हाय दोस्तों, मैं सनी कश्यप, सीतापुर का रहने वाला हूँ। मैं रोज़ रात को चुपके-चुपके मस्त सेक्सी कहानियाँ पढ़ता हूँ, और आज मैं तुम्हें अपनी ज़िंदगी का एक गर्मागर्म किस्सा सुनाने जा रहा हूँ। मैंने बी.ए. में कॉलेज में दाखिला लिया था, और हमारी क्लास शुरू हो चुकी थी। क्लास में 25 लड़कियाँ थीं, लेकिन ज़्यादातर तो साँवली और बेकार सी थीं। उनमें से 10 लड़कियों की शादी हो चुकी थी, और वो अपने पतियों से पहले ही चुद चुकी थीं। कुछ लड़कियाँ ऐसी थीं जो लड़कों से ज़्यादा बात नहीं करती थीं, शायद डरती थीं कि कहीं कोई उन्हें पकड़कर चोद न दे। लेकिन तीन लड़कियाँ थीं जो लड़कों से खुलकर बात करती थीं, और उनकी हरकतों से लगता था कि वो चुदवाने के मूड में रहती थीं।
इन सब में प्रिया रानी नाम की एक लड़की थी, जो बिलकुल मस्त माल थी। उसका गोरा रंग, भरा हुआ जिस्म, और 5 फुट 4 इंच की हाइट उसे और भी हॉट बनाती थी। उसके होंठ इतने रसीले थे कि उन्हें देखकर मेरा मन करता था कि बस यहीं मुंह में लंड डालकर जी भरकर चुसवाऊँ। उसकी चूत को चोद-चोदकर फाड़ दूँ। मैं तो उसे देखकर रोज़ मुठ मारने लगा था। उसका चिकना बदन, भरे हुए मम्मे, और पतली कमर देखकर मेरा लंड हर बार खड़ा हो जाता था।
एक दिन दोपहर के 2 बजे थे। मैं कॉलेज की आर्ट्स साइड वाली बिल्डिंग में टहल रहा था। उस दिन मेरा मन कुछ परेशान था, और क्लास में जाने का दिल नहीं था। मैं चार कमरे पार करके एक बालकनी में खड़ा हो गया और सिगरेट पीने लगा। तभी मुझे एक कमरे से गर्मागर्म आवाज़ें सुनाई दीं। “आह्ह… माँ… ऊह्ह… चूसो मेरी चूत को… और ज़ोर से… मेरी बुर का रस पी लो!” मैं तो सुनते ही चौंक गया। मेरे दिमाग में हलचल मच गई। वो कमरा मेरे कमरे से चार कमरे छोड़कर था। मैंने सिगरेट का लंबा कश लिया और उस कमरे की तरफ बढ़ गया।
दरवाज़ा खुला था। मैं चुपके से अंदर घुस गया। कमरे में लंबी-लंबी बेंचों के बीच दो लोग गर्मागर्म चुदाई में डूबे थे। मैंने कोई आवाज़ नहीं की और चुपके से एक बेंच के पीछे बैठकर देखने लगा। जब मैंने उन दोनों को पहचाना, तो मेरी गांड फट गई। मेरा जिगरी दोस्त कैलाश, क्लास की सबसे मस्त माल प्रिया रानी को घपाघप चोद रहा था। “बहनचोद! इसने तो प्रिया को चोद लिया!” मैंने मन ही मन सोचा।
ये गर्मागर्म चुदाई देखकर मेरा लंड तन गया। मैंने सिगरेट को पैर से कुचलकर बुझाया और चुपके से फर्श पर बैठकर छिप गया। कैलाश ने हमारी क्लास की सबसे हॉट लड़की को पटा लिया था और आज उसकी चूत की सील तोड़ रहा था। प्रिया के कपड़े एक बेंच पर रखे थे, और वो पूरी नंगी थी। उसका चिकना, गोरा, चुदवाने लायक जिस्म देखकर मेरा दिल मचल रहा था। मैंने चुपके से अपना स्मार्टफोन निकाला और उनकी चुदाई का वीडियो बनाना शुरू कर दिया। सोचा, इस वीडियो से कैलाश को ब्लैकमेल करूँगा और प्रिया की ताज़ी चूत का मज़ा लूँगा।
मैं सब कुछ टकटकी बांधकर देख रहा था। दोनों खामोश थे, लेकिन प्रिया पूरी तरह चुदवाने के मूड में थी। कैलाश उस पर लेटा था, उसके रसीले, स्ट्रॉबेरी जैसे होंठ चूस रहा था। दोनों एक-दूसरे की आँखों में डूबे थे, चुदाई के नशे में चूर। ये सब देखकर मेरा लंड और सख्त हो गया। अगर मेरे पास उस वक्त तमंचा होता, तो मैं कैलाश के सिर पर रखकर प्रिया को यहीं चोद लेता। मेरे मन में अजीब-अजीब ख्याल आ रहे थे। कैलाश ने हमारी क्लास की सबसे मस्त लड़की को पटा लिया था। मैं, परमजीत, संदीप, देवेंद्र, अजय—सब प्रिया को चोदना चाहते थे, लेकिन ये साला कैलाश बाज़ी मार ले गया। थोड़ी जलन तो हुई, लेकिन खुशी इस बात की थी कि प्रिया की चूत में आज लंड घुस गया। अब वो चुदक्कड़ों की गिनती में आएगी।
कैलाश ने देर तक प्रिया के रसीले होंठ चूसे, फिर उसके 36 साइज़ के मम्मों को पीने लगा। “उफ्फ… मादरचोद! कितना मज़ा आ रहा होगा!” मैंने सोचा। उसके मम्मों के चारों तरफ चॉकलेटी रंग के बड़े-बड़े घेरे थे, जो हर हिंदुस्तानी लड़के की ख्वाहिश होती है। मैं छिपकर सब देख रहा था। कैलाश करीब 20 मिनट तक प्रिया के मम्मे चूसता रहा। फिर उसने अपना 7 इंच का मोटा लंड हाथ में लिया और प्रिया की चूत पर ऊपर-नीचे रगड़ने लगा। प्रिया की आँखों में लंड खाने की तड़प साफ दिख रही थी। वो “आह… राजा… आज मुझे कसकर चोद दो… ऊह्ह…!” की सिसकारियाँ ले रही थी।
कैलाश मस्ती के मूड में था। वो प्रिया को चोदने से पहले उसके मदमस्त जिस्म से खेल रहा था। वो अपने लंड का सुपाड़ा प्रिया की चूत पर बार-बार रगड़ रहा था, लेकिन अंदर नहीं डाल रहा था। प्रिया की चूत लंड के लिए तड़प रही थी, लेकिन कैलाश को मस्ती सूझ रही थी। फिर वो प्रिया के ऊपर लेट गया और उसके मम्मे फिर से चूसने लगा। प्रिया की पतली, सेक्सी कमर देखकर कोई भी लड़का उसे चोदने के लिए पागल हो जाता। कैलाश ने प्रिया का पेट चाटना शुरू किया, फिर अपनी जीभ उसकी नाभि में घुमाने लगा। प्रिया “ऊऊ… ऊह्ह… सी सी… आह्ह…!” की सिसकारियाँ ले रही थी।
कुछ देर तक प्रिया की चूत को अपने मोटे लंड से रगड़ने के बाद आखिर वो पल आ गया, जिसका प्रिया को बेसब्री से इंतज़ार था। कैलाश ने अपना लंड उसकी बुर पर रखा और एक ज़ोरदार धक्का मारा। “सट्ट…” की आवाज़ के साथ उसका लंड प्रिया के गुलाबी भोसड़े में घुस गया। प्रिया चिल्लाई, “कैलाश… मेरे यार… मेरे जान… आआ… और ज़ोर से चोदो… सी सी… माँ…!” कैलाश के लिए ये दिन ऐतिहासिक था। वो प्रिया की चूत मारने के लिए कब से बेताब था। वो हर पल को जीना चाहता था। उसने नीचे देखा तो प्रिया का गुलाबी भोसड़ा साफ दिख रहा था।
प्रिया की चूत के होंठ गुड़हल के फूल जैसे थे। कैलाश ने गौर से देखा कि उसका 7 इंच का लंड प्रिया के भोसड़े में पूरी तरह समा गया था। वो इस नज़ारे को देर तक देखता रहा। प्रिया बार-बार कह रही थी, “कैलाश… चोदो ना… इतना टाइम क्यों बर्बाद कर रहे हो?” लेकिन कैलाश इस पल को अपने दिल में कैद करना चाहता था। फिर उसने प्रिया को प्यार से चोदना शुरू किया। उसका लंड धीरे-धीरे प्रिया की चूत की गहराइयों को नापने लगा। प्रिया की आँखें बंद हो गईं, उसके बड़े-बड़े मम्मे गेंदों की तरह हिल रहे थे।
कैलाश प्रिया के बंद आँखों के सौंदर्य को पी रहा था। हम सब लड़के—मैं, परमजीत, संदीप, देवेंद्र—सारा दिन प्रिया को टकटकी लगाकर देखते थे। अगर कभी उसके दुपट्टे से उसके मम्मों की झलक मिल जाती, तो सबके लंड खड़े हो जाते। लेकिन लॉटरी तो कैलाश के हाथ लगी। अब वो प्रिया के भोसड़े में अपने लंड की रफ्तार बढ़ाने लगा। प्रिया “ऊऊ… आआ… सी सी… ऊँ ऊँ…” की सिसकारियाँ ले रही थी, और अपने दाँतों से होंठ काट रही थी। उसे भी चुदाई में पूरा मज़ा आ रहा था।
कुछ देर बाद कैलाश ने रफ्तार बढ़ाई और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा। प्रिया की साँसें उखड़ने लगीं। उसका नर्म बदन कैलाश के मोटे लंड को झेल नहीं पा रहा था। “अई… अई… इस्स्स… ऊह्ह… चोदो… और कसकर चोदो…!” प्रिया किसी चुदक्कड़ कुतिया की तरह चिल्ला रही थी। तभी कैलाश ने उसके मुंह पर अपना मुंह रखा और उसके रसीले होंठ चूसने लगा। दोनों जवानी के नशे में चूर थे। प्रिया ने कैलाश को अपनी बाहों में जकड़ लिया और मज़े से चुदवाने लगी। “चत चत… पट पट…” की आवाज़ कमरे में गूँज रही थी।
मैं वहीँ छिपा हुआ था। मैंने अपनी पैंट खोल दी और अंडरवियर में हाथ डालकर मुठ मारने लगा। ऐसा मौका बार-बार नहीं आता। मेरी क्लास की सबसे मस्त माल मेरी आँखों के सामने चुद रही थी। मैं जल्दी-जल्दी अपना लंड फेंटने लगा। कैलाश और प्रिया को मेरे बारे में ज़रा भी नहीं पता था। मैं दीवार के पास बेंच के पीछे छिपा था। उनकी चुदाई क्लाइमेक्स पर थी। कैलाश “हूँ… हूँ… हूँ…” की आवाज़ निकालते हुए प्रिया को हुमक-हुमक कर चोद रहा था। “चत चत… पट पट…” की आवाज़ के बीच उसका लंड प्रिया के भोसड़े में बार-बार घुस रहा था। आखिरकार, कैलाश ने अपना माल प्रिया के भोसड़े में छोड़ दिया। इधर, मैंने भी मुठ मारकर माल गिरा दिया।
माल छोड़ते ही प्रिया कैलाश से चिपक गई। दोनों आधे घंटे तक नंगे एक-दूसरे से लिपटे रहे। मेरी क्लास की सबसे मस्त माल आज कॉलेज में चुद गई थी। दोनों ने कपड़े पहने। मैं खड़ा हुआ और ज़ोर-ज़ोर से तालियाँ बजाने लगा। कैलाश और प्रिया ने मुझे देखा तो उनकी गांड फट गई।
“सनी… तू?” कैलाश बोला।
“हाँ बेटा! यहीं छिपकर तुम्हारी और प्रिया की चुदाई देख रहा था। मज़ा आ गया गुरु! प्रिया को जो तूने चोदा, मैंने तो देखते-देखते मुठ मार दी,” मैंने हँसते हुए कहा।
“तुम दोनों की चुदाई का वीडियो बना लिया है। अब शराफत से प्रिया की चूत दिला दो, वरना दो मिनट में ये वीडियो पूरे कॉलेज में भेज दूँगा!” मैंने कैलाश को ब्लैकमेल किया। बड़ी मुश्किल से कैलाश प्रिया को चुदवाने को राज़ी हुआ। फिर मैंने उसी कमरे में प्रिया को आधे घंटे तक चोदा और उसकी गांड मारी। मैंने कैलाश से वादा निभाया और वीडियो डिलीट कर दिया। लेकिन खुशी इस बात की थी कि क्लास की सबसे मस्त माल की चूत तो मिल गई।
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