dost ki bua ki chudai: यह कहानी एक युवा लड़के के जीवन का एक ऐसा अनुभव बताती है जिसे वह कभी नहीं भूल पाया। यह घटना लगभग पाँच साल पहले की है, जब वह लड़का केवल 17 साल का था। सर्दियों की छुट्टियां चल रही थीं और स्कूल बंद था। उसने इन छुट्टियों में अपने दोस्त अर्नब के साथ समय बिताने का निर्णय लिया और रायगढ़ में अर्नब की बुआ के घर चला गया।
बुआ के घर में कुल तीन लोग रहते थे – बुआ, उनकी सास (अर्नब की दादी), और खुद अर्नब। बुआ एक स्कूल टीचर थीं, फूफा जी का बहुत पहले निधन हो चुका था। अर्नब के बड़े भाई किसी दूसरे शहर में नौकरी करते थे, और उनकी बेटी की शादी हो चुकी थी। यह घर शांतिपूर्ण था और परिवार सीमित सदस्यों वाला था।
एक दिन की बात है, सुबह का समय था। वह लड़का सोकर उठा तो उसने देखा कि अर्नब जिम के लिए जा चुके थे और दादी अपने कमरे में आराम कर रही थीं। घर पर बाकी सब सामान्य था, लेकिन लड़के की नजर अचानक एक चीज पर ठहर गई।
अर्नब और बुआ के कमरे के बीच में एक खिड़की थी जो पूरी तरह से बंद नहीं होती थी। उसने उस खिड़की से बुआ के कमरे के अंदर देखा। बुआ बाथरूम से नहाकर बाहर आ रही थीं। उस समय बुआ ने केवल एक गाउन पहन रखा था।
जैसे ही बुआ कमरे में आईं, उन्होंने जल्दी से अपना गाउन उतार दिया क्योंकि उन्हें स्कूल जाने की जल्दी थी। बुआ ने अंदर कुछ भी नहीं पहना हुआ था। वह लड़का पहली बार किसी औरत को इतने करीब और इस स्थिति में देख रहा था।
बुआ के गोरे और दुधिया शरीर ने उसे मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके बड़े-बड़े 38 इंच के उरोज, गोल-मटोल चूतड़, और काली-काली झांटें उसके दिमाग में बस गईं। उस दृश्य ने उसके दिलो-दिमाग पर गहरा असर डाला।
उस दिन के बाद से, वह लड़का बार-बार बुआ के कमरे में झाँकने की कोशिश करता। जब भी बुआ झुककर काम करतीं, वह उनकी बड़ी-बड़ी चूचियों और चूतड़ों को घूरता रहता। कभी-कभी, जब बुआ घर पर नहीं होतीं, तो वह उनकी ब्रा और पैंटी निकालकर खेलता और उन्हें सूंघता।
उसके मन में बुआ के प्रति वासना बढ़ती जा रही थी। वह अब बुआ को चोदने का सपना देखने लगा था, लेकिन बुआ का सख्त स्वभाव उसे ऐसा करने से रोकता था।
पर फिर एक दिन ऐसा हुआ, जब उसे मौका मिल गया। उस रात अर्नब की नाइट शिफ्ट थी, और वह लड़का बुआ के कमरे में मूवी देख रहा था। दादी अपने कमरे में थीं। अचानक बुआ ने कहा कि उनके शरीर में दर्द हो रहा है और बुखार जैसा लग रहा है। उन्होंने उससे कहा कि वह उनके पैर दबा दे।
वह पहले तो उनके घुटनों के नीचे तक ही दबाने लगा। तभी बुआ ने कहा कि दर्द थोड़ा ऊपर है। जैसे ही उसने उनके घुटनों से ऊपर उनकी जांघों पर हाथ लगाया, उसे एक अलग ही एहसास हुआ। बुआ की नरम-नरम गदराई हुई जांघें उसे मदहोश करने लगीं।
धीरे-धीरे वह अपना हाथ और ऊपर ले गया। जैसे ही उसने उनके कूल्हों पर हाथ लगाया, उसे एक झटका सा लगा। अंदर बुआ ने पैंटी नहीं पहनी हुई थी। उनके चूतड़ का स्पर्श पाकर उसका लंड खड़ा हो गया।
लेकिन तभी बुआ ने उसे पैर दबाने से मना कर दिया। वह थोड़ा सा मूवी देखने लगा, फिर बुआ के पास ही सो गया। हालांकि, उसे नींद कहां आने वाली थी।
करीब एक घंटे बाद, जब बुआ गहरी नींद में सो चुकी थीं, उसने धीरे से अपनी एक टांग बुआ की दोनों टांगों के बीच में इस तरह डाल दी कि ऐसा लगे कि वह सो रहा है।
थोड़ी देर वैसे ही लेटे रहने के बाद, उसने अपनी जांघ बुआ की जांघों पर रगड़नी शुरू कर दी। वह अब पूरी तरह जोश में था। उसने अपना हाथ धीरे-धीरे बुआ की बड़ी-बड़ी चूचियों पर रख दिया और हल्के-हल्के दबाने लगा।
डरते-डरते, उसने अपनी हथेली उनकी चूत पर रख दी। अब उसे उनकी झांटें महसूस हो रही थीं। वह अपनी हरकतें धीरे-धीरे कर रहा था ताकि बुआ जाग न जाएं।
कुछ देर इसी तरह चूत सहलाने से शायद बुआ जाग गई थीं, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा। अब उसका इरादा बुआ की नंगी चूत देखने का हुआ।
धीरे-धीरे उसने उनका गाउन ऊपर खिसकाना शुरू किया। जैसे ही उसका गाउन चूत तक पहुंचा, वह पैर के नीचे अटक गया। वह नीचे से बुआ की चूत को छूने लगा।
तभी अचानक बुआ ने करवट ले ली और उनका चेहरा उसकी ओर हो गया। उनकी चूत अंदर की तरफ दब गई। अब वह उनकी चूत को ठीक से छू नहीं पा रहा था। उसने अपनी हरकतें बदलते हुए बुआ की बड़ी-बड़ी चूचियों को जोर से दबाना शुरू कर दिया।
बुआ ने अचानक से अपना हाथ उसके पीठ पर रख दिया। यह इशारा था कि बुआ अब तैयार हैं। उसने अपनी हरकतें तेज कर दीं।
लेकिन अचानक बुआ ने उसे जोर से धक्का दिया और वह उनसे अलग हो गया। बुआ पूरी तरह से जाग चुकी थीं। वह डर गया कि बुआ अब क्या कहेंगी।
थोड़ी देर बाद, वह सोने की कोशिश करने लगा। लेकिन रात में उसे महसूस हुआ कि कोई भारी चीज उसकी टांगों पर है। उसने आंखें खोलकर देखा तो बुआ ने अपनी एक टांग उसकी टांगों पर डाल रखी थी।
उसका लंड बुआ की जांघ से रगड़ रहा था। धीरे-धीरे उसका लंड और ज्यादा खड़ा होने लगा। लेकिन वह डर भी रहा था कि अगर बुआ जाग गईं तो क्या होगा।
लड़का वैसे ही चुपचाप सोने का नाटक करता रहा, लेकिन बुआ की नरम जांघों का स्पर्श उसके लंड को और ज्यादा खड़ा कर रहा था। नींद तो उससे कोसों दूर थी, लेकिन डर की वजह से वह कुछ करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था।
उससे सहन नहीं हो रहा था, तो उसने सोचा कि मुठ मारकर अपनी उत्तेजना शांत कर ले। उसने बुआ की जांघ को थोड़ा और ऊपर करके अपनी नाभि के पास ले आया ताकि वह अपना लंड हिला सके। धीरे-धीरे वह लंड हिलाने लगा और उसके शरीर में एक अजीब सी सनसनी होने लगी।
इसी दौरान बुआ ने अपनी जांघ पर हाथ फेरा, जिससे उनका गाउन ऊपर सरक गया। अब उनके चूतड़ पूरी तरह नंगे हो चुके थे। वह यह देखकर खुद को रोक नहीं पाया और धीरे-धीरे बुआ के चूतड़ों पर अपना हाथ फिराने लगा।
बुआ की प्रतिक्रिया ने उसे चौंका दिया। बुआ उससे और करीब चिपकने लगीं। अब वह बुआ की तरफ मुंह करके उनसे पूरी तरह चिपक गया और इंतजार करने लगा कि बुआ कोई पहल करें।
कुछ देर बाद, बुआ ने अपनी तरफ से पहल की। उन्होंने धीरे-धीरे अपनी उंगलियों से लड़के की पीठ पर हाथ फिराना शुरू कर दिया। यह लड़के के लिए एक संकेत था, और उसने उनकी बड़ी-बड़ी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया।
बुआ की चूचियों को चूमते हुए उसने उन्हें चाटना भी शुरू कर दिया। बुआ की सांसे तेज हो गईं, और वह जोरों से सिसकारियां लेने लगीं। लड़के ने बुआ की झांटों को सहलाना शुरू कर दिया और अपनी उंगलियां उनकी चूत पर रख दीं।
दो उंगलियां धीरे-धीरे उनकी चूत में डालीं और हिलाने लगा। बुआ पूरी तरह से उत्तेजना में थीं। वह लड़के के सिर को अपनी चूत पर दबाकर रगड़ने लगीं और सिसकारियों के साथ उनके मुँह में ही झड़ गईं।
लड़के ने बुआ का चूतरस चाटना शुरू कर दिया। झड़ने के बाद, बुआ ने उसे चित्त लिटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गईं।
बुआ ने उसके होंठों को चूमा और उसकी जीभ को अपने मुँह में लेकर जोर-जोर से चूसने लगीं। फिर उन्होंने लड़के की छाती को चूमना शुरू किया और धीरे-धीरे उसके लंड को सहलाने लगीं।
करीब 10 मिनट बाद लड़के का लंड फिर से तैयार हो गया। उसने तुरंत बुआ की चूत में अपनी जीभ डाल दी और जीभ से उन्हें चाटने लगा। बुआ ने उसका सिर पकड़कर अपनी चूत पर दबाए रखा और जोरों से सिसकारियां भरने लगीं।
फिर बुआ ने जोश में आकर कहा, “अब और मत तरसा! चोद मुझे! जोर-जोर से चोद!”
लड़के ने बुआ की टांगों को पकड़कर फैला दिया और अपना लंड उनकी चूत पर रखा। एक झटके में उसने अपना आधा लंड बुआ की चूत में डाल दिया।
बुआ दर्द और आनंद के मिश्रण में जोर से चिल्ला उठीं। कई बरसों बाद वह चुद रही थीं। लड़के ने 15 मिनट तक इसी तरह चोदा और फिर उन्हें घोड़ी बनाकर उनकी चुदाई शुरू कर दी।
कुछ समय तक लड़का बुआ को घोड़ी बनाकर चोदता रहा। बुआ अब पूरी तरह से उत्तेजित थीं और उनकी सिसकारियां कमरे में गूंज रही थीं। लड़के ने अपनी पकड़ मजबूत करते हुए बुआ की चूत में जोर-जोर से धक्के मारने शुरू कर दिए।
बुआ ने पीछे मुड़कर कहा, “और जोर से! कई सालों बाद मेरी चूत गीली हो रही है। मत रुको, मेरे राजा, चोदते जाओ।” लड़का उनकी बात सुनकर और जोश में आ गया। उसने अपनी रफ्तार बढ़ा दी और अपने लंड को उनकी चूत के अंदर और गहराई तक डालने लगा।
चुदाई के दौरान बुआ ने अपनी कमर को पीछे धकेलना शुरू कर दिया ताकि हर बार लंड और गहराई तक जा सके। उनके मम्मे भी तेजी से हिल रहे थे, और लड़का अपनी एक हाथ से बुआ की चूचियों को जोर से दबा रहा था।
थोड़ी देर बाद, लड़का अपनी मंजिल के करीब था। उसने बुआ से पूछा, “झड़ने का टाइम आ गया है। क्या अंदर ही करना है?” बुआ ने तुरंत जवाब दिया, “हां, अंदर ही झड़ जाओ। मेरी चूत को फिर से गीला होने दो।”
यह सुनकर लड़का और जोश में आ गया। उसने अपनी रफ्तार इतनी तेज कर दी कि बुआ की चीखें कमरे में गूंजने लगीं। आखिरकार, उसने एक आखिरी जोर का धक्का दिया और बुआ की चूत में अपना सारा पानी छोड़ दिया।
बुआ ने भी उसी समय झड़ना शुरू कर दिया। दोनों ही थकान से हांफने लगे। लड़का बुआ के ऊपर गिर गया और दोनों ने कुछ देर तक एक-दूसरे के साथ यूं ही लेटे रहे।
थोड़ी देर बाद बुआ ने उसके चेहरे को अपने हाथों से सहलाते हुए कहा, “आज तुमने मेरी हर प्यास बुझा दी। तुम्हारे बिना मैं अधूरी थी।” लड़के ने मुस्कुराते हुए कहा, “बुआ, अब आप कभी भी अकेला महसूस नहीं करेंगी। मैं हमेशा आपके पास हूं।”
यह कहकर दोनों उठे और कपड़े पहनने लगे। बुआ ने उसे गले लगाते हुए कहा, “अब से ये हमारा राज़ रहेगा। किसी को इस बारे में कुछ मत बताना।”
लड़के ने सहमति में सिर हिलाया और बुआ को एक आखिरी बार कसकर गले लगा लिया। उस रात के बाद से, उनकी ये गुप्त कहानी दोनों के बीच एक खास रिश्ता बन गई, जिसे वे कभी नहीं भूले।
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