मैं रोहन, 28 साल का, दिल्ली से हूँ। और ये कहानी है मेरी पहली स्टूडेंट Pallavi ki Chudai की जिसे मैंने फिजिक्स पढ़ाते हुए चोदा। हेलो दोस्तों, मैं देसी सेक्स कहानी का बहुत बड़ा प्रेमी हूँ. मैंने बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं और हमेशा उनका आनन्द लेता हूँ।इसलिए आज मैंने अपने निजी जीवन के अनुभव को आप लोगों के साथ साझा करने के बारे में सोचा है। तो चलिए बिना समय बर्बाद किए कहानी की ओर चलते हैं ।
ये कहानी 3 साल पुरानी है की है, जब मैं डी.ऊ से बेसिक फिजिक्स कर रहा था। मैं दोस्ताना स्वभाव का हूं, तो मोहल्ले के सब लोगों में मेरी अच्छी प्रतिष्ठा थी, और मेरे सब के घरों में आना-जाना था।
कहानी की नायिका का नाम पल्लवी है, जिसकी उम्र 19 साल है, और वो उस समय 1st साल में थी। उसकी हाइट छोटी थी, और वो मोटी सी थी। उसका फिगर 34-36-34 था. मोहल्ले के सभी लड़के उसको चोदने के सपने देखा करते थे।
और क्यों ना देखे, वो थी ही ऐसी मस्त माल, जो देखे तुरंत चोदना चाहेगा। उसकी माँ की मेरी माँ से अच्छी बनती थी, तो एक दिन उन्हें मेरी माँ से निवेदन कि मैं उनकी बेटी को होम ट्यूशन दे दूं। ताकी उसका सब्जेक्ट इम्प्रूव हो जाए। और इस तरह से वो रात 8 से 10 मैंने उसकी ट्यूशन शुरू कर दी थी।
मैं पहले दिन जब उसके घर गया था, तो वो नीले रंग की टाइट सलवार कमीज में थी। उसमें उसकी क्लीवेज उफ्फ्फ क्या दिख रही थी, और उसके स्तन का बस नहीं चल रहा था कि कमीज फाड़ के बाहर आ जाए।
हमने ट्यूशन शुरू कर दी, और ऐसे ही कुछ दिन गुज़र गए। और हम काफी फ्रेंडली और कंफर्टेबल हो गए। अब वो मेरे बराबर में बैठ के मेरे सवाल हल करना शुरू हो गई थी, और इसी बहाने मैं भी अपनी कोहनी से उसके बूब्स दबा देता था।
मैं उसके पांव अपने पांव से सहलता रहता था। वो भी कुछ नहीं बोलती थी, जिससे मेरी हिम्मत बढ़ती गई।
एक दिन मैं अपने मोबाइल में सेक्स की वीडियो सेव करके लेके गया था। फिर मैं गूगल पर सॉल्यूशन ढूंढ़ने के बहाने मोबाइल उसको देके बाहर चला गया।
मैं उसको चुप के देखने लगा. उसने भी गैलरी में घुस के सारी वीडियो देखी शुरू कर दी। और साथ-साथ उसने अपनी चूत मसलनी शुरू कर दी। मैंने भी मौका सही समझा, और जा कर उसको पकड़ लिया।
फिर मैंने कहा: ये तुम क्या कर रही हो मेरे मोबाइल में। ये करने के लिए आपने मोबाइल दिया था मैंने?
वो बेचारी रोना शुरू हो गई, और बोलने लगी-
पल्लवी: सर सॉरी, गलती हो गई मुझसे। आयेंदा नहीं करूंगी. कृपया मुझे माफ़ कर दो।
मैंने उसको गले लगाया, लेकिन वो चुप ही नहीं हो रही थी। तो मैंने उसका चेहरा पकड़ के लिप किस कर दिया। वो हैरान हो गए कि ये क्या हो गया था। लेकिन मैंने उसको नहीं छोड़ा, और किस जारी रखा।
2 मिनट की किस के बाद वो भी मेरा साथ देना शुरू हो गई थी। और अब हम हमारी जुबान एक दूसरे के मुंह में डाल के किस कर रहे हैं। मैं एक हाथ से उसके बूब्स मसल रहा था, और एक हाथ से उसकी चूत सहला रहा था, जो पानी छोड़ चुकी थी। हम उसके बाद अलग हुए, और कपड़े ठीक करके मैं घर आ गया।
इसके बाद ये हमारा डेली का था, लिप किसिंग, बूब्स दबाना, उसका हैंडजॉब देना। अब हमें तलाश थी, तो एक मौके की, ताकि हम खुल के चुदाई कर सकें। फिर 3 महीने बाद उसके कॉलेज में परीक्षाएं हुईं, और उनके परिवार को देहरादून जाना पड़ा।
लेकिन वो परीक्षा की वजह से नहीं जा पाई, और उसकी माँ ने उसे खाने-पीने की ज़िम्मेदारी मेरी माँ को दे दी थी।
उस दिन उनी से घर आया तो माँ ने बताया था उसके घर वाले देहरादून चले गए।
माँ: जा कर पल्लवी के साथ ही खाना खा लो, और पढ़ाई के साथ-साथ चेक कर लो, उसे किसी चीज़ की ज़रूरत नहीं है।
मेरे मन में तो लड्डू फूटने लग गए। आज मौका मिला था खुल के चुदाई का. मैं जब उसके घर गया, उफ्फ्फ क्या माल लग रही थी वो काली सलवार कमीज में।
मैंने अंदर जाते ही गेट लॉक किया, और मेरे पर टूट गयी। फिर मैंने उसके होंठ काटने शुरू कर दिए, और उसको उठा के बेडरूम में ले गया। वाहा जाके मैंने उसकी कमीज़ उतार दी। उफ्फ्फ क्या लग रहे थी वो लाल ब्रा में एक दम आइटम। मैंने उसकी ब्रा उतार के उसके बूब्स चूसना शुरू कर दिया।
कुआ मुलायम मामे द उसके गोल-मटोल, रसदार उफ्फ्फ। उसके बाद मैंने उसकी सलवार उतार के उसकी टांग खोल के चूत चाटी।
आज ही उसने क्लीन शेव कर ली थी चुत मेरे लिए। क्या मजा आ रहा था उसकी चिकनी चूत चाटने का।
मैं 5 मिनट तक उसकी चूत चाट-ता रहा। उसके बाद वो झड़ गई, और मैंने उसका सारा पानी पी लिया।
उसके बाद मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रख के रगड़ना शुरू कर दिया, और उसके बूब्स चूस रहा था।
पल्लवी: सर अब कंट्रोल नहीं होता, प्लीज अंदर डाल दो।
मैं: थोड़ा रुको मेरी जान, आज तू सिर्फ मेरी है।
और मैंने उसकी जुबान चूसना शुरू कर दिया। उसके बाद मैंने अपना 6 इंच का लंड उसकी चूत पर सेट करके जैसे झटका मारा, तो उसकी चीख निकल गई ज़ोर की। वो रोना शुरू हो गई, और बोली-
पल्लवी: सर प्लीज निकालो, मुझे नहीं करना. बहुत दर्द हो रहा है.
लेकिन मैं अब कहा रुकने वाला था। और मैंने एक और झटका मार के आधा लंड उसकी चूत में उतार दिया। मैं उसके बूब्स चूसता रहा, और आखिरी झटका मार के पूरा लंड उसकी चूत में पेल दिया।
फिर आहिस्ता-आहिस्ता लंड अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया।
5 मिनट की चुदाई के बाद उसको भी मजा आना शुरू हो गया। और अब वो गांड उछाल-उचल के मेरा साथ दे रही थी।
15 मिनट की चुदाई में वो 2 बार झड़ चुकी थी। और अब मेरा भी निकलने वाला था, तो मैंने स्पीड तेज़ कर दी।
मैंने सारा पानी उसकी चूत में ही निकाल दिया, और उसके ऊपर लेट गया। उसके बाद हम बाथरूम में चले गए, जहां हमने खुद को साफ करा लिया, और मैंने एक बार और उसकी चुदाई की वाहा।
उस दिन के बाद और एक हफ़्ता, जब तक उसके घर वाले नहीं आये, मैं रोज़ उसकी चुदाई करता रहा।
मैंने बहुत मनाया उसको ब्लोजॉब के लिए, लेकिन उसने कभी नहीं की।
लेकिन उसने वादा किया कि उसकी एक अंजली दोस्त थी जो ब्लोजॉब शौक से देती थी , और वो उसको भी हमारे साथ लाना चाहेगी चुदाई के लिए।
अंजली की चुदाई की कहानी मैं बाद में सुनूंगा आप लोगों को, अगर मुझे इस कहानी पर अच्छी प्रतिक्रिया मिली तो।
ये मेरी पहली हिंदी सेक्स कहानी थी, अगर कोई गलती हो गई हो, तो माफ़ कर देना शुक्रिया।
वीडियो भी देखे: कैसे मैंने अपनी स्टूडेंट की चुत मारी
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