Blackmail sex story मेरा नाम रिचा है। मैं जोधपुर में रहती हूँ। उम्र 24 साल, रंग गोरा, और फिगर 36-29-37। मैं एक सेक्स एक्सपर्ट हूँ। मतलब, अगर किसी को किसी के साथ चुदाई करनी हो, तो मैं उनकी मदद करती हूँ। मेरे घर में मेरी माँ (45 साल, गदराया बदन, 38-32-40), मेरा भाई राहुल (22 साल, लंबा, मज़बूत कद-काठी, गेहुंआ रंग), मेरे पापा (50 साल, बिज़नेसमैन), और मैं रहते हैं। पापा ज़्यादातर काम की वजह से बाहर रहते हैं। इस वजह से घर में माँ और राहुल का रिश्ता कुछ ज़्यादा ही करीब हो गया। जी हाँ, माँ ने राहुल के साथ सेक्स किया, और फिर मैंने भी अपने भाई के साथ चुदाई की। उसकी कहानी मैंने पहले लिखी थी, लेकिन आज मैं आपको एक नई कहानी सुनाने जा रही हूँ।
बात पिछले सोमवार की है। घर में सिर्फ़ मैं और राहुल थे। माँ अपनी सहेली के पास गई थीं। मैं उस दिन बहुत रोमांटिक मूड में थी। मन में एक अजीब सी उत्तेजना थी, जैसे कोई आग सुलग रही हो। मैंने सोचा, क्यों न आज राहुल के साथ कुछ मज़ा किया जाए? मैंने एक प्लान बनाया। राहुल अपने कमरे में लैपटॉप पर कुछ काम कर रहा था। मैंने ज़ोर से कहा, “राहुल, मैं नहाने जा रही हूँ!” और बाथरूम की ओर चली गई।
बाथरूम में मैंने जानबूझकर दरवाज़ा लॉक नहीं किया। मैं चाहती थी कि राहुल मुझे देखे। मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और शॉवर चला लिया। पानी मेरे गोरे बदन पर गिर रहा था, और मैं धीरे-धीरे अपनी गाँड और चूचियों पर साबुन मल रही थी। मेरी गाँड 37 इंच की है, गोल और भारी, जो हिलते ही ठुमके लगाती है। मैंने अपनी गाँड को राहुल की तरफ़ किया, ताकि अगर वो झाँके तो उसे सब कुछ साफ़ दिखे। और वैसा ही हुआ। मैंने आँखों के कोने से देखा कि राहुल दरवाज़े की झिरी से मुझे ताक रहा था। वो अपने लंड को पैंट के ऊपर से सहला रहा था। मैंने और ज़ोर-ज़ोर से साबुन मला, अपनी चूचियों को दबाया, और हल्के-हल्के सिसकारियाँ लीं, “आह्ह… उफ्फ…”
नहाने के बाद मैंने जानबूझकर सिर्फ़ तौलिया लपेटा, जो मुश्किल से मेरी जाँघों तक आ रहा था। मेरी चूचियाँ आधी बाहर झाँक रही थीं। मैं सीधे राहुल के कमरे में चली गई। मेरा फोन भी साथ था। कमरे में घुसते ही मैंने देखा कि राहुल अपनी पैंट नीचे करके मुठ मार रहा था। उसका लंड 10 इंच का, मोटा, और बालों से भरा हुआ था। वो आँखें बंद किए मेरे ही नाम की माला जप रहा था, “रिचा… आह्ह… रिचा… मेरी जान…” मैं चुपके से खड़ी हो गई और उसकी वीडियो बनाने लगी। कुछ देर बाद वो झड़ गया। उसका माल बेड पर बिखर गया। वो अभी भी आँखें बंद किए पड़ा था, उसे नहीं पता था कि मैं वहाँ हूँ।
मैं अपने कमरे में गई, कपड़े पहने—एक टाइट टी-शर्ट और शॉर्ट्स, जिसमें मेरी गाँड साफ़ उभर रही थी। फिर मैं वापस राहुल के कमरे में गई और बोली, “राहुल, तू क्या कर रहा था?” वो हड़बड़ा गया, “दी… कुछ नहीं… बस…” मैंने उसका बहाना काटते हुए कहा, “झूठ मत बोल, साले! मैंने तेरी पूरी वीडियो बना ली है। अब मैं मम्मी को सब बता दूँगी!” वो डर के मारे काँपने लगा। “दी, प्लीज़… किसी को मत बताना। जो तू बोलेगी, मैं करूँगा।”
मैंने मौक़ा देखकर कहा, “ठीक है, लेकिन तुझे मुझे कुछ देना होगा।” उसने पूछा, “क्या?” मैंने मुस्कुराते हुए कहा, “अपनी अंडरवेयर।” वो चौंक गया, “क्या?!” मैंने कहा, “हाँ, वो जो तूने पहनी है।” उसने मना किया, “नहीं, दी, ये नहीं…” मैंने तुरंत फोन निकाला और बोली, “ठीक है, मैं मम्मी को वीडियो भेज देती हूँ।” वो घबरा गया। “नहीं, नहीं… ठीक है।” वो दूसरे कमरे में जाने लगा, लेकिन मैंने कहा, “यहीं उतार कर दे।” उसने शरमाते हुए अपनी जींस खोली। उसकी काली अंडरवेयर में उसका लंड साफ़ उभर रहा था। उसने अंडरवेयर उतारी और मुझे दी। उसका लंड बालों में छुपा था, लेकिन फिर भी उसकी मोटाई दिख रही थी। उसने जल्दी से जींस वापस पहन ली।
मैंने उसकी अंडरवेयर को नाक के पास ले जाकर सूँघा। उसमें उसकी मर्दानी ख़ुशबू थी, और उसका माल भी लगा हुआ था। मैं उस ख़ुशबू में खो गई। मुझे होश तब आया जब राहुल ने कहा, “दी, ये क्या कर रही हो?” मैंने उसे घूरा और कहा, “चुप रह! अब तू पूरा नंगा हो जा।” उसने पूछा, “क्यों?” मैंने गुस्से में कहा, “जल्दी कर, वरना मम्मी को वीडियो चली जाएगी।” वो डरते हुए नंगा हो गया। उसका लंड धीरे-धीरे खड़ा होने लगा। मैंने उसे हाथ में लिया। वो 10 इंच का, मोटा, और गर्म था। मेरे एक हाथ में नहीं आ रहा था। मैंने कहा, “साले, तेरा लंड तो काफ़ी बड़ा है!” उसने शरमाते हुए कहा, “दी, ये सब तुम्हारे लिए ही है।” मैंने हँसकर कहा, “अच्छा, मेरे चोदू भाई? इतनी जल्दी दी से जान बन गई?” उसने कहा, “हाँ, मेरी जान। अब इसे चूसो ना।”
मैंने उसका लंड मुँह में लिया और चूसने लगी। “आह्ह… उम्म्म…” उसका लंड मेरे मुँह में मुश्किल से आ रहा था। मैंने उसकी टोपे को जीभ से चाटा। उसका प्री-कम मेरे मुँह में गया, नमकीन और गर्म। राहुल सिसकारियाँ ले रहा था, “आह्ह… दी, और चूसो… उफ्फ… मेरी जान…” मैं लॉलीपॉप की तरह उसका लंड चूस रही थी। “पुच… पुच…” की आवाज़ें कमरे में गूँज रही थीं। मैंने उसके लंड को गले तक लिया, जिससे मुझे साँस लेने में तकलीफ़ हो रही थी, लेकिन मज़ा इतना था कि मैं रुकना नहीं चाहती थी। मैंने 10 मिनट तक उसका लंड चूसा, लेकिन वो झड़ा नहीं। मैंने पूछा, “साले, तेरा निकलने वाला है कि नहीं?” उसने कहा, “अभी नहीं, मेरी जान।”
फिर उसने मुझे खड़ा किया और मेरी गर्दन पर किस करने लगा। “आह्ह… उफ्फ…” उसकी गर्म साँसें मेरी गर्दन पर पड़ रही थीं। मैं पिघल रही थी। उसने मेरी टी-शर्ट उतारी। मेरी काली ब्रा में मेरी 36 इंच की चूचियाँ उभरी हुई थीं। उसने ब्रा के ऊपर से ही मेरी चूचियों को दबाया और निप्पल को काट लिया। मैंने चिल्लाकर कहा, “मादरचोद, धीरे!” उसने हँसकर कहा, “दी, तुम गाली देती हो तो और मज़ा आता है।” फिर उसने मुझे लंबा लिप-किस किया। 10 मिनट तक हम एक-दूसरे के होंठ चूसते रहे। कभी वो मेरे ऊपरी होंठ को चूसता, कभी निचले को, और कभी मेरी जीभ को। मैं भी उसका लंड जींस के ऊपर से सहला रही थी। उसकी जींस में उसका लंड तंबू बना हुआ था।
मैंने उसकी जींस खोली। उसका लंड फिर से मेरे सामने था। उसकी टोपे से प्री-कम टपक रहा था। मैंने जीभ से उसे चाटा। “आह्ह…” राहुल की सिसकारी निकली। मैंने फिर से उसका लंड मुँह में लिया और चूसने लगी। “पुच… पुच… आह्ह… उम्म्म…” वो मेरा सिर दबा रहा था, ताकि उसका पूरा लंड मेरे गले तक जाए। 15 मिनट तक मैंने उसका लंड चूसा, लेकिन वो फिर भी नहीं झड़ा। मैं थक गई थी। मैंने कहा, “राहुल, तू तो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा!” उसने हँसकर कहा, “दी, अभी तो शुरुआत है।”
फिर उसने मेरे बाकी कपड़े उतार दिए। मेरी काली पैंटी गीली हो चुकी थी। उसने मुझे बेड पर धकेल दिया और मेरे पैरों से किस करना शुरू किया। वो धीरे-धीरे मेरी जाँघों तक आया। मेरी चूत पहले से गीली थी। उसने मेरी पैंटी को दाँतों से खींचकर उतार दिया। मेरी चूत पर हल्के-हल्के बाल थे। उसने कहा, “दी, मुझे बालों वाली चूत बहुत पसंद है।” फिर वो मेरी चूत चाटने लगा। “आह्ह… उफ्फ… राहुल… और चाट…” मैं उसका सिर अपनी चूत में दबा रही थी। उसकी जीभ मेरी चूत के दाने को चाट रही थी। 5 मिनट बाद मैं झड़ गई। मेरा पानी उसकी जीभ पर लगा। उसने मेरी तरफ़ बढ़कर कहा, “दी, इसे चूसो।” मैंने उसकी जीभ चूसी। मेरे ही पानी का स्वाद मेरे मुँह में आया।
मैंने कहा, “राहुल, अब मत तड़पाओ। चोद दो मुझे। बना लो अपनी रंडी बहन।” उसने अपना लंड मेरी चूत के पास रगड़ा। मैं तड़प रही थी। “आह्ह… डाल दे ना, साले!” उसने धीरे से अपना लंड मेरी चूत में डाला। “आह्ह… उफ्फ…” उसका मोटा लंड मेरी चूत को चौड़ा कर रहा था। उसने धीरे-धीरे पूरा लंड अंदर डाला। मुझे हल्का दर्द हुआ, लेकिन मज़ा ज़्यादा था। वो धीरे-धीरे धक्के मारने लगा। “पच… पच…” की आवाज़ें कमरे में गूँज रही थीं। मैं सिसकारियाँ ले रही थी, “आह्ह… राहुल… और तेज़… चोद अपनी बहन को…”
उसने धक्कों की रफ़्तार बढ़ा दी। मैंने पूछा, “राहुल, तू इतना अच्छा चोदता है। ऐसा लगता नहीं कि ये तेरा पहला सेक्स है।” उसने कहा, “दी, मैंने पहले भी सेक्स किया है।” मैंने पूछा, “किसके साथ? गर्लफ्रेंड?” उसने कहा, “नहीं, मम्मी के साथ।” मैं चौंक गई। “क्या?! मम्मी के साथ?” उसने कहा, “हाँ, मैं मम्मी को भी चोदता हूँ।” ये सुनकर मेरी उत्तेजना और बढ़ गई। मैंने कहा, “साले, तू तो पूरा रंडीखाना चला रहा है!” उसने हँसकर धक्के और तेज़ कर दिए।
15 मिनट तक वो मुझे चोदता रहा। फिर उसने कहा, “दी, मेरा निकलने वाला है। कहाँ निकालूँ?” मैंने कहा, “मेरे मुँह में। मुझे तेरा माल पीना है।” उसने अपना लंड मेरे मुँह में डाला और झड़ गया। उसका गर्म माल मेरे मुँह में छूटा। मैंने उसे पूरा पी लिया।
फिर हम दोनों कुछ देर शांत रहे। हमने कपड़े पहने। तभी मम्मी घर आ गईं। राहुल ने मुझसे कहा, “दी, आज रात मैं तुम्हें और मम्मी को एक साथ चोदूँगा।” मैं सुनकर उत्तेजित हो गई। मैंने सोचा, ये कहानी तो और मज़ेदार होने वाली है।
अगर आपको मेरी कहानी पसंद आई, तो मुझे ज़रूर बताएँ। क्या आपको लगता है कि मैं और मम्मी को राहुल के साथ चुदाई करनी चाहिए? आपका जवाब मेरे लिए बहुत मायने रखता है। अगर कोई औरत, माँ, या बहन अपने भाई, बेटे, या पिता के साथ सेक्स करना चाहती है, तो मुझे मैसेज करें। मैं आपको बूब्स और लंड बड़ा करने की टेक्नीक भी बताऊँगी।