Desi bro sis sex – मेरा नाम सूरज है। मैं पंजाब के एक अमीर परिवार से हूँ, उम्र 20 साल, कद 6 फीट, और जिम की मेहनत से मेरी बॉडी टाइट और मस्कुलर है। मेरा चेहरा गोरा, आँखें भूरी, और बाल काले-घने हैं, जो मुझे कॉलेज में लड़कियों का फेवरेट बनाते हैं। मेरा लंड 10 इंच लंबा और 4 इंच मोटा है, इसका सुपारा गुलाबी और चिकना, जो पूरी तरह खड़ा होने पर लोहे की तरह सख्त हो जाता है। मेरी दीदी, पूजा, 26 साल की हैं। उनका तलाक डेढ़ साल पहले हो चुका है, क्योंकि उनका पति, राकेश, उन्हें बिस्तर पर संतुष्ट नहीं कर पाता था। पूजा दीदी का फिगर 36-28-34 है। उनकी त्वचा दूध-सी गोरी, आँखें काली और गहरी, और बाल लंबे, रेशमी, जो उनकी कमर तक लहराते हैं। उनके बूब्स गोल, टाइट, और रसीले हैं, जिनके निप्पल्स गुलाबी और हमेशा सख्त रहते हैं। उनकी गांड भारी और उभरी हुई है, जो चलते वक्त मटकती है। उनकी चूत साफ, गुलाबी, और इतनी टाइट कि उंगली डालने में भी मेहनत लगे।
ये कहानी उस दिन की है जब मैंने बारहवीं की पढ़ाई पूरी की थी और घर पर फ्री था। मम्मी-पापा दिल्ली में रिश्तेदार की शादी में गए थे, और घर पर सिर्फ मैं और पूजा दीदी थे। उस दिन दोपहर थी, और गर्मी की वजह से मैं अपने कमरे में सिर्फ नीली टी-शर्ट और काली जीन्स में था। मैं अपने लैपटॉप पर एक देसी ब्लू फिल्म देख रहा था। स्क्रीन पर एक लड़का अपनी बहन को बिस्तर पर पटककर चोद रहा था। लड़की की सिसकियाँ और चुदाई की आवाज़ें मुझे गर्म कर रही थीं। मेरा लंड जीन्स में तंबू बनाकर खड़ा हो गया था। मैंने जीन्स का बटन खोला, अंडरवियर नीचे सरकाया, और अपने लंड को बाहर निकाला। उसका गुलाबी सुपारा चमक रहा था। मैंने उसे हाथ में लिया और ज़ोर-ज़ोर से हिलाने लगा। “आहह… उफ्फ… क्या चुदाई है!” मैं जोश में बड़बड़ा रहा था।
मुझे बिल्कुल नहीं पता था कि पूजा दीदी कब मेरे कमरे के दरवाजे पर आकर खड़ी हो गईं। वो एक टाइट लाल टॉप और काली लेगिंग्स में थीं। टॉप उनकी छाती पर चिपका हुआ था, जिससे उनके बूब्स की शेप साफ दिख रही थी। लेगिंग्स उनकी जाँघों और गांड को इस तरह जकड़े थी कि उनकी हर कर्व नज़र आ रही थी। उन्होंने मेरे लंड को देखा, और उनकी आँखें चमक उठीं। उनकी साँसें तेज़ हो गईं, और वो चुपके से मुझे ताड़ रही थीं। जब मैंने मुठ मारकर पानी निकाला, तो मेरा लंड थोड़ा ढीला हुआ। मैंने लैपटॉप बंद किया, जीन्स ऊपर खींची, और बाहर निकला। दरवाजे के पास दीदी को देखकर मेरे होश उड़ गए।
“दीदी, तुम यहाँ?” मेरी आवाज़ काँप रही थी। मैं डर गया था कि कहीं वो मम्मी-पापा को बता न दें।
वो शरारती अंदाज़ में मुस्कुराईं और बोलीं, “हाँ, सूरज। जब तू अपने उस मोटे लंड को हिला रहा था, तब से मैं यहीं हूँ।”
मेरा चेहरा शर्म से लाल हो गया। “दीदी, प्लीज़, ये बात किसी को मत बताना। मैं मर जाऊँगा।”
वो हँसीं और मेरे करीब आईं। उनकी साँसों की गर्मी मेरे चेहरे पर महसूस हो रही थी। “फिक्र मत कर, मैं किसी को कुछ नहीं बताऊँगी। लेकिन मेरी एक शर्त है।”
“क… क्या शर्त?” मैंने हकलाते हुए पूछा, मेरा दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़क रहा था।
वो मेरी आँखों में देखकर बोलीं, “तू मुझे वैसे ही चोदेगा, जैसे उस फिल्म में लड़का अपनी बहन को चोद रहा था। तेरा लंड देखकर मेरी चूत में आग लग गई है, सूरज। मैं सालों से तड़प रही हूँ। राकेश का लंड तो छोटा-सा था, उसने मुझे कभी मज़ा नहीं दिया।”
मैं सन्न रह गया। मेरी दीदी, जो मुझे हमेशा प्यार से डाँटती थी, ऐसी बात कर रही थी। ये गलत था, लेकिन उनकी बातों और उनकी सेक्सी बॉडी ने मेरे दिमाग को पागल कर दिया। “दीदी, ये… ये ठीक नहीं है,” मैंने धीरे से कहा।
“क्या ठीक नहीं है? मैं तेरी बहन हूँ, लेकिन औरत भी हूँ। मेरी चूत सालों से प्यासी है। तू मर्द है, और तेरा लंड मेरी ज़रूरत पूरी कर सकता है।” उनकी आवाज़ में हवस थी, लेकिन एक अजीब-सी मायूसी भी।
मैं कुछ पल चुप रहा। मेरा दिमाग और दिल आपस में लड़ रहे थे। लेकिन दीदी की गहरी आँखें और उनकी टाइट बॉडी ने मेरे दिमाग को जीत लिया। “ठीक है, दीदी। जैसी तुम्हारी मर्ज़ी,” मैंने धीरे से कहा।
वो एकदम मेरे होंठों पर टूट पड़ीं। उनकी जीभ मेरे मुँह में थी, और उनका स्वाद मीठा और नशीला था। मैं भी जोश में आ गया और उन्हें चूमने लगा। उनकी साँसें तेज़ थीं, और वो मेरे बालों में उंगलियाँ फिरा रही थीं। मैंने अपना हाथ उनके लाल टॉप के ऊपर से उनके बूब्स पर रखा। वो इतने नरम और टाइट थे कि मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। मैंने हल्के से उनके बूब्स दबाए, और उनकी मुँह से सिसकी निकली, “आआहह… सूरज… उफ्फ…”
मैंने उनका टॉप ऊपर उठाया और उनकी काली ब्रा देखी। ब्रा उनके बूब्स को मुश्किल से संभाल रही थी। मैंने उनके निप्पल्स को ब्रा के ऊपर से चूसा, और वो गीली हो गई। “आआहह… सूरज… और चूस… मेरे निप्पल्स को काट ले!” वो सिसक रही थीं। मैंने उनकी ब्रा का हुक खोला, और उनके गोल, रसीले बूब्स मेरे सामने थे। उनके निप्पल्स गुलाबी और सख्त थे। मैंने एक निप्पल को मुँह में लिया और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा। “आआआहह… उफ्फ… सूरज… तू तो जान लेगा!” वो मेरे बाल पकड़कर सिसक रही थीं।
मैंने उनकी काली लेगिंग्स नीचे सरकाई। उनकी काली लेस वाली पैंटी उनकी चूत पर चिपकी हुई थी, और गीलापन साफ दिख रहा था। मैंने पैंटी को धीरे-धीरे नीचे खींचा, और उनकी गुलाबी चूत मेरे सामने थी। उनकी क्लिट उभरी हुई थी, और चूत गीली होकर चमक रही थी। मैंने उनकी चूत पर उंगली फेरी, और वो तड़प उठीं। “आआहह… सूरज… मेरी चूत में आग लग रही है… कुछ कर!”
मैंने उनकी चूत में एक उंगली डाली। वो इतनी टाइट थी कि मेरी उंगली को जकड़ लिया। मैंने उंगली अंदर-बाहर की, और उनकी सिसकियाँ तेज़ हो गईं। “आआआहह… सूरज… और कर… मेरी चूत को रगड़ दे!” मैंने उनकी क्लिट को अंगूठे से सहलाया, और वो पागल हो गईं। “उफ्फ… सूरज… तू तो मुझे मार डालेगा!” मैंने दूसरी उंगली डाली और उनकी चूत को ज़ोर-ज़ोर से रगड़ने लगा। उनकी चूत चपचपाने लगी, और वो सिसक रही थीं, “आआआहह… मेरी चूत फट जाएगी… और ज़ोर से!”
मैंने उनके बूब्स चूसते हुए उनकी चूत में उंगलियाँ चलाईं। वो मेरे कंधों को पकड़कर चिल्ला रही थीं, “सूरज… बस… अब तेरा लंड चाहिए… चोद दे मुझे!” मैंने अपनी जीन्स और अंडरवियर उतारा। मेरा लंड पूरा खड़ा था, और उसका सुपारा गीला होकर चमक रहा था। दीदी ने मेरे लंड को देखा और बोलीं, “हाय राम… सूरज, तूने ये मोटा लंड कहाँ छुपा रखा था? मैं तो इसके लिए सालों से तड़प रही थी!”
मैंने हँसकर कहा, “अब तो मिल गया, दीदी। अब तेरी चूत की सारी प्यास बुझा दूँगा।” वो मेरे लंड को अपने नाज़ुक हाथों में लेके ज़ोर-ज़ोर से हिलाने लगीं। “आहह… सूरज… ये तो लोहे की रॉड है!” मैं सिहर उठा। मैंने उन्हें बेड पर लिटाया और उनके ऊपर चढ़ गया। उनकी टांगें फैलाईं और उनकी चूत पर अपना लंड रगड़ा। उनकी चूत गीली थी, और मेरा सुपारा उस पर फिसल रहा था। “सूरज… प्लीज़… अब डाल दे… मेरी चूत तड़प रही है!” वो गिड़गिड़ा रही थीं।
मैंने उनके होंठ चूमे और एक ज़ोरदार धक्का मारा। मेरा सुपारा उनकी चूत में घुस गया। “आआआहह… मम्मी… सूरज… मार डाला!” वो चीखीं। उनकी चूत इतनी टाइट थी कि मेरा audition: मेरा लंड 10 इंच का था, और उसकी चूत इतनी टाइट थी कि पहला धक्का लगते ही वो चीख पड़ी। मैंने धीरे-धीरे धक्के मारे, लेकिन उनका दर्द कम नहीं हुआ। “आआहह… सूरज… धीरे… तेरा लंड मेरी चूत फाड़ देगा!” मैं रुक गया और उनके निप्पल्स को चूसने लगा ताकि उनका दर्द कम हो।
कुछ देर बाद वो नीचे से अपनी गांड हिलाने लगीं। “अब चोद, सूरज… अब मज़ा आ रहा है!” मैंने फिर धक्के शुरू किए। “चट्ट… चट्ट…” मेरे लंड और उनकी चूत के टकराने की आवाज़ कमरे में गूँज रही थी। “आआआहह… उफ्फ… सूरज… और ज़ोर से… मेरी चूत को रगड़ दे!” मैंने उनकी टांगें अपने कंधों पर रखीं और गहरे धक्के मारे। उनकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी। “आआआहह… सूरज… तेरा लंड मेरी बच्चेदानी तक जा रहा है!” वो झड़ गईं, और उनकी चूत ने मेरे लंड को गीला कर दिया।
“दीदी, अब घोड़ी बनो,” मैंने कहा। वो फटाक से घोड़ी बन गईं। उनकी गांड मेरी तरफ थी, और मैंने उनकी गांड पर हल्का-सा थप्पड़ मारा। “बदमाश… अब चोद ना!” वो हँसीं। मैंने उनकी चूत में पीछे से लंड डाला और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा। “पट्ट… पट्ट…” उनकी गांड मेरे धक्कों से थरथरा रही थी। “आआआहह… सूरज… मेरी चूत को बर्बाद कर दे… उफ्फ!” मैंने उनके बाल पकड़े और उन्हें रंडी की तरह चोदा।
30 मिनट तक चोदने के बाद मैंने उनकी चूत में पानी छोड़ दिया और उनके ऊपर ढेर हो गया। वो हाँफते हुए बोलीं, “सूरज… तूने तो मुझे जन्नत दिखा दी।” मैंने उनके होंठ चूमे और कहा, “दीदी, अब तो ये रोज़ होगा।”
वो मुस्कुराईं और बोलीं, “हाँ, मेरे राजा। तेरा लंड अब मेरा है।”
दोस्तों, आपको मेरी और पूजा दीदी की चुदाई की कहानी कैसी लगी? क्या आपने भी कभी ऐसी चुदाई की है? कमेंट में ज़रूर बताएँ।