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Paper के लिए चुदाई

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Hindi sex story: मेरा नाम पल्लू हैं और मैं 18 साल की अभी हुई हूं।यह कहानी मुझे एक लड़की ने भेजी हैं।सुनिए उसी की जुबानी…

मुझे चुदाई करना बहुत ही पसंद था और रोज नये लंड खाना मुझे अच्छा लगता था। आज दिनेश सर का लड़का राहुल मेरी चूत चोदने वाला था। मैंने एक लाल रंग का टॉप और कैप्री डाल रखे थे। राहुल मेरे बेड पर आ गया और मुझे चूमने लगा। मैं बहुत ही आकर्षक और कोमल बदन की लड़की थी। मेरा फिगर ३२ ३२ ३२ का था। मेरे दूध बहुत ही रसीले थे। मेरे बिलकुल कोमल नुकीले मम्मे थे।

धीरे से राहुल ने मेरे ढीले टॉप को निकाला, फिर मेरी कैप्री को निकाला। मैं ब्रा पैंटी में थी। फिर राहुल ने मुझे पकड़ लिया और किस करने लगा। धीरे धीरे मैं भी उसे चूमने लगी वो मेरे सेक्सी लबों को मुंह लगाकर चूसने लगा। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। फिर मैं भी उसका साथ देने लगी।

फिर हम दोनों एक दूसरे के सेक्सी लबों को चूस रहे थे। मैं पहले कई लड़को से चुदाई की थी पर मैंने राहुल के साथ कभी चुदाई नही किया था। आज मुझे पेल कर वो परीक्षा के पेपर्स देने वाला था। राहुल मुझे बहुत प्यार से चूमने लगा। मैंने पीले रंग की ब्रा पहनी थी। फिर राहुल ने मेरी कैप्री भी निकाल दी।सामने मैं बस ब्रा पेंटी में शर्माए खड़ी थी।

“राधिका! कितनी sexy हो तुम !!” बार बार राहुल मुझसे कहता था। बार बार वो मेरे गालो को पी रहा था। अब तो वो मेरी पीठ में हाथ डाला और मेरी ब्रा खोलने लगा तो मुझे शर्म आ गई।तब आखिर में उसने मेरी पीली ब्रा उतार दी और मेरी पेंटी भी उतार दी। उसने अपने पूरे कपड़े निकाल दिए और पूरी तरह से जन्मजात नंगा हो गया। वो बेड पर आ गया और मुझे लिटाकर चूमने लगा।

इस तरह राहुल से चुदवाना मुझे सेक्सी लग रहा था। पर क्या कर सकते हैं..!अब मुझे पेपर चाहिए तो उसी के लिए मुझे उसका लौड़ा लेना ही था। अब राहुल मेरे गाल चूस रहा था। मैंने उसे अपनी बाहों से लगा लिया था और ताबड़तोड़ चुसाई कर रही थी। फिर उसने अपने हाथ मेरे रसीले मम्मो पर रख दिया।

मैं “उ उ उ उ उऊऊ……अअ आआआईई सी इच्हूं…सी सी सी….. ऊँ ऊँ….” बोलते जा रही थी।

मुझे स्वर्ग सा मनमोहक नशा छाया था। राहुल के हाथ मेरे दोनों खूबसूरत रसीले चूचे पर आ गये थे। वो धीरे धीरे मेरे रसीले चूचों को दबाए जा रहा था। मैं चुद्दकड़ और सेक्सी जिस्म वाली सेक्सी लड़की थी। मेरे अंगों पर वहां पर गोरेपन और जवानी के सेक्सी निशान थे। मेरे दूध ३२’ के रसीले मलाईदार और गोल गोल सफ़ेद आम थे। राहुल तो मेरे दूध को देखकर पागल हो गया था। वो मेरे हसीन बूब्स को दबा रहा था।

उसे अब बहुत ही अच्छा लग रहा था। फिर वो मेरी चटपटी दूध वाली चूची को मुंह से प्यार से पीने लगा। मेरे दूध के निप्पल को राहुल ऐसा मुंह में चूसने लगा कि मुझे मस्ती छाने लगी। मेरे रोम।रोम में जैसे अग्नि सी लग गयी थी। मैं मदहोश रसीली हो रही थी। मैं उसके सामने बिना कपड़ों के जन्मजात नंगी थी। मेरे प्यारे और सेक्सी बदन को राहुल बार बार अपने हाथ से सहला रहा था। मैं जानती थी की आज वो मुझसे कसके चोदेगा। मैंने भी उसकी पीठ, कंधे और कमर को अपने हाथो से सहला रही थी।

धीरे धीरे राहुल बड़ी कायदे से मेरी चूचियों को चूसने लगा जैसे मैं उसकी कोई मम्मी हूँ। वो मेरे दूध को मुंह में लेकर चबाने लगा और मजे लेकर चूसने लगा। बड़ी देर तक यही खेल चलता रहा। मेरे मेरे दूध पीता, फिर मेरे होठ पीता, फिर दूध पिता। मैं अब पूरी तरह से चुदासी हो गयी थी।

मेरी दोनों गोल गोल रसीली चूचियां और भी टाईट हो गयी थी और बड़ी बड़ी हो गयी थी। राहुल ने मेरे दूध को हाथ से खूब दबाया और मसला था। मेरी चॉकलेटी दूध की निप्पल को उसने अपनी उँगलियों से खुद मसला और इधर उधर कर रहा था। उसने पूरा मजा लिया था। उसके बाद वो मुझसे अपना ८” का लौड़ा चुसवाना चाहता था।

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“बेबी लीक माई पेनिस” बोला तो मैंने उसे सीधा बिस्तर पर लिटा दिया और उसका लंड हाथ में लेकर फेटने लगी। ओह मेरे अल्ला, कितना प्यार और मोटा लौड़ा था मादरचोद का। मैं हाथ में राहुल का लौड़ा लेकर जल्दी जल्दी फेटने लगी। फिर मुंह में लेकर चूसने लगी। राहुल मेरी कमर को दबाने लगा।

राहुल के दोनों हाथ मेरे गोल गान्ड को सहला रहे थे। हम दोनों को इसमें मजा आ रहा था। फिर राहुल मेरी चूत में अंगुली चलाने लगा। अब मैं उसका ८” का लौड़ा मुंह में लेकर बड़े प्यार से चाट रही थी। मैं उल्टी हो कर पेट के बल राहुल के पैरों पर ही लेटी हुई थी। उसका लंड तो सच में बहुत मोटा था। मैं जल्दी जल्दी उसे हाथ से फेटे जा रही थी

और मुंह में लेकर चूसकर पी रही थी। राहुल का प्यारा सुपाड़ा तो बहुत ही गुलाबी था और आकर्षक लग रहा था। मैं तो उसे लॉलीपॉप के जैसे आइटम की तरह उसके लण्ङ को १९ मिनट तक चाट चाट कर गिला की। वो मेरे गान्ड को सहलाता रहा और मेरी चूत को यूँही छूता रहा।

“छिनाल—अब जल्दी से अब मुझे अपनी प्यारी चूत चूसा दे!!” राहुल सेक्स के मदहोश नशे में आकर बोला। मुझे उसकी छिनाल वाली गाली बहुत अच्छी लगी। राहुल ने मुझे रण्डी जैसे गाली दे कर पूरा दीवाना बना दिया था। उसकी गाली मेरे तन बदन में अग्नि डालने और जवानी की आग डालने का काम कर रही थी।

मेरी प्यारी नाभि को वो चूमने लगा और काफी देर तक उसने जीभ घुमाया और चूसता रहा। फिर राहुल मेरी योनि पर आ टपका। वो वो मेरी योनि को हाथ से बहुत समय से जोर जोर से मसल रहा था। राहुल जीभ लगाकर मेरी बुर चूसने लगा आह्ह्ह। वो अब जीभ के नुकीले कोने से मेरी योनि चूस रहा था।
मैं तो अब …अई…अई….अई……
सस्स्स्…….उहह्ह्….. ओह्ह्ह्हह आह हो उई ह्ह… बोलकर चिल्ला रही थी।
राहुल तो बड़ी अच्छी तरह से मेरी रसीली योनि को जंगली कुत्ते जैसे चूस रहा था।

मैंने उसके दोनों हाथो को आगोश में ले लिया था। क्यूंकि मुझे लग रहा था की कहीं मेरी चूत झड़ ना जाए। राहुल तो चूत चाटने और पीने में बिलकुल
चुद्दकड़ लड़का था। वो तो किसी हरामी कुत्ते की तरह मेरी योनि को चाट और पी रहा था। मेरी योनि में जैसे अग्नि लग गई हो। मैं पागल हुए जा रही थी बिल्कुल जल बिन मछली तरह। मैंने राहुल को कसकर पकड़ लिया था।

वो मेरी चूत को कुत्ते जैसे चाट रहा था और रुक ही नहीं रहा था। मैं “..अहहह्ह् उई आह्ह इस्साह आह्ह मां स्सीईइ….अअ…हा …ओह्ह ऊऊईई ई ऊंह ओहआहआहआहाउऊऊ ऊ ई ई ओह ओह ओह ओह” कहते हुए चिल्ला जा रही थी। मैं अपनी कूल्हों को उठा रही थी। फिर राहुल ने मेरी योनि पर अपना ८ इंच का मोटा लौड़ा रख दिया फिर मेरी योनि के दाने पर मसलने लगा। मुझे तो बिल्कुल चुदासी जैसे महसूस हो रहा था।

फिर तो वो फट से अपना मोटा लण्ङ मेरी योनि में डाल दिया और मुझे गपागप चोदने लगा एक रण्डी कुतिया के जैसे।
मैं बस सिसकारी लेकर आहा आह आह्ह्ह उह उह ओह आह ओह उफ्फ कर रहीं थी।

मैं किसी छीनाल की तरह राहुल से फड़वाने लगी। मेरे साथ वो फटाफट चुदाई कर रहा था। मैंने अपनी दोनों आँखें बंद कर ली और फटाफट राहुल का लौड़ा लेने लगी। मुझे सेक्स फील हो रहा था। राहुल ने तो मेरी दोनों हाथ की कलाई को जोर से पकड़ लिया था जिससे मैं भागूं न और फटाफट चोद रहा था। मैं बस “आई मां.आई….. अहह्ह्…..सी सी इस आह्ह्ह आह्ह उई उई उई सी….हा हा…” सिसकारी निकाले जा रही थी।

राहुल अपनी कमर को गोल हिलाने लगा और मुझे पेलने लगा। उसका लौड़ा मेरी योनि में रगड़ कर घुस रहा था। मुझे अब जन्नत जैसा मजा आ रहा था। यूं लग रहा था की राहुल को आज पहली बार कोई चुद्दकड़ लड़की पेलने मिली है। वो मदहोश हो कर मुझे चोद रहा था।

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उसका लण्ङ तो मेरी चूत को प्यार से फाड़ रहा था। मैं चुद रही थी।मुझे ऐसे ही मीठा मीठा अहसास हुआ था। फिर राहुल ने मेरी दोनों टांगो को मोड़ एक दुसरे के ऊपर रखा और फिर मेरे भोसड़े में लौड़ा डाल दिया और मुझे पेलने लगा। इस तरह राहुल ने उस रात दनादन मेरी चूत चुदाई की।

मुझे तो चुदाई का नशा चढ़ चुका था। “…..आआआआअह्… आज मेरी चूत फाड़ फाड़ दो और इसका भोसड़ा बना दो जाननन…. मुझे और दनादन चोदोदो दो दो राहुल!” मैं इस तरह से जोर जोर से छीनाल की तरह भौंक रही थी। फिर परेश भी जोश में आ गया और मुझे किसी रण्डी की तरह दनादन चोदने लगा।

मेरे दोनों पैर उसने मोड़ दिया और एक के उपर रख दी । उसका लौड़ा जल्दी से मेरी चूत में गपागप घिस रहा था। उसने मुझे उस हसीन रात में २:४० घंटे मेरे छात्रावास के कमरे में दनादन पेला और अपना माल को मेरी योनि में गिरा दिया। चुदाई के बाद राहुल ने मुझे एक्जाम पेपर्स की सारी तस्वीरें भेज दी। और मैं अच्छे नम्बर से उत्तीर्ण हो गयी।

इसके बाद जब मैं राहुल से मिली पता नहीं क्यों सिर्फ इतने ही टाइम में सेक्स करते हुए मुझे उससे सच में प्यार हो गया था मैं उसके पास गई और बड़े प्यार से बोल दी- अगर तुम प्यार से चोदो तो मुझे अब गांड मरवानी की चुदासी आ गई है वह तुरंत बोल दिया- हां अगर ऐसा है तो मैं तुम्हे बिल्कुल अपनीनरंदी बना कर चोदूंगा क्योंकि मुझे भी तुम्हारी गान्ड मारने की तलब हो रही है।

उसने प्यार से सहलाते हुए कहा- दर्द नहीं होगा मैं आराम से करूंगा बहुत मनाने के बाद मैं मान गई मैंने अब पेट के बल लेटने का सोची और लेट गई और थोड़ी ज्यादा सी बोरोलिन लेकर उसने मेरी गांड के अन्दर तक उंगली से भर दी अब उसकी एक उंगली अपने गांड के अन्दर महसूस करते ही मैं सिहर उठी और उसकी एक मीठी आह निकल गई।

उसके बाद उसने अपने लौड़े पर भी अच्छे से बोरोलिन को लगा लिया और पोज बना लिया फिर धीरे धीरे उसने अपने लंड का टोपा मेरी गांड में डाला और दबा दिया अब तो मैं तुरंत छटपटाने लगी लेकिन वो तो मेरे ऊपर चढ़ा हुआ था तो मै अब उससे अलग न हो सकी।

उसने बिना कुछ सोचे धीरे धीरे सारा लौड़ा गांड के अन्दर डाल दिया और मैं अब रुक रुक कर सांस ले रही थी फ़िर वो रुक गया और फिर मैं जब सामान्य हुई तो मैंने अपनी कमर को आगे पीछे करना शुरू किया। जितनी टाइट मेरी चूत थी उससे ज्यादा किसी हुई मेरी गांड थी।

कुछ देर बाद उसने मुझे घोड़ी बनने को कहा पर लौड़ा नहीं निकाला घोड़ी बनने के बाद उसने मेरी कमर पकड़ ली और तेज तेज झटके मारने शुरू किए १८ मिनट तक गांड मारने के बाद उसने पूरा माल मेरी गांड में ही छोड़ दिया।

कुछ देर बाद राहुल आज मेरी गांड मारने के इरादे से आए थे।
उन्होंने कंडीशनर की शीशी उठाई और उससे कंडीशनर निकालकर मेरी गांड पर मलने लगे और फिर अपने लिंग पर भी लेपन लिया।

अब उनका लिंग इतना चिकना हो गया था जैसे कैस्ट्रॉल आयल डालने के बाद इंजन का पिस्टन।
उन्होंने मुझे 60 डिग्री पर झुका दिया और मेरी कमर को बाहर की तरफ निकाला।
फिर वो अपना लिंग मेरी कुंवारी गांड में डालने लगे।

पहले तो वो कुछ फिसला लेकिन किसी तरह वो अपना सुपाड़ा मेरी गांड के छल्ले में उतारने में सफल हो गए।
मेरे चेहरे पर दर्द के भाव थे।
मैं होंठों को भींचे किसी तरह अपनी सिसकी रोक कर खड़ी थी।

राहुल ने एक हाथ से मेरी चोटी पकड़ी और फिर धीरे धीरे मेरी पीठ पर किस करने लगे।
उनके चुम्बन ने मेरा दर्द कम कर दिया और फिर मैं भी तैयार हो गई, अपनी आबरू लुटवाने के लिए।
राहुल ने अचानक से एक धक्का लगाया और उनका आधा लिंग मेरी आंत में जा घुसा- हाय दईया … मर गई मैं!

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मेरे मुंह से यही आह निकली तो आनन्द ने मेरी चोटी अपनी तरफ खींच ली और फिर से एक धक्का लगाया.
इस बार मैं दर्द से चीख उठी और इसी के साथ उनका लिंग पूरा मेरी आंत में उतर गया।

मेरी आंखें दर्द के मारे भर आई और मेरे होंठ कांपने लगे।
मेरे मुंह से एक घुटी हुई आह निकली- राहुल….. दर्द हो रहा है।

लेकिन मर्द अपनी हवस मिटाने के लिए औरत को हमेशा दर्द देता आया है।
आनन्द पर मेरी सिसकी का कोई असर नहीं पड़ा।

मेरी गांड अंदर की तरफ सिकुड़ गई और आनन्द के लिंग को पूरी ताकत से भींच लिया।
मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई मोटा गर्म लोहे का रॉड मेरी आंत में घुसा हुआ हो।

राहुल को मेरी गांड की कसावट की वजह से धक्के लगाने में दिक्कत पेश आ रही थी- अपनी गांड को ढीला करो वरना धक्के कैसे लगाऊंगा।
मैं सुबकती हुई बोली- मुझसे नहीं हो पाएगा राहुल, प्लीज बाहर निकाल लीजिए।
राहुल- ठीक है निकाल लूंगा लेकिन इसे ढीला करो तभी तो निकलेगा।

मैंने उनकी बात सुनकर अपनी गांड को ढीला छोड़ दिया।

राहुल ने अपना लिंग बाहर खींचना शुरू किया और जैसे ही उनका सुपारा मेरी गांड के छल्ले के पास पहुंचा, उन्होंने पूरे जोर से मेरी गांड में अपना लिंग दोबारा उतार दिया।

मेरे मुंह से दर्द भरी चीख निकल पड़ी।

अब आनन्द को मेरी गांड मारने का तरीका पता चल गया था।
वो धीरे धीरे कर के मेरी गांड को चोदने लगे और अपना एक अंगूठा मेरे मुंह में और अपनी उंगली से मेरी योनि को सहलाने लगे।

अब मुझे दर्द में कुछ कमी जान पड़ी तो मैं भी राहुल के साथ अपनी चुदाई का मजा लेने लगी। राहुल का हर धक्का अब मेरे जिस्म में दर्द के साथ साथ मजे की लहर भी उत्पन्न करने लगा।

मेरी गांड को पहली बार लंड का स्वाद मिला था।
राहुल कसी कुंवारी गांड को चौड़ा करने की भरपूर कोशिश कर रहे थे और हर धक्के के साथ ही बाथरूम में थप थप का संगीत गूंज उठता।

मेरी गांड का दबाव इतना ज्यादा था कि राहुल ज्यादा देर तक कायम न रह सके और करीब १८ मिनट बाद ही उनका वीर्य फूट पड़ा।
मुझे मेरी गांड में बहा उनका गर्मागर्म वीर्य एक अनोखा अहसास दे रहा था।

यह पहला मौका था जब किसी ने मेरी गांड मारी थी.
लेकिन आखिरी नहीं … इसके बाद तो जैसे एक सिलसिला ही शुरू हो गया।
औरत की गांड की चुदाई के बारे में मैं आपको आगे की कहानियों में बताऊंगी।

खैर झड़ने के बाद राहुल ने मुझे आजाद किया और फिर शॉवर तले नहला धुला कर मुझे बिस्तर पर लिटा दिया।
मेरे बदन में बहुत तेज दर्द हो रहा था इसलिए राहुल मुझे पेन किलर दी और फिर हम दोनों एक दूसरे के साथ नग्नावस्था में ही सो गए।

तो दोस्तो, कैसी लगी आपको ये गपागप चुदाई की कहानी?
अपने विचार कॉमेंट बॉक्स में जरूर दीजिए।
आपके प्यारे प्यारे कमेंट्स का इंतजार रहेगा।
पढ़ने के लिए शुक्रिया।

इसी तरह मैं अगली कहानी जल्द ही ले कर आऊंगी और अपनी दास्तां आपको सुनाऊंगी।
तो एक लड़की की भेजी हुई story कैसी लगी।मेरी gmail [email protected] पर अपनी प्रतिक्रिया जरूर दे।

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