College Professors Ke Saath Chudai सभी लंड वाले मर्दों के मोटे लंड को चूमते हुए और सभी खूबसूरत जवान चूत वाली रानियों की चूत को चाटते हुए मैं आप सभी का दिल से स्वागत करती हूँ। मेरा नाम सुकन्या सिंह है, और मैं लखनऊ की रहने वाली हूँ। उम्र 19 साल, अभी मैं कॉलेज में साइंस की स्टूडेंट हूँ, और 12वीं में पढ़ रही हूँ। मेरा फिगर 34-28-36 है, गोरा रंग, लंबे काले बाल, और चेहरा ऐसा कि कॉलेज के सारे लड़के मुझे लाइन मारते हैं। मेरी चूचियाँ बड़ी-बड़ी और गोल हैं, जो टाइट टी-शर्ट में और भी उभरकर दिखती हैं। मेरी गांड भी इतनी मस्त है कि लोग घूरते रह जाते हैं। मैं हमेशा मिनी स्कर्ट, टाइट शर्ट या जींस पहनती हूँ, जो मेरे जिस्म को और सेक्सी बनाती है। मैं रोज रात को अपने फोन में ब्लू फिल्म देखती हूँ, और चुदाई की कहानियाँ पढ़कर अपनी चूत में उंगलियाँ डाल लेती हूँ। ये मेरी पहली कहानी है, जो मैं आप तक पहुँचा रही हूँ। ये कहानी मेरी पहली चुदाई की है, जिसमें मेरे दो कॉलेज प्रोफेसर, भारत सर और अभिजीत सर, मेरे साथ वो सब करते हैं, जो मैंने पहले सिर्फ सपनों में सोचा था।
मैं पढ़ाई में थोड़ी कमजोर थी, खासकर मैथ्स और फिजिक्स में। डैडी ने कहा कि मैं शाम को ट्यूशन पढ़ लिया करूँ। मेरे कॉलेज के दो टीचर, भारत सर और अभिजीत सर, मुझे ट्यूशन पढ़ाने लगे। भारत सर, उम्र करीब 32 साल, लंबे, गोरे, और हैंडसम। उनकी बॉडी फिट थी, और आँखों में एक चमक थी, जो लड़कियों को दीवाना बना दे। अभिजीत सर, उम्र 30 साल, थोड़े गठीले, दाढ़ी में हल्का स्टाइल, और बात करने का अंदाज ऐसा कि कोई भी लड़की फिसल जाए। दोनों अभी कुंवारे थे, शादी नहीं हुई थी, और चूत की भूख उनके चेहरे पर साफ दिखती थी। वो दोनों एक ही मकान में रहते थे, भारत सर नीचे और अभिजीत सर ऊपर की मंजिल पर। कॉलेज में सुनने को मिलता था कि दोनों ने कई लड़कियों को पटा लिया था, और उनकी चुदाई भी कर चुके थे। मुझे पहले तो ये सब अफवाह लगती थी, पर बाद में मैं खुद उनकी चुदाई की भूख का शिकार बनी।
मैं रोज शाम को ट्यूशन के लिए उनके घर जाती थी। मिनी स्कर्ट और टाइट शर्ट में मेरा जिस्म ऐसा लगता था जैसे कोई आइटम बम हो। पहले एक घंटा भारत सर के पास मैथ्स पढ़ती, फिर ऊपर अभिजीत सर के पास फिजिक्स के लिए जाती। दोनों मुझे घूर-घूरकर देखते, जैसे मेरे कपड़ों के अंदर तक देखना चाहते हों। उनकी नजरें मेरी चूचियों और गांड पर टिक जाती थीं, और मुझे भी अंदर ही अंदर मजा आने लगा था। धीरे-धीरे उनकी हरकतें बढ़ने लगीं। एक दिन भारत सर ने मुझे वैलेंटाइन कार्ड गिफ्ट किया, जिसमें उन्होंने मुझे प्रपोज कर दिया। मैं हैरान थी, पर कहीं न कहीं मुझे भी वो अच्छे लगते थे। अगले दिन जब मैं ट्यूशन के लिए गयी, तो भारत सर ने मुझसे जवाब माँगा।
“सुकन्या, मेरा प्रपोजल का क्या जवाब है?” भारत सर ने गहरी आवाज में पूछा, उनकी आँखें मेरे चेहरे पर टिकी थीं।
“सर, आप तो बहुत अच्छे हैं, प्यारे भी हैं, पर मैं आपसे इतनी छोटी हूँ… शायद हमें ये सब भूल जाना चाहिए,” मैंने थोड़ा हिचकते हुए कहा।
“प्यार उम्र नहीं देखता, सुकन्या। प्यार तो बस प्यार होता है,” भारत सर ने कहा और मेरे हाथ को अपने होंठों से चूम लिया। उनका स्पर्श गर्म था, और मेरे बदन में एक करंट सा दौड़ गया।
“आई लव यू, सुकन्या,” उन्होंने धीरे से कहा, और मेरी आँखों में देखा।
मैं फिसल गयी। मेरी नजरें उनकी नजरों से टकरा रही थीं। वो सोफे से उठे और मेरे पास आकर बैठ गए। उस दिन मैंने लाल मिनी स्कर्ट और टाइट लाल शर्ट पहनी थी, जिसमें मेरी चूचियाँ और गांड उभरकर दिख रही थीं। भारत सर ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और मेरे होंठों को चूमना शुरू कर दिया। मैं भी उनकी बाहों में समा गयी। उनके होंठ मेरे होंठों पर थे, और उनकी जीभ मेरे मुँह में अंदर तक जा रही थी। मैं गर्म होने लगी थी। मेरी चूत में हल्की सी गुदगुदी शुरू हो गयी थी।
“सुकन्या, मजा लेना चाहती हो?” भारत सर ने मेरे कान में फुसफुसाते हुए पूछा।
“हाँ, सर…” मैंने शरमाते हुए जवाब दिया, मेरी आवाज में वासना साफ झलक रही थी।
“तो बस मुझे करने दे, आज तुझे जन्नत की सैर करवाऊँगा,” उन्होंने कहा और मेरी शर्ट के बटन खोलने लगे। मैंने गुलाबी ब्रा और पेंटी पहनी थी, जो मेरे गोरे बदन पर बहुत जंच रही थी। भारत सर ने अपनी शर्ट और पैंट उतार दी, फिर अंडरवियर भी। उनका लंड देखकर मेरी आँखें फटी रह गयीं। 7 इंच लंबा, गोरा, और मोटा लंड, जिसका सुपाड़ा गुलाबी और चमकदार था। मैंने पहले कभी इतना करीब से लंड नहीं देखा था, सिवाय ब्लू फिल्मों में।
भारत सर ने मेरी मिनी स्कर्ट उतार दी, और मैं अब सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी। वो मुझे अपनी गोद में बिठा लिए और मेरे होंठों को फिर से चूसने लगे। उनकी जीभ मेरे मुँह में नाच रही थी, और मैं भी उनके होंठों को चूस रही थी। उनका लंड मेरी पेंटी के ऊपर से मेरी चूत को टच कर रहा था, और मैं गीली होने लगी थी। मेरी चूत में आग सी लग रही थी।
“सुकन्या, तेरी चूत चाट लूँ?” भारत सर ने मेरी आँखों में देखते हुए पूछा।
“हाँ, सर… चाट लीजिए, और मुझे आज अच्छे से चोद दीजिए,” मैंने बेशर्मी से कहा, मेरी वासना अब मुझ पर हावी हो चुकी थी।
भारत सर ने मुझे सोफे पर लिटा दिया और मेरी पेंटी उतार दी। मेरी चूत पूरी तरह साफ थी, एक भी बाल नहीं। वो मेरी चूत को देखकर पागल से हो गए। उनकी आँखें चमक रही थीं। उन्होंने अपनी जीभ मेरी चूत पर रख दी और चाटना शुरू कर दिया। उनकी जीभ मेरी चूत के दाने को छू रही थी, और मैं सिसकने लगी। “आआआह्ह… ऊऊऊ… सर… ओह्ह माँ…” मैं सिसकारियाँ ले रही थी। उनकी जीभ मेरी चूत की गहराइयों में जा रही थी, और मैं तड़प रही थी। वो मेरी चूत को चूस रहे थे, जैसे कोई भूखा शेर अपनी शिकार को खा रहा हो। मैं पूरी तरह गीली हो चुकी थी, और मेरी चूत से रस टपक रहा था।
“सर… अब चोद दीजिए… प्लीज… मेरी चूत में आग लग रही है,” मैंने तड़पते हुए कहा।
भारत सर ने अपने लंड को हाथ में लिया और उसे हिलाने लगे। उनका लंड और सख्त हो गया। फिर उन्होंने अपने लंड का सुपाड़ा मेरी चूत पर रगड़ना शुरू किया। मैं मछली की तरह तड़प रही थी। “सी सी सी… हा हा हा… सर, डाल दीजिए ना,” मैं चिल्ला रही थी। उन्होंने मेरी चूत पर लंड का सुपाड़ा रगड़ा और फिर धीरे से अंदर डालने की कोशिश की। मेरी चूत कुंवारी थी, और लंड अंदर नहीं जा रहा था। मैं डर भी रही थी और चुदास भी चढ़ रही थी।
“सुकन्या, थोड़ा दर्द होगा, पर मजा आएगा,” भारत सर ने कहा और एक जोरदार धक्का मारा। उनका लंड मेरी चूत की सील तोड़ता हुआ अंदर चला गया। मैं दर्द से चीख पड़ी, “ऊऊऊ… मम्मी… दर्द हो रहा है… आआआह्ह…” मेरी आँखों से आँसू निकल आए। भारत सर रुके नहीं, वो धीरे-धीरे लंड को अंदर-बाहर करने लगे। “थप थप थप…” लंड और चूत के टकराने की आवाज कमरे में गूँज रही थी। मैं दर्द से तड़प रही थी, पर धीरे-धीरे मजा भी आने लगा। भारत सर मेरे ऊपर चढ़े हुए थे, मेरी टाँगें खुली थीं, और वो मेरी चूत को धक्के मार रहे थे।
“आआआह्ह… सर… और जोर से… चोदो मुझे,” मैं चुदक्कड़ बन चुकी थी। भारत सर ने स्पीड बढ़ा दी। उनका लंड मेरी चूत की गहराइयों तक जा रहा था। “थप थप थप… चट चट…” चुदाई की आवाजें और मेरी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। वो मेरे गालों को चूम रहे थे, मेरी चूचियों को दबा रहे थे, और मेरी चूत को पेल रहे थे। मैंने उन्हें कसकर पकड़ लिया था। करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद भारत सर झड़ गए। उनका गर्म माल मेरी चूत में भर गया, और मैं भी झड़ चुकी थी। मैं थककर सोफे पर पड़ी रही, और फिर कपड़े पहनकर घर चली गयी।
अगले दिन जब मैं अभिजीत सर के पास फिजिक्स पढ़ने गयी, तो वो भी मुझे लाइन देने लगे। मैंने उस दिन हरी फुल स्लीव टी-शर्ट और टाइट जींस पहनी थी, जिसमें मेरी चूचियाँ और गांड साफ उभर रही थीं।
“सुकन्या, तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो। I love you,” अभिजीत सर ने कहा, उनकी आवाज में एक अजीब सी तड़प थी।
“सर, मेरा तो पहले से ही भारत सर के साथ अफेयर चल रहा है,” मैंने साफ कह दिया।
“मुझे कोई दिक्कत नहीं। तुम भारत सर के साथ भी रहो, और मेरे साथ भी। मैं दिन-रात सिर्फ तुम्हारे बारे में सोचता हूँ,” अभिजीत सर ने कहा और अपनी पूरी सैलरी, 15 हजार रुपये, मेरे हाथ में रख दिए। पैसे देखकर मेरी आँखें चमक गयीं। मैंने तुरंत सोच लिया कि अभिजीत सर से भी पट जाऊँगी।
“ठीक है, सर। आज से आप भी मेरे बॉयफ्रेंड हैं,” मैंने मुस्कुराते हुए कहा।
अभिजीत सर ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और मेरे होंठों को चूमना शुरू कर दिया। उनकी जीभ मेरे मुँह में थी, और मैं भी उनके होंठ चूस रही थी। वो मेरे बालों में बंधा हेयर बैंड निकाल दिए, और मेरे खुले बालों में उंगलियाँ फिराने लगे। मेरे बॉयकट बाल मुझे और सेक्सी बना रहे थे। करीब 10 मिनट तक हम फ्रेंच किस करते रहे। मैं पूरी तरह गर्म हो चुकी थी।
“चलो, सुकन्या, बेडरूम में चलते हैं,” अभिजीत सर ने कहा।
हम बेडरूम में गए। उन्होंने मेरी टी-शर्ट और जींस उतार दी, और मैं गुलाबी ब्रा और पेंटी में थी। फिर उन्होंने अपनी टी-शर्ट और जींस उतारी, और अंडरवियर भी। उनका लंड देखकर मैं दंग रह गयी। 9 इंच लंबा, मोटा, और गुलाबी सुपाड़े वाला लंड, जो किसी हथियार जैसा लग रहा था।
“देख, सुकन्या, कैसा है मेरा लंड?” अभिजीत सर ने पूछा।
“सर, ये तो भारत सर के लंड से भी बड़ा और मोटा है,” मैंने ताज्जुब से कहा।
“हाँ, बेबी। मेरा 9 इंची लंड तेरी चूत में जाएगा, तो तुझे जन्नत का मजा मिलेगा,” उन्होंने कहा और बेड के किनारे खड़े हो गए। मैं बेड पर बैठ गयी और उनके लंड को हाथ में लिया। मैंने उसे हिलाना शुरू किया। “हूँ हूँ हूँ… सी सी सी…” अभिजीत सर सिसक रहे थे। मैंने उनके लंड के सुपाड़े पर जीभ लगायी और चाटने लगी। फिर धीरे-धीरे लंड को मुँह में लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। “आआआह्ह… सुकन्या… चूसो… और जोर से चूसो,” अभिजीत सर चिल्ला रहे थे। मैंने उनके लंड को गले तक लिया, और मेरी चूचियों पर रगड़ा। वो मेरे सिर को पकड़कर लंड को मेरे मुँह में अंदर-बाहर कर रहे थे।
“सर, पहले मेरी चूत चोदेंगे या गांड?” मैंने चुदक्कड़ बनकर पूछा।
“सुकन्या, मुझे गांड मारना ज्यादा पसंद है,” उन्होंने कहा।
“तो पहले मेरी गांड चोद लीजिए,” मैंने रंडी की तरह कहा।
अभिजीत सर ने मुझे घोड़ी बनने को कहा। मैं बेड पर घोड़ी बन गयी। मेरी गांड का छेद कुंवारा था, और वो उसे देखकर पागल हो गए। उन्होंने अपनी जीभ मेरी गांड के छेद पर लगायी और चाटना शुरू किया। “उ उ उ… आआआह्ह… सर… सी सी सी…” मैं सिसकारियाँ ले रही थी। उनकी जीभ मेरे छेद में अंदर तक जा रही थी, और मैं तड़प रही थी। फिर उन्होंने अपने लंड को हाथ में लिया और मेरी गांड के छेद पर सुपाड़ा रगड़ने लगे। मैं डर रही थी, पर चुदास भी चढ़ रही थी।
“सुकन्या, थोड़ा दर्द होगा, पर मजा आएगा,” अभिजीत सर ने कहा और एक जोरदार धक्का मारा। उनका 9 इंची लंड मेरी गांड में घुस गया। मैं दर्द से चीख पड़ी, “आआआह्ह… मम्मी… ऊऊऊ… दर्द हो रहा है…” मेरी आँखों से आँसू निकल आए। अभिजीत सर रुके नहीं, उन्होंने लंड को धीरे-धीरे अंदर-बाहर करना शुरू किया। “थप थप थप…” चुदाई की आवाज गूँज रही थी। मैं दर्द से तड़प रही थी, पर धीरे-धीरे मजा भी आने लगा। अभिजीत सर ने स्पीड बढ़ा दी और मेरी गांड को जोर-जोर से पेलने लगे। “आआआह्ह… सी सी सी… हा हा हा…” मैं सिसक रही थी। करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद वो मेरी गांड में झड़ गए। उनका गर्म माल मेरी गांड में भर गया।
अब मैं एक दिन भारत सर से चुदवाती हूँ, और दूसरे दिन अभिजीत सर से। मेरी चूत और गांड दोनों की अच्छी खातिरदारी हो रही है। दोस्तों, आपको मेरी कहानी कैसी लगी, जरूर बताइए।