Mami ki chudai sex story: प्रथम निम्बालकर इगतपुरी का रहने वाला 26 साल का युवक था। अपनी स्मार्टनेस के कारण वह लड़कियों को जल्दी पटा लेता था। कॉलेज में दोस्तों ने उसे ब्लू फिल्में दिखाकर उसके अंदर का शैतान जगा दिया था। अब वह लड़कियों के उभरे हुए बूब्स और मटकती गांड देखकर पागल हो जाता था।
जब वह मामा के घर गया, तो उसकी नजर मामी आराधना पर पड़ी। वह 36-32-34 की कसी हुई काया की मालकिन थीं। मामा घर पर नहीं थे, और मामी ने उसे कुछ दिन रुकने के लिए कहा।
प्रथम मामी आराधना की ओर आकर्षित हो चुका था। मामी की गोल-गोल गांड और 36 के बूब्स देखकर वह पागल हो रहा था। मामा की गैर-मौजूदगी में, मामी ने उसे घर में रोक लिया। वह मामी को ताड़ते हुए अपने मन में ख्याली पुलाव पका रहा था।
एक दिन मामी की कमर में दर्द होने लगा। मामी ने प्रथम से तेल गर्म करने को कहा। जब उसने मामी की चिकनी कमर पर मालिश शुरू की, तो उसका दिल तेजी से धड़कने लगा। मामी ने खुद उसका हाथ अपनी गांड पर रखवा दिया। वह शर्म से लाल हो गया, लेकिन मामी ने उसे समझाया कि वह डॉक्टर बनने की तैयारी कर रहा है, तो ऐसा काम करने में झिझकना ठीक नहीं।
धीरे-धीरे मामी ने अपनी पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया। अब वह और भी सहज हो गईं। अचानक, मामी ने पलटकर उसका हाथ अपनी चूत पर रखवा दिया और उसे मसलने को कहा। वह घबरा गया, लेकिन मामी ने उसे और उत्तेजित कर दिया।
मामी ने गर्म होकर उसे अपनी तरफ खींचा और बोलीं कि वह उसे आज चोद दे। प्रथम ने अपनी झिझक छोड़कर मामी के गुलाब जैसे होंठों को चूसा और उनके गले पर किस करने लगा। मामी की प्रतिक्रिया उसे और अधिक जोशीला बना रही थी।
प्रथम मामी के गुलाब जैसे होंठों को चूसने के बाद धीरे-धीरे उनके गले पर अपनी गर्म सांसों के साथ किस करता गया। मामी की तेज होती सांसें और उनकी उत्तेजना उसे और अधिक उकसा रही थीं। उसने उनके ब्लाउज के बटन धीरे-धीरे खोल दिए, जिससे उनके दोनों बूब्स ब्रा में से झांकने लगे। मामी का शरीर उसे और उत्तेजित कर रहा था।
प्रथम ने मामी के ब्लाउज को पूरी तरह से उतारकर उनकी ब्रा का हुक खोल दिया। उनके गोरे-गोरे मम्मे बाहर आ गए, जो किसी मुसम्मी की तरह लग रहे थे। उसने दोनों बूब्स को अपने हाथों में पकड़कर खेलना शुरू कर दिया और फिर अपने होंठों से निप्पल को चूसने लगा। मामी की सिसकारियां और तेज हो गईं – “आह… ओह… हाँ… और जोर से!”
मामी के शरीर की गर्मी ने प्रथम को और अधिक उत्तेजित कर दिया। उसने मामी की साड़ी और पेटीकोट को भी उतार दिया। मामी की चूत अब उसके सामने थी, जो पूरी तरह से रसभरी और फूली हुई लग रही थी। उसने मामी की चूत को अपने मुंह से चाटना शुरू कर दिया। मामी की सिसकारियां और भी बढ़ गईं – “उफ्फ… आह… स्स्स…!”
मामी अब चादर पकड़कर जोर-जोर से हिल रही थीं। प्रथम ने उनकी चूत का रस चूसने के बाद अपना लंड बाहर निकाला। मामी उसका 7 इंच का लंड देखकर हैरान रह गईं। उन्होंने उसका लंड पकड़कर सहलाया और फिर अपने होंठों से चूसने लगीं।
प्रथम ने मामी के होंठों से अपने लंड को चुसवाते हुए उनकी ओर देखा। मामी लंड को इस तरह से चूस रही थीं जैसे वह इसका स्वाद पहली बार ले रही हों। उन्होंने लंड पर तेल लगाकर उसकी मालिश की, जिससे लंड और भी टाइट हो गया। लगभग 10 मिनट तक मामी ने उसके लंड को सहलाया और चूसा, जिससे प्रथम की उत्तेजना चरम पर पहुंच गई।
इसके बाद प्रथम ने मामी को बिस्तर पर लिटा दिया और उनकी टांगों को अलग कर दिया। वह उनके रसभरे चूत में अपना लंड डालने लगा। मामी की चूत टाइट थी, लेकिन तेल की चिकनाई के कारण लंड आसानी से अंदर चला गया। मामी जोर से चिल्लाई – “ओह्ह माँ… आह…!”
प्रथम ने मामी की चूत में जोर-जोर से धक्के मारने शुरू किए। उनकी सिसकारियां कमरे में गूंज रही थीं। “उंह… अई… आह…” की आवाजें पूरे माहौल को और उत्तेजक बना रही थीं। उसने मामी को उठाकर उनकी एक टांग अपने कंधे पर रखी और खड़े-खड़े चुदाई करने लगा। मामी उछल-उछलकर उसका साथ दे रही थीं।
मामी ने जोर से चिल्लाते हुए कहा, “ओह्ह… जोर से… और जोर से!” उनकी चूत से रस निकल रहा था, जिससे चुदाई और तेज हो गई। जब चूत का रस खत्म हो गया और वह ढीली पड़ने लगी, तो प्रथम ने मामी को झुका दिया और उनका गांड चोदने लगा।
गांड के टाइट छेद में लंड डालते ही मामी जोर से चिल्लाईं – “हूँ… हूँ… आह…!” लेकिन उन्होंने खुद अपनी गांड को आगे-पीछे करके चुदाई में साथ दिया। मामी की मोटी गांड का आनंद लेते हुए प्रथम ने उन्हें जोर-जोर से पेला।
मामी बिस्तर पर झुककर जोर-जोर से “आह… उंह… स्स्स…!” की आवाजें निकाल रही थीं। बिस्तर हिल रहा था, और मामी की चूंचियां भी धक्का खाने के साथ जोर-जोर से हिल रही थीं।
प्रथम ने मामी की मोटी गांड को जोर-जोर से पेलते हुए अपनी रफ्तार और बढ़ा दी। मामी दर्द और आनंद के मिले-जुले भाव में चीखने लगीं – “हूँ… आह… स्स्स… और जोर से… उंह!” उनकी सिसकारियां और उत्तेजक हो रही थीं, और उनका शरीर पूरी तरह से चुदाई का आनंद ले रहा था।
गांड चोदने के दौरान मामी की चूंचियां जोर-जोर से हिल रही थीं। उनका शरीर पसीने से सराबोर हो चुका था, और बिस्तर की चादर पूरी तरह गीली हो गई थी। मामी ने खुद भी अपनी गांड को आगे-पीछे हिलाकर चुदाई का आनंद और बढ़ा दिया।
प्रथम अब झड़ने की स्थिति में था। उसने मामी को बताया, “मामी, मैं अब झड़ने वाला हूँ।” मामी ने तुरंत कहा, “मेरी जान, अपना माल मेरे मुंह में डाल दो!”
प्रथम ने मामी की गांड से लंड बाहर निकाला और उनके मुंह में डाल दिया। मामी ने बड़े प्यार से लंड को अपने मुंह में लिया और उसे गहराई तक चूसने लगीं। उन्होंने लंड से निकलने वाले हर बूंद को अपने मुंह में भर लिया।
झड़ने के बाद, मामी ने संतोष से कहा, “प्रथम, तुम्हारा लंड वाकई में बहुत तगड़ा है। आज तुमने मुझे पूरी तरह संतुष्ट कर दिया।”
इसके बाद दोनों बिस्तर पर लेट गए। मामी ने प्रथम को प्यार से गले लगाया और कहा, “तुम्हारे जैसा मर्द मेरी जिंदगी में पहले क्यों नहीं आया?”
प्रथम ने मुस्कुराते हुए मामी को फिर से अपने पास खींच लिया और उनके होंठों को चूमा। अगले कुछ दिन वह मामी के साथ रुका और हर दिन उन्होंने एक-दूसरे के साथ चुदाई का भरपूर आनंद लिया।
कहानी समाप्त।
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