मुंबई की चकाचौंध भरी दुनिया में हर दिन नई कहानियां बनती हैं, और कुछ कहानियां ऐसी होती हैं जो बंद कमरों की सैर कराती हैं। मेरा नाम गरिमा है, उम्र 24 साल, गोरा रंग, लाल-लाल होंठ, और एक ऐसी जवानी जो जब सड़कों पर बलखाती है तो लड़कों की सांसें थम जाती हैं। मेरी कजरारी आंखें, गदराया हुआ बदन, मोटी-मोटी जांघें, और गोल-मटोल गांड किसी को भी दीवाना बना दे। मैंने भोजपुरी फिल्मों में कई छोटे-मोटे रोल किए, कुछ हिंदी फिल्मों में भी साइड रोल्स किए—कभी हीरोइन की दोस्त, कभी रिश्तेदार। लेकिन असली ब्रेक मुझे भोजपुरी सिनेमा में मिला, जहां मेरा हुस्न और जिस्म दोनों ही लोगों की नजरों में चढ़ गए। फिर भी, मेरा सपना था हिंदी सीरियल्स में काम करना, ताकि बॉलीवुड का रास्ता खुल सके।
कई रातें मैंने यही सोचकर गुजारीं कि कैसे अपनी जिंदगी को अगले लेवल पर ले जाऊं। दोस्तों से बात की, जो टीवी सीरियल्स में काम करते थे। आखिरकार मुझे मौका मिला एक ऐसे प्रोड्यूसर और डायरेक्टर से मिलने का, जिनका नाम इंडस्ट्री में बड़ा है। उनके सीरियल्स हमेशा हिट होते हैं, और उनकी एक झलक पाने के लिए लड़कियां लाइन लगाती हैं। मुझे लगा, अगर इनसे ब्रेक मिल गया, तो जिंदगी सेट है। मैं पागल सी हो गई थी, सोच रही थी कि अब भगवान ने मेरी सुन ली, अब मुझे फेमस होने से कोई नहीं रोक सकता।
अपॉइंटमेंट फिक्स हुआ मुंबई के जुहू में एक फाइव स्टार होटल में। मैंने अपना बेस्ट ड्रेस पहना—एक टाइट ब्लैक ड्रेस, जो मेरे कर्व्स को और उभारे, और हल्का मेकअप, जो मेरे चेहरे की रौनक को दोगुना कर दे। होटल के कमरे में पहुंची तो देखा, एक बड़ा सा कमरा, दो डबल बेड, लग्जरी सोफा, और बाकी सारी चीजें जो मैंने पहले कभी इतने करीब से नहीं देखी थीं। डायरेक्टर, जिनका नाम राजीव था, 40 की उम्र का, स्मार्ट और कॉन्फिडेंट, और प्रोड्यूसर, अजय, 45 साल का, थोड़ा भारी शरीर, लेकिन आंखों में वो चमक जो इंडस्ट्री के बड़े खिलाड़ियों की होती है। दोनों सोफे पर बैठे थे, उनके सामने टेबल पर व्हिस्की की बोतल, ग्लास, और कुछ स्नैक्स रखे थे।
मैं थोड़ी नर्वस थी, लेकिन उनके गर्मजोशी भरे स्वागत ने मुझे थोड़ा रिलैक्स किया। राजीव ने मुस्कुराते हुए कहा, “गरिमा, बैठो। बताओ, तुमने अब तक क्या-क्या किया है? और आगे क्या प्लान है?” मैंने अपने सारे काम बताए, भोजपुरी फिल्मों से लेकर हिंदी मूवीज तक। अजय ने बीच में टोका, “देखो गरिमा, हमें ऐसी लड़की चाहिए जो हमारे साथ तालमेल रखे। जो हमारे हिसाब से चले। अगर तुम ऐसा कर सको, तो हम तुम्हें वो ब्रेक देंगे जो तुम चाहती हो।” उनकी बातों में एक गहराई थी, और मैं समझ गई कि ये सिर्फ रोल की बात नहीं है।
मैंने हिम्मत जुटाई और कहा, “सर, आप चिंता मत करिए। आप मुझे जो भी रोल देंगे, मैं तैयार हूं। मैं भी अपनी जिंदगी बनाना चाहती हूं।” राजीव ने अजय की तरफ देखा और दोनों मुस्कुराए। फिर राजीव ने कहा, “ठीक है, तो फिर रेडी हो जाओ अगले सीरियल के लिए।” उन्होंने एक पेग बनाया और मुझे ऑफर किया। मैंने मना करने की कोशिश की, “नहीं सर, मैं ड्रिंक नहीं करती।” अजय ने तुरंत कहा, “अरे, अभी से ना-नुकर शुरू? आगे क्या होगा?” दोनों एक-दूसरे को देखकर हंसने लगे। मैं नहीं चाहती थी कि पहली मुलाकात में ही कोई गलत इम्प्रेशन पड़े, तो मैंने झट से पेग ले लिया।
तीनों ने चियर्स बोला और पीना शुरू किया। मैंने दो पेग लिए, लेकिन वो दोनों मुझसे ज्यादा पी चुके थे। उनके चेहरे लाल हो रहे थे, और उनकी आंखों में एक अलग सी चमक दिख रही थी। अजय ने करीब आकर कहा, “गरिमा, अगर हम तुम्हें ब्रेक दे रहे हैं, तो तुम्हें भी हमें खुश करना होगा। समझीं?” राजीव ने मेरे कंधे पर हाथ रखा और बोला, “हां, तुम हमें खुश करो, हम तुम्हें रोल देकर खुश कर देंगे।”
मेरा दिमाग घूम गया। मैं सोचने लगी—अब क्या करूं? अगर मना कर दिया, तो ये मौका हाथ से निकल जाएगा। और अगर हां कर दी, तो शायद मेरी जिंदगी बन जाए। हजारों लड़कियां इनके साथ सोने को तैयार हैं, और मैं अगर पीछे हट गई, तो कोई और मेरी जगह ले लेगी। मैंने धीरे से कहा, “आपलोग धोखा तो नहीं देंगे ना?” राजीव ने हंसते हुए अपने बैग से चेकबुक निकाली और एक लाख का चेक काटकर मेरे सामने रख दिया। “ये लो, एडवांस। अगले महीने साइन करेंगे।” अजय ने कहा, “एक और दे दो यार।” और फिर एक और लाख का चेक मेरे हाथ में था।
मैं खुशी से पागल हो गई। दो लाख का एडवांस! मैंने कहा, “ठीक है, जैसा आपलोग चाहते हैं, वैसा ही होगा।” और फिर, दोस्तों, मैंने खुद को उनके हवाले कर दिया। मेरे करियर के लिए, मेरे सपनों के लिए।
हम तीनों उस बड़े से सोफे पर बैठे थे। मैं बीच में, और राजीव और अजय मेरे दोनों तरफ। राजीव ने धीरे से मेरी ड्रेस की स्ट्रैप को कंधे से सरकाया, और अजय ने मेरे बालों को सहलाते हुए मेरे गाल पर किस किया। मैं थोड़ी सहम गई, लेकिन मेरे अंदर की आग भी धधक रही थी। राजीव ने मेरी ड्रेस को धीरे-धीरे नीचे खींचा, और मेरी ब्लैक ब्रा सामने आ गई। मेरी 34D की चूचियां टाइट ब्रा में कैद थीं, और मेरे निप्पल्स पहले से ही सख्त हो चुके थे। अजय ने मेरी ड्रेस को पूरी तरह उतार दिया, और मैं सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी। मेरी गोरी जांघें और गदराई गांड देखकर दोनों की आंखें चमक उठीं।
“वाह, गरिमा, तेरा जिस्म तो माल है,” राजीव ने कहा, और उसने मेरी ब्रा का हुक खोल दिया। मेरी चूचियां आजाद हो गईं, और मेरे पिंक निप्पल्स हवा में तन गए। अजय ने मेरी पैंटी को नीचे सरकाया, और मेरी बिना बालों वाली चूत उनके सामने थी। मेरी चूत पहले से ही गीली थी, और उसकी गुलाबी चमक देखकर अजय ने कहा, “ये तो जन्नत का दरवाजा है।”
दोनों ने अपने कपड़े उतार दिए। राजीव का लंड 7 इंच का, मोटा और सख्त, और अजय का 6.5 इंच का, लेकिन उसकी मोटाई देखकर मेरी सांसें तेज हो गईं। दोनों ने मुझे सोफे पर ही नीचे बिठाया और अपने-अपने लंड मेरे मुंह के पास लाए। मैंने पहले राजीव का लंड पकड़ा, उसकी टोपी गीली थी, और मैंने उसे धीरे-धीरे चूसना शुरू किया। “आह्ह्ह… गरिमा, तू तो कमाल है,” राजीव ने सिसकारी भरी। फिर मैंने अजय का लंड मुंह में लिया, और उसकी मोटाई ने मेरे होंठों को पूरा खोल दिया। मैं बारी-बारी दोनों के लंड चूस रही थी, और मेरी चूत में गीलापन बढ़ता जा रहा था।
राजीव ने मुझे बेड पर लिटाया और मेरी चूचियों को जोर-जोर से दबाने लगा। मेरे निप्पल्स को उसने अपने दांतों से हल्के से काटा, और मैं “उउउह्ह… आह्ह…” करके सिसक उठी। अजय मेरी चूत के पास आया और उसकी जीभ मेरी चूत के दाने पर टच की। “ओह्ह… अजय… आह्ह…” मैं पागल हो रही थी। उसकी जीभ मेरी चूत के अंदर-बाहर हो रही थी, और मेरी चूत से सफ़ेद क्रीम निकलने लगी। फिर अजय ने मेरी गांड के छेद को चाटना शुरू किया। उसकी गीली जीभ मेरी गांड पर जैसे ही लगी, मेरे पूरे शरीर में कंपकंपी दौड़ गई। “आह्ह… ये क्या कर रहे हो… उउउह्ह…” मैं सिसक रही थी।
राजीव ने अपना लंड मेरे मुंह में डाल दिया और बोला, “चूस इसे, गरिमा। आज तुझे हम दोनों पूरा मजा देंगे।” मैं उसका लंड चूस रही थी, और अजय मेरी चूत में उंगली डालकर अंदर-बाहर करने लगा। मेरी चूत पूरी गीली थी, और उसकी उंगलियां मेरे अंदर गहराई तक जा रही थीं। “आह्ह… ओह्ह… और करो… आह्ह…” मैं चिल्ला रही थी।
फिर अजय ने अपना लंड मेरी चूत के मुंह पर रखा। उसने धीरे से रगड़ा, और मेरी चूत की गीलापन से उसका लंड चिकना हो गया। “तैयार है, गरिमा?” उसने पूछा। मैंने सिर्फ सिर हिलाया, और उसने एक जोरदार धक्का मारा। “आआआह्ह्ह… उउउह्ह…” मैं चीख पड़ी। उसका मोटा लंड मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर गया। मेरी चूत पहले से गीली थी, इसलिए वो आसानी से अंदर-बाहर होने लगा। “चोदो मुझे… आह्ह… और जोर से…” मैं बेकाबू हो रही थी।
राजीव मेरी चूचियों को दबा रहा था, और मेरे निप्पल्स को चूस रहा था। “तेरी चूचियां तो मस्त हैं, गरिमा,” उसने कहा और मेरे निप्पल को दांतों से हल्के से खींचा। मैं दर्द और मजा दोनों में डूब रही थी। अजय ने अपनी स्पीड बढ़ा दी, और हर धक्के के साथ मेरी चूत से “पच-पच” की आवाजें आने लगीं। “आह्ह… ओह्ह… चोदो… और जोर से…” मैं चिल्ला रही थी।
फिर राजीव की बारी आई। उसने मुझे डॉगी स्टाइल में किया और मेरी गांड को जोर से थपथपाया। “क्या गांड है तेरी, गरिमा,” उसने कहा और अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया। उसका लंड लंबा था, और हर धक्के में मेरी चूत की गहराई को छू रहा था। “आआआह्ह… राजीव… उउउह्ह… चोदो मुझे…” मैं सिसक रही थी। अजय मेरे सामने आया और अपना लंड मेरे मुंह में डाल दिया। मैं एक तरफ चुद रही थी, और दूसरी तरफ लंड चूस रही थी। दोनों मिलकर मुझे रगड़-रगड़ कर चोद रहे थे।
करीब एक घंटे तक दोनों ने मुझे अलग-अलग स्टाइल में चोदा। कभी मुझे बेड पर लिटाकर, कभी डॉगी स्टाइल में, कभी मेरी चूचियों को दबाते हुए, कभी मेरी गांड को थपथपाते हुए। “तू तो हमारी रानी है, गरिमा,” अजय ने कहा। “तेरे जैसी माल आज तक नहीं चोदी,” राजीव ने जोड़ा। “आह्ह… तुम दोनों भी कमाल हो… उउउह्ह…” मैं जवाब दे रही थी।
उस रात के बाद मुझे उनका सीरियल में रोल मिला। अब मैं एक बड़े हिंदी सीरियल में काम कर रही हूं। पैसे मिल रहे हैं, इज्जत मिल रही है, और पब्लिक में मेरी पहचान बन रही है। लेकिन बंद कमरों में, मैं राजीव और अजय की रातें रंगीन करती हूं। वो कहते हैं, “गरिमा, तूने हमें जो सुख दिया, वो कोई और नहीं दे सकता। तू हमारी परमानेंट रानी है।”
ये मेरी पहली कहानी है, और मैं उम्मीद करती हूं कि आपको मेरी सच्ची सेक्स कहानी पसंद आई होगी। आपकी राय मेरे लिए जरूरी है, तो कृपया बताइए कि आपको ये कहानी कैसी लगी?