भाई से सील तुड़वाई और बहुत मज़ा आया

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Bhai ne behen ko pela sex story – Virgin deflower Sex story: दोस्तों मैं आपको आज बताउंगी कि मैंने भाई की सेक्स स्टोरी वाली बुक पढ़ी और उससे मुझे चूत मरवाने का मन करने लगा और मैंने अपने भाई से चूत मरवाई, वो भी पूरी रात भर मजे लेकर।

मेरा नाम गुड़िया है और मैं दिखने में काफी सुंदर हूँ, मेरे बूब्स और चुतड़ बड़े बड़े हैं जिससे हर लड़का मेरा दीवाना हो जाता है, और उस वक्त मेरी उम्र 22 साल की थी जब जवानी पूरी चढ़ी हुई थी और चुदाई का शौक सिर पर सवार हो गया था, तो मैंने तरकीब निकाली और अपने सगे भाई से ही चूत की सील तुड़वाई।

मेरे घर में पांच लोग हैं, मैं अकेली बहन हूँ और दो भाई हैं, बड़ा भाई शादीशुदा है वो अलग घर में रहता है, घर पर सिर्फ हम चार लोग रहते हैं, पापा सरकारी नौकरी करते हैं, मम्मी घर संभालती हैं, और मेरा छोटा भाई अंकुश जिसकी उम्र मुझसे एक साल कम है यानी 21 साल, उसी से मैंने चुदवाया और उसका लंड मेरी चूत में घुसवाया।

अंकुश कॉलेज जाता था और उसके ढेर सारे लड़के दोस्त थे, कुछ मुझे बहन बोलते थे तो कुछ मेरे ऊपर लाइन मारते थे, क्योंकि मेरे बूब्स देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाता था, यहाँ तक कि मोहल्ले की परचून दुकान वाला अंकल भी मुझे घूरता था और सोचता था कि कब मौका मिले और मेरी चूत पेल दे।

उस दिन तक सब नॉर्मल चल रहा था, लेकिन उस दिन भाई के कमरे की सफाई करते हुए मैंने कुछ ऐसा देख लिया कि मेरा चुदाई का भूत सवार हो गया और चूत में खुजली शुरू हो गई।

भाई कॉलेज चला गया था और मम्मी पापा बाजार गए थे, मम्मी ने कहा था कि गुड़िया भाई के कमरे की सफाई कर देना, हम शाम तक लौट आएंगे, तो मैं सफाई करने लगी और बेड का गद्दा उठाते ही मुझे एक बुक मिली जिस पर सेक्सी फोटो लगे थे, मैंने बुक उठाई और अपने कमरे में ले गई, सफाई खत्म करके मैंने पढ़ना शुरू कर दिया।

पहली कहानी थी एक लड़की और उसके पड़ोस के लड़के की, लड़के ने प्रपोज किया, लड़की ने हाँ कहा, दोनों मिले तो पहले किस किया, लड़की भी किस करने लगी, फिर लड़के ने उसके बूब्स मसले, सलवार खोली और चूत में लंड डालकर पेलना शुरू कर दिया, पूरी चुदाई की डिटेल थी।

फिर दूसरी कहानी थी जिसमें लड़का अपनी माँ की चूत मारता है, ये सब पढ़कर मुझे अजीब सा लगा और चूत में गुदगुदी होने लगी, मन किया कि मेरी चूत में भी किसी का मोटा लंड घुस जाए और जोर जोर से थोकना शुरू कर दे।

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घर में अकेली थी तो मैंने लोअर उतारी और चूत में उंगली डालकर हिलाने लगी, कहानी में पढ़ा था कि लड़की ऐसा करके आग शांत करती है, मैंने भी ट्राई किया, उंगली अंदर बाहर करने लगी, सच में मजा आने लगा, काफी देर तक करती रही, शरीर अकड़ गया, चूत से पानी निकला और पूरा शरीर रिलैक्स हो गया।

बुक मैंने भाई के कमरे में वापिस रख दी, उसमें सिर्फ दो कहानियां थीं, लेकिन भाई रोज नई नई सेक्स स्टोरी बुक लाता था, मैं रोज चुपके से ले आती, पढ़ती और चूत में उंगली डालकर पानी निकालती, धीरे धीरे आदत पड़ गई।

एक दिन की बात है, बुक लेकर आई तो उसमें बहन भाई की चुदाई की कहानी थी, पहले लगा गलती से लिखा होगा, लेकिन पूरी पढ़ी तो पता चला सच की स्टोरी है, मैं सोचने लगी दुनिया में तो कुछ भी हो रहा है, मेरा मूड खराब हो गया लेकिन साथ ही मन किया कि मैं भी अपने भाई से चूत मरवा लूँ, बाहर किसी से करवाऊंगी तो पता चल जाएगा और पिटाई होगी।

तो मैंने प्लान बनाया कि कहानी की तरह भाई से ही चुदाई करवाऊंगी, अगले दिन बाथरूम में नहाने गई तो पेंटी गीली लगी, ध्यान से देखा तो भाई ने अपना लंड का माल मेरी पेंटी में निकाल रखा था, मैं खुश हो गई कि भाई भी मेरी चूत मारना चाहता है।

कन्फर्म करने के लिए अगले दिन सूखी पेंटी छोड़ी, थोड़ी देर बाद चेक किया तो फिर वही हाल, पेंटी पर भाई का वीर्य लगा था, अब पक्का हो गया कि भाई मेरी चूत का भूखा है।

एक दिन मम्मी पापा बाजार गए, मैंने भाई को पटाने का प्लान बनाया, भाई से कहा कि मैं नहाने जा रही हूँ, उसके बाद खाना बनाकर दूंगी, मुझे पता था भाई मुझे नंगा देखना चाहता है, तो जानबूझकर बाथरूम का दरवाजा खुला छोड़ दिया और नहाने लगी।

कुछ देर बाद दरवाजे के नीचे से दो पैर दिखे, भाई खड़ा था और मेरे नंगे बदन को देख रहा था, मैं जानबूझकर ब्रा पेंटी में नहाती रही, पानी डालकर बॉडी चमकाई, फिर दोनों उतार दिए और रेजर से चूत के बाल साफ करने लगी, चूत को रगड़ रगड़ कर साफ किया, फिर आग शांत करने उंगली डालकर पानी निकाला, आह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह करती रही।

देखा भाई अभी भी देख रहा था, थोड़ी देर बाद चला गया, बाहर निकलकर देखा तो दरवाजे पर भाई ने अपना माल गिरा रखा था, अब कन्फर्म थी कि भाई मेरी चूत का दीवाना है।

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शाम को मम्मी पापा आ गए, पापा का फोन बजा, मामा ने कहा नानी की तबीयत बहुत खराब है, आखिरी बार मम्मी से मिलना चाहती हैं, तो पापा मम्मी गाँव चले गए, घर पर सिर्फ मैं और भाई रह गए, मैं खाना बनाई और सोची आज भाई से चूत का मुहूर्त करवा लूंगी।

सोने का टाइम हुआ तो भाई से कहा कि तू मेरे साथ सोएगा ना, मुझे अकेले डर लगता है, भाई बोला कोई नहीं सो जाओ, वैसे भी हम दोनों ही हैं, मैंने कपड़े चेंज किए, नाइट सूट पहना लेकिन जानबूझकर ब्रा पेंटी नहीं पहनी ताकि चूत आसानी से दिखे और भाई लंड डालने को मजबूर हो जाए।

मैं बहाना बनाकर जल्दी सो गई, भाई किताब पढ़ रहा था, थोड़ी देर बाद देखा वही सेक्स स्टोरी बुक पढ़ रहा है, पढ़ते पढ़ते उसका मूड बन गया, बुक साइड रखी और लेट गया, मैंने सोचा अब शुरूआत होने वाली है।

मैंने एक पैर ऊपर उठाया, नाइट सूट साइड हो गया, मेरे गोरे चुतड़ दिखने लगे, भाई ने हाथ मेरे ऊपर रखा और बूब्स मसलने लगा, मेरा मूड भी गरम हो रहा था लेकिन कंट्रोल रखा और भाई को आगे बढ़ने दिया।

धीरे धीरे भाई ने नाइट सूट खोल दिया, अब मैं पूरी नंगी थी, भाई बूब्स मसल रहा था, एक हाथ चूत में उंगली करने लगा, अब मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ, मुंह से आह्ह्ह्ह निकलने लगी, भाई समझ गया कि मैं भी चुदना चाहती हूँ, भाई मेरे ऊपर चढ़ गया, चूत पर मुंह टिका दिया और चाटने लगा, जीभ से चूत कुरेद रहा था, मुझे इतना मजा आ रहा था कि आह्ह्ह्ह याह्ह्ह्ह करके चिल्लाने लगी।

कुछ देर बाद मैंने हिम्मत की, भाई के पैंट के ऊपर से लंड सहलाने लगी, भाई बोला रुको बहना मैं निकाल देता हूँ, मैं शर्मा गई लेकिन कुछ नहीं बोली, भाई ने सारे कपड़े उतार दिए, अपना मोटा लंड मुझे पकड़ाया और बोला लोलीपोप चूसना है क्या, मैंने कहानी में पढ़ा था लंड चूसने में मजा आता है, तो मैंने लंड पकड़ा और चूसने लगी, जीभ से टॉप घुमाई, मुंह में लिया और अंदर बाहर करने लगी।

कुछ देर चूसने के बाद भाई ने मुझे सीधा लिटाया, सरसों का तेल चूत पर लगाया, अपने लंड पर भी लगाया, चूत पर लंड सेट किया, बोला बहना थोड़ा दर्द होगा लेकिन मजा ज्यादा आएगा, मैंने सुना था पहली बार दर्द होता है, हाँ में सिर हिलाया।

फिर भाई ने कमर पकड़ी और जोरदार झटका मारा, लंड चूत में घुस गया, मेरी जान निकल गई, भाई रुका नहीं, एक और झटका मारा, लगा जैसे चूत में लोहे की रॉड घुस गई हो, मैं चिल्लाने लगी, जोर जोर से रोने लगी, बोली भाई छोड़ दो प्लीज जान निकल जाएगी।

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सच में दर्द असहनीय था लेकिन भाई नहीं माना, वैसे ही रुका रहा, बूब्स मसलने लगा, किस करने लगा, मुंह चूसा, कुछ देर बाद दर्द कम हुआ, भाई ने फिर झटके मारने शुरू किए, इस बार दर्द नहीं हुआ, मजा आने लगा, आह्ह्ह्ह ऊउफ्फ्फ करके मैं भी साथ देने लगी।

भाई मेरे ऊपर लेटा रहा, गांड उठाकर जोर जोर से चुदाई करने लगा, थप थप की आवाज आने लगी, चूत से चप चप साउंड, पसीना छूट रहा था, मैं भाई की पीठ खरोंचने लगी, भाई बाल खींच रहा था, लगभग 15 मिनट चुदाई के बाद मेरा शरीर अकड़ा, चूत से पानी निकला लेकिन भाई अभी भी थोक रहा था।

फिर भाई की स्पीड बढ़ी, एकदम रुक गया, चूत में गर्म गर्म वीर्य डाल दिया, लगा जैसे लावा भर गया हो, उस रात भाई ने चार बार चूत मरवाई, सुबह पापा का कॉल आया कि नानी गुजर गईं, हम 10 दिन बाद आएंगे, मुझे दुख भी हुआ लेकिन खुशी ज्यादा कि अब 10 दिन भाई के साथ जमकर चुदाई करूंगी।

मैंने चाय बनाई, भाई को उठाया, भाई नंगा सोया था, चाय पीकर मुझे खींचा, बेड पर लिटाया, बूब्स चूसने लगा, मेरी चूत में फिर खुजली हुई, हमने फिर जमकर सेक्स किया, भाई ने घोड़ी बनाया, पीछे से थोका, मैं चिल्लाई आह्ह्ह्ह ओओह्ह्ह।

मम्मी पापा 10 दिन बाद आए, उन दिनों हम बिना कपड़ों के घर में घूमते रहे, घर चारों तरफ बंद था, रोज सुबह दोपहर शाम जब मन किया सेक्स किया, भाई का लंड चूत में डालकर पेलता रहा।

तो ये मेरी और भाई की सेक्स कहानी।

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