Rishton mein chudai – Brother sister incest marriage sex मेरी बहन का नाम रूपाली है, वो २६ साल की है, एकदम खूबसूरत और बहुत सेक्सी दिखती है। उसकी गांड मोटी-मोटी है और बूब्स बड़े-बड़े हैं, उसका फिगर ३६डी-३०-३८ है। वो आमतौर पर जींस और टॉप पहनती है, जिसमें वो और भी ज्यादा सेक्सी लगती है। उसकी स्किन गोरी है, बाल लंबे और घने हैं, और उसकी आंखें इतनी बड़ी हैं कि किसी को भी घूरकर मोहित कर सकती हैं। मैं शुभम हूं, २८ साल का, औसत दिखने वाला लड़का हूं, लेकिन मेरा लंड बहुत बड़ा है, करीब ८ इंच लंबा और मोटा, और मैं चुदाई में माहिर हूं। मैं ऐसे लड़का हूं जो घंटों तक चोद सकता है बिना थके। मैं नॉनवेज स्टोरी का नियमित पाठक हूं, और ऐसी कहानियां पढ़कर हमेशा गर्म हो जाता हूं।
मेरी मां निशा ४२ साल की हैं, वो भी एकदम गोरी हैं, लेकिन उनकी हाइट कम है, सिर्फ ५ फुट २ इंच, जिससे वो थोड़ी मोटी लगती हैं। लेकिन उनकी गांड बहुत मस्त है, फिगर ३६डी-३२-४० का, और वो बहुत चुड़क्कड़ हैं। पापा का निधन हमारे बचपन में ही हो गया था, तब से मां ने हमें अकेले पाला है। वो घर पर साड़ी पहनती हैं, लेकिन बाहर निकलती हैं तो कुर्ता और लेगिंग्स में, और उनकी गांड इतनी उभरी हुई है कि चलते वक्त हिलती है, जिसे देखकर कोई भी मर्द का लंड खड़ा हो जाए। मां ने कभी दोबारा शादी नहीं की, लेकिन मैं जानता हूं कि वो अकेले में अपनी जरूरतें पूरी करती हैं, शायद उंगलियों से या किसी खिलौने से, क्योंकि रात को कभी-कभी उनके कमरे से सिसकारियां सुनाई देती हैं।
मैं और मेरी बहन रूपाली शुरू से ही काफी फ्रैंक थे। हम एक-दूसरे से हर बात शेयर करते थे, कोई राज नहीं छुपाते थे। स्कूल के दिनों से हम साथ खेलते, साथ पढ़ते, और अब बड़े होकर भी हमारी बॉन्डिंग वैसी ही थी। धीरे-धीरे हमारा रिश्ता बदलने लगा। हम एक-दूसरे से प्यार करने लगे, वो भाई-बहन वाला नहीं, बल्कि प्रेमी-प्रेमिका वाला। हम सेक्स पर भी खुलकर बात करने लगे थे। रूपाली मेरे साथ मेरी गर्लफ्रेंड की तरह रहने लगी थी। हम बाहर घूमते वक्त एक-दूसरे के गले में हाथ डालकर चलते, लोग हमें कपल समझते। एक दिन मैं और रूपाली मेरे रूम में बैठकर ब्लू फिल्म देख रहे थे। हम दोनों मूवी में इतने खोए हुए थे कि पीछे कब मम्मी आकर खड़ी हो गईं, पता ही नहीं चला। मूवी बहुत हॉट थी, उसमें एक लड़का अपनी गर्लफ्रेंड को बहुत प्यार से चोद रहा था, धीरे-धीरे उसकी चूत में लंड डालकर, और लड़की की सिसकारियां निकल रही थीं। अचानक मम्मी ने गुस्से में कहा, “शुभम और रूपाली, ये क्या कर रहे हो?” हम दोनों डर गए, और मम्मी के सामने रोने लगे। मम्मी ने पूछा, “सच बताओ, क्या-क्या कर चुके हो तुम दोनों? तुम भाई-बहन हो, तुम्हें शर्म नहीं आती?” तो मैंने कहा, “मम्मी, हम एक-दूसरे से बहुत प्यार करते हैं, और बस हम आज पहली बार ही…” तो मम्मी बोलीं, “बेटा शुभम, मैं रूपाली के लिए लड़का देख रही हूं… और अब जब तुम दोनों एक-दूसरे से प्यार करते हो तो शादी भी कर लो। हम कहीं दूसरे शहर चले जाएंगे और वहां तुम आजादी से अपनी जिंदगी एंजॉय करना।” मां के मुंह से ऐसी बात सुनकर हम दोनों भाई-बहन शॉक रह गए। मैंने रूपाली की तरफ देखा तो उसने शर्मा के मुंह नीचे कर लिया। तो मां ने अपना फोन निकाला और आर्य समाज में कॉल करके नेक्स्ट डे की डेट बुक करवा ली। फिर मम्मी रूपाली को वहां से ले जाने लगीं तो मैंने कहा, “मम्मी, एक बार रूपाली को हग तो कर लेने दो।” तो मां बोलीं, “वो सब शादी के बाद।”
मैं बहुत एक्साइटेड था क्योंकि कल मेरी प्यारी बहन मेरी पत्नी बनने वाली थी। फिर मम्मी ने मुझे कहा, “अब तो अपने दोस्त के यहां चला जा, मुझे घर में बहुत काम करना है, और कल शाम को मंदिर आ जाना ठीक ८ बजे।”
अगले दिन शाम को मैं मंदिर पहुंच गया। मेरी मां रूपाली को दुल्हन की तरह सजा कर मंदिर ले आईं। जहां पंडित ने हम भाई-बहन के फेरे करवाए। फिर पंडित ने रूपाली की मांग भरने और मंगलसूत्र पहनाने को कहा। तो मैंने वैसा ही किया। फिर इसके बाद रूपाली ने मेरे पैर पड़े और कहा, “आज से आप ही मेरे स्वामी हो, मेरे सब कुछ हो… मैं अपना सारा तन-बदन आपके चरणों में अर्पित करती हूं, मुझे अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करें।” तो मैंने रूपाली को उठाया और उसके माथे पर किस की… और रूपाली के कान में कहा, “मेरी जान, भले ही हम पति-पत्नी हैं, पर घर में तो तुम मुझे भैया ही बोलोगी।” फिर हमने मम्मी के पैर पड़े… और कार में बैठकर घर आ गए। घर आकर मां रूपाली को अंदर कमरे में ले गईं, फिर मेरी मां ने मुझे आवाज दी।
और अंदर गया तो देखकर दंग रह गया। रूपाली बेड पर बैठी थी और मां ने वो रूम बहुत सारे लाल गुब्बारों से सजाया था, और रूम में बहुत रोमांटिक माहौल हो रहा था। मैंने मम्मी को कहा, “थैंक्स,” तो मां बोलीं, “बेटा, आ जा, तेरी पत्नी के साथ जो चाहे कर, अब आज से तेरी बहन रूपाली तेरी पत्नी है, तुम चाहे ब्लू फिल्म देखो या बनाओ, मुझे कोई दिक्कत नहीं है।” फिर मैंने मम्मी को कहा, “मा, अब आप जाओ ना, मुझे मेरी सुहागरात मनाने दोगी या नहीं?” और फिर मां बाहर चली गईं। फिर मैं रूपाली के पास गया और उसका घूंघट उठाने लगा तो रूपाली बोली, “भैया, एक शर्त मानना पड़ेगी।” मैंने कहा, “बोल बहन, क्या चाहिए?” तो वो बोली, “आप मुझे बहुत एंजॉय करोगे और मुझे बहुत प्यार करोगे ना… मेरी हर इच्छा पूरी करोगे ना?” तो मैंने कहा, “हां मेरी प्यारी बहन…” फिर मैंने रूपाली का घूंघट उतार दिया और उसके होंठों पर किस की।
फिर मैं एक-एक करके रूपाली की सब ज्वेलरी उतार दी। रूपाली ने मेरी शेरवानी के बटन खोलकर मेरी शेरवानी खोल दी… और फिर मेरी अंडरवियर भी खोल दी और मुझे नंगा कर दिया। मेरा लंड एकदम कड़क था, खड़ा होकर फड़फड़ा रहा था। मैंने रूपाली को कहा, “बहन, इसे अपने होंठों से छुओ।” तो रूपाली ने मेरे लंड पर किस की… और मेरी बॉल्स को टच किया। मैंने रूपाली के बालों में हाथ फेरा और अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया। रूपाली मेरा लंड अपने मुंह में अंदर-बाहर करके कैंडी की तरह चूस रही थी, उसकी जीभ मेरे लंड के टोपे पर घूम रही थी, और वो धीरे-धीरे चूसते हुए मेरी आंखों में देख रही थी, जैसे पूछ रही हो कि मजा आ रहा है ना भैया? मैं सिसकारियां ले रहा था, “आह… रूपाली… चूसो और जोर से…” वो और तेज चूसने लगी, उसके मुंह से थूक निकलकर मेरे लंड पर लग रहा था, और वो मेरी बॉल्स को सहला रही थी। करीब १० मिनट बाद मैंने रूपाली को खड़ा किया और उसके कपड़े उतार दिए। पहले उसका ब्लाउज खोला, जिसमें उसके बड़े-बड़े बूब्स ब्रा में कैद थे, फिर साड़ी उतारी, पेटीकोट खोला, और आखिर में ब्रा और पैंटी भी उतार दी। अब वो पूरी नंगी थी। मैं उसकी नंगी बॉडी को घूर रहा था, उसके बूब्स इतने बड़े और गोल थे कि हाथ में न आएं, निप्पल्स ब्राउन और कड़े हो चुके थे, उसकी चूत एकदम चिकनी थी, शायद आज ही शेव की थी, और गांड इतनी मोटी कि देखकर मन करे दबा दूं। रूपाली बोली, “भैया, ऐसे मत देखो ना, मुझे शर्म आने लगेगी।” मैंने कहा, “बहन, तू इतनी सेक्सी है कि देखता ही रहूं।” फिर मैंने उसके दोनों बूब्स पर हाथ रखा और निप्पल्स प्रेस करने लगा… वो मुंह से “आह… उफ्फ्फ्फ… आआआआ…” सिसकारियां निकालने लगी। मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और किस लेने लगा, हमारी जीभें एक-दूसरे से लड़ रही थीं, मैं उसके बूब्स दबा रहा था, और वो मेरे लंड को सहला रही थी।
फिर मैंने अपने हाथ रूपाली की गांड पर रखे… और उसकी नर्म मुलायम गांड दबाने लगा, उंगलियां गांड की दरार में डालकर सहलाने लगा। वो और गर्म हो गई, “भैया… आह… दबाओ और जोर से…” फिर मैंने रूपाली को बेड पर लिटा दिया और उसने अपनी टांगें फैला दीं। मैं समझ गया कि वो क्या चाहती है, तो मैंने उसकी चूत चाटना शुरू किया। उसकी चूत एकदम चिकनी थी, और उसमें से अजीब सा मीठा पानी निकल रहा था, मैं जीभ से उसके क्लिट को चाट रहा था, उंगली अंदर डालकर घुमा रहा था, वो कमर उछाल रही थी, “आआआह… भैया… चाटो… उफ्फ्फ… कितना मजा आ रहा है… आआआ… हां वहां… जीभ डालो अंदर…” मैंने जीभ अंदर डाली, उसकी चूत का रस चाटा, उसके बूब्स दबाते हुए। करीब १५ मिनट बाद रूपाली को मैंने उल्टा किया… और उसकी गांड चाटी। जीभ से गांड का छेद चाटा, उंगली डाली, वो सिहर उठी, “आह… भैया… गांड में… उफ्फ्फ… गंदा लग रहा है पर मजा आ रहा है…” मेरा लंड बुरा हाल था, फटने को तैयार, और रूपाली बहुत हॉट हो गई थी। उसने मेरे बालों में हाथ डाला और बोली, “भैया, अब डाल भी दो ना… मत तड़पाओ अपनी बीवी को, अपनी बहन को…” तो मैंने रूपाली की दोनों टांगें फैला दीं… और अपना लंड धीरे-धीरे उसकी चूत में डालना शुरू किया। जैसे ही टोपा अंदर गया, वो जोर से चिल्लाई, “आआआआह… आआआआह…” मैंने धीरे-धीरे लंड अंदर किया… वो पागल हो उठी, “आआआह… आआआआह… नाहीं… उफ्फ्फ… बस… भैया… आह… मम्मी… मार गई…” मैंने लंड बाहर किया तो देखा लंड पर ब्लड लगा था। मैंने कहा, “देख बहन, आज तेरी सील टूट गई… अब थोड़ा सा पेन और होगा, तो रेडी है ना? फिर एंजॉय ही एंजॉय है।” वो कुछ नहीं बोली, बस सिर हिला दिया। मैंने एक बार फिर लंड चूत पर रखा और एक जोर के झटके से पूरा लंड अंदर कर दिया। रूपाली जोर-जोर से रोने लगी, “आआआआह… आआआआह… नाहीं भैया… उफ्फ्फ… बहुत दर्द हो रहा है… छोड़ दो… प्लीज… आआआह… मम्मी… मार गई… मां बचाओ… भैया… रहम करो…” लेकिन मैंने एक न सुनी और तेजी से लंड अंदर-बाहर करने लगा, हर झटके के साथ उसकी चूत की दीवारें मेरे लंड को जकड़ रही थीं, मैं उसके बूब्स दबा रहा था, होंठ चूस रहा था। १० मिनट बाद उसका दर्द कम हो गया और वो अपनी गांड उठाकर मेरा साथ देने लगी, “भैया… आआआह… मजा आ रहा है… चोदो मुझे… आआआह…” मैंने पूछा, “रूपाली, अब कैसा लग रहा है?” तो वो बोली, “भैया… डालो और… आआआह… मजा आ रहा है… चोदो मुझे…” फिर मैंने रूपाली को कहा, “बहन, तेरी चूत की सील तो टूट गई, अब तेरी गांड भी खोल दूं ताकि कल से हमें कोई परेशानी न हो।” तो रूपाली घोड़ी बनकर बैठ गई और बोली, “आआआह… भैया, लो मार लो मेरी गांड, अपनी बहन की सगी बहन की, अपनी पत्नी की गांड भी मार लो…” मैंने अपना लंड उसकी गांड में डालना चाहा लेकिन छेद बहुत छोटा और टाइट था। मैंने थूक लगाया, उंगली से छेद चौड़ा किया, फिर एक जोर के झटके से पूरा लंड अंदर कर दिया। रूपाली की चीख निकल गई, “आआआआह… भैया… नही… नही… निकालो… ना… आआआह… बस…” लेकिन मैंने झटके चालू रखे, धीरे-धीरे अंदर-बाहर, उसकी गांड की गर्मी महसूस करते हुए। ३ मिनट में ही रूपाली की चूत से पानी निकलने लगा, वो कांप रही थी, “आआआ… निकल रहा है… भैया…” मैंने लंड गांड से निकाला… और बोला, “मेरी बहन, अपना मुंह खोलो ना…” और मैंने लंड रूपाली के मुंह में डाल दिया। रूपाली मेरे लंड को चूसने लगी… २ मिनट में मेरा पानी भी निकलना शुरू हो गया… और मैंने सारा कम उसके मुंह में डाल दिया… जिसे रूपाली पी गई। उस रात भर मैं और मेरी बीवी ३ बार डिस्चार्ज हुए…
क्या आपको ये कहानी पसंद आई? नीचे कमेंट करके बताएं कि अगला पार्ट कैसा होना चाहिए!