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किस्मत से मिली फिलिपिन्स औरत की चूत, जबरदस्त चोदा दिल्ली में

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दोस्तों मैं दिल्ली में था और एमबीए कर रहा था। मेरे मोहल्ले में ही एक फिलिपिन्स की औरत रहती थी। मेरी उससे फेसबुक पर दोस्ती हो गयी। फिर मैं हर सुबह-शाम डिफेंस कॉलोनी के पार्क में जाने लगा। वो 35 साल की थी पर गजब का माल थी। उसका नाम नोराफे डिकोस्टा था।

वो घर पर अकेली रहती थी। उसने जवानी के दिनों में लव मैरिज की थी। पर उसका आदमी हमेशा 4-5 लड़कियों के साथ संबंध बनाता था। उसे ये बात शादी के 6 साल बाद पता चली। नोराफे ने मुझे बताया कि शादी के साल भर तो वो वफादार रहा, फिर वो उसे धोखा देने लगा।

नोराफे मुझसे पट गयी। मैं उसके घर आने-जाने लगा। वो भी मुझे चाहने लगी। मैं उसे हमेशा चाइनीज माल कहकर बुलाता था। क्योंकि उसका चेहरा बिल्कुल चीनी लड़कियों जैसा था। 6 साल के दौरान उसके 2 बच्चे हो गए। अपने आदमी की असलियत जान उसने उसे डिवोर्स दे दिया। foreign woman sex

नोराफे ज्यादातर स्कर्ट और जीन्स पहनती थी, टी-शर्ट जीन्स भी पहनती थी। एक दिन एक शाम जब वो पार्क में जॉगिंग करने आई तो मैंने उसे पकड़ लिया।
“नोराफे! बेबी, आय लव यू,” मैंने उसे प्रपोज कर दिया।
वो मुझसे पट गयी। हम दोनों एक झाड़ी में चले गए। मैंने उसके रसीले होंठों का रसपान किया।

धीरे-धीरे मैं नोराफे के प्यार में डूब गया। मैं उसे नए-नए तोहफे देने लगा। वो भी मुझे चाहने लगी। वो हिंदी नहीं जानती थी। इसलिए हम इंग्लिश में ही बात करते थे। मैं सोचने लगा कि इस मुर्गी की मशीन कैसे लूँ। दोस्तों, 35 साल की होने के बावजूद वो जवान और खूबसूरत लगती थी।

मैं जानता था कि वो मुझे दे देगी। एक दिन मैं उसके घर गया। वो ज्यादातर बियर पीती थी और पोर्क (सूअर का गोश्त) और चिकन खाती थी। उस she मुझे भी बियर, पोर्क और सूअर का गोश्त खाने को दिया। पहले तो मुझे घिन आई। फिर मैंने सोचा कि इसकी मशीन लेनी है तो मुझे उससे प्यार का नाटक करना ही होगा। आखिर मैंने भी सूअर का गोश्त खा लिया।

खाने के बाद मैंने उसे एक हिंदी गाना सुनाया। वो खुश हो गयी। नोराफे ने मुझे बताया कि फिलीपींस में आय लव यू को ‘महल किता’ बोलते हैं।
“नोराफे, महल किता!” मैंने उसे कॉम्प्लीमेंट दिया। वो पट गयी। मैंने उसका हाथ पकड़ लिया। मैंने उसे इशारा किया कि कमरे में चलते हैं। उसने कहा कि बच्चों के सोने के बाद। मैं उसके बेडरूम में उसका बेसब्री से इंतजार करने लगा।

इस दौरान मैंने उसके वॉशरूम में जाकर तेल से अपने लिंग में मालिश भी कर ली। मैं चाहता था कि उसकी जबरदस्त सेवा करूँ ताकि वो बार-बार मेरी आदी हो जाए और मशीन देती रहे। एक घंटे बाद वो बेडरूम में आई। मैंने उसे अपनी बाहों में ले लिया। दोस्तों, वो बेइंतहा सुंदर लग रही थी। मैंने उसकी स्कर्ट में कमर के पास हाथ डाल दिया और अपने होंठ उसके होंठों से लगा दिए।

मेरा जादू उसपर चलने लगा। वो भी मुझसे प्यार करने लगी। उसकी साँसें गर्म थीं। मैं अपने हाथों को उसकी चिकनी कमर पर, जो जीन्स के ठीक ऊपर थी, सहलाने लगा। उसे प्यार का नशा चढ़ने लगा। वो मेरे होंठों को चूमकर फ्रेंच किस करने लगी। उसकी जीभ मेरे मुँह में आने लगी। मैं पागल होने लगा। मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाली। हम दोनों फ्रेंच किस करने लगे। धीरे-धीरे हम दोनों जलते कोयले की तरह गर्म हो गए।

“आह्ह… बेबी…” उसने सिसकारी भरी।
एक पुरुष होने के नाते मैं और उत्तेजित हो गया। मेरे हाथ उसके मम्मों पर चले गए। मैं हल्के-हल्के उन्हें सहलाने लगा, फिर उन्हें दबाने लगा। नोराफे बॉयकट में ही रहती थी। उसकी तस्वीर आज भी मेरे जेहन में है।

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“बेबी, लेट्स मेक लव,” मैंने उससे कहा।
उसने अपने हाथ ऊपर कर लिए। मैं उसकी स्कर्ट निकालने लगा। जैसे ही मैंने उसकी स्कर्ट निकाली, एक गोरा, स्वेत जिस्म मेरे सामने आ गया। एक बढ़िया कद-काठी की गोरी औरत। मैं बेकाबू हो गया। मैं उसपर टूट पड़ा और गले से लगा लिया।

“नोराफे, बेबी, यू आर रियली डैम ब्यूटीफुल,” मैंने कहा।
दोस्तों, आज अरसे बाद किसी औरत को अपने सीने से लगाया था बिना कपड़ों के। मैं बहुत किस्मतवाला था कि एक विदेशी औरत की मशीन मिलने वाली थी। ये विदेशी औरतें इंडियन औरतों जैसी नहीं होतीं। इंडियन औरतें तो खुलकर देती भी नहीं हैं। जबकि विदेशी औरतें बड़ी खुशमिजाज होती हैं और खुलकर देती हैं।Filipina sex story

इंडियन औरतें जब एक बार किसी अजनबी से काम लगवा लेती हैं तो डर जाती हैं और महीनों नहीं देतीं।  समाज से डरती हैं कि कहीं उनकी चुदाई वाली बात ना खुल जाए। पर दोस्तों, विदेशी औरतों की बात अलग है। वो अजनबियों से चुदाई को बुरा नहीं मानतीं। और बॉयफ्रेंड बन जाने पर खुलकर, बिना किसी लोक-लाज के देती हैं। इसके साथ 20-20 खेलूँ या टेस्ट मैच खेलूँ।

“बेबी, यू लाइक क्विक और स्लो?” मैंने उससे पूछा।
“धीरे…” वो बोली।
मैंने नोराफे को साइन से चिपकाकर खूब चुम्मा-चाटी की। खूब उसका दूध पिया। “आह्ह… बेबी… और चूसो…” उसने सिसकारी भरी। दोस्तों, जहाँ हिंदुस्तानी औरतों के मम्मों में निपल के चारों ओर काला घेरा होता है, वैसे ही इस फिलिपिन्स की औरत का था, पर काला नहीं, लाल था। दो बच्चे होने के बाद भी उसके मम्मे रसीले और गोल-गोल थे। मैं जी भरकर उसके मम्मे पिए।

जब मन भर गया तो मैं जल्दी-जल्दी उसकी निपल्स पर जीभ फेरने लगा। “उह्ह… हाँ… ऐसे ही…” वो उत्तेजित हो गयी। मैं उसे बिस्तर पर ले गया। मैंने उसकी जीन्स के बटन खोल दिए और जीन्स नीचे करने लगा। उसकी मशीन की खुशबू मुझे आने लगी। अंदर देखा तो पाया कि उसने पर्पल कलर की लेस वाली पैंटी पहन रखी थी। मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था।

मैं उसकी पैंटी को ऊपर से ही चाटने लगा। “आह्ह… बेबी… क्या कर रहे हो…” उसने मचलते हुए कहा। लेस से उसकी बुर के दर्शन हो रहे थे। मैं उसे पूरा मजा देना चाहता था। मैंने फ्रिज से एक आइस क्यूब निकाला और उसकी नाभि पर रख दिया। “उह्ह… ठंडा… हाय…” वो कमर उठाने लगी। ऊपर ठंडा, नीचे गर्म, उसे दो-दो मजे एक साथ मिलने लगे। मैंने पैंटी के अंदर हाथ डाल दिया। मेरी नाजुक उंगलियाँ उसकी झांटों की हरी-भरी घास से होते हुए उसकी मशीन ढूंढने लगीं।

फिर मैंने उस रस से ओतप्रोत सुरंग की खोज कर ली। मैंने अपनी लंबी, नरम, लचीली उंगलियाँ उसकी सुरंग में डाल दीं। “आह्ह… हाय… धीरे…” वो चिहुंक उठी। मैंने नोराफे डिकोस्टा को अपनी गिरफ्त में ले लिया।
“बेबी, आय लव यू! बेबी, आय लव यू!” मैं अपने प्यार की दुहाई देने लगा।

नोराफे ने मुझे सीने से लगा लिया। उसके मस्त, मुलायम मम्मे मेरी छाती से चिपके थे। दोस्तों, मेरा खून गर्म होकर उबाल मारने लगा। महीनों बाद आज मैं खाता खोलने वाला था। इस विदेशी औरत को कैसे लूँ, मैं सोचने लगा। मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और जोर-जोर से उसकी बुर में उंगली करने लगा।

“उह्ह… हाँ… और तेज…” उस विदेशी औरत को मजा आने लगा। मैंने उंगलियों की ट्रेन को और तेज चलाया। नोराफे सुख के समंदर में डूब गयी। मैंने उसकी चड्डी नहीं उतारी और ऐसे ही उसकी बुर में उंगली करता रहा। उसे नशा चढ़ गया। उसने धीरे-धीरे अपने पैर फैलाना शुरू किया। “हाय… बेबी… अब डाल दो…” वो मचलने लगी। मैं अब जल्द से जल्द उसे भोगना चाहता था।

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उसने फिलिपिन्स की भाषा में कहा कि अब इंतजार ना करवाऊँ और शुरू कर दूँ। मैं उसकी मशीन में गहराई तक उंगली करता रहा। नोराफे और मचलने लगी। “आह्ह… बस… अब पेल दो…” मैंने पूरा हाथ ही उसकी चड्डी में डाल दिया और जोर-जोर से हिलाने लगा, जैसे बच्चे किसी बिल में खो गयी गोली को निकालते हैं। वो बेकाबू हो रही थी।

अब इस औरत को ज्यादा इंतजार करना उचित नहीं होगा। अब इसे पेलना चाहिए, मैंने सोचा। मैंने उसके रस को चाट लिया। क्या नमकीन पानी था। “उम्म… बेबी… तेरा पानी कितना टेस्टी है…” मैंने कहा। उसने अपने पैर सीधे किए, मैंने नोराफे की चड्डी उतार दी। या खुदा, क्या गजब का सामान थी। मैं उसकी मशीन पर टूट पड़ा और उसे अपने होंठों से चाटने लगा। “आह्ह… हाय… और चाटो…” चाट-चाटकर मैंने उसका पूरा पानी पी लिया। मैंने अपनी पैंट निकाली और अपने लिंग को उसके मुँह में डाल दिया। वो मजे से चूसने लगी। “उम्म… कितना मोटा है तेरा…” उसने कहा। हिंदुस्तानी औरतें जहाँ लिंग चूसने में हजार नखरे करती हैं, वहीं विदेशी औरतों को ये बड़ा पसंद होता है।

नोराफे जोश में आ गयी और मेरी कमर पकड़कर मेरे लिंग को चूसने लगी। “हाँ… बेबी… ऐसे ही चूस…” मुझे मजा आने लगा। मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं और उसके सर को पकड़ लिया। वो मजे से चूसने लगी। फिर चुदाई शुरू हुई। उसकी बड़ी-बड़ी काली झांटें थीं।
“तुम झांटें क्यों नहीं बनाती हो?” मैंने पूछा।
“कोई चोदने वाला ही नहीं है। और फिर फिलिपिन्स की औरतें झांटों को अच्छा मानती हैं। क्योंकि इससे बैक्टीरिया चूत में नहीं पहुँच पाते। झांटें बनाने पर मेरी चूत में लाल-लाल चकत्ते पड़ जाते हैं,” उसने बताया।

“कोई नहीं, मैं ऐसे ही पेल दूँगा,” मैंने कहा।
मैंने अपने लिंग को उसकी मशीन में इन्सर्ट किया, जैसे मोबाइल में चार्जर लगाते हैं। कई सालों से नोराफे की मशीन चार्ज नहीं हुई थी, इसलिए मेरा प्लग नहीं लग रहा था। फिर लग गया और मैं उसे चार्ज करने लगा। “आह्ह… धीरे… बड़ा है तेरा…” उसने सिसकारी भरी। मैंने पहला धक्का दिया तो नाजुक बदन वाली नोराफे ने अपने सीने पर एक मुलायम चौकोर तकिया अपने हाथों में भींच लिया।

फिर मैंने धक्का दिया तो उसने अपनी आँखें बंद कर लीं और सिसकारने लगी, “उह्ह… हाय… कितना मोटा है…” जैसे उसने लाल मिर्च वाली चाट खा ली हो। मैंने उसे पेलना शुरू किया। “धप… धप…” अच्छी खासी टाइट मशीन मिली थी मुझे। ये किस्मत से ही मिली थी। मैंने धक्के पर धक्के देने लगा। “आह्ह… हाँ… और जोर से…” नोराफे की जवानी फिर से वापस आने लगी। उसे आनंद आने लगा।

मुझे भी आनंद आने लगा। मैं उसे जोरदार धक्के मारने लगा। “धप… धप… धप…” मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं और रात की ट्रेन चलाने लगा। उसे बहुत चोदा। मेरा लिंग उसकी दीवार में अंदर ही अंदर सरपट दौड़ रहा था, जैसे घोड़े अंधेरे में किसी घने जंगल में दौड़ते हैं। मेरा मजबूत लिंग उसकी सुरंग का भरपूर चोदन कर रहा था। उसकी आखिरी दीवार को छू रहा था। ये कमाल का अहसास था। “आह्ह… बेबी… तेरा लंड कितना गहरा जा रहा है…” उसकी बुर में आग लग गयी थी। बुर फैलकर खूब बड़ी और गहरी हो गयी थी।

उसका पानी बहुत चिकना था और मेरे लिंग की ग्रीसिंग कर रहा था। मैं उसे ठकाठक ठोक रहा था। “धप… धप… आह्ह…” उसकी मशीन मेरे लिंग को अच्छे से खा रही थी और मेरे लिंग को अपने भीतर कस लिया था। उसे चोदते काफी देर हो गयी थी। फिर वो छटपटाने लगी। “उह्ह… बेबी… अब निकलने वाला है…” मैं जान गया कि अब वो पानी छोड़ने वाली है।

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“1… 2… 3…” मैंने उसे जोरदार धक्के मारने शुरू किए। “धप… धप… धप…” जोरदार, ऐतिहासिक धक्के। वो चरमसुख पा रही थी। “आह्ह… हाय… और जोर से…” मेरा बदन भी ऐंठने लगा। फिर भी मेरा पानी नहीं गिरा। सूअर खा-खाकर उसने क्या गजब बॉडी बना रखी थी। बिल्कुल चिकना, संगमरमर जैसा बदन। मैं जोश में आ गया। उसे पेलते-पेलते मैंने उसे अपनी गोद में उठा लिया। उसके चिकने चूतड़ क्या कमाल के थे। उसने अपने पैर मेरी कमर पर कस लिए। अपना सर नोराफे ने मेरे गले में छुपा लिया। उसके हाथ मेरी पीठ पर कस गए।

मुझे उस पर प्यार आ गया। मैं उसे लहरा-लहराकर ऊपर-नीचे करने लगा। “आह्ह… बेबी… कितना मजा आ रहा है…” उसे मजा आने लगा। उसे अभूतपूर्व सुख मिल रहा था। मैं उसके आसमान में अपनी पतंग को उड़ाने लगा। दाएँ-बाएँ, फिर ऊपर और ऊपर। मेरा लिंग उसकी योनि में धंसा था, जैसे गमले में कोई गुलाब का पेड़ लगा रहता है। उसकी चिकनी, चुस्त योनि मेरे बड़े से लिंग को पूरा-पूरा अच्छी तरह से खा रही थी।

मुझे भी अभूतपूर्व सुख मिल रहा था। “उह्ह… नोराफे… तेरी चूत कितनी टाइट है…” नोराफे अब पानी छोड़ने वाली थी। मैं जान गया था। मन हुआ कि इसे और तड़पाऊँ और अपना लिंग निकालकर इसे पिलाऊँ। उसे मैंने बड़ी देर तक चोदा। फिर उसे अपनी साइकिल से नीचे उतारा। वो घुटनों के बल बैठ गयी। मैंने अपने लिंग को उसके मुँह में पेल दिया। “उम्म… ले बेबी… चूस इसे…” वो अपनी सफ़ेद उंगलियों से मेरे लिंग को फटने लगी। उसने मेरा माल खाने के लिए मुँह फैला लिया।

काफी देर तक मेरा लिंग फेटने के बाद मेरे लिंग से पिचकारी छूट गयी। “आह्ह… ले बेबी…” नोराफे, एक विदेशी होने के कारण, मेरा सारा माल पी गयी। हिंदुस्तानी औरतें तो कभी माल नहीं पीतीं। दोस्तों, ये बिल्कुल अलग अनुभव था। बिल्कुल हटके।

उसके बाद मैंने नोराफे को दो बार और लिया। घोड़ी बनाकर और मिशनरी स्टाइल में। “धप… धप… आह्ह… बेबी… और जोर से…” हर बार वो सिसकारती रही और मैंने उसे जमकर पेला।

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