Sanskari Housewife and Doctor Sex Story: मुंबई की तपती दोपहर थी। समीरा अपने सास-ससुर के पुराने, लेकिन साफ-सुथरे दो बेडरूम वाले फ्लैट में थी। वह अपने छोटे से बेडरूम में शीशे के सामने खड़ी थी, अपनी नीली सिल्क की साड़ी को ठीक करते हुए, जो उसकी सास ने उसे पिछले दीवाली पर गिफ्ट की थी। 30 साल की समीरा, गोरी, लंबी, और सुडौल, बी.ए. पास, एक संस्कारी गृहिणी थी, जिसकी शादी को तीन साल हो चुके थे। उसका पति राहुल, 35 साल का, सांवला, मध्यम कद, और आत्ममग्न, एक चार्टर्ड अकाउंटेंट था, जो नपुंसक होने की वजह से समीरा की शारीरिक और भावनात्मक ज़रूरतों को पूरा नहीं कर पाता था। उनकी रातें अब सिर्फ सन्नाटे और ठंडी दीवारों के बीच गुजरती थीं। समीरा का जिस्म जवानी की आग से भरा था, लेकिन उसकी गोद सूनी थी, और उसका दिल अधूरी ख्वाहिशों से भारी था।
राहुल, हमेशा अपने लैपटॉप और क्लाइंट्स की फाइलों में डूबा रहता था। उसकी खामोशी और उदासीनता ने समीरा के दिल में एक गहरी खाई बना दी थी। दूसरी तरफ, डॉ. आर्यन मेहरा, 28 साल का, एक आकर्षक स्त्री रोग विशेषज्ञ, लंबा, गोरा, हल्की दाढ़ी और गहरी भूरी आँखों वाला, जिसकी मुस्कान और आत्मविश्वास किसी का भी दिल चुरा सकता था। वह अंधेरी के सूर्या हॉस्पिटल में काम करता था, जहाँ समीरा ने अपॉइंटमेंट लिया था।
समीरा ने शीशे में खुद को देखा, अपने घने काले बालों को एक जूड़े में बाँधा, और धीरे से बुदबुदाई, “क्या मैं गलत हूँ अगर मेरा जिस्म मुझे तड़पाता है? क्या औरत होना ही मेरी सजा है?” उसकी सास रसोई में थीं, दाल बना रही थीं और भजन गुनगुना रही थीं। समीरा ने जल्दी से अपनी सैंडल पहनी, अपनी सास को बताया कि वह बाजार जा रही है, और चुपके से फोन उठाकर सूर्या हॉस्पिटल में अपॉइंटमेंट बुक किया। वह ऑटो रिक्शा में बैठी, और मुंबई की ट्रैफिक और गर्मी से जूझते हुए अंधेरी पहुँची। रास्ते में उसने अपनी साड़ी का पल्लू ठीक किया और अपने पर्स से छोटा सा मेकअप किट निकालकर हल्का काजल लगाया।
अस्पताल – दोपहर 3 बजे
डॉ. आर्यन का केबिन साफ-सुथरा और आधुनिक था। दीवारों पर हल्का नीला रंग, एक छोटा सा गमला, और लैवेंडर की हल्की खुशबू कमरे को सुकून दे रही थी। आर्यन अपने सफेद कोट में बैठा था, उसकी हल्की दाढ़ी और गहरी आँखें उसे और आकर्षक बना रही थीं।
“हैलो, मिस…?” आर्यन ने मुस्कुराते हुए पूछा, उसकी आवाज में एक गर्माहट थी जो समीरा को थोड़ा सुकून दे रही थी।
“मिसेज़ समीरा गुप्ता,” समीरा ने जवाब दिया, उसकी आवाज में हल्का सा कंपन था। उसने अपनी साड़ी का पल्लू ठीक किया, जो नर्वसनेस में बार-बार सरक रहा था। “मुझे… प्रेगनेंसी की कोशिश में दिक्कत हो रही है। मैं चेकअप करवाना चाहती हूँ।”
आर्यन ने उसकी फाइल खोली और कुछ नोट्स बनाए। “शादी को कितना वक्त हुआ?”
“तीन साल,” समीरा ने धीरे से कहा, उसकी नज़रें नीचे थीं।
“तीन साल में एक बार भी पॉज़िटिव नहीं?” आर्यन ने भौंहें उठाते हुए पूछा, उसकी आवाज में पेशेवर लेकिन सहानुभूतिपूर्ण लहजा था।
“नहीं… मेरे पति टेस्ट के लिए तैयार नहीं हैं,” समीरा ने कहा, उसकी आवाज में दर्द और शर्मिंदगी थी।
आर्यन ने उसकी आँखों में देखा। वह समझ गया कि यह सिर्फ शारीरिक समस्या नहीं थी। समीरा का दिल और जिस्म दोनों प्यासे थे। “मैं कुछ टेस्ट्स करवाता हूँ। लेकिन अगर आप चाहें, तो एक प्राइवेट काउंसलिंग सेशन भी ले सकती हैं। वहाँ आप खुलकर बात कर सकती हैं। यह पूरी तरह गोपनीय रहेगा।”
समीरा ने हल्का सा सिर हिलाया, उसकी आँखों में राहत थी। “हाँ… शायद मुझे किसी से बात करने की ज़रूरत है।”
अगले दिन – काउंसलिंग रूम
सुबह समीरा ने अपनी सास के लिए चाय बनाई, घर की साफ-सफाई की, और पड़ोस की शर्मा आंटी से थोड़ी देर गपशप की। फिर वह तैयार होने लगी। उसने हल्की गुलाबी साड़ी चुनी, जो उसके गोरे रंग पर खूब जंच रही थी। उसका ब्लाउज़ टाइट था, जो उसके सुडौल, 36D उभारों को उभार रहा था। वह ऑटो से अस्पताल पहुँची, रास्ते में उसने अपने पर्स से छोटा सा परफ्यूम निकाला और हल्का सा छिड़का।
काउंसलिंग रूम में हल्की रोशनी थी, और जास्मिन की मद्धम खुशबू हवा में थी। समीरा कुर्सी पर बैठी, उसकी उंगलियाँ उसकी साड़ी के पल्लू से खेल रही थीं।
“समीरा जी, आराम से बैठिए। मैं आज सिर्फ एक दोस्त की तरह आपकी बात सुनना चाहता हूँ,” आर्यन ने कहा, उसकी आवाज में गहराई थी।
समीरा ने गहरी साँस ली, “डॉक्टर साहब… मैं थक गई हूँ। मेरा जिस्म हर रात जागता है, लेकिन राहुल को जैसे कुछ फर्क ही नहीं पड़ता। वो… वो मर्द नहीं लगते।” उसकी आवाज में शर्म और गुस्सा था।
आर्यन ने उसकी ओर देखा, “हर औरत को अपने जिस्म का हक मिलना चाहिए, समीरा। तुमने बहुत सहा है।”
समीरा की आँखें भर आईं। वह खिड़की की ओर चली गई, अपनी साड़ी का पल्लू ठीक करते हुए। “अगर मैं अपने जिस्म की प्यास बुझाना चाहूँ… तो क्या ये गलत है?” उसकी आवाज काँप रही थी।
आर्यन धीरे से उसके पास आया। “प्यास बुझाना गलत नहीं, समीरा। बस उसे समझने वाला चाहिए।”
उनके बीच का सन्नाटा तनाव से भर गया। समीरा ने उसकी ओर देखा, और उनकी नज़रें मिलीं। उसकी साँसें तेज हो रही थीं।
अगले दिन – सुबह 11 बजे
समीरा घर पर थी, अपनी सास के साथ रसोई में सब्जी काट रही थी, जब उसका फोन बजा। “मिसेज़ गुप्ता, आपकी टेस्ट रिपोर्ट्स आ गई हैं। क्या आप आज दोपहर को आ सकती हैं? हमें कुछ और डिटेल्स पर चर्चा करनी है,” आर्यन की आवाज पेशेवर थी।
“हाँ, मैं आऊँगी,” समीरा ने जवाब दिया। उसने अपनी सास को बताया कि उसे अस्पताल जाना है कुछ जरूरी टेस्ट्स के लिए। उसने गहरी लाल साड़ी चुनी, जिसका ब्लाउज़ डीप कट था। उसने काजल, हल्की गुलाबी लिपस्टिक, और थोड़ा सा परफ्यूम लगाया। ऑटो में बैठते हुए उसने अपने चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान देखी।
अस्पताल – आर्यन का केबिन
“समीरा जी, आपकी रिपोर्ट्स बिल्कुल नॉर्मल हैं। आप पूरी तरह स्वस्थ हैं,” आर्यन ने कहा, उसकी नज़रें समीरा के चेहरे पर टिकी थीं।
“तो… मतलब?” समीरा ने गहरी साँस लेते हुए पूछा।
“समस्या शायद आपके पति की तरफ से है। हमें उनके टेस्ट्स करवाने की ज़रूरत होगी,” आर्यन ने धीरे से कहा।
कमरे में सन्नाटा छा गया। “मुझे पता था,” समीरा ने धीरे से कहा।
“कभी-कभी सिर्फ दवाएँ काफी नहीं होतीं, समीरा। जिस्म और दिल को भी कुछ चाहिए,” आर्यन ने कहा।
समीरा ने उसकी ओर देखा। “क्या आप… मेरा इलाज कर सकते हैं?” उसकी आवाज में तड़प थी।
आर्यन ने मुस्कुराया, “अगर तुम तैयार हो, तो मैं वो कमी पूरी कर सकता हूँ जो दवाओं से नहीं भरती।”
समीरा ने आँखें बंद कीं। “मुझे वो चाहिए… जो मैंने कभी महसूस नहीं किया।”
आर्यन का प्राइवेट रूम – दोपहर 12:30 बजे
आर्यन का प्राइवेट रूम अस्पताल के पीछे एक अलग विंग में था। कमरे में हल्की रोशनी, लैवेंडर की खुशबू, और एक मुलायम बिस्तर था। समीरा धीमे कदमों से अंदर आई, उसकी साड़ी का पल्लू हल्का सा सरक गया था। आर्यन ने दरवाजा बंद किया।
“डरने की कोई जरूरत नहीं, समीरा। यहाँ सिर्फ हम हैं,” उसने कहा।
“मैं… बस चाहती हूँ कि कोई मुझे पूरा महसूस कराए,” समीरा ने कहा। वह एक संस्कारी गृहिणी थी, लेकिन उसकी इच्छाएँ उसे ले डूब रही थीं।
आर्यन ने उसकी साड़ी का पल्लू पकड़ा और एक तरफ रखा। समीरा के कंधे खुले थे, उसका टाइट ब्लाउज़ उसके 36D उभारों को उभार रहा था। “तुम बहुत खूबसूरत हो,” आर्यन ने कहा, उसकी उंगलियाँ समीरा के कंधे पर फिसलीं।
समीरा की साँसें तेज हो गईं। “ये… गलत तो नहीं?” उसने झिझकते हुए पूछा।
“कुछ भी गलत नहीं, समीरा,” आर्यन ने कहा। उसने समीरा को अपनी बाँहों में खींच लिया। समीरा ने अपने होंठ काटे, “मुझे… और मत तड़पाओ।”
आर्यन ने उसके ब्लाउज़ के हुक खोले। उसका गोरा जिस्म खुल चुका था, और उसकी भारी छातियाँ काली लेस ब्रा में थीं। आर्यन ने ब्रा के स्ट्रैप सरकाए। “आह… कितनी खूबसूरत हो,” उसने कहा।
“मुझे छूओ, आर्यन,” समीरा ने सिसकते हुए कहा।
आर्यन ने उसे बिस्तर पर ले गया। उसने अपनी शर्ट उतारी, उसका मज़बूत सीना समीरा के सामने था। समीरा की उंगलियाँ उसके सीने पर फिरने लगीं। “तुम… इतने ताकतवर हो,” उसने कहा।
आर्यन ने समीरा की साड़ी उतारी। अब वह पेटीकोट और ब्रा में थी। उसने ब्रा खोली, और उसकी छातियाँ आज़ाद हो गईं। “आह…” समीरा ने सिसकी ली जब आर्यन की उंगलियाँ उसके निप्पल्स पर फिसलीं। “उह… और करो,” उसने कहा।
आर्यन ने उसके निप्पल्स को चूसा। “आआह… हाँ… ऐसे ही,” समीरा की सिसकियाँ तेज हो रही थीं। आर्यन ने उसकी पेटीकोट खोली, और अब वह काली लेस पैंटी में थी। “तुम्हारा जिस्म… आग है,” उसने कहा। समीरा ने टाँगें फैलाईं, “आह… अब और मत तड़पाओ… मुझे तुम चाहिए।”
आर्यन ने उसकी पैंटी उतारी, और उसकी गीली चूत उसके सामने थी। उसने अपनी उंगलियाँ वहाँ फेरीं। “आआह… हाँ… और जोर से,” समीरा ने कहा। आर्यन ने अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटा। “उह… हाँ… चूसो इसे,” समीरा ने चिल्लाया।
कई मिनट तक वह उसकी चूत चूसता रहा। “आआह… मैं झड़ने वाली हूँ,” समीरा ने चिल्लाया, और उसका पहला ऑर्गेज्म उसे हिलाकर रख गया। “हाय… मैं मर गई,” उसने हाँफते हुए कहा।
आर्यन ने अपनी पैंट उतारी, और उसका 7 इंच का मोटा लंड समीरा के सामने था। “इतना बड़ा…” समीरा ने शर्माते हुए कहा। उसने उसे छुआ, और उसकी गर्मी ने उसे उत्तेजित कर दिया।
आर्यन ने अपने लंड को उसकी चूत के पास रगड़ा। “तैयार हो?” उसने पूछा।
“हाँ… डाल दो,” समीरा ने कहा। आर्यन ने अपने लंड को उसकी चूत में डाला। “आआह… हाँ… और अंदर,” समीरा ने चिल्लाया। थप-थप की आवाजें और समीरा की सिसकियाँ कमरे में गूँज रही थीं। “उह… चोदो मुझे… और जोर से,” उसने कहा।
“तेरी चूत इतनी टाइट है,” आर्यन ने कहा। “आआह… और जोर से… फाड़ दो,” समीरा चिल्लाई। कई मिनट तक यह चला, और समीरा का दूसरा ऑर्गेज्म और तीव्र था। “हाय… मैं थक गई,” उसने हाँफते हुए कहा।
“ये तुम्हारे लिए खास था,” समीरा ने कहा।
“तुम इसके लायक थीं,” आर्यन ने जवाब दिया।
घर वापसी और गिल्ट
समीरा उस शाम ऑटो से घर लौटी। उसकी सास टीवी पर सीरियल देख रही थीं। राहुल लिविंग रूम में लैपटॉप पर था। “कहाँ थी?” उसने पूछा।
“अस्पताल… चेकअप,” समीरा ने कहा। राहुल ने सिर हिलाया और अपने काम में डूब गया। समीरा अपने कमरे में गई और शीशे के सामने खड़ी हो गई। उसकी आँखों में चमक थी, लेकिन गिल्ट भी। “क्या मैंने गलत किया?” उसने सोचा। लेकिन आर्यन का स्पर्श अभी भी उसके जिस्म में था।
अगली मुलाकात – किंकी और हार्डकोर
अगले दिन सुबह, समीरा अपनी सास के साथ बाजार गई, कुछ सब्जियाँ और किराने का सामान खरीदा। घर लौटकर वह रसोई में थी जब उसका फोन बजा। “मिसेज़ गुप्ता, कुछ और टेस्ट्स की ज़रूरत है। क्या आप आज शाम 5 बजे आ सकती हैं?” आर्यन की आवाज पेशेवर थी।
“हाँ, मैं आऊँगी,” समीरा ने कहा। उसने अपनी सास को बताया कि उसे फिर से अस्पताल जाना है। उसने काली सिल्क साड़ी चुनी, जिसका ब्लाउज़ डीप कट था। उसने गहरा काजल, लाल लिपस्टिक, और परफ्यूम लगाया। ऑटो में बैठते हुए उसका दिल तेजी से धड़क रहा था।
शाम को आर्यन के प्राइवेट रूम में, माहौल अलग था। लाल रोशनी थी, और एक कोने में एक फक मशीन, रस्सियाँ, हथकड़ी, वाइब्रेटर, और चमड़े का चाबुक था। समीरा की आँखें चौड़ी हो गईं। “ये… ये सब क्या है?” उसने शर्माते हुए पूछा।
“आज तुझे कुछ नया दिखाऊँगा, समीरा। डर मत,” आर्यन ने कहा। उसने समीरा की आँखों पर काली साटन की पट्टी बाँधी। “अब तू सिर्फ महसूस करेगी,” उसने कहा।
“ये… मैंने कभी नहीं किया,” समीरा ने काँपती आवाज में कहा।
“मुझे पता है, लेकिन तुझे मज़ा आएगा,” आर्यन ने कहा। उसने समीरा की साड़ी का पल्लू हटाया और ब्लाउज़ के हुक खोले। उसकी भारी छातियाँ काली लेस ब्रा में थीं। आर्यन ने ब्रा उतारी। “आह…” समीरा ने सिसकी ली।
आर्यन ने समीरा के हाथों को रस्सी से बाँधा और उसे बिस्तर पर लिटाया। उसने वाइब्रेटर लिया और समीरा की पैंटी के ऊपर से उसकी चूत पर चलाया। “उह… हाय… ये क्या है?” समीरा की सिसकियाँ तेज हो गईं।
“ये तुझे और गीला करेगा,” आर्यन ने कहा। उसने पैंटी उतारी और वाइब्रेटर को उसकी चूत पर दबाया। “आआह… हाँ… और करो,” समीरा चिल्लाई। आर्यन ने फक मशीन को सेट किया, जिसका 8 इंच का डिल्डो धीरे-धीरे उसकी चूत में गया। “आआह… ये… बहुत ज्यादा है,” समीरा ने चीखा।
मशीन ने रफ्तार बढ़ाई, और थप-थप की आवाजें गूँजने लगीं। “उह… हाँ… चोदो मुझे… और तेज,” समीरा चिल्लाई। आर्यन ने उसकी छातियों को जोर से दबाया और निप्पल्स को चूसा। “तेरी चूत को आज फाड़ दूँगा,” उसने कहा।
“आआह… मैं झड़ने वाली हूँ,” समीरा ने चिल्लाया, और उसका ऑर्गेज्म उसे हिलाकर रख गया। “हाय… मैं मर गई,” उसने हाँफते हुए कहा।
आर्यन ने रस्सियाँ खोलीं और समीरा को उल्टा किया। उसने चमड़े के चाबुक से उसकी गाँड पर हल्का सा प्रहार किया। “आह… ये क्या?” समीरा ने हँसते हुए कहा। “तेरी गाँड बहुत मस्त है,” आर्यन ने कहा और एक और चांटा मारा। उसने अपनी उंगलियाँ उसकी गाँड पर फेरीं और एक छोटा डिल्डो डाला। “उह… हाँ… और करो,” समीरा ने कहा।
आर्यन ने अपने लंड को उसकी चूत में डाला और जोर-जोर से धक्के मारे। “आआह… फाड़ दो… और जोर से,” समीरा चिल्लाई। “तेरी चूत को आज पूरा भर दूँगा,” आर्यन ने कहा। कई मिनट तक यह चला, और समीरा का दूसरा ऑर्गेज्म और तीव्र था। “आआह… मैं फिर झड़ रही हूँ,” उसने चिल्लाया।
“मैं भी झड़ने वाला हूँ,” आर्यन ने कहा। “मेरे अंदर झड़ो,” समीरा ने तड़पते हुए कहा। आर्यन ने अपनी गर्म पिचकारी समीरा की चूत में छोड़ी। दोनों हाँफते हुए लेट गए।
“समीरा, आज रात राहुल के साथ सोना। मैंने तुझे कुछ दवाएँ दी हैं, बोल देना कि डॉक्टर ने कहा है आज करने से बच्चा होने की संभावना ज्यादा है। इससे कोई शक नहीं करेगा,” आर्यन ने कहा।
“ठीक है,” समीरा ने हल्का सा मुस्कुराते हुए कहा।
रात को घर पर
समीरा रात को तैयार हुई। उसने एक साधारण नाइटी पहनी, लेकिन अंदर कुछ नहीं पहना। राहुल बेडरूम में था, अपने फोन पर कुछ देख रहा था। “राहुल, आज डॉक्टर ने कुछ दवाएँ दी हैं। बोले हैं कि आज… आज करने से बच्चा होने की संभावना ज्यादा है,” समीरा ने शर्माते हुए कहा।
राहुल ने उसे देखा, “ठीक है… चलो कोशिश करते हैं।” वह थोड़ा झिझक रहा था, लेकिन समीरा ने उसे बिस्तर पर खींच लिया। उसने राहुल की शर्ट उतारी और उसके सीने पर हाथ फेरा। “आज मेरे लिए करो ना,” उसने धीरे से कहा।
राहुल ने समीरा की नाइटी उतारी। उसकी भारी छातियाँ अब उसके सामने थीं। उसने उन्हें सहलाया, और समीरा ने हल्की सी सिसकी ली। “आह… हाँ…” उसने कहा, लेकिन उसका दिमाग अभी भी आर्यन की बाँहों में था। राहुल ने अपनी पैंट उतारी, और उसका औसत 5 इंच का लंड समीरा के सामने था।
समीरा ने उसे छुआ और हल्का सा सहलाया। “आह… चलो जल्दी करो,” उसने कहा। राहुल ने समीरा को लिटाया और उसकी चूत में अपना लंड डाला। “उह…” समीरा ने सिसकी ली, लेकिन उसका जिस्म पहले से ही आर्यन की चुदाई से थका हुआ था। राहुल ने धीरे-धीरे धक्के मारे, और थप-थप की हल्की आवाजें कमरे में गूँजीं। “आह… हाँ…” समीरा ने सिसकियाँ भरी, लेकिन उसका दिमाग कहीं और था।
राहुल जल्दी ही अपने चरम पर पहुँच गया और समीरा के अंदर झड़ गया। “हाय…” समीरा ने हल्की सी सिसकी ली, लेकिन उसका जिस्म अब भी अधूरा महसूस कर रहा था।
हर हफ्ते की मुलाकात
हर हफ्ते समीरा और आर्यन मिलने लगे। आर्यन हमेशा पेशेवर बहाने बनाता, जैसे “कुछ और टेस्ट्स चाहिए” या “रिपोर्ट्स पर चर्चा करनी है।” समीरा अपनी सास को यही बताती कि वह अस्पताल जा रही है। हर मुलाकात में चुदाई और तीव्र होती गई। कभी आर्यन उसे रस्सियों से बाँधता, कभी वाइब्रेटर का इस्तेमाल करता। समीरा, जो पहले एक संस्कारी गृहिणी थी, अब अपनी ख्वाहिशों को खुलकर जीने लगी थी।
हर मुलाकात के बाद, आर्यन उसे कहता, “रात को राहुल के साथ सोना, ताकि कोई शक न करे।” और समीरा हर बार राहुल को वही बहाना देती, “डॉक्टर ने आज दवा दी है, बोले हैं आज करने से बच्चा होने की संभावना ज्यादा है।” राहुल कोशिश करता, लेकिन उसकी चुदाई हमेशा जल्दी खत्म हो जाती, और समीरा का जिस्म सिर्फ आर्यन की ताकत को तरसता रहता।
क्या समीरा इस रिश्ते को सिर्फ शारीरिक सुख तक रख पाएगी, या यह एक नई शुरुआत की ओर ले जाएगा? क्या आर्यन के लिए समीरा सिर्फ एक औरत है, या उसके दिल में भी कुछ और पनप रहा है?