जवान पोती को भाया बूढ़े दादा का लण्ड

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Hindi Sex Story, Dada Ji Sex Story, Dada Poti Sex, Baba Poti ki Chudai, Sex Story Grandfather and Granddaughter : मेरा नाम रिंकी है आज मैं आपको अपनी सेक्स कहानी सुना रही हु। मेरे दादा जी एक नंबर के ठरकी बूढ़ा है और जवान चूत बहुत पसंद है। लोग उनपर शक भी नहीं करते है। क्यों की वो बहुत उम्र के हैं। वो लड़किओं से ज्यादा हिलते मिलते हैं। लड़कियों को गिफ्ट भी देते हैं। इसलिए लड़कियां भी दादा जी दादा की कहकर उनके पास बैठती है खेलती है। तो दादा जी अपनी जवान पोतियों का खूब ख्याल रखते हैं।

दादा जी मेरे से पहले मेरी चचेरी बहन पिंकी की भी चूत का उद्घाटन किया था। और फिर जब से मेरे पर नजर गयी। मेरी जवानी उनको भा गयी और एक दिन बूढ़े लंड से जवान पोती की चूत की नथ तोड़ दिया। आज इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम के पाठको को अपनी ये चुदाई  की बातें बताउंगी। कैसे मेरे दादा जी ने मुझे पटाया और चुदने के लिए मना लिया और मैं भी इतनी बड़ी बेवकूफ की बूढ़े दादा के झांसे में आ गयी और अब मुझे उनके लंड की दीवानी हो गयी हूँ।

मैं २१ साल की हॉट और खूबसूरत लड़की हूँ। मैं कॉलेज में पढ़ती हूँ मॉडर्न हूँ। पर मुझे जवान लड़के पसंद नहीं है और मैं बॉयफ्रेंड नहीं बनाती क्यों की मुझे जवान लड़के या आदमी के लंड से ज्यादा अच्छा मुझे बूढ़े लंड पसंद है। जब मैं कॉलेज से आती थी रोजान दादा जी के लिए कुछ ना कुछ खाने के लिए लाती। दादा जी को सूद यानी व्याज का काम है इसलिए खूब पैसे हैं उनके पास। तुझे भी कारण है कि खर्चा बर्चा सबको दे देते हैं इस वजह से लड़कियां और भी दादा जी के साथ हिल मिलकर रहती है।

अब मैं सीधे कहानी पर आती हूं कि पहले दिन क्या हुआ था कि हम दोनों के बीच सेक्स संबंध बन गया था।  उन्होंने मुझे खूब रगड़ रगड़ कर चोदा,  मेरी गोल-गोल छोटी-छोटी संतरे जैसे चुचियों को खूब मसला।  मैं भी काफी ज्यादा कामुक हो गई थी और रगड़ दी ऊपर चढ़कर उनके। दिन की बात है मेरी मम्मी पापा दोनों मामा जी के घर गए थे तो घर पर मैं दादा जी के साथ अकेली ही थी।  उस दिन खाना हम लोग जल्दी खा लिए थे और दादा जी के साथ बैठकर बातें कर रहे थे  उन्होंने अपनी सुहागरात की कहानी बताई और उन्होंने यह भी बताया कि जब उनकी शादी हुई थी तो दादी की उम्र बहुत कम थी।

वह बता रहे थे कि जब उन्होंने पहली बार दादी के साथ सेक्स किया था तो दादी बहुत रोने लगी थी क्योंकि वह उम्र में बहुत छोटी थी और उनका लोड़ा बहुत मोटा था। वह खुलकर मेरे से सेक्स की बात कर रहे थे जिस्म की बात कर रहे थे लंड की बात कर रहे थे। उस दिन वह अलग ही मूड में थे। उनको भी शायद पूरा उम्मीद था कि आज वह अपनी पोती को जरूर चोड़ेंगे। उन्होंने ऐसी ऐसी कहानियां सुनाई कि मेरा मन भी बहक गया था। मैंने भी उनको पूछ लिया कि दादा जी एक बात बताइए कि जब आपकी शादी हुई थी तो दादी की चूचियां कितनी बड़ी थी।

उन्होंने कहा तेरे से थोड़ी छोटी होगी। मैंने कहा आपको कैसे पता कि मेरी बूब्स कितनी बड़ी है। उन्होंने कहा ऊपर से देखने में तो ऐसा ही लग रहा है और वह टकटकी निगाह से मेरी चुचियों को देख रहे थे। उन्होंने कहा अगर मैं सच में साइज़ बताऊं तो तुम्हारी चुचियों को मुझे छूना पड़ेगा। और उन्होंने मेरी छाती पर अपना हाथ रख दिया और मेरी चुचियों को मसल कर नाप ले बोले कि इससे थोड़ी छोटी थी। यही से शुरुआत हो गई थी मेरे करीब आने के लिए। मैंने उनसे कहा कि दादाजी एक चीज आप बताओ दादी को डेथ हुए 30 साल के करीब हो गया है क्या आपको कभी सेक्स करने का मन नहीं करता? और जब करता है तो आप क्या करते हो?

उन्होंने कहा क्या करूँ? मूठ मार लेता हूँ। दादा जी मूठ क्या होता है ? उन्होंने कहा अरे हस्थमैथुन समझती हो मैंने कहा हां, वही होता है मूठ मारना। रात बढ़ने लगी और माहौल कामुक होने लगा था। मैं भी आज अकेली होने का फायदा उठा लेना चाहती थी। मैंने कहा दादा जी कितनी उम्र तक लोग सेक्स कर सकते हैं। उन्होंने कहा मेरी बात तो छोडो, मैं अभी भी इतना तंदुरुस्त हूँ एक 25 साल के लड़के को भी मात दे सकता हूँ। अभी भी मेरे में काफी दम है। मैंने कहा अच्छा जी अभी भी जवान हो? उन्होंने का कहा अभी भी हूँ। उन्होंने कहा मेरा प्राइवेट पार्ट बहुत बड़ा है। तुम्हारी दादी को बहुत डर लगता था। जब उसको में करता था तो वो डर जाती थी रोती थी चिल्लाती थी। पर आज कल के लड़के में वो दम नहीं आजकल तो अपनी बीवी को भी खुश नहीं कर पाता है। बीवी अभी और अभी और पर आदमी खलास हो कर सो जाता है। मैं उनकी बातों को सुनकर सच में डर लग रहा था और मुझे ऐसा भी लग रहा था क्यों ना आजमा लिए जाए।

और मैंने आजमाने की बात सोची और मैं उनके करीब जाकर उनका लंड पकड़ ली ,वाकई में बहुत मोटा और लंबा और टाइट था। उन्होंने कहा चाहिए क्या? मैंने कहा हां और फिर शुरुआत हो गयी। वो लेट गए धोती खोल दिए। मैंने उनके लंड को पकड़ कर चूसने लगी। वो मेरी चूचियों को दबाने लगे फिर बोले अपना कपड़ा खोल दे। मैंने अपने सारे कपडे उतार दिए और फिर शुरू हो गयी वासना का खेल। उन्होंने मेरे जिस्म के अंगों को सहलाते हुए मुहे अपनी बाहों में भर लिए।

उन्होंने मेरी चूचियों को दबाने लगे और गांड सहलाने लगे। मैं कामुक होने लगी रात ज्यादा हो गयी थी और इधर कामवासना परवान चढ़ रहा था। मैंने तुरंत ही लेट गयी वो उठ कर मेरे पैरों को जीभ से चाटने लगे। अंगूठे से शुरू कर के वो मेरे होठ तक आये और फिर मुझे चूमने लगे। उनकी साँसे तेज तेज चलने लगी। मैं भी अँगड़ाईयें लेने लगी। उन्होंने मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया। मैं उनके लंड को देखती रही वो मेरे जिस्म से खेलने लगे। उन्होंने तकिया मेरे गांड के निचे लगाया और जोर से मेरी चूत में धुसा दिया। पर इतना आसान नहीं था अंदर तक लंड जाना क्यों की मेरी चूत काफी टाइट थी।

तीन चार झटके दिए फिर लंड उनका मेरी चूत के अंदर गया पर मैं चीख रही थी सिसकारियां निकाल रही थी मुझे काफी दर्द हो रहा था। उनका लंड मेरे लिए बहोत मोटा था मेरी चूत में जैसे तैसे गया। उन्होंने मुझे सहलाते हुए मेरी आंसुओं को पोछते हुए। धीरे धीरे चोदने लगे। और फिर पांच मिनट के अंदर जब मेरी चूत का दर्द ख़तम हुआ तब वो जोर जोर से चोदने लगे।

रात भर वो मेरी जिस्म के साथ खेलने लगे। मैं उनके साथ पूरी रात खुब मजे की। मुझे उन्होंने कष्ट भी दिया अपर संतुष्ट भी कर दिया। सच में मैं अपने दादा जी की फैन हो गयी हूँ। अब वो मुझे रोजाना चुदाई करते है जब जब मम्मी पापा घर पर नहीं होते हैं। अब वो इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम की कहानिया मुझे पढ़ कर सुनाते हैं और मैं मजे लेती हूँ।

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