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दोस्त की चुदासी वीणा भाभी के साथ गैंग बैंग

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रात का सन्नाटा था, और राजकुमार के पुराने, टूटे-फूटे गांव के घर में बस चांदनी की हल्की रोशनी खिड़की से रिस रही थी। मैं, दुष्यंत उपाध्याय, अपने बेस्ट फ्रेंड राजकुमार के साथ उसके घर की देहरी पर खड़ा था, दिल में एक जंगली उत्तेजना और बेचैनी भरी हुई थी। कुछ दिन पहले राजकुमार ने मुझे ऐसा ऑफर दिया था कि मेरा लंड पैंट में ही तड़पने लगा था। उसने कहा था, “दुष्यंत, मेरे भाई! क्या तू मेरे साथ मिलकर मेरी सगी भाभी वीणा के साथ गैंग बैंग करना चाहेगा?” मैंने पहले तो सोचा ये मजाक है, लेकिन जब उसने बताया कि उसकी चुदासी, जवान, सेक्सी वीणा भाभी पिछले आठ महीनों से उसका लंड अपनी चूत में ले रही है, तो मेरे होश उड़ गए।

राजकुमार ने बताया कि उसके बड़े भैया फौज में हैं, साल में एक-दो बार ही घर आते हैं। उनकी गैरमौजूदगी में वीणा भाभी की चूत की आग को राजकुमार अपने मोटे लंड से ठंडा करता है। लेकिन अब भाभी की चुदास इतनी बढ़ गई है कि एक लंड से उनकी चूत और गांड की भूख मिटती ही नहीं। वो चाहती हैं कि दो लंड एक साथ उनकी चूत और गांड में घुसकर उन्हें रगड़-रगड़कर चोदें। ये सुनकर मेरा 12 इंची लंड पैंट फाड़ने को बेकरार हो गया। मैंने तुरंत हां कर दी।

आज छुट्टी का दिन था। मैं बन-ठनकर, पूरा परफ्यूम छिड़ककर राजकुमार के घर पहुंचा। दरवाजा खुलते ही वीणा भाभी सामने आईं। भाई, क्या माल थी वो! उनकी गुलाबी, पारदर्शी नाइटी में उनके भारी मम्मे और गोरी जांघें साफ झलक रही थीं। आम औरतें दिन में साड़ी पहनती हैं, लेकिन वीणा भाभी तो दिन में भी ऐसी नाइटी डालती थीं कि लंड तुरंत सलामी देने लगे। राजकुमार ने पहले ही बता दिया था कि भाभी को लंड की ऐसी तलब रहती है कि वो कभी भी चुदवाने को तैयार हो जाती हैं। साड़ी या सलवार सूट उनके लिए समय की बर्बादी है। बस नाइटी उठाओ, और चूत-गांड में लंड पेल दो! मैंने सोचा, ऐसी चुदासी रंडी जैसी औरत तो बस सपनों में मिलती है।

“नमस्ते जी!” वीणा भाभी ने अपने लाल लिपस्टिक लगे होंठों से कहा, और उनकी शरारती मुस्कान ने मेरे लंड को और जोर से टनटना दिया। उनकी कद-काठी, लंबे काले बाल, और चाल-ढाल किसी पॉर्नस्टार से कम नहीं थी। मैंने मन में सोचा, राजकुमार साला कितना लकी है जो आठ महीनों से इस माल की चूत और गांड मार रहा है। “नमस्ते भाभी जान! राजकुमार ने आपके बारे में सब बता दिया है। तब से मैं आपकी चूत चोदने को बेकरार था!” मैंने बेशर्मी से कहा। भाभी ने हंसकर जवाब दिया, “अच्छा जी, इतनी जल्दी?”

“भाभी जान, ये मेरा दोस्त दुष्यंत है!” राजकुमार ने कहा, और हम दोनों भाभी को भाभी जान कहकर पुकारने लगे। “चलिए, कम से कम तुम्हारे दोस्त हमारे गरीबखाने में तो आए!” भाभी ने हंसते हुए कहा। वो किचन में गईं और चाय ले आईं। हम चाय पी रहे थे, तभी भाभी ने डेक ऑन किया और ‘ये मेरा दिल प्यार का दीवाना’ गाने पर अपनी मोटी गांड मटकाते हुए डांस शुरू कर दिया। उनकी नाइटी हवा में उड़ रही थी, और उनके 38 साइज के मम्मे उछल-उछलकर मेरे लंड को पागल कर रहे थे। मैं और राजकुमार उनकी चूत और गांड को आंखों से चोद रहे थे। अचानक भाभी ने मुझे खींच लिया और उनके साथ डांस करने को मजबूर कर दिया। मैंने उनकी कमर में हाथ डाला और उनके साथ थिरकने लगा। मौका देखकर मैंने उनके चिकने गालों पर जोर से चुम्मा ले लिया, और उनकी नाइटी के ऊपर से उनके मम्मों को दबा दिया।

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“राजकुमार! तेरा दोस्त दुष्यंत तो बहुत फास्ट है! सीधे मेरी चूत और गांड पर आ गया!” भाभी ने हंसते हुए कहा। राजकुमार ने जवाब दिया, “भाभी जान, मैंने इस छिछोरे को तुम्हारी गुलाबी चूत और मोटी गांड की इतनी तारीफ की कि ये रुका नहीं। प्लीज, इसे निराश मत करना। अपनी चूत और गांड का पूरा मजा दे देना!” भाभी ने ये सुनकर शरमाते हुए कहा, “तो लड़कों, चलो कमरे में!”

कमरे में पहुंचते ही चुदाई का जंगली खेल शुरू हो गया। वीणा भाभी ने गले में फर वाला स्टोल डाला था, जैसे कोई रंडी बाजार की रानी। उनकी गुलाबी नाइटी और स्टोल में वो इतनी चुदासी लग रही थीं कि मेरा लंड पैंट फाड़कर बाहर आने को बेताब था। वो बेड पर लेट गईं, और हम दोनों उनकी चूत और गांड पर भूखे भेड़ियों की तरह टूट पड़े। मैं उनकी बाईं तरफ लेट गया, और राजकुमार उनकी दाईं तरफ। राजकुमार ने उनकी मक्खन जैसी कमर को चूमना शुरू किया, और मैं उनकी चिकनी गर्दन और गालों को चूसने लगा। उनके होंठ इतने रसीले थे कि मैं उनकी सांसें पीने लगा। मेरे हाथ उनके भारी मम्मों पर चले गए। नाइटी के ऊपर से मैं उनके मम्मे जोर-जोर से मसलने लगा। दोस्तों, ऐसा लग रहा था जैसे मैं किसी चुदासी देवी की चूत और गांड चोदने वाला हूं। मैंने कई रंडियां पेली थीं, लेकिन वीणा भाभी जैसी शादीशुदा, चुदासी माल की चूत और गांड मारना किसी जंग को जीतने जैसा था।

मैं उनके होंठ चूसते हुए उनके नुकीले, नारियल जैसे मम्मों को बेरहमी से मसल रहा था। उनकी ब्रा और पारदर्शी पैंटी नाइटी के नीचे से साफ दिख रही थी। मैंने उनके होंठों को इतना चूसा कि उनके लिपस्टिक मेरे मुंह पर लग गए। नीचे राजकुमार उनकी गोरी जांघों को चाट रहा था, उनकी पैंटी को दांतों से खींचकर उतार रहा था। वीणा भाभी की चुदास अब हद पार कर रही थी। वो चिल्ला रही थीं, “हाय… दुष्यंत… राजकुमार… तुम दोनों मेरी चूत और गांड फाड़ दोगे!”

मैंने उनकी नाइटी को जोर से खींचकर ऊपर कर दिया। उनकी काली ब्रा और गुलाबी पैंटी मेरे सामने थी। मैंने उनकी ब्रा के ऊपर से उनके मम्मों को इतना जोर से मसला कि वो कराह उठीं। “राजकुमार! तेरा दोस्त तो मेरी चूत और मम्मों की जान ले लेगा!” भाभी ने सिसकारते हुए कहा। राजकुमार हंस पड़ा और बोला, “अरे भाभी, दुष्यंत ने कई रंडियों की चूत फाड़ी है। इसका 12 इंची लंड एक बार खा लोगी, तो रोज इसकी गांड में लंड मांगोगी!” ये सुनकर भाभी मचल गईं। उन्होंने अपनी ब्रा खींचकर फेंक दी। उनके 38 साइज के मम्मे, काले, कड़क निप्पल्स के साथ, मेरे सामने नंगे थे। मैंने तुरंत उनके एक मम्मे को मुंह में ठूंस लिया और जोर-जोर से चूसने लगा। उनके मम्मे इतने बड़े और मुलायम थे कि मेरे हाथों में नहीं समा रहे थे। मैंने उनके निप्पल्स को दांतों से काटा, और भाभी चिल्ला उठीं, “हाय… दुष्यंत… मेरे मम्मे चूस डालो!”

इधर राजकुमार ने उनकी पैंटी उतार दी और उनकी चूत में जीभ डाल दी। वो उनकी चूत को चाट रहा था, जैसे कोई जंगली कुत्ता। मैंने भाभी के मम्मों को चूसते हुए उनके निप्पल्स को और जोर से काटा। उनकी सिसकारियां कमरे में गूंज रही थीं, “हाय… राजकुमार… मेरी चूत चाट डालो… दुष्यंत, मेरे मम्मे फाड़ दो!” राजकुमार ने उनकी चूत में दो उंगलियां डाल दीं और जोर-जोर से अंदर-बाहर करने लगा। उनकी चूत से फच-फच की आवाजें आ रही थीं, और वो कमर उछाल-उछालकर चुदास में पागल हो रही थीं।

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कुछ देर बाद हम दोनों ने अपने कपड़े उतार दिए। मेरा 12 इंची लंड और राजकुमार का 10 इंची लंड टनटना रहे थे। मैंने भाभी के मम्मों के बीच अपना लंड रखा और उनकी चूचियों को बेरहमी से चोदना शुरू कर दिया। मैंने उनके मम्मों को इतना जोर से दबाया कि वो चिल्ला उठीं। राजकुमार ने उनकी टांगें चौड़ी कर दीं और उनकी चूत में अपना लंड पेल दिया। वो इतनी जोर से धक्के मार रहा था कि बेड हिल रहा था। उनकी चूत से फचाक-फचाक की आवाजें कमरे में गूंज रही थीं। मैंने भाभी के सिरहाने पर आकर उनके मम्मों को और जोर से चोदा। भाभी को डबल मजा मिल रहा था—उधर उनकी चूत चुद रही थी, और इधर उनके मम्मे। वो चिल्ला रही थीं, “हाय… राजकुमार… दुष्यंत… तुम दोनों मेरी चूत और मम्मों को चीर डालोगे!”

राजकुमार ने तेजी से धक्के मारते हुए भाभी की चूत में झड़ गया। उसका गर्म माल उनकी चूत में भर गया। अब मेरी बारी थी। मैंने भाभी को उल्टा किया। उनकी मोटी, गोरी गांड मेरे सामने थी, जैसे कोई चुदासी रंडी की गांड। मैंने उनकी गांड के छेद को जीभ से चाटा, और फिर उनकी चूत में जीभ डाल दी। राजकुमार का माल अभी भी उनकी चूत में था। मैंने उसे चाट-चाटकर साफ कर दिया। फिर मैंने उनकी चूत में तीन उंगलियां डाल दीं और जोर-जोर से फचर-फचर की आवाज के साथ अंदर-बाहर करने लगा। भाभी चिल्ला रही थीं, “दुष्यंत… मेरी चूत फाड़ दो… हाय… मुझे रंडी बना दो!”

राजकुमार अब उनके मम्मों को चूस रहा था, जिनमें मैंने अभी झड़ा था। वो मेरा माल जीभ से चाट रहा था। मैंने भाभी की चूत को चाटते हुए उनकी क्लिट को दांतों से जोर से काटा। उनकी चीखें और तेज हो गईं, “हाय… दुष्यंत… मेरी चूत को खा जाओ!” फिर मैंने अपना 12 इंची लंड उनकी चूत में एक झटके में पेल दिया। मैंने उनकी दोनों टांगों को क्रॉस करके पकड़ लिया और इतनी जोर से धक्के मारे कि उनकी चूत से खून की बूंदें टपकने लगीं। “हाय… दुष्यंत… तेरा लंड मेरी चूत को चीर देगा!” भाभी चिल्ला रही थीं। मैंने धक्कों की स्पीड और तेज कर दी, और उनकी चूत फचाक-फचाक की आवाज से गूंज रही थी।

राजकुमार अब उनके मम्मों को चोद रहा था, और मैं उनकी चूत को बेरहमी से पेल रहा था। मैंने ताबड़तोड़ धक्के मारे, और आखिरकार उनकी चूत में झड़ गया। मेरा गर्म माल उनकी चूत को पूरा भर गया। लेकिन वीणा भाभी की चुदास अभी खत्म नहीं हुई थी। वो चिल्लाईं, “क्यों बच्चों, सारी मर्दानगी खत्म हो गई क्या? मेरी चूत और गांड को और चोदो!” हम दोनों थक चुके थे, लेकिन भाभी की चुदास देखकर हमारे लंड फिर से खड़े हो गए।

अब असली गैंग बैंग की बारी थी। मैंने बिस्तर पर लेट गया और अपने 12 इंची लंड पर ढेर सारा तेल मल लिया। राजकुमार ने भी अपने 10 इंची लंड पर तेल चुपड़ लिया। मैंने भाभी की गांड के कसे हुए छेद को जीभ से चाटा, उसे गीला और फिसलन भरा बना दिया। फिर मैं नीचे लेट गया, और भाभी मेरे ऊपर पेट के बल लेट गईं। मैंने उनकी चूत में अपना लंड एक झटके में पेल दिया। राजकुमार ने उनकी गांड के छेद में अपना लंड इतनी जोर से ठूंसा कि भाभी चीख पड़ीं। हम दोनों ने तालमेल बिठाया और एक साथ उनकी चूत और गांड को बेरहमी से चोदना शुरू कर दिया।

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“हाय… मेरे देवरों! मेरी चूत और गांड फट रही है! प्लीज, एक-एक करके चोदो! एक साथ मत डालो!” वीणा भाभी चिल्ला रही थीं। उनकी आंखों से आंसू बह रहे थे, और उनकी चीखें कमरे में गूंज रही थीं। लेकिन हम दोनों रुके नहीं। मेरे धक्के उनकी चूत को चीर रहे थे, और राजकुमार उनकी गांड को रगड़-रगड़कर पेल रहा था। उनकी चूत से फच-फच और गांड से थप-थप की आवाजें आ रही थीं। भाभी की मोटी, गोरी गांड हर धक्के के साथ हिल रही थी, और उनकी चीखें हमें और जोश दिला रही थीं। “हाय… तुम दोनों मेरी चूत और गांड को रंडी की तरह फाड़ दोगे!” भाभी चिल्ला रही थीं।

हम दोनों का तालमेल इतना जबरदस्त था कि भाभी की चुदास अब पूरी तरह से टूट चुकी थी। मैं उनकी चूत में इतनी जोर से लंड पेल रहा था कि उनकी चूत लाल हो गई थी। राजकुमार उनकी गांड को इतनी बेरहमी से चोद रहा था कि उनका छेद बड़ा हो गया था। हमने उन्हें करीब डेढ़ घंटे तक चोदा। भाभी की चूत और गांड से माल और खून की बूंदें टपक रही थीं। आखिरकार, मैं उनकी चूत में और राजकुमार उनकी गांड में झड़ गया। जब हमने अपने लंड निकाले, तो भाभी की चूत और गांड के छेद इतने बड़े और लाल हो चुके थे कि वो किसी सड़कछाप रंडी से कम नहीं लग रही थीं।

हम तीनों बिस्तर पर लेट गए, सांसें फूल रही थीं। लेकिन वीणा भाभी की चुदास अभी भी शांत नहीं हुई थी। वो हंसते हुए बोलीं, “क्या बात है, मेरे शेरों? इतनी जल्दी हार मान ली? मेरी चूत और गांड को और रगड़ो!” हम दोनों ने एक-दूसरे को देखा और फिर से उनके ऊपर टूट पड़े। मैंने उनकी गांड में लंड पेला, और राजकुमार ने उनकी चूत में। इस बार हमने उन्हें और जोर से चोदा, उनकी चीखें सुनकर पड़ोसी भी जाग गए होंगे। उनकी चूत और गांड से माल और खून टपक रहा था, लेकिन भाभी की चुदास ने हमें रुकने नहीं दिया। उस रात हमने उन्हें सुबह तक चोदा—कभी उनकी चूत, कभी उनकी गांड, और कभी उनके मम्मों को। हर हफ्ते हम दोनों उनकी चूत और गांड का गैंग बैंग करने लगे। वीणा भाभी की चुदास ने हमें उनका गुलाम बना दिया।

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