पायल एक खूबसूरत, पढ़ी-लिखी और बिंदास लड़की थी। उसे दोस्त बनाना, रील्स बनाना, और जिंदगी को अपने तरीके से जीना पसंद था। लेकिन पति की मौत के बाद उसकी जिंदगी जैसे थम सी गई थी। एक साल तक वो गम के साये में रही, आंसुओं और उदासी में डूबी। फिर धीरे-धीरे उसने खुद को संभाला। ससुराल में विधवा का ठप्पा उसे चुभता था, इसलिए वो अपने मायके लौट आई। माँ-पापा ने उसे समझाया कि जिंदगी अभी बाकी है, दूसरी शादी कर लो। लेकिन पायल के मन में डर था। एक बार दिल टूट चुका था, अब वो दोबारा वही जोखिम नहीं लेना चाहती थी। उसने ठान लिया कि अब वो अपने पैरों पर खड़ी होगी, फिर चाहे शादी करे या न करे।
पायल का भाई अजित, जो नोएडा में एक इंजीनियर था, उसका साथी बना। अजित उससे सिर्फ एक साल बड़ा था, अभी उसकी शादी नहीं हुई थी। माँ-पापा ने सुझाव दिया कि पायल नोएडा चली जाए, अजित के पास। पायल को भी ये विचार ठीक लगा। वो अपने भाई के पास नोएडा चली गई। वहां पहुंचने के बाद जिंदगी में एक नई शुरुआत की उम्मीद जगी। अजित ने उसे नर्सिंग का कोर्स करने की सलाह दी, और पायल ने उसमें दाखिला ले लिया। धीरे-धीरे सब कुछ सामान्य होने लगा। अजित का साथ उसे खुशी देता था। उसका हंसमुख स्वभाव, उसकी छोटी-छोटी बातें, और उसका ख्याल रखने का तरीका पायल को सुकून देता था। लेकिन एक कमी थी, जो उसे रातों में सताती थी—जिस्म की आग।
पायल को चुदाई बहुत पसंद थी। शादी के दौरान उसने अपने पति के साथ वो सुख भोगा था, जो अब उसकी जिंदगी से गायब था। रातें लंबी और खाली लगती थीं। उसने अपनी इस तड़प को शांत करने के लिए इंटरनेट पर सेक्स कहानियां पढ़ना शुरू किया। हर रात वो अपने फोन पर कहानियां पढ़ती, अपनी चूत को सहलाती, और उंगलियों से खुद को सुख देती। लेकिन ये सब अब काफी नहीं था। उसका जिस्म कुछ और मांग रहा था—एक मोटा, गर्म लंड, जो उसकी चूत की आग को ठंडा कर सके।
धीरे-धीरे पायल का ध्यान अपने भाई अजित की तरफ जाने लगा। अजित भी अकेला था, और दोनों एक ही फ्लैट में रहते थे। अजित का मजबूत शरीर, उसकी गहरी आंखें, और उसका बिंदास अंदाज पायल को आकर्षित करने लगा। वो अक्सर सोचती कि क्या अजित भी उसकी तरह अकेलापन महसूस करता होगा? क्या वो भी रातों में तड़पता होगा? इन ख्यालों ने उसे और बेचैन कर दिया।
एक संडे का दिन था। अजित ने कहा, “पायल, चलो मूवी देखने चलते हैं।” पायल तैयार हो गई। उसने एक टाइट टॉप और शॉर्ट स्कर्ट पहनी, जिसमें उसकी भरी-भरी चूचियां और गोरी जांघें साफ नजर आ रही थीं। मूवी हॉल में अजित की नजरें बार-बार उसकी चूचियों पर रुक रही थीं। पायल ने गौर किया, और उसे अंदर ही अंदर मजा आने लगा। वो जानबूझकर अपनी चूचियों को और उभारने लगी, ताकि अजित का ध्यान और खींचे।
शाम को लौटते वक्त अजित ने चिकन और एक बोतल व्हिस्की खरीदी। घर पहुंचते ही पायल ने हंसते हुए कहा, “भैया, ये क्या? मैं विधवा हूं, चिकन नहीं खाती।” अजित ने उसकी आंखों में देखते हुए कहा, “इसलिए तो लाया हूं, पायल। तू अब अपनी जिंदगी जी। जो गया, वो गया। अब तुझे मजे करने का हक है। तू अभी जवान है, जिंदगी को खुलकर जी।” पायल चुप रही, लेकिन उसका दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। उसने डबल मीनिंग में पूछा, “अच्छा, तो भैया, मेरी हर कमी पूरी कर दोगे?” अजित ने मुस्कुराते हुए कहा, “हां, हर कमी। बस वक्त आने दे।”
रात को दोनों ने शराब पीना शुरू किया। व्हिस्की के दो-तीन पैग के बाद दोनों नशे में डूबने लगे। बातें दिल से दिल तक जाने लगीं। पायल ने अपनी जिंदगी का दर्द बताया, और अजित ने भी अपने अकेलेपन की बातें शेयर कीं। नशे में दोनों एक-दूसरे के करीब आ गए। पायल ने एक हल्का सा टॉप पहना था, जिसमें उसकी चूचियां साफ झलक रही थीं। अजित की नजरें बार-बार उसकी चूचियों पर ठहर रही थीं। अचानक उसने कहा, “पायल, वक्त आ गया है। जो मैंने कहा था, वो अब पूरा करने का समय है।”
पायल का दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। उसने कुछ नहीं कहा, बस अपनी आंखें नीचे कर लीं। अजित ने उसका चेहरा अपने हाथों में लिया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। पायल के जिस्म में बिजली सी दौड़ गई। उसने खुद को रोकने की कोशिश नहीं की। अजित ने उसे अपनी बाहों में भरा और उसकी चूचियों को जोर-जोर से मसलने लगा। उसका एक हाथ पायल की स्कर्ट के नीचे चला गया, और उसने उसकी चूत को पैंटी के ऊपर से सहलाना शुरू किया। पायल की चूत पहले से ही गीली थी। वो सिसकारियां लेने लगी, “भैया… आह्ह… क्या कर रहे हो?”
अजित ने कहा, “वही जो तुझे चाहिए, पायल। तूने कितना दर्द सहे, अब मैं तुझे वो सुख दूंगा जो तू भूल गई है।” उसने पायल के सारे कपड़े उतार दिए। उसका नंगा जिस्म चांदनी रात में चमक रहा था। अजित ने उसे बेड पर लिटाया और उसकी चूचियों को चूसने लगा। उसने पायल के निप्पल्स को अपने दांतों से हल्के से काटा, जिससे पायल की सिसकारियां और तेज हो गईं। उसने अपनी उंगलियां पायल की चूत पर फिराईं, जो पहले से ही रस से लबालब थी। अजित ने अपनी जीभ से पायल की चूत को चाटना शुरू किया। उसकी जीभ पायल की चूत के दाने को छू रही थी, और पायल की टांगें कांपने लगीं। उसने अपने पैर और फैला दिए, ताकि अजित को पूरी आजादी मिले।
अजित का लंड अब पूरी तरह तन चुका था। उसने अपने कपड़े उतारे, और पायल ने पहली बार अपने भाई का मोटा, लंबा लंड देखा। उसकी आंखें चमक उठीं। अजित ने अपना लंड पायल की चूत के मुहाने पर रखा और धीरे-धीरे अंदर धकेलने लगा। पायल की चूत तीन साल बाद किसी लंड को महसूस कर रही थी। वो तड़प उठी, “भैया… आह्ह… धीरे… बहुत मोटा है…” लेकिन अजित ने धीरे-धीरे नहीं, बल्कि एक जोरदार धक्के में अपना पूरा लंड पायल की चूत में उतार दिया। पायल की चीख निकल गई, लेकिन उस दर्द में भी सुख था।
अजित ने धक्के मारने शुरू किए। उसका हर धक्का पायल की चूत को और गहराई तक चीर रहा था। पायल अपनी गांड उठा-उठाकर उसका साथ दे रही थी। वो चिल्ला रही थी, “भैया… और जोर से… चोदो मुझे… मेरी चूत को फाड़ दो…” अजित ने उसकी बात मानते हुए और तेज धक्के मारे। उसका लंड पायल की चूत के अंदर-बाहर हो रहा था, और कमरे में पच-पच की आवाजें गूंज रही थीं। पायल की चूचियां हर धक्के के साथ उछल रही थीं। अजित ने उसे घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत में लंड डाला। इस बार उसने पायल की गांड पर भी हाथ मारा, जिससे पायल और उत्तेजित हो गई।
करीब एक घंटे तक अजित ने पायल को अलग-अलग पोजीशन में चोदा। कभी उसे बेड पर लिटाकर, कभी उसे अपनी गोद में बिठाकर, कभी दीवार के सहारे। पायल की चूत सूज चुकी थी, और उसकी कमर में दर्द होने लगा था। आखिर में उसने कहा, “भैया… बस… अब छोड़ दो… मेरी चूत नहीं झेल पा रही…” अजित ने एक आखिरी धक्का मारा और अपना सारा माल पायल की चूत में छोड़ दिया। दोनों हांफते हुए बेड पर गिर गए।
उस रात के बाद पायल की जिंदगी बदल गई। अजित और वो अब भाई-बहन कम, पति-पत्नी ज्यादा बन गए। हर रात अजित उसे नए-नए तरीकों से चोदता। कभी वो उसकी चूत चाटता, कभी उसकी गांड में उंगली करता, और कभी दोनों शावर के नीचे एक-दूसरे के जिस्म से खेलते। पायल को अब जिंदगी जीने का मकसद मिल गया था। वो अपनी नर्सिंग की पढ़ाई में भी ध्यान देने लगी, लेकिन रातें अब उसकी जिंदगी का सबसे खूबसूरत हिस्सा थीं।
अजित और पायल का रिश्ता अब सिर्फ जिस्मानी नहीं था। दोनों एक-दूसरे के दर्द को समझते थे। अजित उसे हर तरह से खुश रखता—कभी बाहर घुमाने ले जाकर, कभी उसे गिफ्ट देकर, और रात में उसकी चूत की प्यास बुझाकर। पायल को अब लगता था कि जिंदगी ने उसे दोबारा मौका दिया है। वो अब खुलकर हंसती थी, खुलकर जीती थी, और खुलकर चुदवाती थी।
ये कहानी पायल की नई शुरुआत थी। वो जल्द ही अपनी अगली कहानी लिखने वाली थी, जिसमें वो बताएगी कि कैसे अजित ने उसे एक रात जंगल के बीच में चोदा, और कैसे उनकी जिंदगी अब एक नया मोड़ ले रही थी। तब तक के लिए, पायल की जिंदगी में बहार आ चुकी थी, और वो इसे जी भरकर जी रही थी।