Jawan Bhabhi MILF ki chudai: दोस्तो, मैं हूँ तुम्हारा समीर, एक बार फिर से अपनी ज़िंदगी की एक चटपटी और गरम कहानी लेकर हाज़िर! मैं उत्तराखंड के एक छोटे से शहर में रहता हूँ। मेरी हाइट 5 फुट 10 इंच है, और लोग कहते हैं कि मेरा व्यक्तित्व काफ़ी आकर्षक है। मेरी बीवी और दो बच्चे हैं, एक 12 साल का बेटा और 8 साल की बेटी, और हमारा जीवन बड़ा खुशहाल चल रहा था। लेकिन एक दिन, एक ऐसी घटना घटी कि मेरी ज़िंदगी में थोड़ा मसाला आ गया। ये कहानी है एक गरम देसी भाभी की चुदाई की, जिसने मेरे दिल और जिस्म दोनों में आग लगा दी।
मैं पेशे से बिज़नेसमैन हूँ और प्रोडक्ट ट्रेडिंग का काम करता हूँ। मेरा गोदाम छोटी-छोटी दुकानों को माल सप्लाई करता है, लेकिन कई बार लोग सीधे मेरे पास सस्ता माल लेने आ जाते हैं। पहले मैं ऐसे लोगों को मना कर देता था, लेकिन एक दोस्त की सलाह पर मैंने खास लोगों को भी माल देना शुरू कर दिया। बस यहीं से मेरी कहानी शुरू होती है।
एक दिन मैं अपने ऑफिस में अकेला बैठा था। मेरे दोनों नौकर माल डिलीवर करने गए थे। तभी एक लेडी, उम्र कोई 40-45 साल, मेरे ऑफिस में दाखिल हुई। उसने सलवार-कमीज़ पहनी थी, जो उसके बदन पर एकदम फिट थी। मैंने उसे देखते ही कहा, “मैडम, अभी नौकर नहीं हैं, माल निकालने वाला कोई नहीं है। आप बाद में आ जाइए, या अपना नंबर दे दीजिए, मैं कॉल कर दूँगा।” उसने मुस्कुराते हुए अपना नाम बताया, “मैं स्मिता हूँ,” और अपना नंबर दे दिया। मैंने उसका नंबर सेव किया और वो चली गई। उस वक़्त मेरे मन में कोई गलत इरादा नहीं था। वो पढ़ी-लिखी और शालीन लग रही थी।
शाम को जब मेरे नौकर वापस आए, मैंने स्मिता को कॉल किया। वो थोड़ी ही देर में आ गई, क्योंकि उसका घर पास में ही था। उसने अपना सामान लिया, और मैंने जाने क्या हुआ, उसे रेट भी काफ़ी कम दे दिया। वो खुश होकर चली गई, और उसकी मुस्कान में कुछ ऐसा था कि मेरा दिल थोड़ा डोल गया।
अब मैं आपको स्मिता के बारे में बता दूँ। उसकी हाइट करीब 5 फुट 5 इंच थी, रंग एकदम गोरा, और बदन ऐसा जैसे भगवान ने फुर्सत में तराशा हो। उसका फिगर 36-28-38 का रहा होगा, और उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी। वो पास में ही हर्बल प्रोडक्ट्स का बिज़नेस चलाती थी। मैंने उसे अपना नाम बताया, “मैं समीर!” उसने हँसते हुए कहा, “अरे, मैंने तो आपके बारे में सुना है। लोग आपके नेचर की तारीफ करते हैं।” मैंने मज़ाक में पूछा, “अच्छा सुना या बुरा?” वो बोली, “ज़ाहिर है, अच्छा ही!” और फिर वो हँस पड़ी। उसकी हँसी में एक अजीब सा जादू था।
मैंने भी मज़ाक में कहा, “मुझे तो नहीं पता था कि मैं इतना फेमस हूँ!” वो और हँसी। फिर उसने बताया कि वो शादीशुदा है, उसका एक 10 साल का बेटा और 6 साल की बेटी है। मैंने भी अपने बारे में हल्का-फुल्का बताया। धीरे-धीरे हमारी बातचीत बढ़ने लगी। वो जब भी गोदाम आती, हम थोड़ा-थोड़ा खुलकर बात करने लगे।
मैं उसके व्हाट्सएप स्टेटस देखता और तारीफ भरे कमेंट करता। वो भी मेरे स्टेटस पर जवाब देती। कभी वो कोई शेर डालती, तो मैं शेर से ही जवाब देता। मुझे शायरी का शौक़ है, और मेरे शेर उसे बहुत पसंद आते। उसकी तस्वीरों पर मैं उसकी खूबसूरती की तारीफ करता, और वो शरमा कर हँस देती। सच कहूँ तो वो थी ही इतनी खूबसूरत, जैसे कुदरत का कोई करिश्मा।
एक दिन तारीफ करते-करते मैंने व्हाट्सएप पर लिख दिया, “अगर तुम पास होतीं तो…” और गलती से सेंड हो गया। उसने तुरंत पूछा, “तो क्या करते?” मैंने टालने की कोशिश की, लेकिन वो बार-बार पूछने लगी। आखिरकार मैंने बोल ही दिया, “तो तुम्हें किस कर लेता।” वो बोली, “अच्छा बच्चू? घर में बीवी नहीं है क्या?” मैंने हँसते हुए कहा, “है ना, लेकिन मेरी बीवी को इन सब में ज़्यादा इंटरेस्ट नहीं।” उसने थोड़ा सहानुभूति भरे लहजे में कहा, “देखते हैं।”
एक दिन स्मिता ने मुझे अपने ऑफिस बुलाया। मैं चला गया। वहाँ कोई नहीं था। मैंने पूछा, “सब कहाँ हैं?” उसने बताया, “मेरे स्टाफ में किसी की डेथ हो गई है, सब वहाँ गए हैं। माल आ रहा है, इसलिए मैं रुकी हूँ।” उसने मुझे पानी पिलाया, और हम बातें करने लगे। अचानक उसने फिर वही बात छेड़ दी, “उस दिन क्या कह रहे थे?” मैंने हँसते हुए कहा, “मैं तो अब भी अपनी बात पर कायम हूँ।” वो मुस्कुराई और मेरे पास आ गई। मेरा दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़क रहा था। मैंने हिम्मत करके उसे अपनी बाहों में खींच लिया और उसके होंठों पर किस कर दिया।
वो शरमा गई और बोली, “लिप्स की बात तो नहीं थी!” मैंने मज़ाक में कहा, “मुझे जहाँ अच्छा लगा, वहाँ कर दिया।” फिर हम अपनी-अपनी जगह बैठ गए। थोड़ी देर बाद मैंने फिर पूछा, “एक और किस मिल सकती है?” उसने मुझे अपनी तरफ बुलाया, जहाँ बाहर से कोई नहीं देख सकता था। मेरी तो गांड फट रही थी कि कहीं कोई आ ना जाए। लेकिन हिम्मत करके मैं उसके पास गया। हमने फिर से किसिंग शुरू की। इस बार मेरा हाथ उसके ब्लाउज़ के ऊपर से उसके मम्मों पर चला गया। मैंने धीरे-धीरे उन्हें दबाना शुरू किया। स्मिता की साँसें तेज़ हो गईं। उसकी उत्तेजना देखकर मेरा जोश भी बढ़ गया।
मैंने उसे पास की टेबल पर लिटा दिया और उसके ऊपर आ गया। हम फिर से किसिंग करने लगे। दोस्तो, मेरी किसिंग का तो जवाब नहीं। इमरान हाशमी की तरह, बस उसकी फ़िल्मी है और मेरी रियल! स्मिता की सिसकारियाँ शुरू हो गई थीं, “उफ्फ… समीर… आह…” उसने अचानक अपनी टी-शर्ट ऊपर कर दी। मैंने उसकी ब्रा को भी ऊपर सरका दिया। उसके मम्मे अब पूरी तरह आज़ाद थे। मैंने आज तक इतने खूबसूरत मम्मे नहीं देखे थे। गोल, भरे हुए, और निप्पल्स एकदम कड़क। मैं उन पर टूट पड़ा। एक मम्मे को मुँह में लेकर चूसने लगा, तो स्मिता की सिसकारियाँ और तेज़ हो गईं, “आह… समीर… और ज़ोर से… उफ्फ…”
मेरा एक हाथ उसकी सलवार के ऊपर से उसकी चूत पर चला गया। मैंने उसे रगड़ना शुरू किया, और उसकी चीखें निकलने लगीं, “हाय… समीर… ये क्या कर रहे हो… आह…” मैंने बिना देर किए उसकी सलवार में हाथ डाल दिया। उसकी चूत पूरी तरह गीली थी। मेरे स्पर्श से वो और बेकाबू हो गई, “उफ्फ… समीर… और करो… आह… मत रुको…” मैंने उसकी चूत को उंगली से सहलाना शुरू किया। उसकी सिसकारियाँ अब चीखों में बदल गई थीं, “हाय… ओह… समीर… उफ्फ… और तेज़…”
जब उसकी उत्तेजना चरम पर थी, उसने एक झटके में अपनी सलवार उतार फेंकी। अब वो मेरे सामने पूरी तरह नंगी थी। उसका गोरा बदन, चमकती हुई चूत, और कड़क निप्पल्स देखकर मेरा लंड पैंट में तंबू बना रहा था। स्मिता ने मुझे अपनी तरफ खींचा और बोली, “आ जा, समीर… अब और मत तड़पाओ…” लेकिन मेरे पास कॉन्डम नहीं था, और डर भी लग रहा था कि कहीं कोई आ ना जाए। मैंने कहा, “स्मिता, कॉन्डम नहीं है, और यहाँ रिस्क भी है।” उसने गुस्से में कहा, “तो क्या, मुझे अब मत छोड़ो… कुछ करो ना!” मैंने उसे प्यासा नहीं छोड़ा। मैंने उसकी चूत में उंगली डालकर फिंगरिंग शुरू की। मेरी उंगलियाँ उसकी चूत के अंदर-बाहर हो रही थीं, और वो चीख रही थी, “आह… समीर… हाय… और तेज़… उफ्फ… मैं गई…” कुछ ही मिनटों में वो झड़ गई। उसका बदन काँप रहा था, और उसकी आँखों में एक अजीब सी तृप्ति थी।
हमने अपने कपड़े ठीक किए और सामान्य होकर बैठ गए। स्मिता ने मुझसे कहा, “तुमने किया क्यों नहीं?” मैंने सच बता दिया कि कॉन्डम नहीं था और डर भी लग रहा था। उसने मुझे गले लगाया और एक गहरी किस दी, फिर बोली, “तुम्हारा फोरप्ले कमाल का है, समीर।” मैंने हँसकर कहा, “अभी तो ट्रेलर था, पिक्चर तो बाकी है।” Foreplay sex story
इसके बाद हमारी फोन पर बातें बढ़ गईं। दिन हो या रात, हम रोमांटिक और गंदी बातें करते। स्मिता बहुत ज़िंदादिल थी। वो खुलकर हँसती, बोल्डली बात करती। कभी-कभी हम वीडियो चैट पर फोन सेक्स भी करते। वो मुझे अपनी चूत दिखाती और कहती, “देख, समीर, ये तुम्हारी वजह से गीली है।” मैं भी उसे अपना लंड दिखाता और कहता, “ये देख, तेरा इंतज़ार कर रहा है।” हमारी बातें इतनी गंदी और मज़ेदार होतीं कि रातें छोटी पड़ जातीं।
इस बीच मैंने स्मिता के घर के कामों में उसकी मदद भी की। कभी उसका सामान लाना, कभी कुछ और। धीरे-धीरे मैं उसके घर जाने लगा। वहाँ मुझे पता चला कि उसका पति मेरा पुराना परिचित है। ये बात जानकर स्मिता भी हैरान थी, लेकिन हमने इसे छुपा लिया। उसका पति ज़्यादातर बिज़नेस में बिज़ी रहता था, और स्मिता की सेक्स लाइफ़ लगभग खत्म थी। वो मुझे बताती, “उसने बच्चों के बाद मुझे हाथ भी नहीं लगाया। मैं तो प्यासी मर रही हूँ, समीर।”
समय बीतता गया, लेकिन हमें खुलकर चुदाई का मौका नहीं मिल रहा था। स्मिता का स्टाफ शाम को जल्दी चला जाता था, लेकिन ऑफिस में रिस्क रहता था। एक दिन स्मिता ने मुझे शाम को अपने ऑफिस बुलाया। मैं पहुंचा तो ऑफिस खाली था। उसने बताया कि उसका स्टाफ किसी काम से दूसरे शहर गया है और दो घंटे बाद आएगा। ये सुनते ही मेरा लंड खड़ा हो गया। मैंने उसे तुरंत बाहों में भरा और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। स्मिता भी मेरे साथ पूरी तरह लिपट गई। वो बोली, “समीर, आज मुझे पूरा मज़ा दे दे… मैं बहुत प्यासी हूँ।”
मैंने उसे टेबल पर बिठाया और उसकी टी-शर्ट ऊपर कर दी। उसकी ब्रा इतनी टाइट थी कि मैं उसे खोल नहीं पाया। उसने हँसते हुए खुद अपनी ब्रा के हुक खोले, और उसके मम्मे मेरे सामने थे। मैंने एक मम्मे को हाथ में लिया, उसे दबाया, और फिर उसके निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगा। स्मिता काँप रही थी, “उफ्फ… समीर… आह… कितना मज़ा आ रहा है…” मेरा दूसरा हाथ उसकी सलवार में चला गया। उसने पैंटी नहीं पहनी थी, और उसकी चूत पहले से ही गीली थी। मैंने उसकी चूत को उंगली से सहलाया, और वो चीखने लगी, “हाय… समीर… और तेज़… उफ्फ… मेरी चूत को तो आग लग रही है…”
स्मिता ने मेरी पैंट पर हाथ रखा और मेरा लंड दबाने लगी। मेरा लंड पहले से ही तनकर पत्थर जैसा हो गया था। मैंने जल्दी से अपनी पैंट उतारी और कॉन्डम चढ़ा लिया। स्मिता ने मेरा लंड अपने हाथ में लिया और उसे सहलाने लगी, “समीर, तेरा लंड तो कितना मोटा है… इसे जल्दी डाल दे…” मैंने उसकी चूत पर अपना लंड रखा और एक ही झटके में अंदर डाल दिया। वो हल्की सी चीखी, “आह… धीरे… कितना बड़ा है तेरा…” लेकिन उसकी आँखों में मज़ा साफ दिख रहा था। Indian Milf Sex Story
मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू किए। स्मिता की सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं, “उफ्फ… समीर… और ज़ोर से… चोद मुझे… आह… मेरी चूत को फाड़ दे…” मैंने उसका एक निप्पल मुँह में लिया और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा। वो नीचे से अपनी गांड उठा-उठाकर मेरे धक्कों का जवाब दे रही थी। “समीर… हाय… तू तो जादूगर है… और ज़ोर से… उफ्फ…” उसकी चूत इतनी गीली थी कि हर धक्के के साथ ‘पच-पच’ की आवाज़ आ रही थी।
थोड़ी देर में स्मिता का बदन अकड़ने लगा। वो चीखी, “समीर… मैं झड़ने वाली हूँ… और ज़ोर से… आह…” और वो झड़ गई। उसका पूरा बदन काँप रहा था। मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी और ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगाए। “स्मिता… तेरी चूत तो जन्नत है… उफ्फ…” और मैं भी कॉन्डम के अंदर झड़ गया। हम दोनों कुछ देर तक ऐसे ही पड़े रहे, साँसें तेज़, दिल धड़कते हुए।
फिर हमने अपने कपड़े ठीक किए और सामान्य होकर बैठ गए। स्मिता ने मुझसे कहा, “समीर, तूने तो मेरी प्यास बुझा दी। इतना मज़ा मुझे कभी नहीं आया।” मैंने हँसकर कहा, “अरे, अभी तो शुरुआत है, भाभी।” इसके बाद हमारा ये सिलसिला हफ्ते में दो-तीन बार चलने लगा। लेकिन हमें खुलकर चुदाई का मज़ा नहीं मिल पा रहा था। ऑफिस में हमेशा डर रहता था कि कोई आ ना जाए।
स्मिता ने एक दिन कहा, “समीर, हमें कोई ऐसी जगह चाहिए जहाँ हम बिना डर के, खुलकर चुदाई कर सकें।” मैंने भी कहा, “हाँ, भाभी, मुझे भी यही चाहिए। तेरे इस हुस्न को तो पूरा टाइम चाहिए।” लेकिन अभी तक हमें ऐसी जगह नहीं मिली थी। हम अपनी प्यास तो बुझा लेते थे, लेकिन बिना कपड़ों के, खुलकर चुदाई का मज़ा अभी बाकी था।
अगर कुछ और हुआ, तो अगली कहानी में बताऊँगा। दोस्तो, आपको मेरी और स्मिता की ये गरम देसी भाभी की चुदाई की कहानी कैसी लगी? अपने विचार ज़रूर बताइए। अपने जवाब मुझे ज़रूर लिखें!