ठंड में पापा के रजाई में सोना भारी पड़ा मुझे पूरी रात उन्होंने मुझे चोदा

5
(2)

सर्दी का मौसम कई बार बहुत खास हो जाता है। जब आपको कुछ ऐसी चीजें सामने आ जाते हैं जो आपने कभी लाइफ में ना की हुई हो और वह करने का मौका मिल जाए तब वह खास हो जाता है। कल की रात मेरे लिए बहुत खास रात थी। कल रात मेरी पहली चुदाई हुई और वह भी अपने फादर के साथ जी हां दोस्तों कल मेरे पापा ने मुझे पूरी रात जमकर चोदा। आप वजह जानेंगे तो हैरान हो जाएंगे कैसे-कैसे क्या हुआ था वह मैं सारी बातें आपको इस वेबसाइट पर जाने के द इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर सुनाने जा रही हूं। मेरी हिंदी थोड़ी कमजोर है इस वजह से अगर कहीं कोई गलतियां हो जाए तो आप माफ कर देना मेरी भावनाओं को समझना कि मैं क्या कहना आपको चाह रही हूं।

मेरा नाम संध्या है मेरे पापा शहर में रहते हैं। मेरे घर में मेरे अलावा मेरी बहन जो जुड़वा है और मेरी मां है। हम लोग गांव में रहते हैं पापा मेरे शहर में रहते हैं। मेरी मम्मी 18 साल बाद फिर से मां बन रही है इस वजह से पापा मेरे गांव आए हुए हैं क्योंकि डॉक्टर ने डेट दे दिया है डिलीवरी होने का। अपने आप में ही एक मजेदार बात है कि मेरी मां फिर से मां बन रही है। तो हुआ क्या था अब वह आपको बताने जा रहे हो ताकि आपको पता चले कि कैसे-कैसे क्या हुआ था कि एक तरफ ना मेरे प्रेग्नेंट है और दूसरी तरफ उसका बाप अपनी बेटी को मां बनाने की कोशिश कर रहा है।

इस मौसम का भी मैं दोष दूंगी अगर की सर्दी का मौसम नहीं होता तो होता तो मेरी चुदाई नहीं होती और मेरे पापा के साथ सेक्स संबंध नहीं बनते पर ठंड की वजह से ही कल बात थोड़ी आगे तक निकल गई और जवानी के जोश में ना मैं अपने आप को संभाल पाए ना पापा ने अपने आप पर काबू पाया क्योंकि मेरी मचलती जवानी को देखकर उनका लंड बर्दाश्त नहीं कर पाया और मेरी चूत में घुसने के लिए तैयार हो गया।

मेरे पापा शाम को 6:00 बजे हावड़ा नई दिल्ली एक्सप्रेस से उतरे घर आते आते हैं उनको शाम के 8:00 बज गए थे। घर आए तो खाना पीना हुआ हम लोग बैठ कर बातें करने लगे। मेरी मम्मी का 9 महीना हो चुका है तो ऐसे हालात में वह पापा के साथ नहीं सोएंगे। तो हम लोग बात करते करते काफी समय निकल गया और सोने का जब बारी आएगी तो एक बेड पर मेरी मम्मी और मेरी बहन सो रही थी। दूसरे पर मैं और पापा। मैं अलग भी सोती पर रजाई की कमी होने के कारण हम लोगों ने डिसाइड किया कि मम्मी बहन के साथ और मैं पापा के साथ सो जाऊं। हम लोग सो गए हम दूसरे कमरे में थे और मम्मी और मेरी छोटी बहन दूसरे कमरे में।

मैं और पापा दोनों ही आपस में बातचीत करने लगे। धीरे-धीरे मुझे नींद आ गई पता ही नहीं चला। करीब रात के 12:00 बजे मेरे नींद खुली नींद खुलने का कारण क्या था कि मेरे पापा मेरी सूचियों को दबा रहे थे, साला रहे थे और अपना एक टांग मेरी टांग पर रखे हुए थे। उनकी सांसे तेज तेज चल रही थी और उनका लंड मेरे जांग पर सटा हुआ था जो मुझे महसूस हो रहा था कि काफी टाइट था उनका लंड। मुझे यह समझ नहीं आया कि क्या करना चाहिए मुझे। मुझे लगा कि मैं पापा को मना कर दूं। फिर मुझे लगा कि यह बात कल अगर मैं अपनी मां को बोलूंगी तुम्हारे मम्मी और पापा का रिश्ता तो खराब हो ही जाएगा मां बाप के बीच में भी मैं दुश्मन के रूप में उतर जाउंगी।

मैं चुप रहना बेहतर समझा पर मैं अपने पापा से चुदना नहीं चाहती थी। मुझे लगा कि पापा से लाकर मुझे छोड़ देंगे पर मैं गलत थी। धीरे-धीरे उन्होंने मेरे कपड़े के अंदर हाथ अपना घुसा दिया फिर मेरी चूचियों को पकड़ लिया , निप्पल को अपनी उंगली से रगड़ने लगे। मैं जाग चुकी थी इसलिए मेरी सांसे तेज तेज चलने लगी। पापा को भी शायद यह बात समझ आ गया कि मैं जाग चुकी हूं और मैं कुछ नहीं बोल रही हूं इससे उनका हौसला और भी थोड़ा बढ़ गया। उन्होंने मेरे कपड़े को मेरे छाती से ऊपर कर दिया अब मेरे दोनों बूब्स बाहर निकल गए थे उनको वह होले होले फैलाने लगे।

मैं मना करना चाहती थी पर मना नहीं कर पा रही थी। धीरे-धीरे उन्होंने अपने हाथ को मेरे अंदर घुसा दिया। जैसे उनका हाथ मेरी चूत के पास पहुंचा। मेरी चूत गीली हो चुकी थी। रिश्ते में कोई भी लगे जब आपके जिस्म को कोई छेड़ेगा और आप जवान हैं। तो आपकी वासना भड़क ही जाएगी ऐसा ही मेरे साथ हुआ था। ना चाहते हुए भी मेरे तन बदन में आग लगने लगी मेरी वासना भड़कने लगी मेरी कामवासना जाग गई थी। अब उन्होंने मेरे दोनों बूब्स को पकड़कर मसलना शुरू कर दिया। बार-बार वह मेरे पेंटी के अंदर हाथ घुसा देते थे फिर वह मेरे बूब्स को पकड़कर दबाते थे।

मेरी सांसे तेज तेज चलने लगी थी मैं कुछ भी नहीं बोल पा रही थी मुझे अच्छा भी लग रहा था खराबी लग रहा था। खराब इसलिए लग रहा था कि सामने वाला मेरा बाप था। अगर कोई लड़का रहता तो मैं अब तक आपके ऊपर चढ़ चुकी होती। सब्र से मैंने काम लिया पर मेरा सब्र का बांध टूट गया जैसे उन्होंने अपना होंठ मेरे होंठ पर रखा। मेरी सीमाएं टूट गई उन्होंने मुझे किस करने लगे और मैं भी उनको अपनी बाहों में भर कर उनके होंठ को चूमने लगी चूसने लगी।

फिर क्या था दोस्तों उन्होंने अपने कपड़े उतार दिए हम दोनों की साथ में तेज तेज चलने लगी बस हम दोनों एक दूसरे से कुछ बोल नहीं रहे थे। पर एक दूसरे को पता चल चुका था कि आगे क्या होने वाला है। मैंने भी अपने कपड़े उतार दी अब हम दोनों नंगे हो गए थे एक ही रजाई के अंदर। उन्होंने मुझे दबोच लिया, मुझे अपनी बाहों में समा लिया दोनों पैरों को अलग-अलग करके अपना लंड मेरी चूत के पास रखकर रगड़ने लगे। मैं भी अपने दोनों टांगों को फैला दी थी अपने हाथ को पर क र दी वह मेरे चुचियों को दबाते हुए मेरे होंठ को चूमने लगे। उस समय अपने लंबे बाल को खोल दी जिससे मैं और भी ज्यादा सेक्सी लग रही थी।

वह मेरे पैरों के तरफ चले गए रजाई हटाकर दोनों टांगों को अलग-अलग करके मेरी चूत को अपने जीभ से चाटने लगे। मेरे अंदर करंट दौड़ गई जैसे ही उनका जीभ मेरी चूत के छेद पर पड़ा। मैं बोखला गई। मेरे से रहा नहीं गया मैंने उनका लंड तुरंत पकड़ कर हिलाने लगी। तभी बाहर तभी बाहर कुछ आहट हुई हम दोनों शांत हो गए मेरी मम्मी बाथरूम गई थी। क्योंकि उनकी पायल की आवाज सुनाई दे रही थी। हम दोनों शांत हो गए पापा और मैं उस समय सिर्फ एक दूसरे को चूम रहे थे।

वह अपने जीभ को मेरे मुंह में डाल दिया था। और हम दोनों एक दूसरे से अपने जीभ को लड़ा रहे थे। हम दोनों की वासना और भी ज्यादा भड़क गई थी। मम्मी अपने कमरे में जाकर दरवाजा लगाई तो हम लोगों को पता चल गया कि मम्मी वापस जा चुकी है। पर हम दोनों ने 5 मिनट और इंतजार किया था कि मम्मी को नींद आ जाए। 5 मिनट बाद उन्होंने मेरे दोनों टांगों को अलग अलग किया अपना लंड मेरी चूत के छेद पर रखा। और जोर-जोर से घुसाने लगे। पर मेरी पहली चुदाई थी इस वजह से उनका लंड इतनी आसानी से मेरे चूत के अंदर नहीं जा रहा था।

काफी मशक्कत करने के बाद उनका आधा लंड मेरी चूत के अंदर गया मैं दर्द से कराह ने लगे। मुझे काफी ज्यादा दर्द हो रहा था। उन्होंने मेरे मुंह को अपने हाथों से दबा दिया तकिया मेरे गांड के नीचे रखा और जोर से लंड घुसा दिया। उनका पूरा लंड मेरी चूत के अंदर समा गया पर मैं दर्द से कराह ने लगी। मेरे चूत से खून निकल गया था मेरे सील टूट चुकी थी। अब मैं वर्जिन नहीं रही थी। उन्होंने अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों चुचियों को पकड़ा और जोर-जोर से अपना लंड मेरी चूत के अंदर डालने लगे। 5 मिनट बाद में नार्मल हो गई अब मुझे दर्द नहीं कर रहा था और वह मुझे जोर-जोर से चोदना शुरू कर दिए।

अब मैं उनको बाहों में लेकर उनके लैंड का मजा लेने लगी वह भी अपनी जवान बेटी का सील तोड़ कर चुदाई का मजा लेने लगे। उन्होंने करीब 1 घंटे तक मुझे ऊपर से नीचे से उलट कर पलट कर चोदा फिर उन्होंने सारा माल मेरी चूत के अंदर ही छोड़ दिया। अंत में सिर्फ एक ही बात बोले कल मैं टेबलेट ला दूंगा तुम खा लेना डरने की कोई बात नहीं। मैं बोली पापाजी मुझे बहुत दर्द हो रहा है। वह बोले कोई बात नहीं शुरू में होता ही है। कल तक सब ठीक हो जाएगा। और फिर हम दोनों एक दूसरे को पकड़ कर सो गए पर पापा कहां आप पूरी रात मेरे दोनों चुचियों को और मेरे चूत को सहलाता रहा। मैं अपने दूसरी कहानी जल्द ही द इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर भी लिखने वाली हूं। तब तक के लिए आपसे मैं आज्ञा चाहती हूं। आप लोगों ने मेरी कहानियों को पढ़ा इसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

आपको यह कहानी कैसी लगी?

स्टार्स को क्लिक करके आप वोट कर सकते है।

Average rating 5 / 5. Vote count: 2

अभी तक कोई वोट नहीं मिला, आप पहला वोट करें

We are sorry that this post was not useful for you!

Let us improve this post!

Tell us how we can improve this post?

Leave a Comment

Skip to content