मैं बहुत समय से हिंदी सेक्स कहानियों का दीवाना हूँ और आज मैं अपनी जिंदगी का सबसे गर्म और खास अनुभव तुम सबके साथ शेयर करने जा रहा हूँ। मेरी शादी को अब एक साल हो चुका है। शादी दिसंबर में हुई थी, जब ठंड अपने पूरे जोर पर थी। बाहर की सर्द हवाएँ बदन को कँपकँपा रही थीं, मगर मेरे दिल में तो बस अपनी सुहागरात की आग धधक रही थी। शादी की सारी रस्मों की थकान मानो उस रात के खयालों में कहीं गायब हो गई थी। मेरा दिमाग बस एक ही चीज पर अटका था—आज रात मैं अपनी बीवी प्रिया के साथ पहली बार चुदाई करूँगा, और वो भी पूरे जोश और मस्ती के साथ।
ज्यादातर मेहमान जा चुके थे, पर कुछ रिश्तेदार अभी भी घर में थे और बाहर के कमरों में सो रहे थे। हमारे लिए घर का सबसे खास और प्राइवेट कमरा तैयार किया गया था। कमरा फूलों से सजा था, बिस्तर पर गुलाब की पंखुड़ियाँ बिखरी थीं, और अगरबत्ती की हल्की-सी खुशबू हवा में तैर रही थी। मेरे लिए ये रात सिर्फ खास नहीं थी, बल्कि वो पल था जिसका मैं सालों से सपना देख रहा था। मेरा लंड, जो 6 इंच का है, उस रात पूरी तरह तन चुका था, मानो वो भी इस पल के लिए बेताब था। प्रिया, मेरी बीवी, भी मेरी तरह कुंवारी थी। हम दोनों के लिए ये पहला अनुभव था, और शायद यही बात इस रात को और भी रोमांचक बना रही थी।
जब सारी रस्में खत्म हुईं और मेहमान अपने कमरों में सोने चले गए, तो हम दोनों आखिरकार अपने कमरे में आए। दरवाजा बंद करते ही मेरे दिल की धड़कनें तेज हो गईं। प्रिया लाल जोड़े में बिस्तर पर बैठी थी, उसका घूंघट हल्का-सा चेहरे को ढके हुए था, लेकिन उसकी आँखों में घबराहट और उत्साह का मिक्सचर साफ दिख रहा था। मैंने धीरे से दरवाजा लॉक किया और उसकी तरफ बढ़ा। वो शरमाई-सी नजरें झुकाए बैठी थी। मैंने उसका हाथ पकड़ा और उसे अपनी बाहों में खींच लिया। “प्रिया, आज की रात सिर्फ हम दोनो की है,” मैंने धीरे से कहा। उसने हल्की-सी स्माइल दी, मगर उसकी साँसें तेज थीं, जैसे वो भी इस पल को जीना चाहती थी पर थोड़ा डर रही थी।
हम दोनों बातें करने लगे, थोड़ी सी हँसी-मजाक, शादी की रस्मों के बारे में, कुछ गेस्ट्स की फनी बातों पे। फिर मैंने धीरे से उसका चेहरा अपने हाथों में लिया और उसके लिप्स पे एक सॉफ्ट सा किस किया। हम शादी से पहले कई बार मिल चुके थे, गले लगना और लाइट किसिंग तो हो चुका था, पर आज का किस कुछ अलग था। उसमें एक गहरी चाहत थी, एक ऐसी आग जो हम दोनों के अंदर जल रही थी। मैंने उसके लिप्स को अपने लिप्स में भींच लिया, और वो भी धीरे-धीरे मुझे किस बैक करने लगी। उसकी साँसें गर्म थीं, और उसकी जीभ मेरी जीभ से टकरा रही थी। हम दोनों एक-दूसरे को चूमते-चाटते रहे, जैसे टाइम रुक गया हो।
मैंने धीरे-धीरे उसके लहंगे का पल्लू सरकाया। उसकी साँसें और तेज हो गई। “क्या कर रहे हो, जान?” उसने शरमाते हुए पूछा, पर उसकी आँखों में वही चाहत थी जो मेरे दिल में थी। मैंने हँस के कहा, “अपनी बीवी को थोड़ी सी प्यार से छेड़ रहा हूँ, कोई प्रॉब्लम?” उसने हल्का सा मुस्कुराया और मेरी शर्ट के बटन्स खोलने लगी। मैंने उसके जेवर एक-एक करके उतारे—चूड़ियाँ, मंगलसूत्र, फिर उसका लहंगा। उसकी पीठ पे मेरा हाथ फिसल रहा था, और वो मेरे सीने को सहलाती रही। उसकी उंगलियाँ मेरे बदन पे आग लगा रही थी। मैंने उसका ब्लाउज उतार दिया, और उसने मेरी पैंट खींच दी। अब मैं सिर्फ अंडरवियर में था, और वो अपनी लाल ब्रा और पैंटी में। उसका गोरा बदन, वो टाइट ब्रा जिसमें उसके मम्मे उभरे हुए थे, और वो पैंटी जो उसकी चिकनी थाइज को और सेक्सी बना रही थी, देख के मेरा लंड और भी टाइट हो गया।
हम दोनों रजाई के अंदर लिपट गए, एक-दूसरे के बदन की गर्मी फील करते हुए। उसकी स्किन इतनी सॉफ्ट थी कि मेरा हाथ उसपे फिसलता ही जा रहा था। मैंने उसकी ब्रा के हुक खोले, और उसने मेरी अंडरवियर खींच के उतार दी। अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे, एक-दूसरे के सामने। उसका नंगा बदन देख के मैं खुद को रोक नहीं पाया। “प्रिया, तू कितनी सुंदर है, बिल्कुल अप्सरा जैसी,” मैंने कहा और उसके गले पे किस करने लगा। वो शरमा के बोली, “जान, शरम आ रही है थोड़ी सी।” पर उसकी आवाज में एक मस्ती थी, एक चाहत जो छुपाए नहीं छुप रही थी।
हम दोनों 69 पोजीशन में आ गए। मैंने उसकी चिकनी चूत को अपने मुँह में लिया और धीरे-धीरे चाटने लगा। मैंने उससे एक दिन पहले ही चूत की शेविंग करने को कहा था, और उसकी चिकनी, गुलाबी चूत देख के मेरा दिल मचल गया। उसकी चूत के लिप्स को मैंने अपनी जीभ से छेड़ा, और वो सिहर उठी। “जान, ये क्या कर रहे हो… आह्ह,” उसने सिसकारी भरते हुए कहा। मैंने कहा, “बस मेरी जान, तुझे थोड़ी सी मस्ती दे रहा हूँ।” उसकी चूत का टेस्ट मुझे पागल कर रहा था, और मैं उसे और जोर से चाटने लगा। इधर वो मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूस रही थी। उसका मुँह गर्म था, और वो अपनी जीभ से मेरे लंड के टिप को छेड़ रही थी। एक बार मैंने शरारत में अपना लंड थोड़ा जोर से उसके मुँह में घुसेड़ दिया, जो सीधा उसके गले तक चला गया। वो एकदम से बेड पे उछल पड़ी और खाँसने लगी। “अरे जान, इतना जोर से क्यूँ?” उसने गुस्से से कहा, पर उसकी आँखों में मस्ती थी।
हम दोनों का ये चुसाई का खेल काफी देर चला। मैंने उसकी चूत को अपनी जीभ से चोदा, और उसने मेरा लंड चूस-चूस के और सख्त कर दिया। जब हम दोनों के बदन में आग लग चुकी थी, तो मैंने सोचा अब चुदाई का टाइम आ गया है। मैंने अपने दोस्त के गिफ्ट किए हुए डोटेड कॉन्डम का पैकेट खोला और अपने तने हुए लंड पे चढ़ा लिया। प्रिया को मैंने बेड पे सीधा लिटाया और उसके ऊपर चढ़ गया। उसकी आँखों में थोड़ी सी घबराहट थी, पर उसने मुझे रोका नहीं। मैंने अपने लंड से उसकी चूत के मुँह को सहलाया, ताकि वो थोड़ी गीली हो जाए और चुदाई में दर्द कम हो। “जान, धीरे करना प्लीज,” उसने धीमी आवाज में कहा। मैंने कहा, “चिंता मत कर, मेरी जान, मैं तुझे दर्द नहीं होने दूँगा।”
मैंने उसके मम्मे दबाने शुरू किए, जो बिल्कुल टाइट और कड़क थे। उसकी निपल्स को मैंने अपनी उंगलियों से मसला, और वो धीरे-धीरे सिसकारीयाँ भरने लगी। “आह्ह… जान, ये क्या कर रहे हो… मजा आ रहा है,” उसने कहा। मैंने उसके मम्मे मुँह में लेकर चूसने शुरू किए, और उसका पूरा बदन काँप उठा। उसकी सिसकारीयाँ और तेज हो गई। मैंने उसके गले पे, उसकी गर्दन पे, उसके कानों के पास किस किया, और वो बस सिसकती रही। उसका बदन अब गर्म हो चुका था, और उसकी चूत भी गीली होने लगी थी।
फिर मैंने अपना तना हुआ लंड उसकी चूत के मुँह पे रखा और धीरे से अंदर ढकेलने लगा। जैसे ही लंड थोड़ा सा अंदर गया, वो दर्द से चिल्ला उठी, “आआह्ह… जान, रुक जाओ, बहुत दर्द हो रहा है!” उसकी आवाज सुनके मैं रुक गया और उसके मुँह पे हाथ रख दिया, ताकि उसकी चीख बाहर न जाए। बाहर मेहमान सो रहे थे, और मुझे डर था कि कहीं कोई आवाज सुन न ले। मैंने उसे सहलाया, “जान, थोड़ी सी तकलीफ होगी, पर फिर मजा आएगा, ट्रस्ट मी।” पर वो घबराई हुई थी, उसकी आँखों में दर्द के साथ थोड़ी सी शरम भी थी।
मैंने उसकी चूत पे थोड़ा सा थूक लगाया और उसे और गीला किया। फिर उसके पैर उठाए और अपना लंड धीरे-धीरे अंदर ढकेलने लगा। वो फिर से सिसकने लगी, “आह्ह… जान, प्लीज धीरे… बहुत दर्द हो रहा है।” मैंने उसका हौसला बढ़ाया, “मेरी जान, बस थोड़ी देर, फिर तू खुद मजे लेगी।” मैंने धीरे-धीरे अपना लंड उसकी टाइट चूत में सरकाया। एक झटके में मेरा लंड उसकी चूत की सील तोड़ता हुआ अंदर चला गया, और वो एकदम से चिल्लाई, “ओह्ह… मम्मी… मर गई!” उसका बदन एकदम से निढाल हो गया, और मैं उसके ऊपर लेट गया, मेरा लंड अभी भी उसकी चूत में था। मैंने उसे सहलाया, उसके गले पे किस किया, उसके मम्मे दबाए, पर वो बेहोश सी हो गई थी। मैं घबरा गया, पर लंड निकालने का रिस्क नहीं लेना चाहा। मैंने उसके कान के पास धीरे से कहा, “जान, उठो ना, सब ठीक है।” फिर मैंने उसकी निपल्स को हल्के से काटा, और तब जाके उसे होश आया। वो बोली, “जान, बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज निकाल दो।”
मैंने उसे समझाया, “अभी थोड़ी सी तकलीफ है, पर अब मजा आएगा।” मैंने धीरे-धीरे लंड को अंदर-बाहर करना शुरू किया, जैसा मैंने एडल्ट मूवीज में देखा था। उसके मुँह से सिसकारीयाँ निकलने लगी, “आह्ह… उम्म्म… जान, धीरे करो।” मैंने उसके लिप्स पे किस किया ताकि उसकी आवाज बाहर न जाए, और उसकी चूत में अपना लंड धीरे-धीरे चलाने लगा। थोड़ी देर बाद उसका दर्द कम होने लगा, और वो भी मजे लेने लगी। मैंने करवट बदली और उसे अपने ऊपर बिठा लिया। अब वो मेरे ऊपर थी, और मैं नीचे से अपनी गांड उठा-उठा के उसकी चूत में लंड पेल रहा था। वो बोली, “जान, अब मजा आ रहा है… आह्ह… और करो!” उसकी आवाज सुनके मेरा जोश और बढ़ गया। मैंने कहा, “ले मेरी जान, अब तेरी चूत को फुल मजे दूँगा।”
हम दोनों के बदन पसीने से भीग चुके थे, और कमरे में हमारी सिसकारियों की आवाज गूँज रही थी। मैंने उसकी गांड पकड़ी और उसे और जोर से चोदा। वो भी अपनी गांड हिला-हिला के मेरा साथ दे रही थी। “जान, तेरी चूत कितनी टाइट है, बिल्कुल स्वर्ग जैसी,” मैंने कहा। वो बोली, “और चोदो ना, जान, मुझे और मजा दो!” उसके मुँह से ऐसी बातें सुनके मैं और जोश में आ गया। मैंने उसे फिर से नीचे लिटाया और फुल स्पीड में उसकी चूत चोदने लगा। वो बस सिसकती रही, “आह्ह… ओह्ह… मम्मी… कितना मजा आ रहा है!” मैं भी बोल पड़ा, “ले मेरी रानी, तुझे आज स्वर्ग दिखा दूँगा!” मेहमानों की परवाह किए बिना मैं उसे जोर-जोर से चोदने लगा, सोच लिया कि ये सुहागरात है, थोड़ी सी आवाज तो बनता है।
जब मैं झड़ने के करीब आया, तो मैंने अपनी स्पीड और तेज कर दी। प्रिया मेरी पीठ को नोचने लगी, उसके नाखून मेरे बदन में घुस रहे थे। “जान, और तेज… मुझे और चोदो!” वो चिल्ला रही थी। थोड़ी देर में मेरा लंड झड़ गया, और कॉन्डम में सारा वीर्य भर गया। मैंने लंड निकाला तो देखा कॉन्डम पूरा लाल हो चुका था, प्रिया की सील टूटने का खून था। हम दोनों ने इसके बारे में पहले ही बात कर ली थी, इसलिए वो घबराई नहीं। उसकी आँखों में एक संतोष था कि उसकी पहली चुदाई अपने पति के साथ हुई।
हम दोनों थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहे, एक-दूसरे से चिपके हुए। फिर हम बाथरूम गए, अपने लंड और चूत साफ किए, और वापस आके नंगे ही एक-दूसरे से लिपट के सो गए। एक घंटे बाद हमारा जोश फिर से जाग गया, और मैंने उसे दुबारा चोदा। उस रात हमने तीन बार चुदाई की, हर बार एक नए पोजीशन में, और हर बार प्रिया के मुँह से निकली सिसकारीयाँ मुझे और पागल कर रही थी।
इस तरह मैंने अपनी कुंवारी बीवी की सील तोड़ के उसे सुहागन बना दिया। आपको ये कहानी कैसी लगी, जरूर बताएँ। आपकी सुहागरात का कोई खास अनुभव हो तो शेयर करो, मुझे भी सुनना है!