अपनी बहन की गैंगबैंग देखा फिर खुद उसकी चूत मारी

4.9
(112)

ये किस्सा मेरी बहन की एग्जाम के दौरान की है जब मैं उसे दूसरे शहर लेकर गया था। जो कुछ मैंने वहां देखा, उसने मुझे हैरान कर दिया था।

मेरा नाम रोहित है और मैं दिल्ली से हूँ। मेरी बहन का नाम प्रिया है, उसकी सांवली रंगत और छोटी हाइट के बावजूद, उसकी बड़ी-बड़ी चूचियाँ मुझे अक्सर मस्त कर देती हैं। जब भी मैं उसके मम्मों को देखता, मैं खुद मुठ मारने पर मजबूर हो जाता हूँ।

प्रिया के एग्जाम्स चल रहे थे, और मुझे उसे एग्जाम दिलवाने दूसरे शहर ले जाना था। वहाँ कुल सात दिन की परीक्षाएँ थीं, तो हम दोनों ने एक कमरा किराये पर ले लिया, जो परीक्षा केंद्र के पास था।

कमरे में कोई पलंग नहीं था, इसलिए फर्श पर ही सोने की व्यवस्था थी। बगल वाले कमरे में भी कुछ लोग एग्जाम देने आए हुए थे, वे सब करीब 20-21 साल के थे।

उसके मम्मों को देखकर मैं रोज उसके नाम की मुठ मारता हूं। आप यह भाई बहन की चुदाई की कहानी हमारी इंडियन सेक्स सेक्स स्टोरीज की ऑफिशल वेबसाइट दी इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।

 

पहले दिन का एग्जाम हो गया और शाम तक उन लड़कों से मेरी अच्छी दोस्ती हो गई। वे सब लोग अपने एग्जाम्स को किसी सेटिंग से सही तरीके से कर आते थे, उन्हें पहले से ही प्रश्न और उत्तर मिल जाते थे।

दूसरे दिन भी एग्जाम अच्छे से निकल गया। उस दिन उन्होंने मुझे बताया कि मुझे भी प्रश्न और उत्तर मिल सकते हैं। ये सुनकर हमारी दोस्ती और aभी गहरी हो गई।

अब प्रिया भी उन लड़कों के साथ घुलमिल गई थी, और वे सब मिलकर उसकी पढ़ाई में मदद करने लगे थे।

आखिरी परीक्षा से पहले का दिन था, और वह रविवार था, इसलिए सभी लोग आराम कर रहे थे। उन लड़कों ने फिर से प्रिया के साथ पढ़ाई शुरू कर दी।

मैंने सोचा, क्यों न मैं कुछ समय के लिए बाहर जाऊं। मैंने प्रिया से कहा, “मैं मूवी देखने जा रहा हूँ, तुम आराम से पढ़ाई करना, मैं तीन-चार घंटे में वापस आ जाऊंगा।” इतना कहकर मैं चला गया।

लेकिन मूवी की टिकट नहीं मिली, तो मैं वापस कमरे की ओर लौट आया।

जब मैं वापस आया, तो कमरे का दरवाजा बंद था। मुझे लगा कि प्रिया शायद बाथरूम में होगी या कहीं और गई होगी। लेकिन 15-20 मिनट बाद भी वह नजर नहीं आई, तो मैंने सोचा वह जरूर उन लड़कों के साथ होगी।

मैं उनके कमरे की ओर बढ़ा। दरवाजा अंदर से बंद था, जिससे मुझे शक हुआ। मैंने बाथरूम का रास्ता लिया, क्योंकि वहां से अंदर का दृश्य साफ नजर आ सकता था।

जैसे ही मैंने बाथरूम से अंदर झांका, मैंने देखा कि तीनों लड़के बेड पर नंगे बैठे थे, अपने लंड को हाथ में लेकर सहला रहे थे।

और सामने, मेरी बहन प्रिया पूरी तरह नंगी, टेबल पर लेटी हुई थी। सोनू, उनमें से एक, उसकी चूचियों को मुंह में लेकर एक छोटे बच्चे की तरह चूस रहा था। एक हाथ से उसकी दूसरी चूची मसल रहा था, और दूसरा हाथ उसकी चूत में डाल रहा था।

प्रिया की चूत पूरी तरह से गीली थी, और उसके चेहरे पर मस्ती साफ झलक रही थी। सोनू ने अपनी उंगली उसकी चूत से निकालकर देखी, और फिर चूसने लगा। मेरी बहन तो पूरी तरह से तैयार थी, अपनी चुदाई का पूरा आनंद लेने के लिए।

मैंने देखा कि प्रिया ने अपनी आंखें बंद कर रखी थीं, और राहुल ने उसकी गीली चूत के दाने को मसलना शुरू कर दिया था। प्रिया के मुँह से हल्की-हल्की सिसकारियां निकलने लगीं, जैसे उसकी बुरी तरह चुदाई की प्यास अभी और बढ़ गई हो।

राहुल ने प्रिया को पलट कर घुटनों के बल बिठा दिया, वह उसे डॉगी स्टाइल में चोदने वाला था। उसने अपने खड़े लंड को उसकी चूत के दरवाजे पर टिकाया और धीरे-धीरे उसे रगड़ने लगा। प्रिया के मुँह से अब और भी गहरी सिसकारियां फूट रही थीं।

राहुल ने एक हल्का सा धक्का दिया, और उसका लंड का सिरा प्रिया की चूत में समा गया। “उम्म्ह… अहह… हाय,” प्रिया दर्द और मजे से कराहने लगी। उसने अपने चूतड़ों को पीछे की ओर झटका देना शुरू किया ताकि राहुल का लंड और गहराई तक जाए। राहुल अब अपने लंड को पूरी तरह से उसकी गुफा में धंसा चुका था।

मैं अपनी बहन की चुदाई को देख कर गुस्से से तिलमिला रहा था, लेकिन वहीं उसके मजे लेने का दृश्य भी मुझे खींच रहा था। प्रिया अब खुद ही अपने चूतड़ों को आगे-पीछे कर रही थी, उसे चुदाई का पूरा मजा मिल रहा था।

बाकी लड़के भी इंतजार नहीं कर रहे थे। उनमें से एक ने अपने लंड को प्रिया के मुँह के पास ले जाकर उसे चूसने को कहा। प्रिया ने बिना हिचकिचाए उसका लंड मुँह में लिया और चूसने लगी। उधर राहुल उसके चूत में जोरदार धक्के लगा रहा था। उसका लंड अंदर-बाहर करते हुए प्रिया के चूतड़ों पर धमाके कर रहा था, जैसे कोई ढोलक बजा रहा हो।

प्रिया के मुँह से सीत्कार निकल रही थी, और उसका पूरा बदन मस्ती से थरथरा रहा था। राहुल अब और जोर से धक्के मार रहा था, जिससे प्रिया की चीखें निकलने लगी थीं।

मुझे अपनी बहन की चुदाई देख कर गुस्सा आ रहा था, लेकिन अंदर से एक अजीब से उत्तेजना हो रही थी, जैसे मैं खुद भी उसे चोदना चाहता हूँ।

तभी राहुल ने प्रिया के मम्मों को पकड़ा और जोर-जोर से मसलने लगा। उसके धक्कों की रफ्तार और भी तेज हो गई, और उसने प्रिया की चूत में अपना वीर्य छोड़ दिया। प्रिया का शरीर मस्ती से कांप रहा था, और उसकी आंखें बंद हो गई थीं।

अब तीसरा लड़का, विशाल, जिसका लंड पहले से ही खड़ा था, वह प्रिया की चूत में अपनी बारी के लिए तैयार हो गया। उसने अपना लंड प्रिया की गीली चूत में रखा और एक जोरदार धक्का मारा। उसका लंड पूरी तरह से प्रिया की गहराई में समा गया, और प्रिया के मुँह से तेज सिसकारियां निकलने लगीं।

दूसरी ओर, जिसका लंड प्रिया चूस रही थी, उसने एक जोरदार कराह निकाली और अपना गाढ़ा सफेद वीर्य प्रिया के मुँह में छोड़ दिया। प्रिया ने उसे पूरी तरह से निगल लिया, लेकिन कुछ वीर्य उसके गालों पर बहकर गिर गया।

अब मुझे साफ हो गया कि मेरी बहन ने पूरी तरह से चुदाई में महारत हासिल कर ली थी।

उसके मम्मों को देखकर मैं रोज उसके नाम की मुठ मारता हूं। आप यह भाई बहन की चुदाई की कहानी हमारी इंडियन सेक्स सेक्स स्टोरीज की ऑफिशल वेबसाइट दी इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।

जैसे ही तीसरे लड़के का लंड प्रिया के मुँह से बाहर निकला, चौथा लड़का राजू, जिसका लंड बाकी सब से बड़ा था, सामने आ गया। उसने जगह बदल ली, और अब प्रिया राजू के बड़े लंड को चूसने लगी।

दूसरी ओर, जो लड़का विक्की प्रिया को चोद रहा था, उसने अपनी पूरी ताकत लगाकर धक्के मारने शुरू कर दिए। उसने प्रिया के गोल चूतड़ों को कसकर पकड़ रखा था और वेग से उसकी चूत में जोर-जोर से धक्के लगा रहा था।

कुछ देर बाद, विक्की भी झड़ गया, और प्रिया की चूत वीर्य से भर चुकी थी।

अब राजू ने प्रिया के मुँह को छोड़ दिया और उसे बिस्तर पर पीठ के बल लिटा दिया। उसकी टांगें अपने कंधे पर रखते हुए, उसने फ्रंट पोजीशन में अपने लंड को प्रिया की चूत के दरवाजे पर रखा और एक बड़ा धक्का मारा। राजू का मोटा लंड पहले ही झटके में आधे से ज्यादा अंदर चला गया।

प्रिया की एक चीख निकल पड़ी, लेकिन चूत पहले से खुली थी, इसलिए उसने अगले ही पल अपने हाथ उसकी पीठ पर रखते हुए नीचे से जवाबी धक्का मारा। इस धक्के से राजू का पूरा लंड एकदम जड़ तक समा गया।

इसके बाद राजू ने अपने दोनों हाथ प्रिया के चूतड़ों के नीचे रखकर उन्हें सहारा दिया और पूरी ताकत से उसकी चूत का बाजा बजाने लगा।

प्रिया चुदाई के इस आनंद में खो गई थी और अजीब-अजीब आवाजें निकाल रही थी।

राजू ने करीब 30 मिनट तक प्रिया को चोदा, फिर अंत में वह भी ‘आह आह..’ करते हुए उसके ऊपर गिर पड़ा। उसने अपनी पिचकारी की तरह अपना गाढ़ा वीर्य प्रिया की चूत में छोड़ दिया।

इस दौरान, प्रिया भी कई बार झड़ चुकी थी। सबने मिलकर प्रिया की चूत को साफ किया, और प्रिया को भी हर लड़के का लंड चूसकर साफ करना पड़ा। इसी बीच, प्रिया दोबारा गर्म होकर फिर से झड़ गई।

मैंने इस पूरी घटना को अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया था। जब सब लड़के जा चुके थे और चुदाई खत्म हो गई, मैं वहां से निकल गया।

करीब एक घंटे बाद जब मैं वापस आया, तो प्रिया अपने कमरे में बैठी पढ़ाई कर रही थी, जैसे कुछ हुआ ही न हो। मैंने उससे कुछ नहीं कहा।

रात को जब मैंने उसे रिकॉर्ड की हुई वीडियो दिखाई, तो वह डर गई। उसने मुझसे माफी मांगी, बोली, “भैया, अब कभी ऐसा नहीं होगा।”

मैंने कहा, “एक शर्त पर माफ कर दूंगा, अगर तुम मेरे साथ चुदाई करोगी।”

वह शरमा गई, लेकिन मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया।

वह बोली, “मैं तो कबसे आपके साथ चुदने के लिए मरी जा रही थी।”

मैंने हैरान होकर पूछा, “क्यों?”

वह बोली, “आपका लंड बहुत बड़ा है, मैंने देखा है।”

मैंने कहा, “तो फिर पहले क्यों नहीं बोला?”

वह मुस्कुराते हुए बोली, “मैं डर रही थी कि कहीं आप मुझसे नाराज न हो जाएं।”

मैंने पूछा, “तो तुम्हारी चुदाई कबसे चल रही है?”

वह बोली, “आज दूसरी बार किया है।”

फिर मैंने पूछा, “पहली बार किसके साथ की थी?”

वह बोली, “इसका जवाब थोड़ा लंबा है, बाद में आपको बताऊंगी।”

उसने मुझसे वादा किया कि वह मुझे अपनी सील टूटने की पूरी कहानी बाद में सुनाएगी।

उसने कहा- अब देर न करो रोहित. मुझे बड़ी जोर से मस्ती चढ़ रही है.

मैंने प्रिया की चूत को सहलाया और अपनी बहन को नंगी करके चित लिटा दिया. फिर मैंने अपना लौड़ा निकाल कर प्रिया की चूत में घुसाने की कोशिश की.

मेरा लंड उन चारों लौंडों से कम से कम दो इंच लम्बा और मोटा भी बहुत ज्यादा था, इसलिए मेरा थोड़ा सा ही लंड अन्दर गया था. प्रिया को उससे दर्द तो हुआ, लेकिन वो चूंकि दिन में चुद चुकी थी, इसलिए उसने ज्यादा शोर नहीं मचाया. फिर भी, उसकी कसी हुई चूत में लंड घुसाने पर मुझे हल्का दर्द जरूर महसूस हुआ.

तब भी मैंने किसी तरह से प्रिया की चूत में लौड़ा डालने की कोशिश जारी रखी और अंततः सफल हो गया. प्रिया भी खुद लंड को अंदर लेने में मदद कर रही थी, क्योंकि उसे भी इस बार ज्यादा मजा आ रहा था. मैंने अपनी बहन की चूचियों को जोर से दबाया और उसके होंठ चूसने शुरू कर दिए.

इसके बाद मैंने पूरा लंड पेलकर प्रिया की चुत में जोर से धक्के मारने शुरू कर दिए. उसकी चूत अभी भी काफी टाइट थी, लेकिन मैंने अपना लंड उसकी चूत में गहराई तक घुसा दिया और धक्के तेज कर दिए. प्रिया मुझसे चुदने का खूब मजा ले रही थी.

मैंने प्रिया की चूचियों को कसकर दबाया और उसने मेरी पीठ सहलाते हुए मुझे चूमना शुरू कर दिया. फिर मैंने अपना सुपारा प्रिया की चूत से बाहर निकालकर जोर-जोर से अंदर-बाहर करने लगा. मुझे बेहद मजा आ रहा था.

कुछ देर बाद मैंने अपना लंड बाहर निकालकर प्रिया से कहा, “अब तुम इसे चूसो।” प्रिया ने एक पल भी देर ना करते हुए मेरा लंड अपने मुँह में डाल लिया और चूसने लगी.

प्रिया के द्वारा लंड चूसने से मेरा लंड और सख्त हो गया. कुछ ही समय में मेरा माल निकलने वाला था. मैंने बिना कुछ कहे ही उसके मुँह में अपना सारा रस निकाल दिया, और प्रिया ने उसे जूस की तरह पी लिया.

हम दोनों फिर एक दूसरे से चिपक गए और गहरे किस करने लगे. थोड़ी देर के लिए हम ऐसे ही चिपके रहे और एक-दूसरे की जीभ को चूसते रहे.

उसके मम्मों को देखकर मैं रोज उसके नाम की मुठ मारता हूं। आप यह भाई बहन की चुदाई की कहानी हमारी इंडियन सेक्स सेक्स स्टोरीज की ऑफिशल वेबसाइट दी इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।

 

प्रिया ने कहा, “अब और मत तड़पाओ, बस मेरी पूरी प्यास बुझा दो।”

मैंने अपना लंड उसकी चूत के छेद पर रखा और जोर से धक्का मारा, जिससे मेरा लंड उसकी चूत में पूरा अंदर चला गया. प्रिया जोर से चिल्लाई, “आऊ… अह्ह… हाय… ओह… ओक्क… मर गई… रे फट गई चूत!”

मैंने उसे कसकर जकड़ लिया और उसके मम्मों को चूसने लगा. जब वह चुप हुई, तो मैंने फिर से जोर-जोर से उसकी चूत में लंड घुसाना शुरू कर दिया. प्रिया और तेज आवाज में सिसकने लगी, लेकिन मैंने उसकी आवाज को अनसुना करते हुए अपनी स्पीड और बढ़ा दी और उसके होंठों को जोर से चूमने लगा.

उस दिन मैंने प्रिया को करीब बीस मिनट तक जोरदार चुदाई दी. इस बीच, वह दो बार झड़ चुकी थी. आखिर में, मैंने अपना सारा वीर्य उसकी चूत के अंदर ही निकाल दिया.

हम दोनों चुदाई के बाद बेहद थक गए थे और एक-दूसरे से चिपक कर बिस्तर पर लेटे रहे.

थोड़ी देर बाद, हम दोनों ने फिर से सेक्स का मजा लिया. प्रिया इस बार बिना कपड़ों के थी क्योंकि अब हमें किसी का डर नहीं था. मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और उसे फिर से चोदना शुरू कर दिया. उस रात हमने तीन बार सेक्स का आनंद लिया.

प्रिया आज बहुत खुश थी और मुझे छोड़ने का नाम ही नहीं ले रही थी. हमारा यह चूत-चुदाई का सिलसिला अगले चार दिनों तक चलता रहा. इसके बाद, जब भी मुझे मौका मिलता, मैं प्रिया की चूत की खुजली मिटा देता हूँ.

Related Posts💋

आपको यह कहानी कैसी लगी?

स्टार्स को क्लिक करके आप वोट कर सकते है।

Average rating 4.9 / 5. Vote count: 112

अभी तक कोई वोट नहीं मिला, आप पहला वोट करें

We are sorry that this post was not useful for you!

Let us improve this post!

Tell us how we can improve this post?

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

    प्रातिक्रिया दे

    आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *