सर लाइब्रेरी में मेरी चूत में ऊँगली घुसाने लगे

5
(394)

मेरा नाम प्रीति है, मेरी उम्र 24 साल की है. और यह मेरे साथ घटी एक सच्ची सेक्स घटना है. दोस्तों इस घटना के समय मैं 12 वीं क्लास में पढ़ती थी और यह घटना आज से 2 साल पहले की है. चलो पहले मैं आप सभी को अपने बारे में कुछ बता देती हूँ मेरी लम्बाई 5.6 फुट की है, मेरे बब्स 32” के थे, मेरी कमर 28 की और मेरे कूल्हे 34” के थे और मेरा गोरा रंग है.

स्कूल में और बाहर सभी लड़कों का लंड मुझे देखते ही खड़ा हो जाता था। दोस्तों मेरे ही स्कूल के टीचर ने ही मुझको सबसे पहले चोदा था. और उन सर का नाम संजय था. वह दिखने में काफ़ी स्मार्ट है, लम्बा कद, गोरा और गठीला बदन, मोटा लंड था उनका. वह मेरे पी.टी. और स्पोर्ट्स के सर थे.

मैं अपने स्कूल की लड़कियों की फुटबॉल की टीम में थी और मेरा ज्यादातर समय खेलने में ही निकल जाता था. खेलने में ज़्यादा समय तक रहने की वजह से मैं ज्यादातर टी-शर्ट और शॉर्ट्स ही पहना करती थी। दोस्तों एक दिन, प्रेक्टीस के बाद मैं काफ़ी थक गई थी और मैं मैदान में एक किनारे पर बैठी हुई थी कि, तभी संजय सर मेरे पास आकर बैठ गये थे, वह मेरे काफी पास बैठे थे.

और फिर उन्होनें मुझसे पूछा कि, क्या हुआ? तुम काफ़ी थकी हुई लग रही हो. और फिर यह कहते हुए उन्होंने मेरी जाँघों को अपने हाथों से सहलाने लग गए थे. मैं उस समय एकदम सकते में आ गई थी पर मुझको भी उनका छूना बहुत अच्छा लग रहा था और फिर काफ़ी देर तक मैंने उनको कुछ भी नहीं कहा.

और तभी मेरी एक सहेली वहाँ पर आ गई थी. और फिर सर मेरी जाँघ से अपना हाथ हटाकर, बात को घुमाकर मुझसे मेरे अगले पीरियड के बारे में पूछने लग गए थे. मेरा अगला पीरियड लाइब्रेरी का था जो कि मैंने उनको बता दिया था. और फिर खेल की प्रेक्टीस के बाद मैं स्कूल की ड्रेस स्कर्ट और शर्ट में आ गई थी.

दोस्तों लाइब्रेरी के पीरियड में मैं एक किताब तलाश कर रही थी कि, तभी पीछे से आकर मुझको संजय सर ने पकड़ लिया था और फिर वह मुझसे बोले कि, क्या ढूंड रही हो? दोस्तों उस समय उनका लंड मेरे दोनों कूल्हों के बीच की दरार को छू रहा था और उनके हाथ मेरे बब्स पर थे.

और फिर मैंने उनको कहा कि, यह क्या कर रहे हो सर? तो फिर वह मुझसे बोले कि, तुमको प्यार कर रहा हूँ, बहुत दिनों से मेरा लंड तुमको पाने के लिए तड़प रहा है और तुम्हारे बब्स को देखकर देखो तो यह कैसा तन जाता है. और फिर उन्होनें मेरा हाथ लेकर अपने लंड पर रख दिया. और फिर उनके लंड की गर्मी के अहसास से मेरी चूत पिघलकर गीली होने लग गई थी.

और फिर सर ने अपना एक हाथ मेरी स्कर्ट के अन्दर डाल दिया और फिर वह मेरी पैन्टी के ऊपर से ही मेरी चूत को सहलाने लग गए थे और मुझको उस समय बहुत मज़ा आ रहा था. लेकिन फिर अचानक से मुझको लगा कि, जैसे हमारी तरफ कोई आ रहा है।

और तभी सर ने झटके से अपनी दो ऊँगलियाँ मेरी चूत में डाल दी थी और फिर वह अपनी ऊँगलियों को मेरी चूत में अन्दर-बाहर करने लग गए थे. और फिर मेरे मुँह से निकला कि, आहहह… और ज़ोर से करो. तो फिर सर मुझसे बोले कि, जल्दी से स्पोर्ट्स रूम में आ जाओ, वहाँ पर कोई भी नहीं है.

और फिर मैंने अपने कपड़े ठीक किए और फिर मैं सर के पीछे-पीछे चल दी थी. और फिर जैसे ही हम स्पोर्ट्स रूम में पहुँचे तो सर ने कमरे का दरवाज़ा अन्दर से बन्द कर दिया था और फिर वह अपने कपड़े उतारने लग गए थे. दोस्तों उनका लंड बहुत मोटा और लम्बा था.

उसको देखते ही मेरी चूत में भी कुछ-कुछ होने लग गया था. और फिर सर ने मुझको अपने पास बुलाया. और फिर उन्होंने मुझको नीचे झुकाकर अपना लंड मेरे मुँह में ज़ोर से घुसा दिया था. पहले तो मुझे वह सब बहुत अजीब सा लगा था लेकिन फिर मैंने धीरे से उसको चाटना और चूसना शुरू कर दिया था.

और फिर सर ने मेरी शर्ट के बटन खोले और फिर मेरी ब्रा का हुक भी खोल दिया था। दोस्तों अब मेरे बब्स बिल्कुल आज़ाद थे और सर उनको दबा रहे थे और मसल भी रहे थे. और इधर मैं काफ़ी देर तक सर के लंड को चूसती रही और फिर उन्होनें मेरे मुँह के अन्दर ही अपना सारा जोश ठण्डा कर दिया था.

और मैं उनका सारा माल गटक गई थी. और फिर सर ने मुझको झटके से ज़मीन पर लिटाया और फिर उन्होंने मेरे सारे कपड़े उतार दिए थे. और अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे, और फिर सर ने मेरे बब्स को अपने हाथ में लेकर मसलना शुरू किया और फिर एक-एक को अपने मुहँ में लेकर चूसना शुरू किया तो मेरी चूत में से भी रस की धारा बह निकली थी.

और फिर मैंने सर से कहा कि, प्लीज़ अपनी ऊँगली से मेरी चूत को रगड़ो. तो फिर सर ने अपनी चार ऊँगलियाँ मेरी चूत में घुसा दी थी. आहहह… कसम से उस समय बहुत मज़ा आ रहा था दोस्तों. और मैं जोश में आकर उनसे कह रही ही कि सर मेरा सारा दूध पी जाओ.

तो फिर सर मुझसे बोले कि, इतने दिनों से तुमको चूसने और चाटने की तड़प थी मेरे अन्दर, आज मैं तुमको इतना चोदूंगा कि, तुम भी याद रखोगी. और फिर सर ने अपनी ऊँगलियों को मेरी चूत से बाहर निकाला और मेरे मुँह में डाल दिया था. और फिर वह खुद मेरी चूत को चाटने लग गए थे.

तो फिर मैंने भी उनको कहा कि, खा जाइए सर मेरी चूत को, और बस इसको ऐसे ही चाटते रहो, आहहह… कसम से मुझको भी बहुत मज़ा आ रहा था. और फिर हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गये थे. और फिर कुछ देर के बाद सर ने मुझको कहा कि, अब मैं अपना लंड तुम्हारी चूत में डालूँगा. “Teacher Student School Sex”

और फिर उन्होंने मेरी दोनों टाँगों को उठाकर अपने कन्धों पर रखा और फिर एक ही ज़ोरदार झटके में उन्होंने अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया था. मैं तो उस समय दर्द के मारे मर ही गई थी और मेरी आँखों से आँसूं निकल आए थे लेकिन दोस्तों दर्द से कहीं ज़्यादा मजा भी था.

और फिर कुछ देर तक सर ने अपना लंड हिलाया तक नहीं था. और फिर उसके बाद वह ज़ोर-ज़ोर से झटके देने लगे और अपना लंड मेरी चूत के अन्दर-बाहर करने लग गए थे. और मैं भी मजे में चिल्ला रही थी, और उनसे कहती भी जा रही थी कि, और ज़ोर से करो सर, घुस जाओ मुझमें पूरे ही.

और मुझको चोदने के साथ-साथ मेरे बब्स को चूस रहे थे. दोस्तों मेरे सर ने मुझको लगभग 20-25 मिनट तक खूब जमकर चोदा था. और फिर उन्होंने अपना सारा माल मेरे दोनों बब्स पर निकाल दिया था. और फिर मैंने खुद को साफ़ किया और उसके बाद हमने कपड़े पहने.

और उसके बाद सर ने मुझको एक किस दिया जिसके बाद मैं वहाँ से निकल आई थी। उस दिन के बाद तो हमको जब भी मौका मिलता था तो हम दोनों मिलकर खूब चुदाई करते थे और यह सिलसिला पूरे 6 महीने तक चला था. उसके बाद मेरी स्कूल की पढ़ाई पूरी हो गई थी और मेरा स्कूल और सर का साथ छूट गया था।

आपको यह कहानी कैसी लगी?

स्टार्स को क्लिक करके आप वोट कर सकते है।

Average rating 5 / 5. Vote count: 394

अभी तक कोई वोट नहीं मिला, आप पहला वोट करें

We are sorry that this post was not useful for you!

Let us improve this post!

Tell us how we can improve this post?

Leave a Comment

Skip to content