रात भर आंटी को इतना चोदा की अभी भी लण्ड में दर्द है

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Desi Hot Chudai kahani: दोस्तों, मेरा नाम कल्याण पटेल है, उम्र 22 साल, गठीला बदन, गेहुंआ रंग, और कॉलेज का स्टूडेंट हूँ। मैं एक छोटे से शहर में रहता हूँ, जहाँ पड़ोस में हर कोई एक-दूसरे को जानता है। आज मैं आपको अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जो मेरे साथ कुछ दिन पहले घटी। ये कहानी मेरी और मेरी पड़ोस वाली आंटी, राधा, की है। राधा आंटी 38 साल की हैं, गोरा रंग, भरा हुआ बदन, बड़ी-बड़ी आँखें, और एक ऐसी हंसी जो किसी का भी दिल चुरा ले। उनकी फिगर 36-30-38 होगी, और वो हमेशा पतली सी नाइटी या साड़ी में दिखती हैं, जिससे उनका सुडौल शरीर और भी आकर्षक लगता है। उनके पति, श्याम अंकल, 45 साल के हैं, और अक्सर कंपनी के काम से बाहर रहते हैं। उनका बेटा, लालू, 20 साल का है, और मेरे साथ ही कॉलेज में पढ़ता है।

उस दिन मैं शाम को अपने दोस्त के घर से लौट रहा था। थका-हारा घर पहुंचा तो देखा कि घर पर ताला लटक रहा था। मैं हैरान, कि माँ कहाँ चली गई? तभी पड़ोस से राधा आंटी की आवाज आई, “कल्याण बेटा, इधर आओ!” मैं उनके दरवाजे की तरफ बढ़ा। आंटी ने गहरे नीले रंग की नाइटी पहनी थी, जो उनके गोरे बदन पर चमक रही थी। उन्होंने बताया, “बेटा, तुम्हारे मामा जी का एक्सीडेंट हो गया है। तुम्हारी माँ जल्दी-जल्दी उनके पास गई हैं। वो सुबह लोकल ट्रेन से लौटेंगी। लालू भी उनके साथ गया है।”

आंटी ने आगे कहा, “मेरे पास फोन नहीं था, इसलिए तुम्हारी माँ तुम्हें बता नहीं पाईं। तुम आज रात मेरे यहाँ रुक जाओ। अंकल भी बाहर गए हैं, मैं अकेली हूँ।” उनकी आवाज में एक अजीब सी गर्मी थी, जो मेरे कानों में गूंज रही थी। मैंने हल्का सा हँसते हुए कहा, “ठीक है, आंटी।” फिर मैंने उनकी दी हुई चाय पी और उनके फोन से माँ को कॉल किया। माँ ने कहा, “बेटा, तुम आंटी के यहाँ ही रुक जाओ। मैं सुबह आ जाऊँगी।”

आंटी ने मुझे ड्राइंग रूम में बैठने को कहा और खुद बाथरूम में कपड़े धोने चली गईं। मैं सोफे पर बैठा टीवी ऑन किया, लेकिन मेरा ध्यान कहीं और था। बोरियत में मैं बाथरूम की तरफ चला गया, जहाँ आंटी कपड़े धो रही थीं। वो बाल्टी के पास बैठी थीं, उनकी नाइटी थोड़ी ऊपर खिसकी थी, और उनकी गोरी जांघें साफ दिख रही थीं। मैंने बात शुरू की, “आंटी, आप इतने कपड़े अकेले धोती हैं? अंकल मदद नहीं करते?” वो हँसीं और बोलीं, “अरे बेटा, वो तो बस अपने काम में व्यस्त रहते हैं। मैं तो अकेले ही सब संभाल लेती हूँ।” उनकी नाइटी का गला थोड़ा ढीला था, और झुकने की वजह से उनके बड़े-बड़े चूचे साफ दिख रहे थे। मैंने नजरें हटाने की कोशिश की, लेकिन बार-बार वहीँ टिक जाती थीं।

कपड़े धोने के बाद आंटी ने पास के ढाबे से रोटी और सब्जी मंगवाई। हम दोनों ने साथ बैठकर खाना खाया। खाने के बाद टीवी पर कोई पुरानी फिल्म चल रही थी, लेकिन हम दोनों की बातें कहीं और थीं। आंटी ने अचानक पूछा, “कल्याण, तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?” मैंने मजाक में कहा, “आंटी, मुझे लड़कियों से बात करने में शर्म आती है। कोई गर्लफ्रेंड नहीं है।” ये सुनकर वो जोर-जोर से हँसने लगीं, “अरे, ऐसा कैसे हो सकता है? तू इतना स्मार्ट है, और शर्माता है?”

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तभी गलती से आंटी के हाथ से पानी का ग्लास छलक गया, और पानी उनकी नाइटी पर गिर गया। नाइटी उनके बदन से चिपक गई, और उनके बड़े-बड़े चूचे साफ दिखने लगे। वो ब्रा नहीं पहनी थीं, और उनके निप्पल्स नाइटी के पार साफ नजर आ रहे थे। मैं तो बस टकटकी लगाए देखता रहा। उनके चूचे इतने सुडौल थे कि मेरा लण्ड पैंट में तनने लगा। आंटी ने मेरी नजर पकड़ ली और मुस्कुराते हुए बोलीं, “क्या बात है, कल्याण? लड़कियों से बात करने में शर्म आती है, लेकिन चूचियों को घूरने में नहीं?”

मैं झेंप गया, लेकिन हँसते हुए बोला, “आंटी, आप भी तो इतनी खूबसूरत हैं, नजर हटाए हटे नहीं।” वो और जोर से हँसीं और बोलीं, “अच्छा, चल अब आँखें बंद कर, मैं तुझे कुछ दिखाती हूँ।” मेरे दिल की धड़कन बढ़ गई। मैंने आँखें बंद कीं और इंतजार करने लगा। मन में ख्याल आ रहे थे कि क्या होने वाला है। करीब तीन मिनट बाद आंटी ने कहा, “अब आँखें खोल।”

जैसे ही मैंने आँखें खोलीं, मेरे मुँह से “हाय राम” निकल गया। आंटी मेरे सामने पूरी तरह नंगी खड़ी थीं। उनका गोरा, गदराया हुआ बदन चाँदनी रात में चमक रहा था। उनकी बड़ी-बड़ी चूचियाँ, सख्त और गोल, निप्पल्स गुलाबी और तने हुए। उनकी जांघें मोटी और चिकनी, और चूत इतनी रसीली कि जांघों के बीच छुपी हुई थी। मैं तो बस देखता ही रह गया। आंटी ने हँसते हुए पूछा, “क्या हुआ, बेटा? शर्म तो नहीं आ रही?”

मैंने गहरी सांस ली और बोला, “आंटी, आप तो जन्नत की हूर लग रही हो।” वो हँसीं और पास आकर मेरे गाल पर हाथ फेरने लगीं। मैंने पैंट के ऊपर से ही अपने लण्ड को सहलाना शुरू किया, जो अब पूरी तरह तन चुका था। आंटी की नजर मेरे लण्ड पर पड़ी, और वो बोलीं, “बेटा, कपड़े तो उतार दे, अब क्या छुपाना?” मैंने फटाफट अपनी टी-शर्ट और पैंट उतारी, और अंडरवियर भी निकाल फेंका। मेरा 7 इंच का लण्ड हवा में लहराने लगा।

आंटी मेरे पास आईं और मुझे अपनी बाहों में भर लिया। मैंने उनके चूचों को जोर से दबाया और उनके होंठों को चूमने लगा। उनकी जीभ मेरे मुँह में थी, और मैं उनके चूचों को मसल रहा था। आंटी ने मेरे कान में फुसफुसाया, “कल्याण, आज तू मुझे पूरा खुश कर दे। मैं तुझे ऐसा मजा दूँगी कि तू जिंदगी भर याद रखेगा।” उनकी बातों ने मेरे अंदर आग लगा दी।

मैंने उन्हें गोद में उठाया और उनके बेडरूम में ले गया। बेड पर लिटाकर मैं उनकी चूत के पास गया। उनकी चूत गीली और गुलाबी थी, जैसे कोई फूल खिल रहा हो। मैंने अपनी जीभ उनकी चूत पर रखी और चाटना शुरू किया। “आह्ह… ऊह्ह… कल्याण… और चाट… हाय…” आंटी की सिसकारियाँ कमरे में गूंजने लगीं। मैंने उनकी चूत में जीभ डाली, और उनके रस को चखा। वो इतना स्वादिष्ट था कि मैं रुक ही नहीं पा रहा था। आंटी ने तकिया पकड़ लिया और जोर-जोर से चिल्लाने लगीं, “हाय… बेटा… तू तो कुत्ता बन गया… चाट मेरी चूत को… आह्ह… ऊह्ह…” मैंने उनकी क्लिट को जीभ से रगड़ा, और वो सिहर उठीं।

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करीब दस मिनट तक मैं उनकी चूत चाटता रहा। आंटी की सिसकारियाँ तेज होती गईं, और अचानक उन्होंने मेरे सिर को अपनी जांघों में दबा लिया। “आह्ह… कल्याण… मैं झड़ रही हूँ… ऊह्ह…” और फिर उनकी चूत से गर्म रस निकलने लगा। मैंने सारा रस पी लिया और उनकी चूचियों पर टूट पड़ा। उनके निप्पल्स को मुँह में लेकर चूसा, और कभी हल्के से काटा। आंटी सिसकारी, “उफ़… बेटा… तू तो जान लेगा… आह्ह…”

फिर आंटी ने मुझे रोका और बोलीं, “अब मेरी बारी है।” वो मुझे बेड पर लिटाकर मेरे ऊपर चढ़ गईं। हम 69 की पोजीशन में आ गए। आंटी ने मेरा लण्ड अपने मुँह में लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं। “उम्म… कितना मोटा है तेरा लण्ड… आह्ह…” वो मेरे लण्ड को चूस रही थीं, और मैं उनकी चूत को फिर से चाटने लगा। मैंने अपनी एक उंगली उनकी गांड में डाली, और वो सिहर उठीं। “मादरचोद… तू तो मेरी गांड भी मारना चाहता है… आह्ह…” वो भद्दी-भद्दी गालियाँ दे रही थीं, जो मुझे और उत्तेजित कर रही थीं। “चाट, कुतिया की तरह चाट मेरी चूत को… ले, मेरा पानी पी…” वो मेरा लण्ड जोर-जोर से हिलाने लगीं और फिर मुँह में लेकर चूसने लगीं।

करीब 15 मिनट तक हम एक-दूसरे को चूसते रहे। फिर आंटी ने मेरा लण्ड अपनी चूत पर सेट किया और बोलीं, “बेटा, अब मुझे चोद दे। मेरी चूत को फाड़ दे… आह्ह… मुझे तेरा लण्ड चाहिए…” मैंने एक जोरदार धक्का मारा, और मेरा आधा लण्ड उनकी चूत में समा गया। उनकी चूत इतनी टाइट और गर्म थी कि मुझे लगा मैं अभी झड़ जाऊँगा। आंटी चिल्लाईं, “आह्ह… और अंदर डाल… पूरा डाल दे…” मैंने एक और धक्का मारा, और इस बार मेरा पूरा लण्ड उनकी चूत में समा गया। “उफ़… कितना बड़ा है… आह्ह… चोद मुझे…”

मैंने उनकी चूत में धक्के मारने शुरू किए। “पच… पच… पच…” धक्कों की आवाज कमरे में गूंज रही थी। आंटी की सिसकारियाँ और तेज हो गईं, “आह्ह… ऊह्ह… चोद… और जोर से… मेरी चूत फाड़ दे…” मैंने 20-25 धक्के मारे, और फिर आंटी ने कहा, “बेटा, अब मुझे कुतिया बना के चोद।” मैंने उन्हें कुतिया की पोजीशन में किया। उनकी बड़ी, चौड़ी गांड मेरे सामने थी। मैंने उनका गांड देखकर सोचा कि इसे भी चोदूँ, लेकिन आंटी ने मेरा लण्ड पकड़कर अपनी चूत पर सेट किया। मैंने एक ही धक्के में पूरा लण्ड उनकी चूत में पेल दिया। “आह्ह… ऊह्ह… मादरचोद… चोद मुझे… फाड़ दे मेरी चूत…” आंटी चिल्ला रही थीं।

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मैंने उनकी कमर पकड़ी और जोर-जोर से धक्के मारने लगा। “पच… पच… पच…” उनकी चूत इतनी गीली थी कि हर धक्के के साथ आवाज आ रही थी। आंटी की गांड हिल रही थी, और उनके चूचे हवा में लटक रहे थे। मैंने उनके चूचों को पकड़कर दबाया और और जोर से चोदने लगा। “आह्ह… ऊह्ह… कल्याण… तू तो जान लेगा… चोद… और चोद…” करीब 20 मिनट तक मैंने उन्हें चोदा, और फिर आंटी बोलीं, “बेटा, मैं झड़ने वाली हूँ… आह्ह…” वो जोर-जोर से अपनी गांड उठाने लगीं, और मैं भी पूरी ताकत से धक्के मार रहा था। अचानक आंटी ने एक लंबी सिसकारी ली, “आह्ह्ह…” और उनकी चूत से फिर से रस निकलने लगा। मैंने भी 5-6 धक्के और मारे और अपना सारा माल उनकी चूत में छोड़ दिया।

हम दोनों हांफते हुए बेड पर गिर गए। मैं उनके ऊपर लेट गया, और हम दोनों चुपचाप एक-दूसरे को देखने लगे। करीब आधे घंटे बाद आंटी उठीं और मुझे चूमने लगीं। “कल्याण, तूने तो मुझे जन्नत दिखा दी।” उन्होंने मेरा लण्ड पकड़ा, जो फिर से तनने लगा। मैंने फिर से उनके चूचों को चूसना शुरू किया, और वो मेरे लण्ड को सहलाने लगीं। रात भर हमने चार बार चुदाई की। हर बार आंटी और उग्र होती गईं। वो मुझे गालियाँ देतीं, “मादरचोद… चोद मुझे… मेरी चूत को भोसड़ा बना दे…” और मैं उनकी हर बात मानता रहा।

सुबह होने पर मेरा लण्ड इतना दर्द करने लगा कि खड़ा होने में भी तकलीफ हो रही थी। ये मेरा पहला अनुभव था, और इतनी तगड़ी चुदाई की थी कि लण्ड में दर्द होना लाजमी था। बाद में मुझे पता चला कि पहली बार चुदाई करने के बाद ऐसा होता है। लड़कों के लण्ड में और लड़कियों की चूत में दर्द होता है।

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