GF BF Sex Stories :
हाई फ्रेंड्स, मैं आपकी प्यारी जान मधु हूँ. बहुत दिनों बाद आने के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ. कहानी लिखने में देर करने के लिए भी माफी भी मांगती हूं।
मैं भी क्या करूँ दोस्तो … भगवान ने मुझे खूबसूरत के साथ-साथ इतनी हॉट भी बना दिया है कि हमेशा चुदने में ही व्यस्त रहती हूं और लोग मुझे चोदने के लिए लाइन में लगे रहते हैं।
इन सारी बातों को एक तरफ रखते हुए कहानी पर आती हूँ।
एक बात मैं आप लोगों को बता दूँ कि सबसे ज्यादा अभी तक मुझे मेरे भाई ने ही चोदा है। वो महीने में 18-20 दिन मुझे चोदता है। या ये कहूँ कि मैं उससे चुदती हूँ तो कुछ गलत नहीं होगा. क्योंकि मैं मेरे भाई की दीवानी हूं।
मैं अभी तक 16 सेक्स पार्टनर से चुद चुकी हूं लेकिन उन सब से मेरा भाई अलग है, उसके चोदने के स्टाइल पर मैं फिदा हूँ। अगर वो मेरा भाई नहीं होता तो मैं उस से शादी कर लेती।
लेकिन जब से मेरा तलाक हुआ है, तब से तो मानो वो मेरा पति ही है।
अब कहानी पर आती हूँ। मेरी चुदाई की कहानियां तो बहुत हैं लेकिन मैं आप लोगों को एक नई कहानी बताती हूं।
बिल्कुल हाल-फिलहाल की मेरे 13 नम्बर सेक्स पार्टनर के साथ की कहानी है। यह कहानी तब की है जब मेरा नया नया तलाक हुआ था। जिसकी वजह से मैं काफी उदास रहने लगी थी। उस वक़्त भाई भी मेरे पास ज्यादा नहीं आता था।
मैं सब कुछ भूलना चाह रही थी लेकिन मेरी जवानी की भूख और बढ़ती जा रही थी। जितना मैं अपने आप पर कंट्रोल करती उतना ही अंदर से आग भड़क जाती थी।
जहाँ मैं रोज चुदती थी … वहीं अब बड़ी मुश्किल से चोरी-चुपके महीने में 1-2 बार ही चुद पाती थी। जिसकी वजह से मैं एकदम प्यासी रहने लगी थी। मेरे अंदर तो मानो जैसे वासना का जवालामुखी फूट रहा हो।
इसी बीच मैंने अपने बेटे नमन, जिसकी उम्र 2 साल 3 महीने हो गयी थी, का एडमिशन प्ले स्कूल में करवाने को सोची और बेटे को लेकर शहर के नामी स्कूल में गयी।
मैंने उस दिन जीन्स और टॉप पर हल्की से मेकअप कर रखी थी।
रिसेप्शन पर मैंने पूछा तो उसने एक फार्म भरवाया और प्रिंसिपल के केबिन में जाने को बोली।
मैं जैसे ही प्रिंसिपल रूम के गेट के पास गई, गार्ड ने दरवाजा खोला और मैं अंदर चली गयी।
उस प्रिंसिपल ने मुझे जैसे ही देखा, वो अपने सीट से खड़ा हुआ और मेरे पास आकर मुझे जोर से गले लगा लिया.
मैं कुछ समझ पाती … इससे पहले उसने मेरी गाल पर पप्पी दे दी। मुझे बहुत बुरा लगा.
मैंने जबरदस्ती उसे अपने से दूर किया और बोली- ये क्या बतमीजी है? आप होश में तो हैं?
फिर वो बोला- नहीं … तुम्हें देखकर मदहोश हो गया था।
मैं बोली- आप पागल तो नहीं हो गए हो?
तो वो बोला- हाँ, मैं तुम्हें देखकर पागल हो गया हूं मधु!
मैं एकदम से चौंक गयी कि ये मेरा नाम कैसे जानता है।
फिर मैं बोली- आप मेरा नाम कैसे जानते हो?
तब वो बोला- मुझे तो यह भी पता है कि तुम्हारे बी.एफ का नाम संतोष है. इसके अलावा भी बहुत कुछ पता है।
मैं कुछ समझ नहीं पा रही थी कि ये कौन है।
तभी वो बोला- यार, मैं रोहित हूँ। भूल गयी क्या?
मैं सोचने लगी कि कौन रोहित!
तभी वो बोला- यार, हम एक ही कॉलेज में पढ़े हैं।
तभी मुझे याद आया कि ये तो मेरे कॉलेज में पढ़ता था और मेरा सेक्स पार्टनर था।
वो फिर बोलने लगा- न जाने कितनी रात हम लोगों ने साथ गुजारी हैं। इतनी जल्दी भूल गयी?
फिर मैं बोली- ओह … तुम रोहित हो!
मैंने भी ख़ुशी से पूछा.
तो वो बोला- हाँ यार, बिल्कुल रोहित हूं।
मैं बोली- तू तो पूरा बदल गया है।
फिर रोहित बोला- लेकिन तू आज भी नहीं बदली; आज भी उतनी ही हॉट और खूबसूरत है।
मैं बोली- रहने दे ज्यादा तारीफ मत कर!
फिर रोहित बोला- आज मैं बहुत खुश हूं क्योंकि हमारी मुलाकात 5-6 साल बाद हो रही है।
मैं आप लोगों को बता दूँ कि रोहित मेरे कॉलेज में पढ़ता था। आप पुराने पाठकों को पता होगा कि कॉलेज में मेरा एक सेक्स पार्टनर का ग्रुप था जिसमें 4 कपल थे और चारों कपल खूब मस्ती करते थे। ये मैं आप लोगों को पहले बता चुकी हूँ। हम लोग उस ग्रुप में बहुत बार आपस में सेक्स पार्टनर एक्सचेंज भी किया करते थे। जब भी मेरा बी.एफ कहीं चला जाता था तो मैं ग्रुप के किसी भी लड़के से पूरी-पूरी रात चुदवाती थी। रोहित भी उस ग्रुप में था।
रोहित बोला- वैसे तू यहाँ कैसे आयी?
मैं बोली- यार, मैं तो अपने बेटे का एड्मिशन करवाने आयी हूँ। मुझे क्या पता था कि तू मिल जाएगा।
तभी मैं बेटे को बोली- बेटे मामा को हैल्लो करो।
तभी रोहित बोला- यार मामा तो मत बोलने को बोलो … कितनी बार हम …
इससे आगे वो कुछ बोलता, मैं बेटे को बोली- अंकल को हैल्लो बोलो।
तो रोहित बोला- ये ठीक है।
तभी रोहित मेरे कान के पास आकर गर्म साँसें छोड़ते हुए बोला- वैसे इसमें किस सेक्स पार्टनर का योगदान है? संतोष का या अमित का?
मैं हँसते हुए बोली- तेरा!
वो बोला- अच्छा तो ये मेरा बेटा है।
मैं स्माईल करते हुए बोली- क्यों पसन्द नहीं है?
फिर रोहित बोला- यार बेटे से ज्यादा तो माँ पसन्द है।
फिर मैं बोली- अच्छा बेटे के सामने माँ को लाइन मार रहा है?
तो रोहित बोला- मैं तो बहुत कुछ मारना चाहता हूँ और आज तो मारूँगा भी।
यह कहते हुए उसने फिर पप्पी कर दी।
फिर मैं बोली- बड़े बेशर्म हो! बच्चे के सामने ये सब करते हो।
फिर मैं बात काटते हुए बोली- अच्छा वो सब छोड़ो। पहले स्कूल तो घुमाओ, मैं भी तो देखूं कैसा है तेरा स्कूल!
तो रोहित बोला- यार, तेरा ही स्कूल है, जब दिल करे देख लेना! तू यहाँ बैठ!
रोहित ने मुझे मेरे दोनो कंधों पर हाथ लगाया और सोफे पर बिठा दिया।
और बोला- आज सिर्फ मेरा बेटा स्कूल देखेगा।
तभी उसने कॉल करके एक लड़की को बुलाया और बोला- बाबू को अच्छे से स्कूल घुमाओ, सभी बच्चों से मिलवाओ। आज से क्लास शुरू कर दो।
मैं बोली- आज से?
तो वो बोला- बिल्कुल!
और वो लड़की मेरे बेटे को लेकर चली गयी।
मैं बोली- यार, कल से शुरू कर देना, आज लेट भी हो गयी है।
तो वो बोला- कुछ लेट नहीं हुआ है। अभी भी 3 घण्टे हैं स्कूल खत्म होने में!
मैं बोली- ठीक है, फिर मैं चलती हूँ।
तो वो बोला- यार, तुमसे ही बात करने के लिए तो बेटे को भेजा है।
मैं बोली- अच्छा!
तो वो बोला- बिल्कुल!
मैं बोली- तो बता क्या बात करनी है?
वो मेरे बगल मैं फिर बैठ गया और मेरे हाथों को अपने हाथों में रख कर सहलाने लगा।
मैं बोली- ये क्या कर रहा है?
तो वो हँसते हुए बोला- अपने बेटे के मम्मी का ख्याल रख रहा हूं।
मैंने भी स्माइल कर दी क्योंकि ये सब हम सेक्स पार्टनर लोगों में आम बात थी।
रोहित तो मुझे कितनी बार चोद भी चुका था। पर वो बात पुरानी हो गयी थी।
फिर इसी तरह हम लोग बातें करने लगे। बात करते-करते पता नहीं कब हम लोग सेक्स लाइफ पर आ गए।
वो बोला- तेरे बेटे का असली बाप कौन है? अमित या संतोष?
मैं हँसती हुई बोली- पता नहीं यार, कौन है? मुझे क्या पता … जब मैं प्रेग्नेंट हुई तो मैं 9 लोगों से चुद रही थी। पता नहीं उस 9 में से मेरे बेटे का असली बाप कौन है।
रोहित को तो सिर्फ अमित और संतोष के बारे में ही पता है।
फिर रोहित हँसते हुए पूछा- फिर रिकॉर्ड में फादर की जगह किसका नाम लिखूंगा?
तो मैं भी मजाक करते हुए बोली- तू अपना नाम ही लिख दे। तूने भी तो उसकी माँ के साथ बहुत मजे किये हैं।
रोहित बोला- मजे तो किये लेकिन बहुत नहीं।
मैं बोली- अच्छा जी, जब सन्तोष नहीं होता था, उस दिन तू पूरी-पूरी रात मेरे साथ बिताता था।
फिर वो बोला- संतोष तो आज भी नहीं है।
मैं बोली- चुप बदमाश मैं अब वैसी नहीं हूँ। एक बच्चे की माँ बन गई हूं।
तो वो हँसते हुए बोला- ऐसी माँ जिसको अपने बच्चे का असली बाप कौन है ये पता ही नहीं है।
फिर रोहित ने पूछा- अभी भी सन्तोष से चुदती हो?
मैं कुछ नहीं बोली.
वो समझ गया और बोला- मजे हैं यार तेरे … अभी भी अमित और सन्तोष दोनों से चुदती हो।
उसे क्या पता कि मेरा तलाक हो चुका है और सन्तोष का आना जाना कम है। अभी मैं एकदम प्यासी हूँ।
फिर वो बात करते-करते मेरी जांघों को सहलाने लगा। मैं भी धीरे-धीरे पिघल रही थी।
लेकिन मैं उसका हाथ हटाते हुए बोली- ये क्या कर रहा है?
वो बोला- कुछ नहीं यार, तुम्हारी हॉटनेस को फील कर रहा हूं।
मैं बोली- अच्छा … लेकिन इससे कोई फायदा नहीं; मैं अब वैसी नहीं हूँ।
मैं तो सिर्फ उसे तड़पा रही थी। चाहती तो मैं भी थी कि मेरी जोरदार चुदाई हो।
तभी रोहित बोला- ऐसा मत बोलो यार … इतनी दिन बाद मिली हो।
और यह कहते हुए उसने मेरे होंठों को किस कर लिया।
मैं बोली- ये क्या कर रहे हो? पुरानी बातों को भूल जाओ।
तो रोहित बोला- भूल ही गया था मेरी रानी; लेकिन आज तुम्हें देख कर सब याद आ गया, वो कॉलेज, वो इंस्टीट्यूट, वो होटल, वो बिस्तर जिस पर मैंने तुम्हें चोदा था।
मैं बोली- बस बीती हुई बातें याद करने से क्या फायदा; अब ये सब मुमकिन नहीं है। मैं अब एक बच्चे की माँ बन चुकी हूं।
तो रोहित बोला- ठीक है, मत चोदने दो; लेकिन अपनी बदन की गर्मी तो महसूस करने दो।
मैं बोली- कैसे?
तो उसने मुझे वहाँ से उठाया और अपनी गोद में बिठा लिया। उसकी गोद में बैठते ही उसका लन्ड मेरी गान्ड में चुभने लगा था जो मुझे मदहोश करने के लिए काफी था।
मैं अंदर ही अंदर अपनी गर्मी से ही तप रही थी लेकिन डायरेक्ट बोल भी नहीं सकती थी कि मेरी चुदाई कर दो।
मैं चुदने वाली हूं! ये तो मुझे पता था … मैं बस थोड़ा सा नाटक कर रही थी।
वो मुझे अपने गोद में बिठा कर मेरी चुचियों को दबाने लगा और हँसते हुए बोला- यार तेरे बूब्स तो पहले से भी ज्यादा कड़क हो गये हैं।
मैं बोली- अच्छा तू मेरी बदन की गर्मी ले रहा है या मुझे गर्म करने की कोशिश कर रहा है?
तो वो बोला- नहीं यार, सच बोल रहा हूं। तू पहले से बहुत गर्म माल बन चुकी है।
और वो मेरी टॉप में हाथ डालने लगा। और पीछे से मेरी गर्दन पर किस करने लगा जिससे मैं पागल हुई जा रही थी।
मैं लड़खड़ाती जुबान में बोल रही थी- ये क्या कर रहे हो? छोड़ दो मुझे!
लेकिन वो मनाने वाला कहाँ था; वो मेरी चुचियों को अच्छे से मसलने लगा था और गर्दन पर हल्की दाँत चुभने लगा था।
मैं अपना आपा खोने लगी थी।
और रोहित बोल रहा था- यार, तेरी चुचियों का जवाब नहीं!
और नीचे से उसका लन्ड मेरी जीन्स फाड़ने में लगा था।
मैं अब बेकाबू होने लगी थी।
इतने में रोहित ने मेरी लाल रंग की टॉप निकाल दी। मैंने झट से अपने दोनों हाथों से अपने बूब्स छुपा लिए और बोली- ये क्या किया? पागल हो गए हो क्या?
वो बोला- प्लीज यार … एक बार मेरे से और चुदवा लो।
मैं बोली- ऐसा नहीं हो सकता. भूल जाओ वो सब!
लेकिन वो मानने वाला नहीं था और मुझे चूमने लगा. कभी मेरी गालों को चूमता तो कभी मेरे होंठ! तो कभी गर्दन को!
मैं मदहोश हो रही थी।
इस तरह वो मुझे चोदने की रिक्वेस्ट करने लगा। मैंने भी सोचा कि अब बहुत हो गया … अब इस पुराने सेक्स पार्टनर से चुद ही लेती हूं। वैसे भी बहुत दिनों से चुदी नहीं थी।
तो मैं बोली- ठीक है … लेकिन इसके बाद नहीं।
यह सुनकर वो ख़ुशी से पागल हो गया और धीरे से मेरी हाथों को मेरी चुचियों पर से हटाया।
मुझे ब्रा में देख वो कॉफी जोश में आ गया।
फिर उसने मुझे घुमाया और बड़े प्यार से मेरी बूब्स ब्रा के ऊपर से चाटने लगा।
उसकी जीभ लगते ही मैं वासना में खो गयी।
फिर रोहित बोला- यार, एक बार फिर मुझे वो दिन याद आ गया।
मैं बोली- जो करना है, जल्दी करो!
इतना सुनते ही वो पागल हो गया और मेरी ब्रा खोल दी और बड़े गौर से देखने लगा।
मैं बोली- क्या देख रहे हो?
तो वो बोला- यार तेरी चूची का जवाब नहीं।
और वो मेरी चूचियां खाने लगा।
मैं बोली- आराम से … कहीं भागी नहीं जा रही हूँ मैं!
तो वो बोला- यार 6 साल से भूखा हूं।
और वो फिर अपने काम पर लग गया।
वो मेरी एक चूची को अपने मुंह में लिये हुआ था और एक को मसल रहा था।
मैं तो एकदम मदहोश हुई पड़ी थी।
इतने में उसने एक हाथ मेरी जीन्स में घुसा दिया और मेरी चूत को मसलने लगा।
लेकिन जैसे ही उसने मेरी चूत को टच किया तो रोहित बोला- यार, तेरी चूत में तो बाढ़ आई हुई है।
चुदाई के लिए तड़प रही मेरी चूत तब तक 2-3 बार पानी छोड़ चुकी थी।
मैं इतराते हुए बोली- मधु की चूत जवालामुखी है प्यारे … कभी भी फट जाती है।
वो बोला- ये बात तो है।
और वो मेरी जीन्स खोलने लगा।
जैसे ही मेरी जीन्स खुली, उसकी आंखें चौंधिया गयी।
वो बोला- यार, तुम कब से गर्म थी; पूरी पेंटी गीली हो रही है।
और वो मेरी गीली पेंटी को सूंघने लगा।
उसकी गर्म साँसों से मैं उतावली होती जा रही थी और मेरी कमर अपने आप ऐसे उचक रही थी जैसे कि जल बिन मछली।
फिर वो मेरी पेंटी को चाटने लगा।
मैं मदहोशी में बोली- ये क्या कर रहे हो? अब मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रही हूँ। प्लीज जल्दी करो।
लेकिन वो मानने वाला कहाँ था … वो बड़े आराम से मेरी पेंटी चाट रहा था।
फिर थोड़ी देर बाद पेंटी को नीचे करते हुए मेरे पैरों से निकाल दिया और मेरी चिकनी चूत पर ऐसे टूटा मानो कोई चोर खजाने पर टूटता है। बिना वक़्त गवाएं उसने मेरी तर चूत को अपने मुँह में ले लिया।
उसके इस कारनामे से मैं एकदम चिहुँक गयी। उसकी जीभ मेरी चूत पर जैसे ही पड़ी, मैं अपने आपे से बाहर हो चुकी थी। ऐसा लग रहा था कि मानो किसी जंगल में आग लग गयी हो। मेरी कमर अपने आप उचकने लगी थी और लन्ड लेने के लिए बेताब थी। बस ऐसा लग रहा था कि कोई मेरी चूत की धज्जियां उड़ा दे।
इसी बीच वो अपनी जीभ से मेरी चूत चोदने लगा। मैं तो बिल्कुल पागल हो गयी। मेरे पूरे शरीर में तूफान सा मच गया था। मेरी प्यासी चूत इतनी गर्मी बर्दाश्त नहीं कर सकी और उसके मुँह में ही पानी छोड़ दिया।
रोहित मेरी चूत की सारी पानी को पी गया।
अभी भी वो जीभ से मेरी चूत को चोदे जा रहा था और अपने हाथों से मेरी जिस्म को मसल रहा था।
उसके ये सब करने से मैं फिर से गर्म होने लगी. कुछ ही देर में मैं फिर से तड़पने लगी और फिर से कमर उचकाने लगी। मैं अपने आप को फिर से नहीं संभाल पा रही थी।
और रोहित तो जैसे मेरी चूत की आज जीभ से ही गहराई नाप कर ही मानने वाला था।
फिर मैं ही हार कर बोली- यार जल्दी से मेरी चूत में लन्ड डाल … अब बर्दाश्त नहीं कर पा रही हूँ।
लेकिन वो सुन ही नहीं रहा था।
फिर मैंने जैसे तैसे उसे अपने आप से अलग किया और बोली- अब आज जीभ से चोदोगे क्या?
तो वो बोला- नहीं मेरी रानी, अभी तेरी जबरदस्त चुदाई करता हूं।
और वो तुरन्त नंगा हो गया।
नंगा होते ही उसका विशाल लन्ड मेरे चेहरे के सामने आ गया।
तो मैं बोली- क्या बात है रोहित तेरी तो शक्ल के साथ-साथ लन्ड भी बदल गया?
तो वो बोला- अच्छा जी।
फिर मैंने उसके लन्ड को बड़े ही प्यार से मसला. मेरा हाथ लगते ही मानो वो और कड़क हो गया हो।
वो बोला- अपने मुँह में लो ना!
मैं बोली- छी मैं नहीं लेती हूं।
उसे क्या पता कि यह लंड चूसना तो मेरा शौक बन चुका है।
लेकिन इस वक़्त लन्ड की जरूरत मुँह से ज्यादा चूत को थी।
फिर उसने अपनी जेब से लिप गार्ड निकाला और अपने लन्ड पर ढेर सारा लगा लिया. तब उसने लन्ड को मेरी चूत पर टिकाया और धक्का लगाया।
उसके लन्ड का टोपा मेरी चूत में चला गया और मैं दर्द से उछल पड़ी।
इतने में उसके रूम के दरवाजे पर किसी ने बाहर से नोक किया और आवाज़ आयी- मे आई कमिन सर!
तभी रोहित को याद आया कि उसने दरवाजा लॉक किया ही नहीं था।
फिर वो बोला- वेट!
और लन्ड मेरी चूत से निकाल कर कपड़े पहनने लगा।
वो मुझे भी बोला- जल्दी पहन लो।
मैं भी अपने जलते बदन को मजबूरी में कपड़ों से ढकने लगी।
जल्दी की वजह से मैंने ब्रा पेंटी अपने बैग में रख ली और जीन्स टॉप पहन कर बैठ गयी।
और रोहित भी अपनी चेयर पर जाकर बोला- कम इन।
इतने में वो लड़की मेरे बेटे को लेकर आई और बोली- सर बाबू रो रहा है।
मेरे बेटे को मैंने अपने पास ले लिया।
दोस्तो, मेरी यह अधूरी चुदाई आप लोगों को कैसी लगी? बताएगा जरूर।
और इसके बाद मैं अपने पुराने सेक्स पार्टनर रोहित से कैसे चुदी … ये मैं अगली कहानी में बताऊँगी।
आप सबकी प्यारी आपकी अपनी मधु जल्द ही वापस आएगी तब तक के लिए आप लोग मेरी नाम की मुठ मारें और सारा वीर्य मेरी चूत में डालें।
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