नजर ठहर जाए—मेरी चूचियाँ मेरे ब्लाउज में कैद रहने को तड़पती थीं, और जब मैं चलती थी, मेरी गांड का हिलना लोगों की साँसें रोक देता था। लेकिन मेरा पति? साला एकदम चिलजोकड टाइप का था। जब मैं उसे अपनी बाहों में समेटती, अपनी वासना की आग में उसे जलाना चाहती, तो वो कहता, “कल्याणी, धीरे-धीरे करो, मैं ले रहा हूँ ना।” मुझे गुस्सा आता था। आप ही बताओ, जब मैं सेक्स की लहरों में डूब रही होती थी, और वो मुझे किनारे की ओर धकेल देता था, तो कैसा लगता होगा? मैं चाहती थी कि वो अपना लंड मेरी चूत में जोर-जोर से पेले, ऐसे धक्के मारे कि मेरी चूचियाँ फुटबॉल की तरह उछलें, और मेरे मुँह से हर झटके पर “आह… ऊह… हाय…” निकले। लेकिन वो? वो तो हैंडपंप की तरह धीरे-धीरे चोदता था, जैसे पानी निकाल रहा हो।

इसे भी पढ़ें:  Aunty Sex Story :आंटी की मस्ती में चुदाई की

फिर मैंने इंटरनेट पर सेक्सी क्लिप्स देखना शुरू किया। उनमें जो चुदाई दिखती थी, वैसी ही मैं चाहती थी। मुझे लगता था, काश कोई मुझे ऐसा ही मस्ती भरा सुख दे। मेरा पति तो मुझे वो सुख दे ही नहीं सकता था। मैंने अपनी नजरें इधर-उधर दौड़ानी शुरू कीं। हमारे मकान के फर्स्ट फ्लोर पर एक कपल रहता था, हरियाणा से। पति का नाम राज था, जिम ट्रेनर, 32 साल का, लंबा-चौड़ा, गठीला बदन, 6 फीट का कद, और चेहरा ऐसा कि किसी को भी ललचा दे। उसकी पत्नी, नेहा, 28 साल की थी, और उन्होंने भागकर शादी की थी। मेरे पति को राज भैया कहता था, और मुझे भाभी। धीरे-धीरे हमारे और उनके बीच अच्छा रिश्ता बन गया। हम एक-दूसरे के घर आते-जाते थे, ठंड की रातों में एक ही रजाई में बैठकर मूंगफली खाते, देर तक गप्पें मारते।

बात यहीं से शुरू हुई। एक बार रजाई में बैठे-बैठे राज ने मेरे पैर को अपने पैर से सहलाया। मैंने भी जवाब में उसके पैर को छुआ। मेरे दिल में आग सी लग गई। कुछ ही दिनों बाद उसकी बीवी मायके चली गई, क्योंकि वो प्रेग्नेंट थी। उधर, मेरे पति को कंपनी ने अहमदाबाद भेज दिया, जहाँ उन्होंने नई ब्रांच खोली थी। मैं दोनों बच्चों के साथ दिल्ली में रह गई, क्योंकि बच्चों का स्कूल था। मैंने राज से कहा, “राज, तुम रात का खाना मेरे यहाँ खा लिया करो। अकेले क्या बनाओगे? तुम्हारे भैया भी तो यहाँ नहीं हैं।” राज ने हँसते हुए कहा, “भाभी, बीवी नहीं है तो खाना तो बना दोगी, इसके लिए थैंक यू। पर बीवी के साथ का मजा तो अलग है ना।” मैंने मौका देखकर तपाक से कहा, “अच्छा, पहले ये तो बता, भाभी में वो क्या नहीं जो तेरी बीवी में है? मैं शायद तुझे उससे भी ज्यादा मजा दूँ।” दोस्तों, मुझे ऐसे ही मर्द की जरूरत थी, जो मेरी वासना की आग बुझाए। और मर्द तो मर्द होता है—कौन सा मर्द होगा जो औरत के इशारे को इग्नोर कर दे? मैंने लाइन दी, और राज मेरी लाइन में आ गया। उसने कहा, “भाभी, मेरा तो बर्दाश्त नहीं होगा। मैं जाट मुंडा हूँ।” मैंने तुरंत कहा, “मुझे भी ऐसे ही जाट मुंडे की जरूरत है। तू मुझे कम मत समझ, मैं ऐसी चीज हूँ कि तू भी हाँफ जाएगा।” फिर मैंने कहा, “ठीक है, आज देख ही लेते हैं।” राज ने पूछा, “पक्का?” मैंने कहा, “हाँ, पक्का।”

इसे भी पढ़ें:  Ashleel Mami ki Chudai

मेरे मम्मी-पापा मेरे घर से बस एक किलोमीटर दूर रहते हैं। मैंने उन्हें फोन किया और कहा कि बच्चे आज उनके साथ रहना चाहते हैं। मम्मी ने कहा, “तू भी आ जा।” मैंने बहाना बनाया, “नहीं मम्मी, आज रात को पापा जी का स्वेटर पूरा करना है, और गला मुझसे बनता नहीं। पड़ोस की ऋषभ की मम्मी ने कहा कि वो आज रात को कम्प्लीट करवा देंगी, क्योंकि उनके पति बाहर गए हैं।” मम्मी-पापा मान गए और शाम को बच्चों को ले गए। रात करीब नौ बजे राज आया। वो दारू पीकर आया था, और आधा बोतल साथ लाया था। साथ में चिकन फ्राई भी था। मैंने पहले दो-चार बार दारू पी थी, तो मुझे नशे का अंदाजा था। खाना बनाने की जरूरत नहीं पड़ी, क्योंकि राज सब ले आया था। उस मकान में सिर्फ दो फ्लोर थे—ग्राउंड पर मैं, और ऊपर राज। अब हम दोनों अकेले थे।

राज अंदर आया और मुझे अपनी बाहों में भर लिया। उसका डिओड्रेंट का नशा ऐसा था कि मैं मदहोश हो गई। मैंने उसके कपड़े उतार दिए, उसकी छाती के बालों को सहलाने लगी, उसके आर्मपिट को सूंघा। गजब का मर्दाना अहसास था। उसका गठीला शरीर, चौड़ी छाती, और मजबूत बाहें—आज मुझे असली मर्द मिला था। मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और चिपक गई। उसने मुझे जोर से पकड़ा और किस करना शुरू किया। मेरे होंठों को ऐसे चूस रहा था जैसे सारा रस निकाल देगा। “आह… राज…” मैं सिसक उठी। उसने मेरी सलवार-कमीज उतार दी, मेरी ब्रा का हुक खोला, और मेरी चूचियाँ आजाद हो गईं। वो दोनों इतनी भारी थीं कि जैसे जेल से छूटा कैदी उछल पड़े। राज ने अपनी मजबूत हथेलियों से मेरी चूचियों को मसलना शुरू किया। “उफ्फ… कितनी बड़ी हैं ये, भाभी…” उसने कहा और मेरी निप्पल्स को मुँह में ले लिया। वो चूस रहा था, और मैं “आह… ऊह…” कर रही थी। मेरी चूत गीली हो चुकी थी।

उसने मुझे पलंग पर पटक दिया, मेरी सलवार और पैंटी उतारी, और मेरी चूत को देखकर बोला, “क्या मस्त चूत है भाभी, आज तो इसका भोसड़ा बना दूँगा।” उसने अपनी जीभ मेरी चूत पर रखी और चाटना शुरू किया। “आह… राज… और चाट… उफ्फ…” मैं सिसक रही थी। उसकी जीभ मेरी चूत के दाने को छू रही थी, और मैं तड़प रही थी। फिर उसने मुझे उल्टा किया और मेरी गांड के छेद को चाटने लगा। “हाय… राज… तू कितना कमीना है…” मैंने सिसकारी भरी। उसने मेरी गांड को थपथपाया और कहा, “भाभी, तेरी गांड तो जन्नत है।” मैं पूरी तरह वासना में डूब चुकी थी।

फिर उसने अपना 8 इंच का मोटा, काला लंड बाहर निकाला। मैंने उसे देखा और मेरी आँखें चमक उठीं। “ये तो मेरे पति से दोगुना बड़ा है,” मैंने सोचा। उसने मेरी चूत पर लंड रगड़ा, और मैं “उफ्फ… डाल दे राज… और मत तड़पा…” कह रही थी। उसने एक जोरदार धक्का मारा, और उसका लंड मेरी चूत में पूरा घुस गया। “आह… हाय… मर गई…” मैं चीख पड़ी। पहले तो दर्द हुआ, लेकिन फिर हर धक्के के साथ मजा आने लगा। “चप… चप… चप…” की आवाज कमरे में गूँज रही थी। वो मेरी चूचियों को मसल रहा था, और मैं “आह… ऊह… और जोर से… चोद मुझे…” चिल्ला रही थी। उसने मेरे बाल पकड़े और मुझे कुत्तिया की तरह चोदना शुरू किया। “लंड कैसा है भाभी?” उसने पूछा। “उफ्फ… गजब का… और पेल… फाड़ दे मेरी चूत को…” मैं जवाब दे रही थी। करीब 40 मिनट तक उसने मुझे चोदा, हर धक्के के साथ मेरी चूचियाँ उछल रही थीं। “आह… हाय… ऊह…” मेरी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। आखिरकार, हम दोनों एक साथ झड़ गए। उसका गर्म माल मेरी चूत में भर गया, और मैं सुस्त पड़ गई।

इसे भी पढ़ें:  सिर्फ सात दिन की प्रेमिका को चोदा

हम दोनों एक-दूसरे को पकड़कर लेट गए। करीब 30 मिनट बाद उठे, चिकन खाया, और दारू पी। रात के 12 बज चुके थे। फिर हम बाथरूम में गए, नंगे नहाए। राज ने मेरे पूरे शरीर पर साबुन लगाया, मेरी चूचियों को मसला, मेरी चूत को सहलाया। “भाभी, तू तो आग है,” उसने कहा। उस रात उसने मुझे चार बार चोदा। हर बार नया मजा था। अगले तीन महीनों तक, जब तक उसकी बीवी नहीं आई, वो मुझे रोज चोदता था। मैं बच्चों को सुलाकर उसके कमरे में चली जाती थी। फिर उसने घर बदल लिया और पंजाब चला गया। हमारा रिश्ता खत्म हो गया।

इसके बाद, दो लड़के किराएदार आए, दोनों 22-23 साल के, कॉलेज स्टूडेंट्स। मैंने दोनों के साथ सेक्स किया। दोनों ने मुझे अलग-अलग तरीके से खुश किया। आज तक मेरे पति ने मुझे वो सुख नहीं दिया, जो इन गैर मर्दों ने दिया। मैं खुश हूँ, क्योंकि मुझे अलग-अलग लंड से चुदवाने का मौका मिला।

आपको मेरी कहानी कैसी लगी? क्या आपने भी कभी ऐसा कुछ अनुभव किया? कमेंट में जरूर बताएँ।

Related Posts

आपको यह कहानी कैसी लगी?

स्टार्स को क्लिक करके आप वोट कर सकते है।

Average rating 5 / 5. Vote count: 17595

अभी तक कोई वोट नहीं मिला, आप पहला वोट करें

We are sorry that this post was not useful for you!

Let us improve this post!

Tell us how we can improve this post?

1 thought on “पति से संतुष्टि नहीं मिली तो गैरों से बनाए रिश्ते”

Leave a Comment