मैं पायल, 24 साल की हूँ। मेरी शादी को अभी एक साल ही हुआ है। मेरे घर में मेरी सास, मेरी ननद पूजा, मेरे पति और मैं रहते हैं। मेरी सास एक स्कूल टीचर हैं और अक्सर सुबह से शाम तक स्कूल में व्यस्त रहती हैं। मेरे पति का बिजनेस है, जिसके चलते वो हफ्तों-हफ्तों टूर पर रहते हैं। मेरी ननद पूजा 19 साल की है, और दोस्तों, सच कहूँ तो वो इतनी हॉट और सेक्सी है कि कोई भी उसे देखकर पागल हो जाए। उसका गोरा रंग, लंबे काले बाल, गुलाबी होंठ, और क्रिकेट बॉल जैसी सॉलिड चूचियाँ—उसका बदन मानो किसी अप्सरा की तरह तराशा हुआ है। उसकी चौड़ी गांड और गठीला बदन देखकर कोई भी मर्द बेकाबू हो जाए।
दोस्तों, अगर मैं सच कहूँ, तो मेरी सेक्स लाइफ के बारे में जो कुछ भी मैं जानती हूँ, वो सब पूजा ने ही मुझे सिखाया। उसने मुझे बताया कि चुदाई का असली मज़ा क्या होता है, और कैसे पति के अलावा भी किसी और के साथ चुदाई का रिश्ता रखने से ज़िंदगी में और मसाला आता है। उसने मुझे समझाया कि अगर वासना को खुलकर जीया जाए, तो ज़िंदगी कितनी रंगीन हो सकती है। आज मैं आपको अपनी और पूजा की कहानी सुनाने जा रही हूँ—कैसे एक लड़का, राघव, हम दोनों की चूत की आग को एक साथ बुझा रहा है।
बात कुछ महीने पुरानी है। मेरी सास को इलेक्शन ड्यूटी के लिए तीन दिन के लिए शहर से बाहर जाना पड़ा था। मेरे पति भी एक हफ्ते के टूर पर गए थे। घर में सिर्फ मैं और पूजा थे। उस शनिवार की शाम को मैं दीपक जलाने के लिए घर के बाहर गई थी। जब वापस लौटी, तो ऊपर वाले कमरे से कुछ अजीब सी आवाज़ें सुनाई दीं। “आह्ह… आह्ह… राघव… ओह्ह… राघव… आह्ह…” मैं चौंक गई। ये आवाज़ें मेरे दिल को धक-धक करने पर मजबूर कर रही थीं। मैं दबे पाँव सीढ़ियाँ चढ़कर ऊपर गई और खिड़की से झाँककर देखने लगी।
जो नज़ारा मैंने देखा, उसने मेरे होश उड़ा दिए। मेरी ननद पूजा बेड पर पूरी नंगी लेटी थी। उसके दोनों पैर एक लड़के के कंधों पर थे, और वो लड़का, राघव, ज़ोर-ज़ोर से धक्के मार रहा था। दोनों पूरी तरह नंगे थे। राघव का लंड, जो कम से कम 7 इंच का होगा, पूजा की चूत में अंदर-बाहर हो रहा था। हर धक्के के साथ पूजा की चौड़ी गांड आगे-पीछे हो रही थी, और उसकी चूचियाँ हवा में उछल रही थीं। “आह्ह… राघव… और ज़ोर से… चोद मुझे… आह्ह…” पूजा की सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। राघव के हर धक्के के साथ उसकी चूत से “पच-पच” की आवाज़ आ रही थी, जैसे पानी में पत्थर फेंकने की आवाज़। मैं खिड़की के पास खड़ी थी, और मेरी चूत में भी कुछ गीलापन महसूस होने लगा।
सच कहूँ, दोस्तों, मैंने ऐसी चुदाई पहले कभी नहीं देखी थी। मेरे पति के साथ जो सेक्स होता था, वो बस रूटीन था—दो मिनट में लंड डाला, झड़ा, और सो गए। लेकिन यहाँ जो नज़ारा था, वो मेरे सपनों की चुदाई जैसा था। मैं खुद को रोक नहीं पाई। मेरे हाथ मेरी सलवार के ऊपर से मेरी चूत को सहलाने लगे। लेकिन फिर मैंने सोचा, क्यों ना इस मज़े में शामिल हुआ जाए? मैंने दरवाज़ा खटखटाया। अंदर एकदम सन्नाटा छा गया। मैंने फिर से ज़ोर से दरवाज़ा पीटा। कोई जवाब नहीं आया। मैंने धक्का मारा, और दरवाज़ा खुल गया।
अंदर का नज़ारा देखकर मैं हँस पड़ी। पूजा अपनी ब्रा पहनने की कोशिश में थी, लेकिन उसका हुक उसके लंबे बालों में फंस गया था। वो सिर्फ पैंटी में थी, और ब्रा उसके बालों में उलझी हुई लटक रही थी। राघव भाग चुका था—शायद छत की तरफ कूद गया था। मैंने पूजा को देखकर कहा, “क्या बात है, पूजा रानी! तू तो पूरी जवान हो गई है। ऐसी चुदाई कर रही थी, मानो सनी लियोनी भी फेल हो जाए!” पूजा घबरा गई थी। उसका चेहरा लाल हो रहा था, शायद उसे डर था कि मैं उसका भेद खोल दूँगी। लेकिन मेरे दिमाग में कुछ और ही चल रहा था।
मैंने उसे शांत किया और कहा, “डर मत, मैं किसी को कुछ नहीं बताऊँगी। लेकिन एक शर्त है।” पूजा ने डरते-डरते पूछा, “क्या, भाभी?” मैंने मुस्कुराते हुए कहा, “आज रात हम पार्टी करेंगे। घर में कोई नहीं है, इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा। तू राघव को बुला, हम दोनों मिलकर मज़े करेंगे।” पूजा पहले तो हिचकिचाई, लेकिन फिर उसकी आँखों में शरारत चमकने लगी। वो बोली, “ठीक है, भाभी। मैं उसे बुलाती हूँ।” मैंने कहा, “पहले हम खाना खा लेते हैं, फिर रात को मज़े करेंगे।”
हमने जल्दी-जल्दी खाना बनाया और खा लिया। पूजा ने राघव को फोन किया और कहा, “आ जा, राघव। आज मैं और भाभी दोनों तेरे लंड का मज़ा लेंगे। छत का दरवाज़ा खुला रखूँगी।” राघव ने जवाब दिया, “ठीक है, मम्मी-पापा के सोते ही मैं आता हूँ।” रात साढ़े दस बजे के करीब राघव आया। वो एक 22 साल का लड़का था, गोरा, लंबा, और मज़बूत बदन वाला। उसकी आँखों में वही शरारत थी, जो पूजा की चुदाई के वक्त मैंने देखी थी।
मैं और पूजा दोनों तैयार थे। मैंने एक टाइट कुरती और लेगिंग्स पहनी थी, और पूजा ने एक छोटी सी नाइटी। राघव जैसे ही कमरे में आया, हम दोनों उस पर टूट पड़े। मैंने उसका शर्ट उतारा, और पूजा ने उसकी जींस खींच दी। राघव सिर्फ अंडरवियर में था, और उसका लंड पहले से ही खड़ा था, अंडरवियर में तंबू बनाए हुए। हमने उसे बेड पर धकेल दिया। मैंने अपनी कुरती उतारी, और पूजा ने अपनी नाइटी। अब हम दोनों सिर्फ ब्रा और पैंटी में थे। राघव की आँखें चमक रही थीं।
पहले मैंने राघव को चूमा। उसके होंठ रसीले थे, और उसकी जीभ मेरे मुँह में खेलने लगी। पूजा ने उसका अंडरवियर उतारा, और उसका 7 इंच का मोटा लंड बाहर आ गया। उसका लंड गुलाबी था, और उसकी नसें साफ दिख रही थीं। पूजा ने बिना देर किए उसका लंड अपने मुँह में ले लिया। “उम्म… उम्म…” उसकी चूसने की आवाज़ कमरे में गूँज रही थी। मैंने अपनी ब्रा उतारी और अपनी 34D की चूचियाँ राघव के मुँह पर रख दीं। वो मेरी चूचियों को चूसने लगा, जैसे कोई बच्चा दूध पीता हो। “आह्ह… राघव… और चूस… ओह्ह…” मैं सिसकारियाँ ले रही थी।
फिर हमने पोजीशन बदली। मैं राघव के लंड को चूसने लगी। उसका लंड इतना मोटा था कि मेरे मुँह में मुश्किल से आ रहा था। मैंने उसकी टोप्पी को जीभ से चाटा, और वो सिसकारने लगा, “आह्ह… पायल… तू तो रंडी से भी बढ़िया चूसती है…” उधर पूजा ने अपनी पैंटी उतारी और राघव के मुँह पर अपनी चूत रख दी। “चाट, राघव… मेरी चूत को चाट… आह्ह…” पूजा की चूत गीली थी, और राघव उसकी चूत को कुत्ते की तरह चाट रहा था।
अब हम तीनों पूरी तरह जोश में थे। राघव ने मुझे बेड पर लिटाया और मेरी लेगिंग्स के साथ पैंटी भी उतार दी। मेरी चूत पूरी तरह गीली थी। उसने अपने लंड को मेरी चूत पर रगड़ा, और मैं तड़प उठी। “राघव… डाल दे… अब और मत तड़पा… चोद मुझे…” मैंने कहा। उसने एक ज़ोरदार धक्का मारा, और उसका पूरा लंड मेरी चूत में समा गया। “आह्ह… ऊह्ह… कितना मोटा है… आह्ह…” मैं चीख पड़ी। राघव ने धक्के मारने शुरू किए। हर धक्के के साथ मेरी चूचियाँ उछल रही थीं, और मेरी चूत से “पच-पच” की आवाज़ आ रही थी। पूजा मेरे पास बैठकर मेरी चूचियों को दबा रही थी और मेरे होंठों को चूम रही थी। “भाभी… मज़ा आ रहा है ना? राघव का लंड तो जादू करता है…” पूजा ने कहा।
फिर राघव ने पूजा को चोदा। उसने पूजा को घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत में लंड डाला। “आह्ह… राघव… फाड़ दे मेरी चूत… और ज़ोर से…” पूजा चीख रही थी। मैं पूजा की चूचियों को चूसने लगी और उसकी चूत को सहलाने लगी। राघव के हर धक्के के साथ पूजा की गांड हिल रही थी, और कमरे में “थप-थप” की आवाज़ गूँज रही थी। हम दोनों एक-दूसरे की चूचियों और चूत से खेल रहे थे, और राघव बारी-बारी से हम दोनों को चोद रहा था।
रात भर हमारा ये खेल चलता रहा। राघव ने हमें अलग-अलग पोजीशन में चोदा—मिशनरी, डॉगी, काउगर्ल। हर बार उसका लंड हमारी चूत को और गीला कर देता था। हम दोनों की सिसकारियाँ, “आह्ह… ऊह्ह… चोद… और ज़ोर से…” कमरे में गूँज रही थीं। आखिरकार राघव ने अपना माल मेरी चूचियों पर और पूजा की गांड पर छोड़ा। हम तीनों थककर बेड पर लेट गए, लेकिन हमारी वासना अभी भी शांत नहीं हुई थी।
तीन दिन तक हमने राघव के साथ खूब मज़े किए। दिन में जब सास स्कूल जाती थीं, हम राघव को बुलाते और चुदाई का खेल शुरू हो जाता। मैं और पूजा भी एक-दूसरे के साथ लेस्बियन मज़े लेने लगे। पूजा की चूत को चाटना और उसकी चूचियों को दबाना मुझे उतना ही मज़ा देता था, जितना राघव का लंड। तीन दिन बाद सास वापस आ गईं, लेकिन हमारी वासना की आग अभी भी जल रही थी। अब जब भी सास स्कूल जाती हैं, हम राघव को बुलाते हैं और अपनी चूत की आग बुझाते हैं।
दोस्तों, ये थी मेरी और पूजा की चुदाई की कहानी। आपको कैसी लगी? क्या आपने भी कभी ऐसी चुदाई का मज़ा लिया है? कमेंट में ज़रूर बताएँ!
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