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Gay Sex Story :रूममेट मेरी गांड का दीवाना

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Gay Sex Story :

नमस्कार मित्रो, मैं नागपुर से सोनू. मैं दिखने में काम उम्र का लगता हूँ लेकिन अभी मेरी उम्र तीस साल है. मैं दिखने में चिकना और हैंडसम हूं. मैं लड़का, लड़की, अंकल, आंटी सभी को पसंद करता हूं.

मैं ये कहानी तब की बताने जा रहा हूं, जब मैं काम करने हरियाणा गया था. मुझे वहां एक फैक्ट्री में काम भी मिल गया था, लेकिन रहने का कुछ समझ नहीं आ रहा था कि कहां रहूँ.

तभी वहां एक काम करने वाले भैया बोले- तुम हमारे साथ रह लो, कंपनी का ही रूम है, भाड़ा भी नहीं देना पड़ता है.
मैंने भी सोचा कि चलो अच्छा है, फोकट में रहना मिल रहा है … इसमें बुराई क्या है.

वो एक छोटा सा रूम था और एक बेड था. हम दोनों को एक बेड पर ही सोना था. मैंने सोचा कि कोई बात नहीं, रहना तो पड़ेगा ही.

मैंने पूरा दिन काम किया और शाम को घर आ गया. वो भैया बोले- छोटे … तुम नहा लो, अच्छा लगेगा.
मैंने बोला- हां भैया, नहाना तो पड़ेगा ही, बहुत थक भी गया हूं.

उस समय मेरी उम्र जवानी की दहलीज पर थी. मैं दिखने में भी बड़ा भोला भला था, जो कि अभी भी हूँ.

फिर मैं नहा आ गया और हम लोग खाना बनाने लगे. खाना बनाने के बाद हम दोनों ने खाया. फिर थोड़ा गप्पें मारने लगे, इधर उधर की बातें करने लगे.
बातें करते करते हम दोनों सो गए. बिस्तर एक ही था, तो साथ में ही सोए थे.

क़रीब आधी रात को वो भैया का हाथ मुझे मेरी गांड पर महसूस हुआ. मैंने आंखें बिना खोले समझने की कोशिश की कि ऐसा नींद में हो रहा है या सच में भैया मेरी गांड सहला रहे हैं. कुछ ही पलों में मुझे समझ आ गया कि भैया जाग रहे हैं. वो मेरे चूतड़ों को सहला रहे थे.

पहले तो मुझे गड़बड़ सा लगा. लेकिन पता नहीं क्यों … मुझे ये अच्छा भी लग रहा था. मैंने सोचा चलो कोई बात नहीं सहलाने दो.

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फिर उन्होंने मेरी चड्डी के अन्दर हाथ डाल दिया और वे मेरी गांड को सहलाने लगे थे, इससे मुझे और अच्छा लगने लगा. इतना होते होते मेरा लंड भी खड़ा हो गया था.

उसके बाद उन्होंने मेरी चड्डी उतार दी. चड्डी उतारते समय मैंने अपनी कमर को थोड़ा ऊपर किया ताकि चड्डी उतारने में कोई परेशानी ना हो. इससे उन्हें भी समझ आ गया था कि मैं भी मजा ले रहा हूँ.

मुझे भी पता चल गया था कि आज भैया जी मेरी गांड मारने वाले हैं. मैं भी गांड मरवाने के मूड में आ चुका था.

अब उन्होंने मुझे बेख़ौफ़ नंगा कर दिया और मेरी गांड को सहलाने लगे. कभी कभी भैया अपना हाथ आगे करके मेरा लौड़ा भी हिलाने लगे. उन्हें पता चल गया था कि मैं जग गया हूं और मजा ले रहा हूँ, तो भैया ने मेरा मुँह घुमाया और किस करने लगे. मैं भी उन्हें किस करने लगा.

नीचे से उनका लौड़ा मेरी नंगी गांड से रगड़ रहा था. फिर उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर अपने लौड़े पर रखा. मैंने भैया का लंड पकड़ा, तो पता चला कि ज्यादा बड़ा नहीं है. लेकिन मुझे भैया का लंड अच्छा लगा, वो एकदम कड़क था.

मैं उनका लौड़ा अपने हाथ से सहलाने लगा. वो भी मेरे चूतड़ों को सहला रहे थे. बीच बीच में वे मेरी गांड पर चूम भी रहे थे. मैं तो सातवें आसमान पर था. सोच रहा था कि आज मेरे साथ क्या होने वाला है.

फिर उन्होंने कहा- सोनू मजा आ रहा है ना?
मैंने कहा- हां बहुत मजा आ रहा है.
उन्होंने कहा- थोड़ी देर बाद और मजा आएगा.
मैंने पूछा- कैसे?
उन्होंने बताया- बताता हूं.

फिर उन्होंने एक उंगली को मेरी गांड में डाल दिया. उफ्फ … मुझे थोड़ा दर्द हुआ क्योंकि गांड सूखी थी.
मैंने कहा- भैया दर्द हो रहा है.

उन्होंने उंगली पर थोड़ा थूक लगाया और फिर से उंगली को मेरी गांड में डाल दिया. इस बार आराम से उंगली घुस गई और मुझे मजा भी आया. मैं गांड हिलाने लगा.

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थोड़ी देर में भैया ने एक और उंगली को अन्दर डाल दिया, लेकिन थूक से गीली होने के कारण मुझे ज्यादा दर्द नहीं हुआ और मजा आने लगा.

वो मेरी गांड में उंगली डाल रहे थे और मैं उनका लौड़ा सहला रहा था.

फिर उन्होंने पूछा- सोनू लौड़ा गांड में डालूँ क्या?
मैं कुछ नहीं बोला, तो वो समझ गए कि लौंडा गांड मराने के लिए राजी है.

फिर उन्होंने कहा- तुम पेट के बल से हो जाओ, जिससे तेरी गांड ऊपर आ जाएगी.

मैं गांड ऊपर करके औंधा सो गया. फिर उन्होंने थूक लेकर मेरी गांड पर लगा दिया और अपने लौड़े पर भी लगा लिया.

मेरी गांड में जब वो लौड़ा घिसने लगे, तो मुझे अजीब सा लग रहा था. वे मेरी गांड के छेद को लौड़े से रगड़ रहे थे.
उफ्फ … क्या बताऊं क्या मजेदार फीलिंग आ रही थी. फिर उन्होंने अपना लौड़ा हाथ से पकड़ कर मेरी गांड के छेद पर रखा और धीरे धीरे घुसाने लगा.

मुझसे भैया बोले- सोनू गांड ढीला कर ले, दर्द नहीं होगा.
मैंने वैसे ही किया, अपनी गांड को ढीला कर दिया. उसी वक्त उनका लौड़ा मेरी गांड में घुस गया.

उम्म्ह… अहह… हय… याह… मुझे थोड़ा सा दर्द हुआ क्योंकि उनका लौड़ा ज्यादा मोटा भी नहीं था … तो अच्छा भी लगने लगा.

फिर उन्होंने अपना लौड़ा कुछ बाहर निकाला और गांड में डाल दिया. इस बार भी उन्होंने आराम से डाला और पूरा लौड़ा डाल दिया.
आह … मैं उनका लौड़ा अपनी गांड में महसूस कर रहा था और मजा ले रहा था. मैंने अपने दोनों हाथों से अपने चूतड़ों को फ़ैलाए रहा था, ताकि मेरी गांड में और अन्दर तक वो लौड़ा पेल दे.

फिर वो लौड़ा मेरी गांड में अन्दर बाहर करने लगे और बोलने लगे- सोनू तेरी गांड मस्त मुलायम है … तुझे मजा आ रहा है ना?
मैंने कहा- हां बहुत मजा आ रहा है.

मैं आह उफ्फ कर रहा था और वो भी मेरी गांड को मस्त पेल रहे थे. मैं भी अपनी गांड उछाल उछाल कर गांड मरवा रहा था.

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क़रीब आधा घंटा तक उन्होंने मेरी गांड मारी और मेरी गांड में अपना लौड़ा अन्दर बाहर करते रहे. मैं गांड मरवा कर मजे ले रहा था. वो अब और भी स्पीड में मुझे पेलने लगे.

आह क्या मजा आ रहा था … उफ्फ..

वो स्पीड में पेलते पेलते झड़ गए और अपना गर्म गर्म वीर्य मेरी गांड में ही डाल दिया. मुझे मानो चैन मिला गया.

फिर उन्होंने लौड़ा निकाला और तौलिए से साफ करके मेरी गांड को भी साफ कर दिया. फिर हम दोनों नंगे ही चिपक कर सो गए.

सुबह उठे, तो उनका लौड़ा फिर से खड़ा था. उन्होंने मेरी गांड को फिर से सहलाना शुरू कर दिया. फिर थूक लगा कर फिर से मेरी गांड में लंड पेलने लगे.

सुबह में गांड मरवा कर मुझे और भी मजा आया.

उसके बाद मैंने करीब दो महीने वहां काम किया. मैं भैया से रोज रात को अपनी गांड मरवाने लगा था. वो मेरे पति जैसे हो गए थे और मैं उनकी जोरू बन गई थी.

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