प्रिया को चोदा सर्दी में

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Sexy ladki ki chudai बात उन दिनों की है जब मैं पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहा था। मेरा कॉलेज मेरे घर से काफी दूर था, तो मैं रोज़ ट्रेन से ही आता-जाता था। मेरे साथ-साथ और भी कई लड़के-लड़कियाँ ट्रेन से कॉलेज जाया करते थे। रोज़ का ये सफर करते-करते मेरा एक दोस्तों का ग्रुप बन गया, जिसमें हम चार लड़के और तीन लड़कियाँ थीं। हमारे ग्रुप में राहुल, विक्की, अजय और मैं थे, और लड़कियों में नेहा, काव्या और प्रिया। राहुल लंबा-तगड़ा था, हमेशा मज़ाक करता रहता। विक्की थोड़ा शांत था, लेकिन बातों में गहराई थी। अजय को गाने का शौक था, और ट्रेन में अक्सर अपने हेडफोन्स लगाए रहता। नेहा चुलबुली थी, हर बात पर हँस देती थी। काव्या थोड़ी गंभीर थी, पढ़ाई में हमेशा आगे। लेकिन प्रिया… प्रिया थी एकदम अलग।

प्रिया की खूबसूरती कुछ ऐसी थी कि नज़र हटाना मुश्किल था। उसका गोरा रंग, भरे-पूरे होंठ, और वो आँखें जो हर बार कुछ नया कहती थीं। उसके बूब्स इतने बड़े और आकर्षक थे कि उसकी हर शर्ट में वो उभर कर सामने आते थे। उसकी पतली कमर और भारी-भरकम गाँड किसी को भी पागल कर सकती थी। मेरा अंदाज़ा था कि उसका फिगर 34-26-35 होगा। वो जब चलती थी, तो उसकी गाँड का हिलना ऐसा था जैसे कोई लयबद्ध नाच हो। ट्रेन में जब वो मेरे पास खड़ी होती, तो उसकी खुशबू मेरे होश उड़ा देती थी।

हमारा ग्रुप रोज़ ट्रेन में मिलता, और धीरे-धीरे मेरी और प्रिया की दोस्ती कुछ खास हो गई। हम दोनों ज़्यादातर साथ रहते। वो हँसती, मुझसे मज़ाक करती, और कभी-कभी मेरे कंधे पर सर रख देती। मैं हमेशा सोचता कि काश, एक बार इसके साथ चुदाई का मज़ा ले लूँ। लेकिन ये मेरी ख्वाहिश थी, और मुझे नहीं पता था कि प्रिया के दिल में क्या चल रहा है। मैं बस यही चाहता था कि वो भी मेरे लिए वही जज़्बात रखे।

एक दिन की बात है, सर्दियों का मौसम था। बाहर घना कोहरा छाया हुआ था, और ठंड इतनी थी कि हड्डियाँ तक जमा रही थीं। उस दिन प्रिया ने टाइट जीन्स और एक फिटिंग वाला टॉप पहना था, जिसके ऊपर उसने एक स्वेटर डाला हुआ था। उसकी जीन्स इतनी टाइट थी कि उसकी गाँड का हर कर्व साफ दिख रहा था। ट्रेन में उस दिन भीड़ बहुत थी। हम अपने ग्रुप के साथ थोड़ी सी जगह बनाकर खड़े हो गए। प्रिया मेरे ठीक सामने थी, इतने करीब कि उसके बूब्स मेरे सीने से बस आधा इंच दूर थे। मैं बस उन्हें देखकर अपनी प्यास बुझा रहा था। ट्रेन के हल्के-हल्के झटकों में उसके बूब्स थोड़ा हिलते, और मेरा लंड धीरे-धीरे खड़ा होने लगा।

ट्रेन चल रही थी, और मैं मन ही मन सोच रहा था कि अगर आज मौका मिला, तो प्रिया के बूब्स को ज़रूर दबाऊँगा। तभी किस्मत ने मेरा साथ दिया। ट्रेन ने अचानक ज़ोर से झटका लिया, और प्रिया मेरे ऊपर आ गिरी। मैंने उसे तुरंत अपनी बाहों में थाम लिया और उसे अपने सीने से चिपका लिया। उसके बड़े-बड़े बूब्स मेरे सीने से दब गए, और वो एहसास इतना मस्त था कि मैं बता नहीं सकता। मैंने उसे और ज़ोर से चिपकाया, और उसके बूब्स को अपने सीने पर महसूस किया। सच्ची में, ऐसा लग रहा था जैसे जन्नत मिल गई हो। प्रिया ने भी कुछ देर तक खुद को अलग करने की कोशिश नहीं की। मुझे लगा कि शायद उसे भी मज़ा आ रहा है। लेकिन भीड़ में थे, और मैं नहीं चाहता था कि कोई हमें देखकर कुछ गलत सोचे, तो मैंने धीरे से उसे अलग किया।

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उस दिन के बाद प्रिया का बर्ताव बदल गया। वो मुझसे पहले से ज़्यादा गर्मजोशी से मिलने लगी। कभी मेरे पास बैठकर मेरा हाथ पकड़ लेती, कभी आँखों में आँखें डालकर देखती। उसकी हर हरकत में एक शरारत थी, जो मुझे साफ बता रही थी कि उसके मन में कुछ चल रहा है। मैं समझ गया कि अब उसे चुदाई के लिए तैयार करना कोई मुश्किल काम नहीं होगा।

जल्दी ही मुझे मौका मिल गया। हमारे एग्ज़ाम चल रहे थे, और मेरे मम्मी-पापा को कुछ दिनों के लिए शहर से बाहर जाना था। मैंने कहा कि मैं घर पर अकेले मैनेज कर लूँगा। मन में मैंने सोच लिया कि ये प्रिया के साथ चुदाई का सबसे अच्छा मौका है। मम्मी-पापा के जाने के बाद मैंने प्रिया को फोन किया और कहा कि मुझे कुछ टॉपिक्स समझ नहीं आ रहे। मैंने उसे अपने घर आने के लिए मनाया। पहले तो उसने कहा कि मैं उसके घर आ जाऊँ, लेकिन मैंने कहा कि मैं थोड़ा ठीक महसूस नहीं कर रहा। आखिरकार वो मेरे घर आने को तैयार हो गई। उसने कहा कि वो 15 मिनट में पहुँच जाएगी।

मेरे पास 15 मिनट थे तैयारी करने के लिए। मैंने सबसे पहले म्यूज़िक सिस्टम पर रोमांटिक गाने चला दिए। दरवाज़ा बिना कुंडी लगाए हल्का सा बंद किया और नहाने चला गया। नहाने से पहले मैंने प्रिया को मैसेज किया कि दरवाज़ा खुला है, तुम अंदर चली आना। साथ ही मैंने अपना लैपटॉप ऑन करके बेड पर रख दिया और उसमें एक ब्लू फिल्म वाला फोल्डर खोलकर छोड़ दिया। मुझे पता था कि प्रिया ज़रूर देखेगी।

जैसे ही मुझे प्रिया के आने की आहट हुई, मैं तुरंत बाथरूम में घुस गया। प्रिया अंदर आई। उसने एक छोटी सी स्कर्ट और टाइट टॉप पहना हुआ था, जिसमें उसकी नंगी टाँगें और कमर साफ दिख रही थी। उसकी टाँगें इतनी चिकनी थीं कि मन कर रहा था कि बस उन्हें सहलाता रहूँ। मेरा लंड पहले से ही खड़ा था और बार-बार कह रहा था कि आज इसकी चूत को जमकर चोदना है। प्रिया मेरे रूम में इधर-उधर घूम रही थी, तभी उसकी नज़र लैपटॉप पर पड़ी। जैसा मैंने सोचा था, वो ब्लू फिल्म देखने लगी। 5-10 मिनट बाद मैंने देखा कि उसकी साँसें तेज़ हो गई थीं, और वो थोड़ा बेचैन लग रही थी। उसकी आँखों में एक अलग सी चमक थी, जैसे वो पूरी तरह गर्म हो चुकी हो।

मुझे लगा कि यही सही वक्त है। मैंने जल्दी से अपने बदन पर पानी डाला और सिर्फ़ अंडरवियर में बाहर आ गया। मैंने ऐसा दिखाया जैसे मुझे पता ही नहीं कि वो आ चुकी है। मेरी बॉडी अच्छी थी, और प्रिया पहले से ही गर्म थी। मुझे सिर्फ़ अंडरवियर में देखकर वो थोड़ा घबरा गई, लेकिन फिर भी चोरी-चोरी मुझे देख रही थी। मेरा लंड अंडरवियर में पूरी तरह खड़ा था, और वो उसकी लंबाई नापने की कोशिश कर रही थी।

मैंने पूछा, “क्या देख रही हो बार-बार?” वो थोड़ा हड़बड़ा गई और बोली, “नहीं, कुछ नहीं…” मैंने कहा, “देखना है तो खुलकर देखो, शर्मा क्यों रही हो?” इतना कहकर मैं उसके पीछे जाकर खड़ा हो गया और उसकी कमर में हाथ डाल दिए। उसने कुछ नहीं कहा, तो मुझे समझ आ गया कि बात बन गई है। मैंने उसे अपनी तरफ खींचा और अपने से चिपका लिया। मेरा लंड उसकी जीन्स के ऊपर से ही उसकी गाँड से रगड़ने लगा। वो भी मस्ती में आ रही थी। मैंने उसी पोज़ीशन में उसके बूब्स पकड़ लिए और टी-शर्ट के ऊपर से सहलाने लगा। उसके मुँह से “आह… ऊह…” की आवाज़ें निकलने लगीं, जो साफ बता रही थीं कि वो गर्म हो रही है।

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मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी। ओह माय गॉड! उसके गोरे-चिट्टे बूब्स उसकी ब्लैक ब्रा में क्या कमाल लग रहे थे। वो इतने बड़े थे कि ब्रा में पूरी तरह समा नहीं रहे थे। मैंने पागलों की तरह उसके बूब्स को मसलना शुरू किया। फिर मैंने उसके होंठों पर किस करना शुरू किया। करीब 10-12 मिनट तक मैं उसके होंठों का रस पीता रहा। फिर उसकी गर्दन, गालों और कानों पर किस करने लगा। वो “आह… ऊह…” की आवाज़ें निकाल रही थी। मैंने उसकी ब्रा उतार दी और उसके निप्पल्स को चूसना शुरू किया। उसके बूब्स इतने बड़े थे कि मेरे मुँह में पूरी तरह नहीं आ रहे थे। मैं कभी उन्हें चूसता, कभी निप्पल्स को हल्का सा काटता। जब मैं निप्पल्स को काटता, तो वो दर्द से चिल्लाती, “आह… धीरे…!” उसकी ये आवाज़ें मुझे और जोश दिला रही थीं।

करीब 20 मिनट तक मैं उसके बूब्स के साथ खेलता रहा। फिर मैं उसकी कमर पर किस करते-करते नीचे की तरफ बढ़ा। उसकी स्कर्ट उतार दी। उसकी गोरी-गोरी टाँगें देखकर मेरा लंड और सख्त हो गया। मैंने उसकी टाँगों पर हाथ फेरा, फिर उसकी पैंटी भी उतार दी। अब वो मेरे सामने पूरी तरह नंगी थी। उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था, और वो इतनी टाइट लग रही थी कि देखते ही मेरा लंड तड़प उठा। मैंने उसकी चूत पर किस किया, तो वो उछल पड़ी और बोली, “आह… बहुत गुदगुदी हो रही है!” मैं समझ गया कि ये उसका पहला अनुभव है। ये सोचकर मेरा जोश और बढ़ गया कि मुझे इस कुँवारी चूत की सील तोड़ने का मौका मिल रहा है।

मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया। मेरी जीभ उसकी चूत के होंठों पर फिसल रही थी, और वो “आह… ऊह… धीरे…” की आवाज़ें निकाल रही थी। उसकी चूत गीली हो चुकी थी, और उसका स्वाद मुझे पागल कर रहा था। मैंने करीब 10 मिनट तक उसकी चूत चाटी, फिर उसे कहा, “मेरा अंडरवियर उतारो।” उसने मेरा अंडरवियर उतारा, और मेरा 7 इंच का मोटा लंड देखकर वो थोड़ा डर गई। बोली, “ये तो बहुत बड़ा है… मेरी चूत फट जाएगी!” मैंने कहा, “डरो मत, इसे चूसो, चिकना हो जाएगा, फिर आराम से जाएगा।”

वो मेरे लंड को चूसने लगी। पहले तो वो थोड़ा हिचक रही थी, लेकिन फिर वो पूरे जोश से चूसने लगी। उसका मुँह मेरे लंड पर ऊपर-नीचे हो रहा था, और वो “म्म्म… म्म्म…” की आवाज़ें निकाल रही थी। करीब 15 मिनट तक वो मेरा लंड चूसती रही। मुझसे अब और कंट्रोल नहीं हो रहा था। मैंने उसे उठाया और बेड पर पटक दिया। उसकी चूत कुँवारी थी, तो मैंने पहले उसकी चूत पर तेल लगाया और उसे मेरे लंड पर भी तेल लगाने को कहा।

मैंने एक तकिया उसकी गाँड के नीचे रखा और अपना लंड उसकी चूत पर रखा। उसकी चूत इतनी टाइट थी कि मुझे थोड़ा ज़ोर लगाना पड़ा। मैंने एक हल्का सा धक्का मारा, और मेरा लंड 2 इंच अंदर चला गया। वो दर्द से चिल्ला उठी, “आआआह्ह्ह… मर गई… मेरी चूत फट जाएगी… प्लीज़ निकाल लो!” मैं रुक गया, लेकिन वो चिल्लाती रही। मुझे डर लगा कि कहीं उसकी आवाज़ बाहर न जाए, तो मैंने म्यूज़िक सिस्टम की आवाज़ तेज़ कर दी। फिर मैंने एक ज़ोरदार धक्का मारा, और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया। वो और ज़ोर से चिल्लाई, “आआह्ह्ह… मम्मी… मर गई… मेरी चूत फाड़ दी!” उसकी चूत से खून निकलने लगा, जो उसकी सील टूटने का सबूत था।

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मैंने उसके चिल्लाने की परवाह नहीं की और धीरे-धीरे अपना लंड अंदर-बाहर करने लगा। पहले तो वो दर्द से कराह रही थी, लेकिन धीरे-धीरे उसका दर्द कम हुआ, और वो मज़े लेने लगी। अब उसके मुँह से “आह… ऊह… और ज़ोर से…” की आवाज़ें निकलने लगीं। मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। उसकी चूत इतनी टाइट थी कि हर धक्के में मेरा लंड उसे पूरा खोल रहा था। “पच… पच…” की आवाज़ें कमरे में गूँज रही थीं। वो बोली, “और ज़ोर से चोदो… मेरी चूत फाड़ दो!” मैंने उसे और ज़ोर से चोदा।

मैंने उसे घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत में लंड डाला। उसकी गाँड मेरे हर धक्के के साथ हिल रही थी। मैंने उसकी गाँड पर हल्के-हल्के थप्पड़ मारे, और वो “आह… हाँ… और मारो…” कहने लगी। करीब 20 मिनट तक मैंने उसे अलग-अलग पोज़ में चोदा। बीच-बीच में मैं रुकता, उसके बूब्स चूसता, उसकी चूत चाटता, और फिर चुदाई शुरू करता। वो इस बीच 4 बार झड़ चुकी थी। जब मुझे लगा कि मेरा पानी निकलने वाला है, मैंने लंड बाहर निकाला और उसकी चूत के ऊपर ही सारा माल गिरा दिया।

मैंने उससे पूछा, “मज़ा आया?” वो बोली, “आज तो तुमने मुझे जन्नत दिखा दी।” फिर हम दोनों नंगे ही एक-दूसरे से लिपट गए और किस करने लगे। थोड़ी देर बाद हम साथ में नहाने गए। बाथरूम में मैंने उसे फिर से चोदा। शावर के नीचे उसकी गीली चूत को चोदने का मज़ा ही अलग था।

उस दिन के बाद हमने 4-5 बार और चुदाई की। लेकिन फिर उसके पापा का ट्रांसफर हो गया, और वो कहीं और चली गई।

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