दीदी को घोड़ी बनाकर चोदा बर्थडे पार्टी के बाद

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Birthday par didi ki chudai – birthday party sex: मुंबई के एक चमकदार हाई-राइज अपार्टमेंट में, जहाँ रंग-बिरंगी लाइटें और तेज़ म्यूजिक की धुन हवा में तैर रही थी, मेरी दीदी अंजलि की 25वीं जन्मदिन की पार्टी पूरे जोश में थी। मैं, अर्जुन, 22 साल का कॉलेज स्टूडेंट, अपनी दीदी की खूबसूरती और उनके मादक अंदाज़ का दीवाना था। अंजलि दीदी, 25 साल की, स्लिम फिगर वाली, उनकी कातिलाना आँखें और टाइट ड्रेस में उभरी हुई चूचियाँ किसी का भी लंड खड़ा कर दें। उनकी कमर का मादक घुमाव, वो हल्की-सी शरारती मुस्कान, और उनके चलने का अंदाज़ मेरे मन में आग सी लगा देता था। मैं, मध्यम कद का, फिट बॉडी और शरारती दिमाग वाला, दीदी की चूत की ख्वाहिश में दिन-रात डूबा रहता था। मम्मी-पापा, जो हमेशा अपने बिजनेस और सोशल लाइफ में व्यस्त रहते थे, उस रात भी जल्दी अपने कमरे में चले गए।

पार्टी अपने चरम पर थी। अंजलि दीदी डांस फ्लोर पर आग लगा रही थीं। उनकी टाइट ब्लैक ड्रेस, जो उनकी चूचियों को पूरी तरह उभार रही थी, और हर कदम पर उनकी गांड का मादक उछाल मेरे लंड को बेकरार कर रहा था। वो जब डांस करती थीं, तो उनकी कमर का लचकना और उनकी चूचियों का हल्का-सा उछलना हर किसी को दीवाना बना रहा था। मैं कोने में खड़ा, एक ग्लास व्हिस्की लिए, उनकी हर अदा को निहार रहा था। मेरे दिमाग में बस एक ही तस्वीर थी—दीदी को घोड़ी बनाकर उनकी चूत में अपना लंड डालना। मेहमानों की भीड़, म्यूजिक की तेज़ धुन, और दीदी की हँसी ने माहौल को और कामुक बना दिया था। जैसे-जैसे रात गहरी हुई, मेहमान एक-एक करके विदा होने लगे। आखिरकार, घर में सन्नाटा छा गया, और मम्मी-पापा अपने कमरे में सोने चले गए। मैं और दीदी लिविंग रूम में अकेले रह गए।

दीदी ने अपनी ड्रेस बदल ली थी। अब वो एक पतली, लगभग पारदर्शी नाइटी में थीं, जो इतनी छोटी थी कि उनकी रसीली जाँघें पूरी तरह नजर आ रही थीं। नाइटी इतनी टाइट थी कि उनकी चूचियों की गोलाई और तने हुए निप्पल साफ दिख रहे थे। हल्का-सा झुकने पर उनकी चूत की हल्की झलक मिल रही थी, जिसे देखकर मेरा लंड पैंट में तन गया। मैं सोफे पर बैठा, अपने लंड को पैंट के ऊपर से सहलाते हुए उन्हें देख रहा था। दीदी ने मेरी नजर पकड़ ली और शरारती अंदाज में बोलीं, “अर्जुन, तू मुझे ऐसे क्यों घूर रहा है, जैसे मेरी चूत को चाट लेगा?” मैंने हँसते हुए जवाब दिया, “दीदी, तुम्हारी चूचियाँ और चूत मेरे लंड को पागल कर रही हैं। आज तुम्हारा बर्थडे है, तो मेरा लंड तुम्हें स्पेशल गिफ्ट देना चाहता है।” दीदी ने अपनी आँखें नचाईं और बोलीं, “तो फिर देर किस बात की? आज रात मेरी चूत को तेरा लंड मस्ती दे दे।”

हम दीदी के बेडरूम में चले गए। कमरे में मोमबत्तियों की मंद रोशनी थी, गुलाब की खुशबू हवा में तैर रही थी, और बैकग्राउंड में एक सॉफ्ट, कामुक गाना बज रहा था, जो माहौल को और रंगीन बना रहा था। दीदी ने अपनी नाइटी को धीरे-धीरे उतारा, जैसे कोई स्ट्रिपटीज परफॉर्म कर रही हो। उनकी गोल, रसीली चूचियाँ चाँद की रोशनी में चमक रही थीं, और उनके निप्पल तने हुए थे। उनकी चूत पर हल्का-सा गीलापन चमक रहा था, जो मेरे लंड को और बेकरार कर रहा था। मैंने अपनी टी-शर्ट और पैंट उतारी, और मेरा 7 इंच का लंड, जो अब पूरी तरह तन चुका था, हवा में लहराने लगा। “दीदी, तुम्हारी चूत मेरे लंड की जान है,” मैंने कामुक आवाज में कहा। दीदी ने अपनी चूत को हल्के से सहलाते हुए जवाब दिया, “अर्जुन, तेरा लंड मेरी चूत का बादशाह है। आज इसे मेरी चूत में राज करना है।”

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मैंने दीदी को बिस्तर पर लिटाया और उनके ऊपर झुक गया। मैंने उनके गले पर हल्के-हल्के चुंबन शुरू किए, धीरे-धीरे उनकी चूचियों की ओर बढ़ा। मेरी जीभ उनके निप्पल के चारों ओर घूमने लगी, और मैंने एक निप्पल को मुँह में लेकर चूसना शुरू किया। “उम्म्म… अर्जुन, तेरा मुँह मेरी चूचियों को आग लगा रहा है,” दीदी सिसकते हुए बोलीं। मैंने उनकी दूसरी चूची को अपने हाथ से दबाया, और मेरी उंगलियाँ उनके निप्पल को हल्के से मरोड़ रही थीं। दीदी की सिसकारियाँ तेज हो गईं, “आह्ह… अर्जुन, और जोर से चूस, मेरी चूचियों को चाट ले!” मैंने उनकी चूचियों को और जोर से चूसा, और मेरा एक हाथ उनकी चूत की ओर बढ़ गया। मेरी उंगलियाँ उनकी चूत की नरम पंखुड़ियों को सहलाने लगीं, और उनकी चूत पहले से ही गीली थी। “अर्जुन, तेरी उंगलियाँ मेरी चूत को पागल कर रही हैं,” दीदी ने सिसकारी भरी। मैंने उनकी चूत में एक उंगली डाली और धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगा। उनकी चूत का गीलापन मेरी उंगलियों को भिगो रहा था, और दीदी की सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं, “आह्ह… उह्ह… अर्जुन, और गहरा डाल!”

मैंने दीदी को और तड़पाने के लिए उनकी चूत पर अपनी जीभ फेरनी शुरू की। उनकी चूत का रस मेरे मुँह में आ रहा था, और उसका स्वाद मुझे और उत्तेजित कर रहा था। मैंने उनकी चूत की पंखुड़ियों को चूसा और अपनी जीभ को उनकी चूत के अंदर तक ले गया। “आह्ह… अर्जुन, तेरी जीभ मेरी चूत को स्वर्ग में ले जा रही है!” दीदी चीख पड़ीं। मैंने उनकी चूत को और जोर से चाटा, और मेरी उंगलियाँ उनकी चूचियों को मसल रही थीं। दीदी का शरीर सिहर रहा था, और उनकी सिसकारियाँ तेज हो रही थीं, “उह्ह… अर्जुन, बस कर, अब तेरा लंड चाहिए!”

मैंने दीदी को घोड़ी बनाने की अपनी फंतासी को हकीकत में बदलने का फैसला किया। “दीदी, बिस्तर पर घुटनों के बल बैठो,” मैंने कहा। दीदी ने शरारती मुस्कान के साथ मेरी बात मानी। वो बिस्तर पर डॉगी स्टाइल में बैठ गईं, उनकी चूचियाँ लटक रही थीं, और उनकी गोल, रसीली गांड मेरे सामने थी। उनकी चूत गीली और चमकदार थी, मेरे लंड के लिए तैयार। मैंने अपने लंड को उनकी चूत के मुँह पर रगड़ा, और दीदी सिहर उठीं, “अर्जुन, अब डाल दे, मेरी चूत तड़प रही है।” मैंने धीरे से अपने लंड का सुपारा उनकी चूत में डाला, और फिर एक जोरदार धक्के के साथ पूरा लंड अंदर घुसेड़ दिया। “आह्ह… अर्जुन, तेरा लंड मेरी चूत को फाड़ रहा है!” दीदी चीख पड़ीं। मैंने उनकी कमर पकड़ी और धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए। हर धक्के के साथ उनकी चूचियाँ हिल रही थीं, और “थप-थप” की आवाज कमरे में गूँज रही थी।

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“दीदी, तुम्हारी चूत कितनी टाइट है, मेरा लंड इसमें डूब रहा है,” मैंने सिसकते हुए कहा। दीदी ने जवाब दिया, “अर्जुन, और जोर से चोद, मेरी चूत को फाड़ दे!” मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी, और हर धक्के के साथ दीदी की सिसकारियाँ तेज हो रही थीं, “आह्ह… उह्ह… अर्जुन, तेरा लंड मेरी चूत को स्वर्ग में ले जा रहा है!” मैंने उनके निप्पल को पीछे से पकड़ा और हल्के से दबाया, जिससे दीदी की सिसकारियाँ और तेज हो गईं। बिस्तर चरमराने लगा, और हमारी चुदाई की आवाजें पूरे कमरे में गूँज रही थीं। मैंने उनकी गांड पर हल्का-सा थप्पड़ मारा, और दीदी सिहर उठीं, “हाँ, अर्जुन, और मार, मेरी गांड को लाल कर दे!”

थोड़ी देर बाद, दीदी ने पोजीशन बदलने का इशारा किया। “अर्जुन, अब मैं तुझे सवारी करना चाहती हूँ,” उन्होंने शरारती अंदाज में कहा। मैं बिस्तर पर लेट गया, और दीदी मेरे ऊपर चढ़ गईं। उनकी चूत ने मेरे लंड को धीरे-धीरे निगल लिया, और वो लयबद्ध तरीके से ऊपर-नीचे होने लगीं। उनकी चूचियाँ उछल रही थीं, और मैंने उनकी कमर पकड़कर उन्हें और जोर से चुदाई करने में मदद की। “आह्ह… अर्जुन, तेरा लंड मेरी चूत को पूरा भर रहा है,” दीदी सिसकते हुए बोलीं। मैंने उनकी चूचियों को दबाया और उनके निप्पल को मरोड़ा, जिससे उनकी सिसकारियाँ और तेज हो गईं, “उह्ह… अर्जुन, और जोर से दबा!” उनकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी, और हर उछाल के साथ “चप-चप” की आवाज कमरे में गूँज रही थी।

हमने फिर से 69 पोजीशन आजमाई। मैंने दीदी की चूत पर अपनी जीभ फेरनी शुरू की, उनकी चूत का रस मेरे मुँह में आ रहा था। दीदी ने मेरा लंड मुँह में लिया और उसे चूसने लगीं, जैसे कोई लॉलीपॉप चूस रही हो। “उम्म्म… अर्जुन, तेरी जीभ मेरी चूत को पागल कर रही है,” दीदी सिसकते हुए बोलीं। मैंने उनकी चूत की पंखुड़ियों को और जोर से चूसा, और मेरी जीभ उनकी चूत के अंदर तक गई। दीदी ने मेरे लंड को और गहराई से चूसा, और उनकी जीभ मेरे लंड के सुपारे पर घूम रही थी। “आह्ह… दीदी, तेरा मुँह मेरे लंड को स्वर्ग में ले जा रहा है,” मैंने सिसकारी भरी। हमारी चूसने और चाटने की आवाजें कमरे में एक कामुक संगीत बन गई थीं।

दीदी ने फिर से सवारी की पोजीशन ली, लेकिन इस बार उल्टा। उनकी गांड मेरी ओर थी, और उनकी चूत मेरे लंड पर लयबद्ध तरीके से उछल रही थी। मैंने उनकी गांड पर हल्का-सा थप्पड़ मारा और उनकी चूचियों को पीछे से दबाया। “आह्ह… अर्जुन, तेरा लंड मेरी चूत को फाड़ रहा है,” दीदी चीख पड़ीं। मैंने उनकी कमर पकड़ी और उन्हें और जोर से चुदाई करने में मदद की। “दीदी, तुम्हारी चूत मेरे लंड को नशे में डुबो रही है,” मैंने सिसकते हुए कहा। उनकी चूचियाँ हिल रही थीं, और हमारी चुदाई की आवाजें कमरे में गूँज रही थीं।

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अंत में, हमने मिशनरी पोजीशन ली। दीदी ने अपने पैर ऊपर किए, और मैंने उनकी चूत में अपना लंड घुसेड़ा। हर धक्के के साथ उनकी चूचियाँ मेरी छाती से टकरा रही थीं, और उनकी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं, “आह्ह… अर्जुन, तेरा लंड मेरी चूत को पूरा भर रहा है!” मैंने उनके निप्पल चूसे और तेजी से चुदाई जारी रखी। “दीदी, तुम्हारी चूत मेरे लंड को जन्नत दिखा रही है,” मैंने सिसकते हुए कहा। हमारी चुदाई इतनी तीव्र थी कि बिस्तर चरमराने लगा।

आखिरकार, हम फिर से डॉगी स्टाइल में लौट आए। दीदी को घोड़ी बनाकर चोदना मुझे और उन्हें दोनों को चरम सुख दे रहा था। मैंने उनकी चूत को तीव्रता से चोदा, और हमारी उत्तेजना चरम पर थी। “आह्ह… अर्जुन, मेरी चूत को फाड़ दे!” दीदी चीखीं। मैंने उनकी कमर पकड़ी और जोर-जोर से चुदाई की, जब तक हम दोनों एक साथ झड़ नहीं गए। “उह्ह… अर्जुन!” दीदी की सिसकारी और मेरी चीख कमरे में गूँज उठी।

रात गहराते-गहराते हम एक-दूसरे की बाहों में लिपट गए। दीदी की चूचियाँ मेरी छाती से सटी थीं, और उनकी चूत अभी भी मेरे लंड की उत्तेजना में काँप रही थी। मैंने उनके माथे पर एक चुंबन किया और बोला, “दीदी, तुम्हारा बर्थडे मेरे लिए सबसे हॉट गिफ्ट था।” दीदी ने हँसते हुए जवाब दिया, “और तेरा लंड मेरी चूत का सबसे बड़ा सरप्राइज था, अर्जुन।”

अगली सुबह, हमने एक-दूसरे को चोरी-छिपे देखकर मुस्कुराया। दीदी ने मुझे एक मैसेज भेजा: “अर्जुन, मेरी चूत की आग, मेरे बर्थडे का राजा, तू फिर से मुझे घोड़ी बनाकर चोदेगा?” मैंने हँसते हुए रिप्लाई किया, और हमारा प्यार बर्थडे की रात की गर्मी में चमक उठा। उस रात से शुरू हुई हमारी कामुक कहानी अब मेरी जिंदगी की सबसे हॉट, सेक्सी, और इरॉटिक याद बन चुकी थी।

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