पहले भाई ने चोदा दीदी को फिर मैंने

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Bhai ne didi ko choda – ये मेरी कहानी है, जो मेरे बड़े भाई और मेरी कजिन सिस्टर के बारे में है। मेरे भाई का नाम राजा है, और मेरी कजिन सिस्टर, यानी मेरी दीदी का नाम शीला है। राजा की उम्र ३५ साल है, और दीदी की भी ३५ साल की है। दीदी की फिगर कमाल की है, ४०-३२-३८, साली एकदम सेक्सी लगती है। जब वो १८ साल की थीं, तब उनकी शादी हो गई थी एक पुलिस कांस्टेबल से। मेरे जीजा रिजर्व पुलिस में थे, तो उन्हें अक्सर आउट स्टेशन जाना पड़ता था। दीदी और जीजाजी के रिश्ते ज्यादा क्लोज नहीं थे, क्योंकि शादी के वक्त जीजाजी की उम्र २५ साल थी। दीदी ने हमारे घर के बगल में ही अपना घर लिया था। पता नहीं कब दीदी और मेरे भैया के बीच अफेयर शुरू हो गया।

मुझे शुरू-शुरू में लगता था कि भैया और दीदी के बीच कुछ चल रहा है। मैं उन दोनों पर शक करता था। एक बार दोपहर में मैं कॉलेज से आया, तो दीदी और भैया रूम में बैठकर जोर-जोर से बात कर रहे थे। मैंने रूम का दरवाजा खोलकर अंदर चला गया, तो देखा कि दीदी अपने बच्चे को दूध पिला रही थीं, वो भी ब्लाउज पूरा खोलकर। भैया आराम से बैठकर देख रहा था। मैंने सोचा कि बच्चे को दूध पिला रही हैं, तो इसमें शक करने की क्या बात है। लेकिन फिर भी मेरे मन में शांति नहीं थी, बस उन दोनों की बातें दिमाग में हर वक्त घूमती रहती थीं।

कुछ महीनों बाद एक रात मैं धीरे से घर आया। रूम में दीदी, भैया और दीदी का बच्चा सब सो रहे थे। मैं डिनर करने के लिए किचन में गया, तभी पावर कट हो गया। मैंने खाना लगाकर हॉल में आया, तो रूम के अंदर से कुछ आवाजें आ रही थीं। भैया का रूम हॉल से अटैच था। मुझे शक हो गया कि रूम में शायद दोनों कुछ कर रहे हैं। मैंने धीरे से रूम के दरवाजे पर कान लगाकर सुना, तो पता चला कि भैया जोर से सांस ले रहा था और दीदी भी कुछ अजीब सी आवाजें निकाल रही थीं। कुछ देर बाद रूम से एक अजीब सी स्मेल आने लगी, और फच-फच की आवाज के साथ दोनों की सांसें मिलकर जोर से आ रही थीं। वो स्मेल और आवाज सुनकर मेरा लंड खड़ा हो गया। मैंने जल्दी से खाना खाया और हिम्मत करके रूम का दरवाजा खोलकर अंदर गया, तो देखा कि खाट पर बच्चे को सुलाकर भैया और दीदी नीचे जमीन पर एक-दूसरे के बगल में सो रहे थे। उस रात से मैंने उन दोनों का पीछा करना शुरू कर दिया, और आखिरकार वो दोनों मुझे रंगे हाथों पकड़े गए।

उस रात मुझे पता था कि आज भैया और दीदी मस्त चुदाई करने वाले हैं, क्योंकि घर में उस दिन कोई और नहीं था, सिर्फ मैं, भैया, दीदी और उनका बच्चा। तो मैंने रात जल्दी सोने का नाटक किया और ९ बजे तक बेड पर चला गया। फिर १० बजे उठा और रूम की खिड़की के पास जाकर बैठ गया। मैंने पहले से ही खिड़की थोड़ी सी खोलकर रखी थी, और पर्दा पूरा छोड़ दिया था। जैसे ही मैं खिड़की के पास पहुंचा, तो वो दोनों कुछ बातों में खोए हुए थे। अचानक भैया ने दीदी को स्मूच किया, तो मेरा दिल जोर से धड़कने लगा। मेरे दिल में थोड़ा डर भी था। भैया ने स्मूच करने के बाद दीदी को गाली दी कि वो दूध पी रही थीं। भैया को दूध से नफरत थी, वो दूध या उसकी स्मेल से घिन करता था। दीदी ने तुरंत बाथरूम में जाकर ब्रश किया और आईं।

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फिर ५-१० मिनट बात की और भैया ने फिर से दीदी को स्मूच किया। अपना हाथ उनके बूब्स पर रखकर जोर से दबाने लगा। दीदी भी भैया के लिप्स और जीभ को अपने मुंह में लेकर मजेदार तरीके से किस कर रही थीं। दोनों के होंठ एक-दूसरे से चिपके हुए थे, जैसे सालों की प्यास बुझ रही हो। भैया ने धीरे से दीदी की नाइटी ऊपर उठाई और उसे निकालकर जमीन पर फेंक दिया। दीदी घर में अक्सर ब्रा नहीं पहनती थीं, तो वो पूरी तरह नंगी हो गईं। भगवान कसम, दीदी की जांघें कमाल की थीं, साली के पैर एकदम बनाना के पेड़ जैसे मोटे और चिकने। इतने बड़े बड़े बूब्स थे कि भैया का पूरा चेहरा उनमें छुप जा रहा था, जबकि वो बूब्स को चूस रहा था। भैया ने दीदी के दोनों बूब्स को ऐसे चूसा जैसे कोई प्यासा आदमी सालों बाद पानी पा रहा हो। वो निप्पल्स को जीभ से चाटता, दांतों से हल्का काटता, और हाथों से मसलता। दीदी की सांसें तेज हो रही थीं, वो आहें भर रही थीं, “आह… राजा… धीरे…” लेकिन भैया नहीं रुक रहा था।

थोड़ी देर बाद भैया ने दीदी के दोनों पैर फैला दिए, और दीदी की चूत दिखने लगी, जो पूरी तरह प्यूबिक हेयर से ढकी हुई थी। भैया ने उंगली से चूत को फैलाया और अपना मुंह चूत में डालकर चूसने लगा। वो जीभ को अंदर-बाहर करता, क्लिट को चाटता, और होंठों से खींचता। दीदी अब पूरी मूड में आ चुकी थीं, वो बोलने लगीं, “चूस राजा, मेरी चूत को चूस… खा जा इसे… आज बहुत खुजली हो रही है मेरी चूत में… चूस ले पूरा पानी…” दीदी आहें भर रही थीं, “अह्ह… अह्ह… आ… अ… अह्ह…” उनका शरीर कांप रहा था, जांघें कस रही थीं। ५ मिनट तक भैया चूत चूसता रहा, दीदी का पानी निकलने लगा, जो भैया के मुंह पर लग रहा था। फिर भैया ने मुंह निकाला और दीदी के होंठों पर किस किया, अपना जीभ उनके मुंह में डाल दिया।

दीदी ने भैया का टी-शर्ट निकाला, गर्दन पर किस किया, फिर छाती पर किस करते हुए नीचे आईं और शॉर्ट्स निकाल दिया। भैया का ८ इंच का तगड़ा मोटा लंड पूरा खड़ा हो गया था। दीदी ने लंड पकड़ा, हाथ से हिलाया, ऊपर की स्किन पीछे की और मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। वो जीभ से टिप को चाटतीं, मुंह में पूरा लेतीं, और चूसतीं। भैया बोला, “चूस ले जान, मेरे लौड़े को चूस ले… आह्ह… अह्ह्ह… बड़ा मजा आ रहा है जब तू मेरे लौड़े चूसती है…” दीदी ग्लक-ग्लक की आवाज के साथ चूस रही थीं, लंड पर थूक लगाकर हिलातीं। ५-१० मिनट बाद भैया ने दीदी का सिर पकड़ा और मुंह में धक्के देने लगा, जैसे मुंह चोद रहा हो।

फिर भैया ने दीदी को उठाकर खाट पर सुलाया, अपना लंड हाथ में लिया और दीदी की चूत पर रखा। एक ही झटके में पूरा लंड अंदर डाल दिया। दीदी ने जोर से आवाज की, “मादरचोद, धीरे से कर…” मैं दीदी के मुंह से वो बात सुनकर हैरान हो गया, पता चला कि भैया और दीदी दोनों गंदी गालियां देकर चोदते हैं। भैया ने लंड अंदर-बाहर करना शुरू किया, दीदी धीरे-धीरे सिसकारने लगीं, “अह्ह्ह… अह्ह… रा… ज… अह्ह्ह… अह्ह्ह…” चूत गीली हो चुकी थी, फच-फच की आवाज आ रही थी। ५-१० मिनट बाद भैया ने स्पीड बढ़ाई, बोलने लगा, “तेरी मां को चोदूं, तेरी बहन को चोदूं, तेरी चूत फाड़ के रख दूंगा साली रंडी… चल चोद, जोर से चोद… हरामजादी रंडी साली, चोद मुझे चोद…” वो इतना जोर से चोद रहा था कि पूरा रूम फचाक-फचाक-फचाक की आवाज से गूंज रहा था। दीदी की चूत से व्हाइट तरल निकल रहा था। दीदी बोलीं, “मादरचोद, और जोर से चोद मुझे… मेरी चूत फाड़ दे… बहुत अंदर तक चला गया है तेरा लौड़ा… चोद रे साले मादरचोद, मुझे और जोर से चोद… मेरी मां-बहन को भी चोद ले राजा… तेरी लौड़ा को सारी दुनिया की चूत कुर्बान है… चोद… आअह्ह… आआआ… अह्ह्ह्ह… स्स्स्स… स्स्स्स… अह्ह्ह्ह…” दोनों गंदी गालियां देकर चोद रहे थे, दीदी की जांघें कांप रही थीं, बूब्स उछल रहे थे।

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मां कसम, भैया ने ठीक ४५ मिनट तक लगातार दीदी की चूत चोदी, फाड़ दी, और पूरा पानी दीदी की चूत में निकाल दिया। फिर लंड निकाला और साइड में सो गया। दीदी ऐसी सो पड़ीं जैसे अपनी चुदाई हुई चूत दिखा रही हों, चूत बड़ी हो गई थी, उसमें से भैया का पानी टपक रहा था। १० मिनट तक दोनों शांत पड़े रहे। फिर दीदी बोलीं, “राजा, फिर से कर ना दूसरा राउंड…” भैया बोला, “तेरी मां को चोदूं साली, तेरी प्यास भी जाती नहीं है… जा के लकड़ी ले के आ, तेरी चूत में रख के सो जा साली रंडी हरामी…” दीदी बोलीं, “ठीक है, तो सुबह ५ बजे उठी हूं, और सुबह मुझे खूब चोद लेना… अभी सो जा…” और सो गईं।

मैं उसके बाद बाथरूम में गया और जो देखा था, उस जोश को सिर्फ २ मिनट में हाथ मारकर पूरा पानी निकाल दिया।

ठीक एक महीने बाद भैया की शादी हो गई, और हमारे घर के ऊपर दो रूम बनवा दिए, ताकि भैया को शादी के बाद प्राइवेसी मिले, और कोई मेहमान आए तो दूसरे रूम का इस्तेमाल हो।

भैया की शादी के दो महीने बाद एक रात ऐसा हुआ कि मेरी जिंदगी का आसमान खुल गया।

हर समय की तरह, दीदी जब जीजा नहीं होते, तो हमारे घर में ही रहती थीं। वो हमारे घर में सोती थीं।

उस रात वो रूम में सोने आईं। जैसे ही भैया ऊपर रूम में चला गया, मैं खाट पर सो रहा था, और दीदी जमीन पर बेड लगाकर सो गईं। मुझे नींद नहीं आ रही थी, क्योंकि रोज हाथ मारने की आदत है, और पानी गिराने के बाद ही नींद आती है। लेकिन उस रात दीदी थीं, तो मैं ऐसे ही सोने की कोशिश कर रहा था। करीब १२ बजे तक नींद नहीं आई, और मैं दीदी को घूर-घूर के देख रहा था। जैसे वो हाथ-पैर हिला रही थीं, तो नाइटी ऊपर हो रही थी, मैं कोशिश कर रहा था कि उनके पैर ऊपर तक देखूं। ऐसे ही देखते-देखते दीदी ने अचानक बेडशीट अपने पैरों पर लगाई और चूत में उंगली करने लगीं। उनके प्यूबिक हेयर में उंगली मूव कर रही थी, हल्की आवाज आ रही थी। १०-१५ मिनट तक दीदी उंगली करती रहीं, तो मैं खाट पर बैठ गया और सीधे उन्हें घूरने लगा।

जैसे ही दीदी उंगली करके आंख खोलीं, तो मुझे देखकर हैरान हो गईं और पूछीं, “ऐसे क्यों बैठा है?” मैंने कहा, “दीदी, मैंने देखा कि आप उंगली कर रही थीं।” दीदी बोलीं, “क्या बोलता है, तुझे शर्म नहीं आती ऐसे बात करने में?” मैंने बोला, “दीदी, मुझे पता है कि तुझे भैया रोज चोदता था, और अब उसकी शादी हो गई तो तुम उंगली कर रही हो।” दीदी बोलीं, “क्या उल्लू जैसी बात करता है, तेरे को क्या पता, कैसे पता, तू क्या कह रहा है?” मैंने बोला, “मैंने सब कुछ देखा है।” दीदी थोड़ा डर गईं, मैंने बोला, “दीदी, डरो मत, मैं किसी को नहीं बोलने वाला। बस मुझे एक बार तेरे को चोदना है।” दीदी बोलीं, “हरामजादे, मेरे को चोदेगा?”

मैं खाट से उतरा और सीधा उनके बूब्स पर हाथ रखकर किस करने लगा। शुरू में वो थोड़ा ना-नुकुर कीं, लेकिन फिर जोश में आ गईं। मेरे मन में खुशी की लहर दौड़ गई। मैंने दीदी के मुंह में अपना मुंह डालकर चूसना शुरू किया, वो भी साथ दे रही थीं, मेरी पूरी जीभ उनके मुंह में ले लीं। मैंने उनके दोनों बूब्स दबाने शुरू किए, इतने बड़े थे कि एक हाथ में नहीं आ रहे थे। मैंने बड़े बूब्स वाली औरतें देखी हैं, वो सभी लूज लगती हैं, लेकिन दीदी के बूब्स एकदम टाइट थे। निप्पल का कलर गहरा था, कम से कम १ इंच के थे। मैंने जी भर के बूब्स चूसे, निप्पल्स के साथ खेला, उंगलियों के बीच जोर से दबाया। दीदी धीरे से सिसकार रही थीं, “अह्ह… धीरे…” मैंने उनकी नाइटी उतार दी, और उन्हें अपनी बाहों में नंगी देखकर लगा कि ये सपना है। ऐसी औरत को नंगी देखना तो सपनों में भी नहीं सोचा था।

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मैंने उनकी चूत चाटनी शुरू की, पहली बार था, तो उनका लुब्रिकेंट मुंह में आने लगा, पूरा मुंह गीला हो गया। मैं जीभ से चूत के होंठ फैलाता, क्लिट को चूसता, उंगली अंदर डालता। दीदी आहें भर रही थीं, “अह्ह… अच्छा लग रहा है…” फिर मैंने अपना ट्रैक पैंट उतारा और ८ इंच का लंड उनके मुंह में रखा। दीदी बोलीं, “बहनचोद साले, पूरे घरवालों का लौड़ा बड़ा है, तेरे भैया का भी और तेरा भी। उधर तेरा भैया मुझे चोद के उस रंडी साली तेरी भाभी को चोद रहा है। नया चूत मिला है न उसको, इसलिए मुझे टच करने भी नहीं आता। आज से तू ही मुझे चोदेगा, अगर वो नया चूत चोद रहा है तो मैं भी नया लौड़ा से चुदवाऊंगी। चोद, तेरे में कितना दम है, उतना लगा के चोद इस चूत को। तेरा फर्स्ट नाइट है आज, चोद मुझे…” मैंने लंड चूत में घुसाया, वो बोलीं, “जा के पूछना अपने मादरचोद भाई को, उसने ही बनाया है मुझे रंडी और मेरी चूत को पर के भवड़ी बना दी है।”

ऐसे ही हम मजा लूट रहे थे, मैं धक्के मार रहा था, फच-फच की आवाज आ रही थी, दीदी सिसकार रही थीं, “अह्ह… जोर से… आआ… अह्ह्ह…” २०-२५ मिनट बाद मैंने झड़ दिया। दीदी बोलीं, “साले, फर्स्ट टाइम इतना टाइम लेता है, तो साले तू भी बड़ा चुदक्कड़ बनेगा।” कुछ १० मिनट बाद मैंने बोला, “दीदी, मैं क्या आपकी गांड मार सकता हूं?” वो बोलीं, “हां हां क्यों नहीं मादरचोद, तुम सब भाई लोग एक ही हो, सिर्फ चूत से थोड़ी तसल्ली होगा, मारो गांड मारो मेरी, लेकिन इस बार तू अपना पानी मेरे मुंह में गिराना, मुझे तेरे पानी पीना है।” उसके बाद मैंने दीदी को घोड़ी बनाकर गांड मारी, पहले उंगली से लुब्रिकेट किया, फिर धीरे-धीरे लंड डाला, वो चिल्लाईं, “अह्ह… धीरे… मादरचोद…” फिर स्पीड बढ़ाई, फचाक-फचाक की आवाज, और मुंह में झड़ दिया।

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