Devar Bhabhi chudai sex story – Hardcore Sex Story: मेरा नाम अनामिका है, मेरा रंग गोरा है और बॉडी एकदम स्लिम है, मैं सूरत की रहने वाली हूँ। एक साल पहले जब मैं तीस साल की थी तभी मेरी शादी रितेश के साथ हो गई थी, उस समय रितेश की उम्र बत्तीस साल की थी, उनका रंग गोरा है और वो एकदम दुबले पतले हैं, वो एक मल्टी नेशनल कंपनी में काम करते हैं। मेरे ससुराल में मेरे पति के अलावा मेरा एक देवर है, उसका नाम रौनक है और उसकी उम्र उस समय तीस साल की थी, अब वो बत्तीस साल का है और बहुत ही हैंडसम है, मेरे पति के पैरेंट्स शादी के दो साल पहले ही एक्सपायर हो चुके थे। रितेश और रौनक एकदम फ्रेंड की तरह रहते हैं और एक दूसरे से कुछ छुपाते नहीं, रौनक मुझसे एकदम खुला मजाक करता है, रितेश भी हम दोनों के मजाक का खूब मजा लेते हैं और बीच बीच में कॉमेंट भी करते रहते हैं।
ये एक महीने पहले की बात है, मेरे पति को कंपनी के काम से चार दिनों के लिए ऑस्ट्रेलिया जाना था, मेरे पति की फ्लाइट रात के दस बजे थी, उन्होंने जाते समय रौनक से कहा कि अनामिका का हर तरह से ख्याल रखना, रौनक बोला ठीक है भैया, मैं पूरा ख्याल रखूँगा। मैंने रितेश के जाने के दूसरे दिन सुबह जब मैं बाथरूम से नहा कर बाहर आई तो मैंने देखा कि रौनक तो अभी तक सो रहा है, मैंने अभी कपड़े भी नहीं पहने थे, केवल एक टॉवल अपने बदन पर लपेट रखा था, मैं उसके रूम में गई, वो एकदम बेखबर सो रहा था। जब मेरी निगाह उसके ऊपर पड़ी तो मैं शर्म से लाल हो गई, मैंने देखा रौनक का लण्ड उसकी चड्ढी से बाहर निकला हुआ था, उसका लण्ड खड़ा था, मैंने आज तक ऐसा लण्ड कभी नहीं देखा था, उसका लण्ड लगभग नौ इंच लंबा और बहुत मोटा था, मेरे पति का लण्ड तो केवल साढ़े चार इंच लंबा था।
मैं सोचने लगी कि दो फ्रेंड्स के लण्ड में कितना फर्क है, रितेश का लण्ड छोटा और रौनक का बहुत मोटा और लंबा, मैं बहुत ही सेक्सी हूँ इसलिए इतना मोटा और लंबा लण्ड देखकर मुझे जोश आने लगा, मैं बहुत देर तक रौनक के लण्ड को देखती रही और सोचने लगी कि काश मुझे इस लण्ड से चुदवाने का मौका मिल जाता। मैं मन ही मन सोचने लगी कि रौनक तो मेरा देवर है और इससे चुदवाने में कोई रिस्क नहीं है, रौनक भी मुझसे बहुत हंसी मजाक करता था और बातों बातों में मेरे बदन पर हाथ भी लगा देता था, मैं भी उसे देवर होने की वजह से बहुत प्यार करती थी, हम दोनों दोस्त की तरह रहते थे। मैं धीरे से जाकर बेड पर रौनक के बगल में बैठ गई और अपने हाथों से उसके लण्ड को पकड़ लिया, थोड़ी देर में उसकी नींद खुल गई, उसने जब मुझे अपना लण्ड पकड़े हुए देखा तो बोला अनामिका भाभी आप, आप ये क्या कर रही हो।
मैंने कहा रौनक तुम्हारा तो बहुत बड़ा है, मैंने इतना लंबा और मोटा लण्ड कभी नहीं देखा है, इसलिए मैं इसे देख रही हूँ, उसने शर्म से अपनी आँखें बंद कर ली, मेरे हाथ लगाने से उसका लण्ड और ज्यादा टाइट हो गया। थोड़ी देर बाद उसने आँखें खोली और बोला अनामिका भाभी अब रहने दो, अपना हाथ हटा लो, मैंने कहा थोड़ा रुक जाओ मुझे ठीक से देख लेने दो, वो कुछ नहीं बोला, मैं अपने हाथों से उसका लण्ड सहलाने लगी, थोड़ी ही देर में रौनक का बदन अकड़ने लगा और वो बोला अनामिका भाभी अब इसे छोड़ दो नहीं तो इसका पानी निकल जाएगा। मैंने कहा मैं इसका जूस अपने मुँह में लेना चाहती हूँ, तुम इसका जूस मेरे मुँह में निकाल दो, वो बहुत ज्यादा जोश में आ गया था, उसने मेरे सर को पकड़ कर अपने लण्ड के पास कर दिया, मैंने उसका लण्ड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी, ग्ग्ग्ग.. ग्ग्ग्ग.. गी.. गी.. गी.. की आवाजें आने लगीं, थोड़ी ही देर में उसके लण्ड ने अपना जूस मेरे मुँह में निकलना शुरू कर दिया, उसके लण्ड का जूस एकदम गरम गरम था, मैंने वो सारा जूस निगल लिया, सारा जूस निगल जाने के बाद मैंने उसके लण्ड को चाट चाट कर साफ कर दिया।
फिर मैंने उससे कहा चलो अब फ्रेश हो जाओ, नौ बज रहे हैं, वो मुझसे आँखें नहीं मिला पा रहा था, वो चुप चाप उठा और बाथरूम चला गया, मैं किचन में चाय बनाने चली गई, मैंने अभी तक केवल टॉवल लपेट रखा था। रौनक फ्रेश होने के बाद आकर सोफे पर बैठ गया, उसने रोज की तरह अभी तक केवल टॉवल ही पहना हुआ था, मैंने उसको चाय लाकर दी, वो अपना सर नीचे किए हुए चुप चाप चाय पीने लगा, मैं भी उसके साथ ही साथ चाय पीने लगी। चाय खत्म होने के बाद मैं उसके बगल में आकर बैठ गई, मैंने अपना हाथ उसके लण्ड पर रख दिया, वो कुछ नहीं बोला, फिर मैंने उसकी टॉवल ऊपर कर दी तो उसका लण्ड बाहर आ गया, मैंने उसके लण्ड को सहलाना शुरू कर दिया, दो मिनट में ही उसका लण्ड फिर से एकदम टाइट हो गया।
वो बोला अनामिका भाभी आप तो मेरा लण्ड देखना चाहती थी और इसे देख भी चुकी हैं, प्लीज अब रहने दो, मैंने कहा मैंने आज तक इतने बड़े लण्ड से कभी नहीं करवाया है, मैं आज इसका मजा भी लेना चाहती हूँ, तुम्हारे भैया का तो बहुत ही छोटा है, उनका तो केवल साढ़े चार इंच का ही है, मुझे उससे चुदवाने में ज्यादा मजा नहीं आता। वो कुछ नहीं बोला, मैंने उसका टॉवल खीच कर फेक दिया, अब वो मेरे सामने एकदम नंगा हो गया, मैंने उसके लण्ड को फिर से सहलाना शुरू कर दिया, थोड़ी देर बाद उसका डर कुछ कम हो गया तो उसने अपना एक हाथ मेरे बूब पर रख दिया, मैंने कहा देवर जी इस तरह नहीं, मेरा टॉवल तो खोल दो। उसने धीरे से मेरा टॉवल खीच कर अलग कर दिया, अब मैं भी उसके सामने एकदम नंगी हो गई, उसने मेरे बूब्स को सहलाना शुरू कर दिया, वो धीरे धीरे मेरे निप्पल्स को उँगलियों से मसल रहा था, मैं और ज्यादा जोश में आने लगी तो मैंने उसका एक हाथ पकड़ कर अपनी चूत पर सटा दिया, उसकी हिम्मत और बढ़ गई, उसने अपनी उंगली मेरी चूत में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा, आह इह्ह.. की हल्की आवाजें मेरे मुँह से निकल रही थीं।
मैं एकदम बेकाबू सी होने लगी और उठ कर उसके पैरों पर बैठ गई, उसने अपना हाथ मेरे पीठ पर फिराना शुरू कर दिया, फिर मैंने उसके लण्ड का टोपा अपनी चूत पर रखा और दबाने लगी, मैंने जैसे ही थोड़ा सा दबाया तो मेरे मुँह से एक सिसकारी सी निकल पड़ी, वो बोला क्या हुआ, मैंने कहा तुम्हारा लण्ड बहुत मोटा है इसलिए दर्द हो रहा है। मैंने अपना होठ उसके होठ पर रख दिया और उसके होंठों को चूमने लगी, मैंने उसके लण्ड को अपनी चूत से सटाए हुए थोड़ी देर तक अपने कमर को हिलाना जारी रखा, थोड़ी ही देर में जब मेरा दर्द कुछ कम हुआ तो मैंने थोड़ा सा और जोर लगाया, इस बार मेरे मुँह से चीख निकल गई, आह्ह्ह..। अब उसके लण्ड का टोपा मेरी चूत में घुस चुका था, मैं उसी तरह थोड़ी देर तक रुकी रही, जब मेरा दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने अपनी कमर को आगे पीछे करना शुरू कर दिया, अब उसके लण्ड का टोपा मेरी चूत में अंदर बाहर होने लगा, मेरी चूत ने उसके लण्ड को थोड़ा सा रास्ता दे दिया था।
अभी दो मिनट भी नहीं हुए थे कि मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया, मेरी चूत एकदम गीली हो गई और उसका लण्ड भी एकदम भीग गया, अब किसी ऑयल या क्रीम की जरूरत नहीं थी, मैंने थोड़ा सा जोर लगाया तो इस बार मैं बहुत जोर से चीख पड़ी, आह ह ह ह ह्हीईई.. उसका लण्ड मेरी चूत में दो इंच तक घुस गया। मैं दर्द के मारे रुक गई और चुप चाप बैठी रही, रौनक भी जोश से एकदम बेकाबू हो रहा था, उसने अचानक मेरी कमर को पकड़ कर मुझे अपनी तरफ खीच लिया, मेरे मुँह से एक जोरदार चीख निकल गई आअह्ह्ह्ह.. तो उसने अपने होठ मेरे होंठों पर रख दिए, उसका लण्ड मेरी चूत में तीन इंच तक घुस गया था। मेरी चूत से थोड़ा खून भी आ गया, रौनक मेरी कमर को पकड़ कर धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा, उसके होठ मेरे होंठों पर थे, दो तीन मिनट बाद मेरा दर्द कुछ कम हो गया, मैं अपना हाथ उसके पीठ पर लपेट कर उसके सीने से एकदम चिपक गई और उसका साथ देना शुरू कर दिया।
मेरे बदन में आग सी लग चुकी थी, मेरी साँसें बहुत तेज होने लगीं और मेरी चूत ने फिर से पानी छोड़ना शुरू कर दिया, रौनक का लण्ड और मेरी चूत दोनों और ज्यादा गीले हो चुके थे, उसका लण्ड अब तीन इंच तक आराम से मेरी चूत में अंदर बाहर होने लगा था, रौनक मेरी कमर को पकड़े हुए मुझे तेजी से आगे पीछे कर रहा था, मैंने जोश में अपनी आँखें बंद कर ली थीं। तभी रौनक ने मुझे फिर से अपनी तरफ जोर से खीच लिया, मैं फिर से चिल्लाई आह्ह.. ह्ह.. तो उसने अपने होंठों से मेरे होंठों को सील कर दिया, मुझे लग रहा था कि किसी ने मेरी चूत में चाकू घुसेड़ दिया हो, उसका लण्ड अब तक मेरी चूत में पाँच इंच घुस चुका था। रौनक भी बहुत जोश में आ गया था, उसने मुझे तेजी से आगे पीछे करना शुरू कर दिया, मैं भी बहुत ज्यादा जोश में आ चुकी थी और उसका साथ दे रही थी, अभी तक रौनक का लण्ड मेरी चूत में केवल पाँच इंच ही घुस पाया था, पाँच मिनट भी नहीं बीते थे कि रौनक के लण्ड ने अपने जूस से मेरी चूत को भरना शुरू कर दिया, उसके साथ ही साथ मेरी चूत ने भी अपना जूस छोड़ना शुरू कर दिया, ओह्ह ओह ! लण्ड का सारा जूस निकल जाने के बाद भी मैं बहुत देर तक उसका लण्ड अपनी चूत में डाले हुए बैठी रही, जब उसका लण्ड एकदम ढीला हो गया तब मैं उसके ऊपर से हट गई।
मैंने देखा कि उसके लण्ड पर मेरी चूत का जूस और थोड़ा खून लगा हुआ था, उसका लण्ड खून और जूस की वजह से एकदम गुलाबी दिख रहा था, मैंने रौनक का हाथ पकड़ा और उसे बाथरूम ले गई, मैंने उसका लण्ड और अपनी चूत को साबुन लगा कर साफ किया, उसके बाद हम दोनों नंगे ही बेडरूम में जाकर बेड पर लेट गए, मैं उससे एक चिपकी हुई थी, वो मेरी पीठ को सहला रहा था और मैं उसके पीठ को सहला रही थी। मैंने कहा रौनक तुम्हारे लण्ड से चुदवा कर मुझे तो बहुत मजा आया, जबकि अभी मैंने तुम्हारा पूरा लण्ड अपनी चूत के अंदर नहीं लिया है, तुमने आज के पहले कभी किसी के साथ किया है, वो बोला नहीं मैंने आज के पहले किसी के साथ नहीं किया है, ये मेरा पहली बार था इसलिए मेरा जूस बहुत जल्दी निकल गया, मुझे भी आज पहली बार ये मजा मिला है। मैंने कहा मैं भी तुमसे चुदवा कर खूब मजा लूँगी और तुम्हें भी खूब मजा दूँगी।
इतने में रौनक का लण्ड फिर से खड़ा होने लगा था, वो बोला अनामिका भाभी मुझे कहते हुए शर्म आ रही है, अगर तुम्हें एतराज ना हो तो मैं फिर से तुमको चोद दूँ, मैंने कहा मैं तो तुम्हारा लण्ड अब अपनी चूत में ले चुकी हूँ, अब कैसी शर्म, तुम जब चाहो मुझे चोद सकते हो, मैं तो अब तुम्हारी हूँ। वो बोला क्या मैं आपकी चूत को चाट सकता हूँ, मैंने कहा तुमको इजाजत लेने की क्या जरूरत है, तुम जैसा चाहो करो, अभी तो मुझे तुम्हारा पूरा लण्ड अपनी चूत के अंदर लेना है। रौनक उठ कर मेरे ऊपर साठ नौ की पोजीशन में लेट गया, उसने मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया, जीभ से लिप्स को चाटते हुए अंदर घुसा रहा था, आह.. ह्ह्ह.. इह्ह.. मैं भी जोश में थी, मैंने उसका लण्ड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी, गों.. गों.. गोग की आवाजें आ रही थीं, थोड़ी देर बाद उसका लण्ड एकदम टाइट हो गया, वो मेरे ऊपर से हट गया और मेरे पैरों के बीच आ कर बैठ गया।
मैंने रौनक से कहा मेरी कमर के नीचे तकिया रख दो, इससे मेरी चूत ऊपर उठ जाएगी और तुमको चोदने में आसानी हो जाएगी, उसने मेरी कमर के नीचे दो तकिये रख दिए, फिर उसने मेरी चूत के लिप्स को फैलाया और अपने लण्ड का टोपा बीच में टिका दिया, उसके लण्ड का टोपा अपनी चूत पर महसूस करते ही मेरे सारे बदन में सुरसुरी सी दौड़ गई, फिर उसने मेरे पैरों को पंजे के पास से पकड़ कर दूर दूर फैला दिया। मैंने रौनक से कहा रौनक तुम मेरे पैरों को मेरे कंधे के पास सटा दो, उसने मेरे पैरों को मेरे कंधे के पास सटा दिया तो मेरी चूत और ऊपर उठ गई, वो बोला अनामिका भाभी तुम्हारी चूत तो एकदम ऊपर उठ गई, मैंने कहा इससे तुमको अपना लण्ड मेरी चूत के अंदर घुसाने में आसानी हो जाएगी, और दूसरे जब तुम अपना पूरा लण्ड मेरी चूत में घुसाने लगोगे तो मुझे बहुत ज्यादा दर्द होगा तब मैं उस दर्द की वजह से अपनी चूत को इधर उधर नहीं कर पाऊँगी और तुम आसानी से अपना पूरा लण्ड मेरी चूत के अंदर डाल कर मुझे चोद सकोगे, रौनक मैं तुमसे एक बात और कहना चाहती हूँ।
रौनक ने कहा वो क्या, मैंने कहा जब तुम अपना पूरा लण्ड मेरी चूत में घुसाने की कोशिश करोगे तो मुझे बहुत दर्द होगा, मैं बहुत चिल्लाऊँगी और तड़पूँगी लेकिन तुम इसकी परवाह मत करना, अपना पूरा लण्ड मेरी चूत में डाल देना और खूब जोर जोर से धक्के लगाना, रुकना मत, रौनक बोला ठीक है अनामिका भाभी। फिर मैंने उसके सिर को पकड़ कर अपनी तरफ खीचा और उसके होंठों पर अपने होठ रख दिए और कहा चलो अब शुरू हो जाओ, उसका लण्ड पाँच इंच तक तो मैं एक बार पहले ही अंदर ले चुकी थी लेकिन मेरी चूत अभी तक टाइट थी, उसने मेरे पैरों को मेरे कंधे पर दबाते हुए जैसे ही एक धक्का मारा तो उसका लण्ड मेरी चूत के अंदर पाँच इंच तक आसानी से चला गया, मुझे बहुत हल्का सा दर्द हुआ, मैंने उसके सिर को पकड़ लिया और उसके होंठों को चूमने लगी, उसने धीरे धीरे धक्के लगाना शुरू कर दिया, थप.. थप.. की हल्की आवाजें आने लगीं, मुझे जोश आने लगा और थोड़ी देर में ही मेरी चूत से पानी निकल गया, अब मेरी चूत एकदम गीली हो गई और रौनक का लण्ड भी भीग गया, अब किसी ऑयल या क्रीम की जरूरत नहीं थी।
मैंने रौनक से कहा अब पूरी ताकत के साथ अपना लण्ड मेरी चूत में घुसाना शुरू कर दो, अब रुकना मत, पूरा लण्ड मेरी चूत में घुसा देना और उसके बाद बिना रुके जोर जोर से धक्के लगाना, वो बोला ठीक है अनामिका भाभी, रौनक ने मेरी टाँगों को जोर से दबाते हुए एक जोरदार धक्का मारा तो मेरी चीख निकल गई आह्ह्ह.. ह्हीईई.. उसका लण्ड मेरी चूत में और ज्यादा गहराई तक घुस गया, मैंने पूछा क्या हुआ कितना घुसा है, वो बोला अभी तो केवल छह इंच ही घुस पाया है, मैंने कहा रौनक मुझे बहुत दर्द हो रहा है, मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रही हूँ, तुम जल्दी से अपना पूरा लण्ड मेरी चूत में डाल दो, मैं तुम्हारा ये लंबा और मोटा लण्ड जल्दी से अपनी चूत के अंदर लेना चाहती हूँ। रौनक ने फिर एक धक्का लगाया तो मैं दर्द के मारे तड़पने लगी और मेरे मुँह से एक जोरदार चीख निकली ऊउइ ..ऊई ..उईईई.., उसका लण्ड मेरी चूत को फाड़ता हुआ और ज्यादा घुस चुका था और मेरी बच्चेदानी के मुँह को चूम रहा था, मैंने चिल्लाते हुए ही रौनक से कहा जल्दी करो रुको मत, डाल दो अपना पूरा लण्ड मेरी चूत में।
उसने फिर से एक जोरदार धक्का मारा, मुझे इस बार दर्द बर्दाश्त नहीं हुआ, मेरे मुँह से फिर एक जोरदार चीख निकली आह ह ह ह ह्हीईई आअह्ह्ह्ह.., मैं किसी मछली की तरह तड़पने लगी और अपने सर के बाल नोचने लगी, मेरी चेहरे पर पसीना आ गया और आँखों में आँसू भर गए, रौनक का लण्ड मेरी चूत में और ज्यादा गहराई तक घुस चुका था, उसका लण्ड मेरी बच्चेदानी को पीछे धकेल रहा था, मैंने समझा कि अब उसका पूरा लण्ड मेरी चूत में घुस चुका है, मैंने रौनक से पूछा क्या हुआ पूरा घुस गया, वो बोला अभी नहीं थोड़ा सा बाकी है, मैंने कहा बाकी का लण्ड भी मेरी चूत में जल्दी से डाल दो, उसने पूरी ताकत के साथ एक फाइनल धक्का मारा। मैं दर्द से तड़पने लगी और सर के बाल नोचने शुरू कर दिए, मेरे आँखों से आँसू निकल रहे थे, वो मेरे चेहरे को देख रहा था और बोला अनामिका भाभी अब मेरा लण्ड तुम्हारी चूत में पूरा घुस चुका है, मैं भी उसके दोनों बॉल्स को अपनी चूत पर महसूस कर रही थी।
मैंने कहा रौनक रुको मत, अब जोर जोर से धक्के लगाओ, अभी मेरी चूत चौड़ी नहीं हुई है, जब तुम जोर जोर से धक्के लगा कर मुझे चोदोगे तब मेरी चूत चौड़ी हो कर तुम्हारे लण्ड के साइज की हो जाएगी और मेरा दर्द खत्म हो जाएगा, फिर मैं भी मजा ले सकूँगी, उसने जोर जोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए, थप थप.. फच फच.. की आवाजें गूँजने लगीं, बीस पच्चीस धक्कों के बाद मेरा दर्द धीरे धीरे कम होने लगा और मेरी चूत ने इस बार ढेर सारा पानी छोड़ दिया, अब मेरी चूत और ज्यादा गीली हो चुकी थी, चूत गीला हो जाने की वजह से रौनक का लण्ड ज्यादा आराम से अंदर बाहर होने लगा। जब रौनक ने बीस पच्चीस धक्के और लगा दिए तो मेरी चूत कुछ चौड़ी हो गई और मेरा दर्द एकदम खत्म हो गया, फिर मुझे भी मजा आने लगा, मैंने चूतड़ उठा उठा कर रौनक का साथ देना शुरू कर दिया, आह.. हaan.. की आवाजें मेरे मुँह से निकल रही थीं, मैंने रौनक से कहा अब तुम मेरे पैरों को छोड़ दो और मेरे बूब्स को मसलते हुए मेरी चुदाई करो।
उसने मेरा कहा मान लिया और मेरे पैरों को छोड़ दिया, फिर उसने मेरे दोनों बूब्स को अपने हाथों से मसलते हुए मेरी चुदाई शुरू कर दी, वो जोर जोर से धक्के लगा रहा था, मैं भी चूतड़ उठा उठा कर उसका साथ दे रही थी, मैंने उसका सिर पकड़ कर अपनी तरफ खीच लिया और अपने होंठों को उसके होंठों पर रख दिया, रौनक जब धक्का लगाता तो मैं अपना चूतड़ ऊपर उठा देती थी जिससे उसका लण्ड मेरी चूत में और ज्यादा गहराई तक घुस जाता था, मेरी चूत के पानी से उसका लण्ड एकदम गीला हो गया था, इस वजह से रूम में फच फच की आवाज हो रही थी, वो मुझे बहुत तेजी के साथ चोद रहा था, दस मिनट बाद उसने मेरी कमर को बहुत जोर से जकड़ लिया और बोला अनामिका भाभी मेरा जूस निकलने वाला है, मैंने कहा तुम अपने लण्ड का जूस मेरी चूत में ही निकाल दो।
तभी रौनक की स्पीड और तेज हो गई और दो मिनट में ही उसके लण्ड ने मेरी चूत को भरना शुरू कर दिया, उसके साथ ही साथ मेरी चूत से भी पानी निकलने लगा, ऊऊ.. ऊउइ ..ऊई.., रौनक मुझसे एकदम चिपक गया था, उसकी साँसें बहुत तेज चल रही थीं, थोड़ी देर बाद उसने अपना लण्ड मेरी चूत से बाहर निकाला और मेरी चूत को देखने लगा, वो बोला अनामिका भाभी तुम्हारी चूत तो एकदम सुरंग की तरह हो गई है, मैं एक बात कहना चाहता हूँ तुम बुरा तो नहीं मनोगी, मैंने कहा मैं क्यों बुरा मानूँगी, अब तो तुम मेरे देवर से मेरे प्राइवेट पति हो गए हो। वो बोला जिस तरह तुम मुझे ग्लास में मिल्क पीने के लिए देती हो, मैं तुम्हारी चूत में मिल्क भर कर पीना चाहता हूँ क्योंकि तुम्हारी चूत भी इस समय एक ग्लास की तरह दिख रही है, मैंने कहा ठीक है जा कर मिल्क ले आ और इसमें भर कर पी ले, उसने कहा तुम अपना पैर इसी तरह उठा कर रखो जिससे ये सुरंग बंद ना हो जाए, मैंने भी अपना पैर उसी तरह उठा कर रखा, रौनक किचन से मिल्क ले कर आया, उसने मेरी चूत में मिल्क भरना शुरू कर दिया, पूरा एक ग्लास मिल्क मेरी चूत में समा गया।
रौनक बोला अनामिका भाभी तुम जानती हो इस मिल्क में कई तरह का टॉनिक मिला हुआ है, मैंने पूछा कौन सा टॉनिक, वो बोला इसमें मिल्क का टॉनिक तो है ही लेकिन इस मिल्क में तुम्हारी चूत और मेरे लण्ड का भी टॉनिक मिला हुआ है, मैं हँसने लगी, रौनक ने मेरी चूत पर मुँह लगा कर उस मिल्क को पीना शुरू कर दिया, च्लप च्लप.. की आवाजें आ रही थीं, जब उसने सारा मिल्क पी लिया तो मैंने कहा मुझे उस टॉनिक वाला मिल्क नहीं पिलाओगे, वो बोला क्यों नहीं, उसने फिर से मेरी चूत में मिल्क भर दिया और उसके बाद वापस उसे ग्लास में गिरा लिया, फिर मुझे देते हुए बोला लो तुम भी ये मिल्क पी लो, मैंने भी वो मिल्क पी लिया, मैंने कहा तुमने मेरी चूत इतनी चौड़ी कर दी कि इसमें एक ग्लास मिल्क आने लगा, इस पर वो हँसने लगा और बोला पहले तो आपने ही की थी।
मैं बाथरूम जाना चाहती थी लेकिन खड़ी नहीं हो पा रही थी, रौनक मुझे गोद में उठा कर बाथरूम ले गया, बाथरूम के मिरर में मैंने अपनी चूत को देखा तो मेरी चूत एकदम सुरंग की तरह दिख रही थी, मैं अपनी चूत की इस हालत पर हँसने लगी, उसके बाद हम दोनों बाथरूम से वापस आ गए। बाथरूम से वापस आने के बाद मैंने कहा मैं खाना बनाने जाती हूँ तब तक आराम कर लो, वो बोला ठीक है, मैं कपड़े पहनने लगी तो रौनक बोला अब काहे की शर्म, तुम इसी तरह एकदम नंगी ही खाना बना लो, मैं ठीक से चल नहीं पा रही थी, धीरे धीरे मैं नंगी ही किचन में खाना बनाने चली गई, रौनक ने कपड़े नहीं पहने थे, वो उसी तरह बैठ कर टीवी देखने लगा। जब मैं खाना बना कर बाहर आई तो मैंने रौनक से पूछा क्या तुम फिर से तैयार हो, वो बोला मैं तो कब से तैयार हूँ और आपका इंतजार कर रहा हूँ, मैंने उसका लण्ड मुँह में ले लिया और चूसने लगी, ग्ग्ग्ग.. गी.. गी.. की आवाजें आने लगीं, उसका लण्ड दो मिनट में ही एकदम टाइट हो कर लोहे जैसा हो गया।
मैं उससे लेट जाने को कहा, वो लेट गया और मैं उसके ऊपर चढ़ गई, मैंने उसके लण्ड का टोपा अपनी चूत के बीच रखा और थोड़ा सा दबाया तो उसका लण्ड मेरी चूत में लगभग दो इंच तक घुस गया, मुझे थोड़ा दर्द हुआ और मेरे मुँह से एक हल्की सी चीख निकल पड़ी आह इह्ह.., रौनक बोला क्या हुआ अनामिका भाभी आप तो पूरा लण्ड अंदर ले चुकी हैं तो फिर क्यों चीख रही हैं, मैंने कहा तू नहीं समझेगा, एक बार चुदवाने से चूत थोड़े ही चौड़ी हो जाती है, जब मैं तुझसे आठ दस बार चुदवा लूँगी तब जा कर तेरा लण्ड मेरी चूत में बिना दर्द के जाएगा, मैंने थोड़ा और दबाया तो उसका लण्ड मेरी चूत में चार इंच तक घुस गया, मेरी चूत में फिर से दर्द होने लगा और मैं कराह उठी ओह्ह.., मैंने बिना और जोर लगाए धीरे धीरे धक्का लगाना शुरू कर दिया।
थोड़ी देर में मेरा दर्द कुछ कम हुआ तो मैंने थोड़ा और जोर लगाया, इस बार उसका लण्ड मेरी चूत में छह इंच तक घुस गया और मैं दर्द के मारे तड़पने लगी, मेरे चेहरे पर पसीना आ गया, मैंने फिर से धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए, कुछ देर बाद मेरा दर्द जब कम हुआ तो मैंने इस बार एक गहरी साँस लेकर अपने पूरे बदन का वजन डालते हुए उसके लण्ड पर बैठ गई, इस बार मैं दर्द से तड़प उठी, मेरी आँखों में आँसू आ गए, मेरा चेहरा पसीने से भीग गया, उसका पूरा लण्ड मेरी चूत में समा चुका था, मैं थोड़ी देर तक उसका पूरा लण्ड अपनी चूत में डाले हुए उसके लण्ड पर बैठी रही, दो तीन मिनट बाद मैंने धीरे धीरे धक्का मारना शुरू किया, दर्द अभी भी हो रहा था लेकिन मजा भी आने लगा था।
मैंने अपनी स्पीड थोड़ा तेज की तो मेरा दर्द बढ़ गया लेकिन जो मजा मुझे मिल रहा था उसके आगे ये दर्द कुछ भी नहीं था, पच्चीस तीस धक्कों के बाद मेरा दर्द जाता रहा और मुझे खूब मजा आने लगा, मैंने अपनी स्पीड तेज कर दी, मैं उसके लण्ड पर हवा में उछल रही थी, मैं जब नीचे आती तो पूरे बदन के वजन के साथ उसके लण्ड पर बैठ जाती थी, फच फच.. थप थप.. की आवाजें भर रही थीं, रौनक को भी खूब मजा आ रहा था, जब मैं नीचे आती तब वो भी अपने चूतड़ को उठा देता था, पाँच मिनट बाद ही मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया, ऊऊ.. ऊउइ.., पूरा पानी निकल जाने के बाद मैं उसके ऊपर से हट गई, मैं बुरी तरह से हाँफ रही थी, मेरा चेहरा पसीने से लथ पथ था।
मैंने रौनक से कहा अब मैं डॉगी स्टाइल में हो जाती हूँ, तुम मेरे पीछे से आकर मेरी चुदाई करो, मैं जमीन पर डॉगी स्टाइल में हो गई, रौनक मेरे पीछे आ गया, उसने मेरी चूत के लिप्स को फैला कर अपने लण्ड का टोपा बीच में रख दिया तो मैं बोली एक झटके से पूरा लण्ड डाल दो मेरी चूत के अंदर, उसने मेरी कमर को जोर से पकड़ा और पूरी ताकत के साथ एक झटका मारा और उसका नौ इंच का लण्ड सनसनाता हुआ मेरी चूत की गहराइयों में समा गया, डॉगी स्टाइल में होने की वजह से मेरी चूत एकदम दबी हुई थी इसलिए मुझे उसका मोटा और लंबा लण्ड अपनी चूत के अंदर लेने में फिर से तकलीफ हुई, मेरे मुँह से एक जोरदार चीख निकल पड़ी आह ह ह ह ह्हीईई.., मैंने रौनक से कहा रुको मत जोर जोर से धक्के लगाओ, खूब जोर जोर से चोदो मुझे।
रौनक ने मेरी कमर को पकड़ कर जोर जोर से धक्के मारने शुरू कर दिए, वो मुझे आँधी की तरह चोदने लगा, थप थप थप.. फच फच.. की तेज आवाजें गूँज रही थीं, उसका हर धक्का मुझ पर भारी पड़ रहा था, उसका लण्ड मेरे बच्चेदानी को जोर जोर से ठोकर मार रहा था जैसे कोई उसकी पिटाई कर रहा हो, तीन चार मिनट में ही मेरी चूत रोने लगी और उसके आँसू निकल पड़े, रौनक का लण्ड एकदम भीग गया और मेरी चूत में आराम से अंदर बाहर होने लगा, रौनक ने अपनी स्पीड और तेज कर दी, मैं हिचकोले खा रही थी, मेरी चूत से फच फच की आवाज निकाल रही थी, दस मिनट भी नहीं बीते थे कि मेरी चूत ने फिर से पानी छोड़ दिया, आह.. हaan.. ओह !
रौनक ने मेरी कमर को छोड़ कर मेरे बूब्स को पकड़ लिया, फिर उसने मेरे बूब्स को मसलते हुए जोर जोर से धक्के लगा कर मुझे चोदने लगा, उसका हर धक्का इतना तेज था कि मैं हर धक्के के साथ आगे सरक जाती थी, वो मुझे इसी तरह चोदता रहा और मैं आगे सरकती रही, थोड़ी देर बाद मेरा सिर ड्रॉइंग रूम की दीवार से टकरा गया तो रौनक बोला अनामिका भाभी अब कहाँ भाग कर जाओगी, और उसने मुझे एकदम आँधी की तरह चोदना शुरू कर दिया, अब मैं आगे नहीं सरक पा रही थी इसलिए उसका हर धक्का बहुत जोर जोर का लग रहा था, पंद्रह बीस मिनट बाद मेरी चूत ने फिर से पानी छोड़ दिया और इस बार मेरे साथ ही साथ रौनक के लण्ड ने भी पानी छोड़ दिया और मेरी चूत भर गई, पूरा पानी मेरी चूत में निकाल देने के बाद रौनक ने अपना लण्ड बाहर निकाला और जीभ से मेरी चूत को चाटने लगा, च्लप च्लप.. की आवाजें आ रही थीं, उसने मेरी चूत को चाट चाट कर साफ कर दिया।
और उसके बाद उसने अपना लण्ड मेरे मुँह के पास कर दिया, मैंने भी उसका लण्ड चाट चाट कर एकदम साफ कर दिया, उसके बाद हम दोनों एक दूसरे से लिपट कर वहीं जमीन पर लेट गए, इसी तरह तीन दिनों तक रौनक मुझे तरह तरह के स्टाइल में चोदता रहा, मुझे उससे चुदवाने में बहुत मजा आया, अब मेरी चूत एकदम चौड़ी हो चुकी, रौनक अब चाहे जिस स्टाइल में मेरी चूत में अपना लण्ड घुसाता मुझे थोड़ा भी दर्द नहीं होता था और उसका लण्ड मेरी चूत में एकदम गहराई तक आराम से घुस जाता था।