नमस्ते दोस्तो, मैं हूँ मोहित, बीकानेर से, जहाँ भुजिया और रसगुल्ले की बात ही अलग है। आज मैं आपको एक ऐसी कहानी सुनाने जा रहा हूँ जो दिल से दिल तक जाएगी और शायद आपका लंड भी खड़ा कर देगी। ये बात पिछले साल दिसंबर की है, जब मेरी ज़िंदगी का एक अलग ही रोमांच शुरू हुआ। मेरी पुरानी कहानी में मैंने बताया था कि कैसे मेरी मकान मालकिन भाभी ने मुझे चुदाई का उस्ताद बनाया। उनसे सीखने के बाद मैंने उनकी चूत का खूब मज़ा लिया और उन्होंने मुझे और भी चूतें दिलवाईं, पर वो बात कभी और। अब मैं चुदाई का तगड़ा खिलाड़ी बन चुका था, और मेरी फैंटेसी थी कि मैं किसी शादी-शुदा जोड़े के साथ थ्रीसम करूँ।
मैं हमेशा से सोचता था कि किसी बीवी को उसके पति के सामने चोदना कैसा होगा। इसीलिए मैंने एक ऑनलाइन साइट पर अपना ऐड डाला था, सोचकर कि शायद कोई जोड़ा मिल जाए। हमारे समाज में ऐसी बातें छुप-छुपकर होती हैं, और कोई जोड़ा ऐसे ही रास्ते में नहीं मिलता। प्राइवेसी का भी डर रहता है। ऐड डालने के बाद कुछ लोगों के मैसेज आए, पर मैं बहुत सावधान था, क्योंकि ये सब मैं पहली बार कर रहा था। एक दिन गंगानगर से एक आदमी का मैसेज आया। उसका नाम अजय था, उम्र 35 साल, और उसकी बीवी सारा, 32 साल की। दोनों खुले विचारों वाले थे, और अजय ने बताया कि वो जोड़ों के साथ स्वैप करते रहे हैं, पर अब उनका मन है कि वो अपनी बीवी को किसी जवान लड़के से चुदवाते हुए देखें। मेरी फोटो उन्हें पसंद आई थी, इसीलिए उन्होंने मुझे कॉन्टैक्ट किया।
मैं तो सुनकर जोश में आ गया और बोला, “भाई, मैं तो तैयार हूँ!” उन्होंने कहा, “हमें तू पसंद है, बस तू गंगानगर आ जा।” मैंने हाँ कर दी, और हमने न्यू ईयर पर मिलने का प्लान बनाया। 31 दिसंबर को दोपहर 1 बजे मैं गंगानगर के लिए निकल पड़ा। बीकानेर से गंगानगर का सफ़र लंबा था, और मेरा दिल धक-धक कर रहा था। भाभी को चोदने मैं अजमेर जाता था, पर ये तो एकदम नया अनुभव था। रात 7 बजे मैं वहाँ पहुँचा और अजय के दिए नंबर पर कॉल किया। वो मुझे लेने आया, और उसकी कार में बैठकर हमने बातें शुरू कीं। अजय ने बताया कि वो दोनों समाज के डर से ये सब छुपाकर करते हैं, पर दिल से दिल तक खुले हैं। मैं थोड़ा नर्वस था, पर उसकी बातों से थोड़ी हिम्मत आई।
अजय और सारा की दो बेटियाँ थीं – एक 5 साल की, जो ननिहाल गई थी, और एक 1 साल की, जो घर पर थी। अजय ने बताया कि दोनों बेटियों का ऑपरेशन से जन्म हुआ था, इसीलिए सारा की चूत अभी भी टाइट थी। ये सुनकर मेरा लंड तो खड़ा होने लगा। हम रास्ते में सब्ज़ी और कुछ सामान लेकर उनके घर पहुँचे। सारा ने दरवाज़ा खोला, और उसे देखकर मेरी आँखें फटी रह गईं। उसने सलवार-कमीज़ पहना था, ऊपर से फुल-स्लीव स्वेटर, पर उसका फिगर! 38 के चूचे, 40 की गांड – एकदम कसा हुआ बदन। उसकी गांड जब वो घूमकर अंदर गई, तो मेरे लंड ने उसे सल्यूट मारा। सारा थोड़ी शर्मीली थी, उसके चेहरे पर साफ़ दिखता था, पर उसकी आँखों में एक अलग सी चमक थी।
घर के अंदर जाते ही अजय ने अपनी छोटी बेटी को गोद में उठाया और मुझसे नमस्ते करवाया। थोड़ा अजीब लगा, पर मैंने सोचा ये उनका स्टाइल होगा। अजय ने मुझे गेस्ट रूम दिखाया और बोला, “फ्रेश हो जा, खाना खा ले।” मैं रूम में गया, अपना बैग रखा, और बाथरूम में चला गया। गीज़र ऑन करके मैं सारा के बारे में सोच-सोचकर अपने लंड को रगड़ने लगा। सोच रहा था, “आज इसकी चूत का मज़ा मिलेगा, क्या किस्मत है!” थोड़ी देर मुठ मारने के बाद मैं नहा-धोकर तैयार हो गया। अजय खाना लेकर मेरे रूम में आया, और हमने साथ में खाया। अब मेरा दिल चुदाई के लिए बेचैन था।
आधे घंटे बाद अजय ने मुझे अपने बेडरूम में बुलाया। वहाँ नीली डिम एलईडी लाइट जल रही थी, और एक तरफ़ छोटे बेड पर उनकी बेटी सो रही थी। मास्टर बेड पर अजय ने मुझे बैठने को कहा, और खुद बाहर चला गया। थोड़ी देर बाद वो सारा को लेकर आया। सारा ने लाल जाली वाली नाइटी पहनी थी, और उसमें वो एकदम माल लग रही थी। उसके चूचे नाइटी के अंदर से उभर रहे थे, और उसकी गांड का शेप साफ़ दिखता था। अजय और सारा मेरे सामने बैठ गए, और हम बातें करने लगे। मैंने अपनी किराए वाली भाभी और उनके ज़रिए मिली चूतों की बात की। अजय ने बताया कि उन्होंने एयर फोर्स के एक कपल के साथ तीन बार स्वैप किया था, पर उनका ट्रांसफर हो गया। अब वो नया जोड़ा ढूंढ रहे थे, और मेरी प्रोफाइल उन्हें परफेक्ट लगी। सारा अभी भी शर्माई हुई थी, पर उसकी साँसें तेज़ चल रही थीं।
माहौल गरम होने लगा, पर सारा की शरमाहट बरकरार थी। अजय ने समझ लिया और बोला, “तुम दोनों दो मिनट बात करो, मैं आता हूँ।” वो बाहर चला गया। मैं सारा के पास गया, उसका हाथ पकड़ा, और बोला, “भाभी, तू तो एकदम सेक्सी है, तेरा फिगर देखकर मेरा तो दिल नहीं भर रहा।” सारा ने शरमाकर नज़रें नीचे कीं, पर उसने हाथ छुड़ाया नहीं। मैं उसके और पास गया और अपने होंठ उसके होंठों से मिला दिए। पहले वो थोड़ी हिचकिचाई, पर फिर उसने भी किस का जवाब दिया। मैंने देखा अजय दरवाज़े पर खड़ा देख रहा था, और उसने मुझे इशारा किया कि चालू रहो।
ये देखकर मेरा जोश और बढ़ गया। मैंने अपनी जीभ सारा के मुँह में डाल दी, और वो मेरी जीभ को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। फिर उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाली, और मैंने उसे बड़ी बेदर्दी से चूसा। कभी मैं उसकी जीभ को खींचता, कभी अपनी जीभ से उसके साथ खेलता। इस दौरान मेरा हाथ उसके बदन पर चलने लगा। मैंने उसके बड़े-बड़े चूचों को नाइटी के ऊपर से मसलना शुरू किया। सारा की सिसकारी निकल पड़ी, “आह… स्स्स…!” ये सुनकर मेरा लंड और टाइट हो गया। मैंने एक हाथ से उसकी नाइटी खोल दी, और ब्रा के ऊपर से उसके चूचों को दबाने लगा। वो और सिसकारी भरने लगी, “भाभी, तेरे ये चूचे हैं, एकदम मस्त!” मैंने बोला, और उसकी गर्दन को चूमते हुए उसकी ब्रा खोल दी।
जब उसके चूचे नीली लाइट में आज़ाद हुए, तो मैं देखता ही रह गया। इतने बड़े, इतने टाइट, और ऊपर से भूरे निप्पलों से हल्का-हल्का दूध टपक रहा था। मैंने बोला, “भाभी, तेरा दूध तो निकल रहा है, मैंने तो कभी पिया नहीं, आज मज़ा आएगा!” मैंने एक चूचे को मुँह में लिया और चूसना शुरू किया। दूध का स्वाद एकदम अलग था – मीठा, गरम, और मज़ेदार। मैंने बड़े मज़े से उसका दूध पिया, और वो मेरे सिर पर हाथ फेरने लगी। “आह… मोहित… ऐसे ही…!” वो सिसकारी भरते हुए बोली। मैंने दूसरा चूचा भी चूसा, और दोनों चूचों का दूध पिया। सारा अब पूरी तरह गरम हो चुकी थी, उसकी साँसें तेज़ थीं, और वो मेरे सिर को अपने चूचों पर दबाने लगी।
मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसके ऊपर चढ़ गया। इस दौरान मैंने अपने कपड़े उतार दिए, और अब हम दोनों सिर्फ़ अंडरवियर में थे। मैंने उसकी नाइटी पूरी तरह निकाल दी, और उसका बदन देखा। नीली लाइट में वो एकदम परी लग रही थी। “भाभी, तू तो सबसे ज़्यादा सेक्सी है जिनको मैंने चोदा!” मैंने बोला। वो शरमाकर मुस्कुरा दी। मैंने फिर उसके होंठ चूमने शुरू किए, और मेरा हाथ धीरे से उसकी पैंटी में चला गया। उसकी चूत गीली थी, एकदम भट्टी की तरह तप रही थी। मैंने एक उंगली उसकी चूत में डाल दी, और वो जोर से सिसकार उठी, “आह्ह… मोहित…!” मैंने उसे किस करते हुए उंगली अंदर-बाहर करने लगा, और वो मुझसे चिपक गई।
फिर मैं नीचे सरका, उसकी गर्दन और चूचों को चूसता हुआ उसकी नाभि तक पहुँचा। नाभि में जीभ डालते ही सारा जोर से सिसकारी, “उफ़… मोहित… क्या कर रहा है!” मैंने नाभि में जीभ घुमाई, और फिर उसके पैरों के बीच आ गया। मैंने उसकी पैंटी के किनारे पकड़े, और उसने अपनी गांड उठा दी। मैंने पैंटी नीचे सरका दी, और उसकी चूत मेरे सामने थी – गीली, गरम, और एकदम क्लीन-शेव्ड। मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर रखी, और वो सिहर उठी, “आह्ह…!” मैंने उसकी चूत को जीभ से चाटना शुरू किया, उसके नमकीन पानी का स्वाद लेने लगा। सारा जोर-जोर से सिसकारी भर रही थी, “मोहित… आह… उफ़…!” मैंने उसके क्लिट को जीभ से हिलाया, फिर चूसा, और वो मेरे सिर को अपनी चूत पर दबाने लगी।
इस दौरान मेरा लंड पूरा खड़ा था, और अंडरवियर में तड़प रहा था। मैंने अपनी अंडरवियर उतारी, और एक बार फिर सारा की चूत को चूसा। फिर मैंने अपना 7-इंच का लंड उसकी चूत के मुँह पर रखा और रगड़ने लगा। सारा तड़प रही थी, “मोहित… डाल दे… अब बर्दाश्त नहीं होता!” मैंने बिना देर किए एक झटके में लंड अंदर सरका दिया। सारा की चीख निकल गई, “आह्ह… धीरे…!” पर मैं रुका नहीं, उसके चूचे दबाते हुए लंड और अंदर सरका दिया। आधा लंड जब अंदर गया, वो बोली, “मोहित… बहुत बड़ा है… धीरे…!” मैंने उसे इग्नोर किया और पूरा लंड अंदर पेल दिया। वो सिसकारी भरते हुए एडजस्ट होने लगी, “उम्म… आह…!”
जब पूरा लंड अंदर गया, मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू किए। सारा की चूत टाइट थी, और मेरा लंड उसमें फंसा हुआ था। अजय अब अंदर आ गया, और अपनी बीवी के सिर पर हाथ फेरते हुए बोला, “कैसा लगा, मेरी जान?” सारा ने सिसकारी भरते हुए सिर हिलाया, और उसकी आँखों में एक अलग सी खुशी थी। मैंने अजय को देखा और बोला, “भाई, तेरी बीवी की चूत तो एकदम टाइट है, तू तो इसको ठोकता भी नहीं होगा!” अजय शरमा गया, पर कुछ बोला नहीं। मैं जोश में आके धक्के तेज़ करने लगा, और सारा जोर से सिसकारी भरने लगी, “आह… मोहित… और तेज़…!”
मैंने उसकी चूत के दाने को मसलते हुए चोदा, और उसका बदन अकड़ने लगा। मैं समझ गया कि उसका पानी निकलने वाला है। मैंने धक्के और तेज़ किए, और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया। पर मैं रुका नहीं, फच-फच की आवाज़ के साथ उसकी चूत को चोदता रहा। सारा के बड़े चूचे ऊपर-नीचे हिल रहे थे, और मैंने दोनों चूचों को पकड़कर जोर से दबाया। थोड़ा दूध बाहर निकला, और मैंने उसे पिया। “भाभी, तेरा दूध तो अमृत है!” मैंने बोला, और दोनों चूचों को एक साथ चूसा। अजय देखता रह गया, और बोला, “मोहित, तू तो मेरी बीवी को ऐसा मज़ा दे रहा है, मैं तो कभी नहीं दे पाया!” मैंने हँसकर बोला, “भाई, तू तो बस देख, मैं तेरी बीवी की चूत का बैंड बजा देता हूँ!”
सारा मज़ा ले रही थी, और उसकी साँसें रुक रही थीं। मैंने बोला, “चल भाभी, अब घोड़ी बन!” सारा तुरंत घोड़ी बन गई, और उसकी बड़ी गांड मेरे सामने थी। मैंने उसकी गांड पर जोर से थप्पड़ मारा, और वो सिसकार उठी, “आह…!” मैंने अजय को बोला, “चल, अपनी बीवी की गांड फैल मेरे लंड के लिए!” अजय ने शरमाते हुए सारा की गांड फैलाई, और मैंने अपना लंड उसकी चूत पर सटा दिया। सारा तड़प रही थी, “मोहित… डाल दे…!” मैंने एक झटके में पूरा लंड अंदर पेल दिया, और बोला, “देख भाभी, तेरा पति तेरी गांड फैला रहा है, और मैं तेरी चूत में लंड पेल रहा हूँ। तू कितनी बड़ी रंडी है, अपने पति के सामने चुद रही है!” सारा सिसकारी भरते हुए बोली, “हाँ… मोहित… चोद मुझे…!”
मैंने उसकी कमर पर उंगलियों की नोक फेरी, और वो गुदगुदी से मचलने लगी। उसने अपनी चूत से मेरा लंड दबाना शुरू किया। लगभग 10 मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ने के करीब था, और बोला, “मेरा आने वाला है, कहाँ निकालूँ?” अजय ने कहा, “इसके मुँह में!” मैं और उत्तेजित हो गया, और बहुत तेज़ धक्के लगाने लगा। सारा जोर-जोर से सिसकारी भर रही थी, “आह्ह… उम्म…!” कमरा हमारे जिस्मों के मिलन और सारा की सिसकारियों से गूँज उठा। मैं झड़ने के करीब था, और दो-चार आखिरी झटकों के बाद मैंने लंड निकाला और सारा के मुँह में पेल दिया। मेरा सारा रस उसने पी लिया।
उसके बाद हमने रात को दो राउंड और चुदाई की, और अगले दिन दोपहर तक तीन राउंड और लगाए। मैंने सारा को अलग-अलग पोज में चोदा – कभी उसका मुँह, कभी चूत, और अजय के साथ मिलकर अदल-बदल की। कभी मेरा लंड सारा के मुँह में, तो अजय का उसकी चूत में। कभी मेरा लंड उसकी चूत में, तो अजय का उसके मुँह में। मैंने उसके चूचों के बीच लंड रगड़ा, जो उसे बहुत पसंद आया। सारा ने सिर्फ़ चूत और मुँह में लिया, गांड नहीं मरवाई। मैंने एक-दो बार उंगली डालने की कोशिश की, पर उसने मना कर दिया और बोली, “मुझे पीछे अच्छा नहीं लगता।” मैंने मनाने की कोशिश की, पर वो नहीं मानी। अजय ने कहा, “इसको पसंद नहीं है, मैं भी बोल-बोलकर थक गया।” मैं समझ गया और दोबारा नहीं बोला।
हमने थ्रीसम तो कर लिया, पर मेरी एक साथ चूत और गांड मारने की फैंटेसी अधूरी रह गई। कभी डबल पेनेट्रेशन हुआ, तो आप लोगों के साथ ज़रूर शेयर करूँगा। आशा करता हूँ आपको मेरी कहानी पढ़कर मज़ा आया। दोस्तो, आपको मेरी आपबीती कैसी लगी? क्या आपको भी ऐसी फैंटेसी है? या आपने कभी ऐसा कुछ किया?