Summer vacation chudai – Garmi ki Chutti me Cousin sex story: मैं हिरेन, 22 साल का, नीमराना का रहने वाला। मेरा रंग गेहुंआ है, कद 5 फीट 10 इंच, और जिम की वजह से बॉडी टोन्ड है। मेरा लंड 6 इंच का, मोटा और गुलाबी सुपारा वाला, जो तनने पर एकदम कड़क हो जाता है। हमारे घर में मम्मी-पापा, दादी और मैं रहते हैं। घर छोटा सा है, दो बेडरूम और एक हॉल। मम्मी-पापा एक बेडरूम में सोते हैं, मेरा दूसरा बेडरूम है, और दादी हॉल में सोती हैं। नीमराना की गर्मी ऐसी कि पंखा भी बस हवा फेंकता है, ठंडक नहीं देता। इस कहानी की दूसरी किरदार है मेरी कजिन वैशाली, जिसे हम सब प्यार से विशु बुलाते हैं। विशु 25 साल की है, गोरी-चिट्टी, चेहरा ऐसा जैसे चाँद का टुकड़ा, और फिगर 32-30-34। उसकी आँखें काली, लंबे घने बाल, और होंठ गुलाबी, जो मुस्कुराते ही दिल में आग लगा देते हैं। उसकी चाल में एक अदा है, जैसे कोई अप्सरा चल रही हो। मैं उसे बचपन से प्यार करता हूँ, भाई-बहन वाला प्यार, पर उसकी खूबसूरती हमेशा मेरे दिल को छूती थी। एक बार मजाक में मैंने कहा था, “विशु, अगर तू मेरी बहन न होती, तो तुझसे शादी कर लेता।” वो हँसकर मेरे गाल पर हल्का सा थप्पड़ मारती और कहती, “पागल है तू, हिरेन।”
बात गर्मी की छुट्टियों की है। मई का महीना, नीमराना की सड़कें धूल और गर्मी से तप रही थीं। मेरी बुआ यूपी से हमारे घर आईं, और उनके साथ थी विशु। बुआ और मम्मी की तबीयत अक्सर खराब रहती थी, तो घर का सारा काम विशु ने संभाल लिया। सुबह वो नीली कुरती और सफेद लेगिंग्स में चाय बनाती, खाना पकाती, और कपड़े धोती। उसकी नीली कुरती में से उसका गोरा पेट हल्का सा दिखता, और जब वो झुकती, तो उसकी ब्रा की आउटलाइन साफ दिखती। मैं उसे चुपके-चुपके देखता रहता। वो मेरी नजरों को भाँप लेती, लेकिन बस मुस्कुराकर टाल देती। मैं अक्सर उसके पास जाता, उसके गालों को हल्के से छूता, और वो प्यार से कहती, “हिरेन, काम करने दे ना।” उसकी आवाज़ में एक मासूमियत थी, जो मुझे और करीब खींचती थी।
हमारे घर में सोने की जगह की दिक्कत थी। बुआ और विशु के आने से ये समस्या और बढ़ गई। बुआ ने कहा, “हिरेन, तू हॉल में दादी के साथ सो जा, मैं और विशु तेरे बेडरूम में सोएँगे।” लेकिन हॉल में गर्मी इतनी थी कि पंखे से भी पसीना टपकता था। मैंने मना कर दिया, “नहीं, मैं अपने बेडरूम में ही सोऊँगा।” विशु ने भी कहा, “मुझे भी हॉल में गर्मी लगती है, मैं बेडरूम में सोना चाहती हूँ।” मम्मी ने मुझे हॉल में सोने को कहा, लेकिन बुआ ने हँसते हुए कहा, “अरे, कोई बात नहीं, दोनों भाई-बहन हैं, एक साथ बेडरूम में सो लेंगे।” मेरे दिल में खुशी की लहर दौड़ गई। विशु के साथ एक ही बेड पर सोना, ये सोचकर ही मैं बेचैन हो गया। हालाँकि मेरे मन में कोई गलत खयाल नहीं था, बस उसका पास होना मेरे लिए सबकुछ था।
रात को हम दोनों मेरे बेडरूम में गए। विशु ने हल्के गुलाबी रंग का टॉप और काली लेगिंग्स पहनी थी। मैंने ग्रे टी-शर्ट और नीला लोअर। लाइट्स ऑफ कीं, और हम बेड पर लेट गए। बेड छोटा था, तो हमारा शरीर एक-दूसरे से हल्का सा छू रहा था। मैंने चादर ओढ़ ली, और जल्दी ही हमें नींद आ गई। आधी रात को मेरी नींद खुली। मैंने महसूस किया कि मेरा हाथ कहीं नरम-नरम सी जगह पर है। अंधेरे में मैंने चादर हटाई, और जो देखा, उससे मेरे होश उड़ गए। मेरा हाथ विशु के पेट पर था। उसका गुलाबी टॉप थोड़ा ऊपर खिसका हुआ था, और उसकी गोरी त्वचा चाँदनी में चमक रही थी। उसका पेट इतना मुलायम था कि मेरे शरीर में सिहरन दौड़ गई। मैं अकेले सोता हूँ तो तकिए को गले लगाता हूँ, शायद इसलिए नींद में मेरा हाथ वहाँ चला गया। मैंने सोचा कि उसे जगाए बिना हाथ हटा लूँ, लेकिन मेरे दिल में कुछ और ही चल रहा था।
विशु गहरी नींद में थी। उसकी साँसें इतनी शांत थीं कि मैं उन्हें गिन सकता था। मैंने हल्के से अपना हाथ उसके पेट पर फेरा। उसकी त्वचा इतनी नरम थी, जैसे मखमल। मेरे शरीर में गर्मी सी दौड़ने लगी। मेरा लंड तनने लगा, और मैं खुद को रोक नहीं पाया। मैंने धीरे-धीरे उसका टॉप और ऊपर किया। उसने काली ब्रा पहनी थी, जो उसके 32 साइज़ के स्तनों को टाइट पकड़े थी। मैंने ब्रा को हल्के से ऊपर खिसकाया, और मेरा हाथ उसके नंगे स्तनों पर चला गया। यार, क्या बताऊँ, वो मुलायम, गोल स्तन, जिनके गुलाबी निप्पल हल्के से सख्त हो रहे थे। मेरे लंड का सुपारा अब पूरी तरह तन गया, और मेरे शरीर में जैसे करंट दौड़ रहा था। मैंने धीरे-धीरे उसके एक स्तन को सहलाना शुरू किया, उंगलियों से उसके निप्पल को गोल-गोल घुमाते हुए। तभी विशु की नींद टूटी।
वो अचानक उठ बैठी और धीमी आवाज़ में चिल्लाई, “हिरेन, ये क्या कर रहा है? तुझे शर्म नहीं आती? मैं तेरी बहन हूँ!” उसकी आवाज़ में गुस्सा था, लेकिन वो धीरे बोल रही थी ताकि बाहर कोई न सुने। मैं घबरा गया। मेरे मुँह से निकला, “विशु, मैं तुझसे बहुत प्यार करता हूँ, तुझे तो पता है ना।” उसने कहा, “हाँ, पता है, लेकिन ये क्या तरीका है प्यार दिखाने का? ये गलत है, हिरेन!” वो नाराज़ थी, और उसकी आँखें गुस्से से चमक रही थीं। मैंने उससे माफी माँगी, “विशु, प्लीज़, माफ कर दे। मैं तुझसे इतना प्यार करता हूँ कि खुद को रोक नहीं पाया। अगर तू मुझे मना करेगी, तो मैं अपनी इच्छा पूरी करने कहीं बाहर जाऊँगा। तुझे वो अच्छा लगेगा?” मैंने उसे बहुत समझाया, अपने प्यार का वास्ता दिया। आखिरकार वो पिघल गई। उसने कहा, “ठीक है, लेकिन तू प्रॉमिस कर कि ये बात किसी को नहीं बताएगा, और कहीं बाहर अपनी इच्छा पूरी नहीं करेगा।” मैंने तुरंत प्रॉमिस किया, और मेरे दिल में खुशी की लहर दौड़ गई।
मैं विशु से लिपट गया और उसके गालों पर चूमने लगा। “थैंक्यू, विशु, तू बहुत प्यारी है,” मैं बार-बार कह रहा था। वो शरमाते हुए बोली, “बस, अब जल्दी कर, मुझे नींद आ रही है।” मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसके ऊपर आ गया। मैंने उसके माथे से चूमना शुरू किया, धीरे-धीरे उसके गुलाबी होंठों तक आया। उसके होंठ इतने रसीले थे कि मैं खुद को रोक नहीं पाया। मैंने उसे गहरा स्मूच करना शुरू किया, और वो भी मेरा साथ देने लगी। उसकी जीभ मेरी जीभ से टकरा रही थी, और हम दोनों जैसे प्यार के सागर में डूब गए थे। मैंने उसके गले पर चूमा, उसकी गर्दन को हल्के से काटा, और वो सिसकारियाँ लेने लगी, “आह्ह… हिरेन… धीरे…” उसकी आवाज़ में एक मादक गर्मी थी।
मैंने उससे कहा, “विशु, अपनी ब्रा खोल दे।” वो शरमाते हुए बोली, “तू ही खोल ना।” मैंने उसके पीछे हाथ डाला और उसकी काली ब्रा का हुक खोल दिया। ब्रा को साइड में रखा, और अब उसके नंगे स्तन मेरे सामने थे। उसके स्तन गोरे, गोल, और बीच में गुलाबी निप्पल, जो हल्के से सख्त हो रहे थे। मैंने एक स्तन को हाथ में लिया और धीरे-धीरे दबाया। वो इतने मुलायम थे, जैसे रूई के गोले। मैंने उसके एक निप्पल को मुँह में लिया और चूसना शुरू किया। वो सिसकारियाँ ले रही थी, “आह्ह… हिरेन… ओह्ह… क्या कर रहा है…” मैंने उसके दूसरे स्तन को दबाते हुए उसकी नाभि तक चूमना शुरू किया। उसकी गोरी नाभि में एक छोटा सा तिल था, जो उसे और सेक्सी बना रहा था। मैंने उसकी काली लेगिंग्स को धीरे-धीरे नीचे खींचा। अब वो सिर्फ़ काली पैंटी में थी, जो उसकी चूत को हल्का सा ढक रही थी।
मैंने पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत पर चूमा। वो सिहर उठी, “हिरेन… ये क्या… आह्ह…” उसकी साँसें तेज़ हो गई थीं। मैंने उसकी पैंटी को धीरे-धीरे उतारा। उसकी चूत एकदम गोरी, शेव्ड, और गुलाबी थी, जिसके बीच में छोटी सी क्लिट चमक रही थी। मैंने उसकी टाँगें फैलाईं और उसकी चूत को चाटना शुरू किया। उसका स्वाद ऐसा था, जैसे कोई अमृत। मैंने अपनी जीभ से उसकी क्लिट को चाटा, और वो ज़ोर-ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी, “आह्ह… हिरेन… ओह्ह… बस कर… मर जाऊँगी…” वो मेरे सिर को अपनी चूत पर दबा रही थी। मैंने अपनी एक उंगली उसके मुँह में डाल दी, और वो उसे चूसने लगी। मैं उसकी चूत को चाटता रहा, और वो कुल्हे उठा-उठाकर सिसकारियाँ ले रही थी, “आह्ह… ओह्ह… हिरेन… चाट ले मेरी चूत को…” उसका पानी निकल गया, और मैंने उसका सारा रस चाट लिया।
अब विशु की बारी थी। उसने मेरी ग्रे टी-शर्ट उतारी और मेरे सीने को चूमना शुरू किया। वो धीरे-धीरे नीचे आई और मेरे नीले लोअर को नीचे खींच दिया। मेरा लंड काले अंडरवेयर में तनकर बाहर आने को बेताब था। उसने अंडरवेयर के ऊपर से ही मेरे लंड को चाटा, और मैं सिहर उठा। फिर उसने मेरा अंडरवेयर उतारा, और मेरा 6 इंच का लंड बाहर आ गया। उसका गुलाबी सुपारा चमक रहा था। वो उसे देखकर मुस्कुराई और बोली, “हाय, कितना प्यारा लॉलीपॉप है तेरा।” उसने मेरे लंड को हाथ में लिया और रगड़ना शुरू किया। फिर उसने उसे अपने मुँह में लिया और चूसना शुरू किया। यार, क्या मज़ा आ रहा था। वो मेरे लंड को ऐसे चूस रही थी, जैसे कोई बच्चा अपनी फेवरेट कैंडी चूसता हो। उसने मेरे लंड के सुपारे को जीभ से चाटा, और मैं सिसकारियाँ लेने लगा, “आह्ह… विशु… चूस ले इसे… ओह्ह…” वो 5 मिनट तक चूसती रही, और जब मुझे लगा कि मेरा निकलने वाला है, मैंने कहा, “विशु, बस कर।” उसने लंड छोड़ा और मेरे ऊपर आ गई।
मैंने उसे फिर से नीचे किया और उसकी चूत पर अपना लंड सेट किया। वो बोली, “हिरेन, प्लीज़ धीरे करना, मुझे डर लग रहा है।” मैंने कहा, “चिंता मत कर, मैं तेरी चूत को प्यार से चोदूँगा।” मैंने धीरे से अपना लंड उसकी चूत में डाला। उसकी चूत इतनी टाइट थी कि मेरा लंड बस थोड़ा सा ही अंदर गया। उसे दर्द हुआ, और वो चीखने ही वाली थी कि मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से बंद कर दिया। मैंने देखा कि उसकी चूत से खून निकल रहा था। वो वर्जिन थी। मैंने उसे चूमा और कहा, “विशु, अब तू वर्जिन नहीं रही।” उसकी आँखों में आँसू थे, लेकिन वो मुस्कुराई और बोली, “लव यू, हिरेन।”
मैंने फिर से अपना लंड उसकी चूत में डाला। इस बार मैंने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए। उसकी चूत गर्म और गीली थी, और मेरा लंड आसानी से अंदर-बाहर हो रहा था। वो सिसकारियाँ ले रही थी, “आह्ह… हिरेन… धीरे… ओह्ह… चोद दे मेरी चूत…” मैंने उसकी कमर पकड़ी और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने शुरू किए। उसकी सिसकारियाँ पूरे कमरे में गूँज रही थीं, “आह्ह… ओह्ह… हिरेन… फक मी… चोद दे मेरी बुर को…” मैंने उसे पलटा और अब वो मेरे ऊपर आ गई। उसने मेरे लंड को अपनी चूत में लिया और उछल-उछलकर चुदाई करने लगी। उसके स्तन मेरे सामने उछल रहे थे, और मैंने उन्हें पकड़कर दबाना शुरू किया। वो चिल्ला रही थी, “हिरेन… आह्ह… तेरा लंड कितना मस्त है… चोद दे मुझे…”
हमने कई पोजीशन बदलीं। मैंने उसे दीवार के सहारे खड़ा करके चोदा, उसकी एक टाँग उठाकर। उसकी चूत में मेरा लंड गहराई तक जा रहा था, और वो चिल्ला रही थी, “आह्ह… हिरेन… और ज़ोर से… फाड़ दे मेरी चूत…” फिर मैंने उसे बेड के किनारे लिटाया और उसकी चूत में उंगलियाँ डालकर उसे और गर्म किया। वो बार-बार झड़ रही थी, और उसका पानी बेडशीट पर गिर रहा था। आखिरकार जब मेरा निकलने वाला था, मैंने अपना लंड बाहर निकाला और विशु ने उसे अपने हाथों से रगड़ा। मेरा सारा माल ज़मीन पर गिर गया। विशु भी झड़ चुकी थी। हम दोनों ने अपने कपड़े पहने, ज़मीन को साफ किया, और फिर एक-दूसरे को गले लगाकर सो गए। सुबह जब पापा पानी भरने की आवाज़ से उठे, तो विशु जल्दी से मुझसे अलग हो गई ताकि कोई शक न करे। सब कुछ नॉर्मल था। शुक्र है, रात में कोई नहीं जागा।
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