बहन की तड़पती जवानी को शांत किया उसका भाई

5
(19891)

मेरा नाम विनय है। मैं 28 साल का हूँ, जाट हूँ, और दिल्ली में रहता हूँ, हालाँकि मेरा गाँव रोहतक में है। मैं एक मध्यमवर्गीय परिवार से हूँ, कद 5 फीट 10 इंच, रंग गोरा, और बदन गठीला क्योंकि मैं नियमित जिम जाता हूँ। मेरी चचेरी बहन पूनम, जो इस कहानी की दूसरी किरदार है, 22 साल की है। वो पढ़ाई में तेज है, दिखने में बेहद खूबसूरत, गोरी, लंबे काले बाल, और फिगर ऐसा कि किसी का भी दिल धड़क जाए—34-28-36। उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक है, जो मासूमियत और शरारत का मिश्रण है। ये कहानी मेरी और पूनम की है, जो लॉकडाउन से ठीक पहले की है। ये मेरी सच्ची कहानी है, और मैं इसे पूरी ईमानदारी और विस्तार से बयान करूँगा।

ये बात उस समय की है जब पूनम को दिल्ली में एक प्रतियोगी परीक्षा देनी थी। चाचा को किसी काम से बंगलोर जाना पड़ा था, और चाची ने मुझसे कहा, “विनय, तू ही पूनम को दिल्ली ले जा। उसके पापा नहीं हैं, और तू उसका बड़ा भाई है।” मैंने सोचा, अकेले कैसे मैनेज करूँगा? लेकिन चाची ने समझाया, “क्या बात है, भाई-बहन कहीं भी जा सकते हैं। बस एक रात की तो बात है। 14 तारीख को चले जाओ, 15 को उसका पेपर है।” चाची ने सुझाव दिया कि होटल में कमरा बुक कर लूँ। मैं मान गया।

14 तारीख की सुबह हम दोनों तैयार हुए। पूनम ने टाइट जींस और कुर्ती पहनी थी, जो उसके बदन की हर वक्र को उभार रही थी। मैंने भी कैजुअल शर्ट और जींस पहनी। हम सुबह 10 बजे रोहतक से निकले और करीब ढाई घंटे में दिल्ली पहुँच गए। होटल में एक डबल-बेड रूम बुक किया। कमरा साफ-सुथरा था, दो बेड, एक छोटा सा सोफा, और बाथरूम के साथ। हम दोनों थक गए थे, तो सामान रखकर तुरंत बेड पर लेट गए।

पूनम ने बैग से अपनी नाईटी निकाली और बाथरूम में जाकर बदल लिया। जब वो बाहर आई, तो मैं उसे देखकर हैरान रह गया। उसकी पतली सी नाईटी उसके बदन से चिपकी हुई थी। उसकी गोल-गोल चूचियाँ और भारी गाँड साफ दिख रही थी। नाईटी इतनी पारदर्शी थी कि उसकी ब्रा और पैंटी की आउटलाइन तक नजर आ रही थी। मैंने पहली बार उसे इतने करीब से, इतने ध्यान से देखा। मेरा मन डोलने लगा। लंड में हलचल होने लगी, लेकिन मैंने खुद को समझाया—ये मेरी बहन है, गलत सोचना भी पाप है।

इसे भी पढ़ें:  Moti Gand Wali Garm Aunty Ki Chudai Story

रात का खाना हमने होटल के रेस्तरां में खाया। वापस कमरे में आए तो मैं टीवी ऑन करके सोफे पर बैठ गया। पूनम बेड पर लेट गई और बोली, “भैया, आप भी सो जाओ ना।” मैंने लाइट बंद की, नाइट लैंप जलाया, और अपने बेड पर लेट गया। लेकिन नींद कहाँ आ रही थी? पूनम की वो नाईटी वाली शक्ल मेरे दिमाग में घूम रही थी। मैंने सोचा, जब वो सो जाएगी, तब मूठ मार लूँगा।

आधे घंटे बाद भी पूनम सोई नहीं। वो चादर ओढ़े मोबाइल चला रही थी। चादर के नीचे से हल्की सी रोशनी आ रही थी। अचानक मुझे लगा कि वो हिल रही है। पहले धीरे-धीरे, फिर तेज-तेज। उसकी साँसें भारी होने लगीं। “आआ… उफ़… आह…” ऐसी आवाजें आने लगीं। मुझे लगा शायद उसे कोई तकलीफ हो रही है। मैं घबरा गया। मैंने फट से उसकी चादर हटाई।

जो मैंने देखा, उसने मेरे होश उड़ा दिए। पूनम की ब्रा खुली पड़ी थी, पजामा और पैंटी घुटनों तक सरकी हुई थी। उसकी चूचियाँ खुली थीं, गोरी, गोल, और निप्पल सख्त। उसकी चूत पर हल्के-हल्के बाल थे, और वो अपनी उँगलियों से चूत रगड़ रही थी। उसका मोबाइल पास में पड़ा था, जिसमें एक भाई-बहन की चुदाई वाली कहानी खुली थी। वो शर्म से अपना मुँह हाथों से ढक रही थी, लेकिन उसकी आँखें मुझे देख रही थीं।

मेरा लंड पैंट में तन गया। मैंने देखा कि वो भी मेरे तने हुए लंड को घूर रही थी। मैंने हिम्मत जुटाई और कहा, “पूनम, तू तो बिल्कुल हॉट लग रही है। आज तूने मुझे भी गरम कर दिया।” वो शर्म से और सिकुड़ गई, लेकिन उसकी आँखों में एक अजीब सी तड़प थी। मैंने आगे कहा, “देख, ये मौका बार-बार नहीं मिलेगा। मैं तेरी जवानी की आग समझ सकता हूँ।”

वो धीरे से बोली, “लेकिन भैया, अगर किसी को पता चल गया तो?” मैंने उसे भरोसा दिलाया, “कोई नहीं जानेगा। मैं माँ की कसम खाता हूँ, ये बात मेरे और तेरे बीच रहेगी।” वो थोड़ा हिचकिचाई, फिर बोली, “ठीक है, भैया। लेकिन पक्का, किसी को नहीं बताओगे।”

मैं तुरंत उसके बेड पर बैठ गया। उसकी चूचियों को हाथों से सहलाने लगा। वो इतनी मुलायम थीं कि मेरे हाथ काँपने लगे। मैंने उसकी एक चूची मुँह में ली और चूसने लगा। निप्पल को जीभ से चाटा, तो वो सिहर उठी। “आह… भैया…” उसकी साँसें तेज हो गईं। मैंने उसका चेहरा अपने हाथों में लिया और उसके होंठ चूसने लगा। उसकी जीभ मेरी जीभ से टकरा रही थी। वो भी अब खुलने लगी थी।

इसे भी पढ़ें:  Pados ki Bhabhi ne mujhe playboy bnaya

मैंने उसकी नाईटी पूरी तरह उतार दी। अब वो सिर्फ घुटनों तक सरकी पैंटी में थी। मैंने उसकी पैंटी भी खींचकर उतार दी। उसकी चूत गीली थी, चमक रही थी। मैंने अपनी शर्ट और पैंट उतारी। मेरा लंड 7 इंच का, मोटा, अब पूरी तरह तन चुका था। पूनम ने उसे देखा और शरमाते हुए बोली, “भैया, ये तो बहुत बड़ा है।”

मैंने उसकी टाँगें फैलाईं और अपनी उँगलियाँ उसकी चूत पर फिराईं। वो इतनी गीली थी कि मेरी उँगलियाँ फिसल रही थीं। मैंने उसकी क्लिट को रगड़ा, तो वो तड़प उठी। “आह… उफ़… भैया, ये क्या कर रहे हो…” मैंने उसकी चूत पर मुँह रखा और जीभ से चाटने लगा। उसका स्वाद नमकीन और उत्तेजक था। वो मेरे बाल पकड़कर अपनी चूत पर दबाने लगी। “आआ… ओह… भैया, और चाटो… उफ़…”

मैंने अपनी जीभ उसकी चूत के अंदर तक डाली। वो पागल सी हो रही थी। उसकी चूत से रस टपक रहा था। मैंने उसकी टाँगें अपने कंधों पर रखीं और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ा। वो बोली, “भैया, धीरे करना… मुझे डर लग रहा है।” मैंने कहा, “डर मत, मैं हल्के से करूँगा।”

मैंने लंड का सुपारा उसकी चूत पर सेट किया और धीरे से दबाया। वो थोड़ा सिकुड़ी, लेकिन मैंने धीरे-धीरे लंड अंदर सरकाया। उसकी चूत इतनी टाइट थी कि मेरा लंड फँस सा रहा था। “आह… भैया… दर्द हो रहा है…” वो चीखी। मैं रुक गया और उसकी चूचियों को सहलाने लगा। जब वो थोड़ा शांत हुई, मैंने फिर से धक्का मारा। इस बार मेरा लंड आधा अंदर चला गया।

“उफ़… भैया… रुको…” वो कराह रही थी। मैंने उसकी चूत को उँगलियों से सहलाया और फिर एक जोरदार धक्का मारा। मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया। वो चीख पड़ी, “आआ… मर गई…” लेकिन मैंने धीरे-धीरे धक्के शुरू किए। “फच… फच… फच…” कमरे में चुदाई की आवाज गूँजने लगी। पूनम की चूत अब गीली हो चुकी थी, और उसे भी मजा आने लगा।

वो बोली, “भैया, और जोर से… चोदो मुझे… आह…” मैंने रफ्तार बढ़ा दी। मेरा लंड उसकी चूत में अंदर-बाहर हो रहा था। उसकी चूचियाँ उछल रही थीं। मैंने उन्हें मुँह में लिया और चूसते हुए पेलाई जारी रखी। “आह… ओह… भैया… उफ़… कितना मजा आ रहा है…” वो चिल्ला रही थी। उसकी चूत से सफ़ेद क्रीम निकलने लगी, जो मेरे लंड पर चिपक रही थी।

इसे भी पढ़ें:  Chudakkad Mummy aur unki lund ki bhukh

मैंने उसे घोड़ी बनाया। उसकी गोल गाँड मेरे सामने थी। मैंने उसकी गाँड पर थप्पड़ मारा, तो वो सिहर उठी। “भैया, ये क्या कर रहे हो… आह…” मैंने उसकी गाँड के छेद पर उंगली फिराई और फिर लंड उसकी चूत में डाल दिया। “फच… फच… फच…” मैं जोर-जोर से धक्के मार रहा था। वो चादर को मुँह में दबाकर कराह रही थी। “आआ… ओह… भैया… मेरी चूत फट जाएगी…”

करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था। मैंने पूछा, “पूनम, कहाँ निकालूँ?” वो बोली, “भैया, बाहर निकालो… पेट पर…” मैंने लंड बाहर निकाला और उसके गोरे पेट पर अपना माल छोड़ दिया। वो हाँफ रही थी, उसका चेहरा लाल था। मैंने उसे बाँहों में लिया और चूमने लगा। वो बोली, “भैया, ये गलत तो नहीं था ना?” मैंने कहा, “नहीं, ये हमारी जवानी की जरूरत थी।”

रात में हमने दो बार और चुदाई की। सुबह पेपर के बाद भी एक बार चोदा, फिर घर लौट आए। अब लॉकडाउन खत्म होने वाला है, और पूनम का एक और पेपर बाकी है। मैं उसे फिर दिल्ली ले जाऊँगा, और फिर से उसकी चूत की आग बुझाऊँगा। तब तक के लिए, आप बताइए, क्या आपको मेरी कहानी पसंद आई?

Related Posts

आपको यह कहानी कैसी लगी?

स्टार्स को क्लिक करके आप वोट कर सकते है।

Average rating 5 / 5. Vote count: 19891

अभी तक कोई वोट नहीं मिला, आप पहला वोट करें

We are sorry that this post was not useful for you!

Let us improve this post!

Tell us how we can improve this post?

Leave a Comment