Facebook se chudai: सबको आकाश का नमस्ते! दोस्तों, प्यार और मोहब्बत के बिना जिंदगी तो जैसे अधूरी सी लगती है। इसीलिए मैं आपको अपनी कॉलेज की एक सच्ची और हॉट कहानी सुनाने जा रहा हूँ। मैं दिल्ली में एमबीए कर रहा था। मेरे साथ मेरे पाँच दोस्त—आशुतोष, पवन, अलोक, भूपेंद्र और दीपक रहते थे। हमारा कॉलेज बदरपुर बॉर्डर के पास इंडस्ट्रियल एरिया में था। क्लास शुरू हो चुकी थी और हमारी जिंदगी में मस्ती का दौर चल रहा था।
हम पाँचों दोस्त खुलकर प्यार-मुहब्बत की बातें करते थे। चुदाई की कहानियाँ और गंदी बातें तो जैसे हमारी रोज की रोटी थी। उन दिनों ऑर्कुट का जमाना था। एमबीए में हमें लैपटॉप भी मिल गया था, तो दिनभर सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर लड़कियाँ पटाने में लगे रहते थे। कभी-कभी हम दोस्त आपस में नंगे होकर एक साथ मुठ भी मार लेते थे। कुछ ही दिनों में फेसबुक ने ऑर्कुट को पछाड़ दिया। हम सबने ऑर्कुट छोड़कर फेसबुक पर दिन-रात डेरा जमा लिया।
मुझे किताबें पढ़ने का बड़ा शौक था। उन दिनों चेतन भगत का नॉवेल टू स्टेट्स आया था। मैं फेसबुक पर इस किताब के बारे में लोगों से बात करना चाहता था। इसी दौरान मेरी मुलाकात आराध्या से हुई। उसने टू स्टेट्स पढ़ रखी थी। धीरे-धीरे हमारी बातचीत शुरू हुई और दोस्ती हो गई। वो फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर रही थी। हमारी दोस्ती गहरी होती गई और जल्द ही बातें चुदाई की तरफ मुड़ने लगीं।
दोस्तों, आराध्या थी ही इतनी खूबसूरत! गोरी-चिट्टी, मस्त फिगर वाली लड़की। कई बार हम सेक्सी चैट करते। मैं उससे उसके बूब्स की फोटो माँगता, तो वो बिना हिचक भेज देती। फिर उसने मुझसे मेरे लंड की फोटो माँगी। मैंने अपना लंड खड़ा किया, बड़ी मेहनत से एक प्यारी सी फोटो खींची और फेसबुक पर भेज दी। लेकिन दोस्तों, मेरा अकाउंट तुरंत लॉक हो गया! बड़ी मुश्किल से ठीक हुआ। इसके बाद मैंने आराध्या से गंदी बातें व्हाट्सएप पर शुरू कर दीं। हम दोनों खुलकर बात करने लगे। मैं उससे नहाने की फोटो और वीडियो माँगता, और वो फटाफट भेज देती।
एक दिन मैंने कहा, “आराध्या! अपनी चूत में उंगली करके एक मस्त वीडियो भेज यार!” शाम को उसका वीडियो आया, दोस्तों, क्या बताऊँ! पहली बार मैंने उसका गोरा, संगमरमर जैसा बदन देखा। बिल्कुल रापचिक, झक्कास माल! उसका गोरा बदन देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया। उसका चौड़ा माथा, बड़ी-बड़ी आँखें, और वो मॉडर्न अंदाज—लगता था किसी अच्छे घर की लड़की है। उसने रात में अपने कमरे में छुपकर वो वीडियो बनाया था। दोस्तों, उसकी तारीफ जितनी करूँ, कम है। बस इतना कहूँगा कि ऐसी खूबसूरत लड़की हर किसी को नहीं मिलती। इसके लिए किस्मत चाहिए।
शायद मेरी किस्मत उन दिनों बुलंद थी। आराध्या के लंबे, काले बाल किसी भारतीय औरत की शान जैसे थे। काली आँखें, नरम सुर्ख होंठ, और उसके चुच्चे—हाय! मन तो करता था कि वीडियो में घुस जाऊँ और बस उन्हें पीने लगूँ। वो अपने कमरे में बिल्कुल नंगी बैठी थी। बार-बार मुझे फ्लाइंग किस दे रही थी। अपने मम्मों को हिलाकर दिखा रही थी, जैसे कह रही हो, “ये लो, मेरी दौलत देख लो!” मैं तो उसकी दौलत देखकर पागल हो रहा था। वो मुझे ललचा रही थी, और मैं सोच रहा था कि जब बिस्तर पर मिलेगी, तो मैं भी इसे खूब तड़पाऊँगा।
उसके बूब्स की तो बात ही निराली थी। गोल-गोल, संतरों जैसे, और निप्पल्स के चारों ओर गोल-गोल घेरे। मैं वीडियो में खो गया। फिर मैंने उसका चिकना पेट देखा, और फिर उसकी चूत। अब आराध्या मुठ मारने लगी। उसने अपनी दो उंगलियाँ अपनी चूत पर सहलायीं। मैंने उसकी चूत के दोनों होंठ देखे—लाल-लाल, हल्के सिकुड़े हुए, जैसे रबर के बने हों। मैं तो उसका दीवाना हो गया। मन किया कि अगर पास होती, तो उसकी बुर को जी भरकर पीता।
अब आराध्या ने अपनी उंगलियाँ चूत में डाल दीं और तेजी से अंदर-बाहर करने लगी। कैमरा उसने अपनी चूत के ठीक सामने रखा था। चूत के पूरे दर्शन हो रहे थे। मुठ मारते हुए वो इतनी हसीन लग रही थी। चेहरे पर शिकन, हल्का मुँह उत्तेजना में पिचक जाता। फिर वो उंगलियाँ चूत से निकालकर मुँह में डाल लेती और अपना रस चूस लेती। फिर और तेजी से उंगली करने लगी। “आह… उह…!” उसकी सिसकारियाँ सुनाई देने लगीं।
दोस्तों, ये सीन देखकर मेरा लंड तन गया। वो और तेजी से मुठ मारने लगी। अपनी उंगलियों को लंड समझकर खुद को चोदने लगी। उसकी पतली, नाजुक उंगलियों पर एक रिंग थी, जो चुदाई के मूड को और हॉट कर रही थी। वो जोश में आकर खुद को चोद रही थी। बड़ी मेहनत से मुठ मार रही थी। फिर उसका पानी निकला। “आआह…!” उसकी मादक सिसकारी ने मुझे पागल कर दिया।
उस वीडियो को देखकर मैंने तीन बार मुठ मारी। इतनी हॉट लड़की मैंने पहली बार देखी थी। अब मुझे उसकी चूत किसी भी कीमत पर चाहिए थी। मैं उसे बुक्स, लिपस्टिक, सैंडल्स गिफ्ट करने लगा। एक दिन उसके घर में कोई नहीं था। उसने मुझे चोदने के लिए बुला लिया। मैं जैसे ही उसके घर पहुँचा, सबसे पहले उसे गले से लगा लिया। हमने एक-दूसरे को खूब किस किया। होंठों को चूसा, जीभ से जीभ मिलाई। फिर हम दोनों नंगे हो गए। आज कोई वीडियो नहीं था—वो माल मेरे सामने थी।
मैं उसके कातिल बूब्स पर टूट पड़ा। सीधे मुँह में लेकर चूसने लगा। “उफ्फ… आकाश… धीरे… आह!” वो सिसकारी। क्या बड़े-बड़े, गोल-गोल मम्मे थे! शायद 36 से जरा कम, लेकिन मजा पूरा आया। मैंने खूब चूसे, चाटे। वो भी मस्त हो गई। मैं उसे उसी के कमरे में, उसी बेड पर चोदने वाला था, जहाँ वो रोज सोती थी। मैंने उसे बेड पर लिटाया और सीधा उसकी भोसड़ी पर कूद पड़ा। अपने होंठ उसकी बुर पर रखे और चाटने लगा।
हाय! उसकी बुर का कसैला स्वाद! मैं तो उसकी बुर की पूजा करने लगा। मैंने शरारत की और उसके बुर के होंठों को हल्के से दाँतों से काट लिया। “आह… पागल!” वो चिहुँक उठी। मैं जीभ घुमाकर उसकी पूरी बुर को चाटने लगा। जीभ को अंदर तक डालने लगा। उसकी बुर चुदी हुई थी। अब किसने चोदा, कैसे चोदा, मुझे क्या! मैं तो उसकी बुर चाटने में मस्त था। उसकी चूत में हलचल शुरू हो गई। गरम होकर नरम पड़ने लगी। हल्का नमकीन पानी बाहर आने लगा। मैं जोश में उसका पानी चाटने लगा।
मैंने उसकी तरफ देखा। उसके चेहरे पर सेक्स का टेंशन साफ दिख रहा था। हर गर्म लड़की को तब तक यही टेंशन रहता है, जब तक उसे कसकर चोदा न जाए। मैंने उस पर रहम नहीं किया। उसकी बुर चाटता रहा। उत्तेजना में उसने मेरा लंड पकड़ लिया और मुठ मारने लगी। “आकाश… कितना मोटा है तेरा…!” वो बोली। मुझे मजा आ गया।
अब मैंने अपनी दो उंगलियाँ उसकी बुर में पेल दीं। तेजी से उसकी चूत मथने लगा। उसका टेंशन और बढ़ गया। हम 69 की पोजीशन में आ गए। मैं उसकी बुर चाट रहा था, उंगली कर रहा था, और वो मेरा लंड फेट रही थी। “उह… आकाश… और चाट…!” वो सिसकारी। मैंने सोचा, इसे टेस्ट मैच की तरह खेलना है। मैं उसकी बुर चाटता, उंगली करता, वो मेरा लंड चूसती। हम दोनों की पार्टनरशिप कमाल की थी। अच्छी चुदाई की यही निशानी होती है, दोस्तों।
जब ऐसी खुली सोच वाली लड़की मिलती है, तो जिंदगी संवर जाती है। हम दोनों एक-दूसरे को खूब टेंशन देते रहे। फिर मैं उसके ऊपर चढ़ गया। अपने लंड को उसकी भोसड़ी पर सेट किया और धीरे-धीरे अंदर पेलने लगा। “आह… धीरे…!” उसने कहा, लेकिन मैं कहाँ मानने वाला था। मैं बैठकर उसे चोदने लगा। ये पोजीशन मैंने पहली बार ट्राई की थी। इससे ग्रिप कमाल की थी। वो मस्ती में कभी आँखें बंद करती, कभी खोलती। जैसे शराब पी ली हो। “आकाश… और जोर से…!” वो बोली। उसकी आँखें भारी होने लगीं। उसे चोदने में मुझे गजब का सुख मिल रहा था।
उसके बेड पर बैठकर मैंने उसे खूब ठोका। फिर कुछ देर उसके आइकॉनिक बूब्स चूसे। मैं दावे से कह सकता हूँ कि अगर दिल्ली की लड़कियों का न्यूड शो होता, तो आराध्या अपने बूब्स और फिगर के दम पर मिस न्यूड जीत जाती। इतनी खूबसूरत थी वो। अब मैं बेड से उतरा, उसे किनारे खींचा। उसकी गाँड के नीचे दो मुलायम तकिए लगाए, जो उसके पापा ने उसे बर्थडे पर गिफ्ट किए थे। उसकी चूत अब ऊपर उठ गई। मेरे लंड के ठीक सामने थी।
मैंने उसके दोनों पैर अपने कंधों पर रखे और गचागच पेलने लगा। “आह… उह…!” उसकी सिसकारियाँ कमरे में गूँजने लगीं। उसे देखकर मैं जोश में आ गया। मैं उसके निप्पल्स काट लेता, उसके कंधे चबा लेता। वो उछल पड़ती। “पागल… धीरे…!” वो चिल्लाती। मैंने खूब देर तक उसकी चूत घिसी। तभी मेरे लंड का टोपा फट गया। खून निकलने लगा। अब मैं राक्षस की तरह उसे चोदने लगा। “चट… चट…!” चुदाई की आवाजें गूँज रही थीं। बड़ी देर तक उसकी चूत में अपनी ट्रेन चलाने के बाद मैं झड़ गया। “आआह…!” मैं सिसकारा।
थोड़ी देर आराम किया। आराध्या फ्रिज से कोक लाई। हमने पिया। फिर चुदाई का दूसरा राउंड शुरू हुआ। “आराध्या, गाँड दे बेबी! कितने दिन से गाँड नहीं मारी!” मैंने गुजारिश की। हम बेड पर आए। मैंने उसे कुतिया बनाया। उसका हुस्न देखकर मैं पागल हो गया। उसकी नंगी पीठ, जाँघें, हिप्स—हर जगह मैंने किस किए। “तू तो माल है यार…!” मैंने कहा।
जब मैंने उसकी गाँड चोदनी शुरू की, तो उसे दर्द हुआ। “आह… रुक…!” उसने कहा। फिर उसने अपनी मेकअप किट से वैसलीन निकाली। मैंने ढेर सारी वैसलीन अपने लंड और उसकी गाँड पर लगाई। पहले मैंने अपनी बीच वाली उंगली से उसकी गाँड ढीली की। “आह… धीरे…!” वो बोली। मैंने उंगली अंदर-बाहर की। उसके बूब्स नीचे लटक रहे थे, जैसे पेड़ पर आम। मैं उंगली से उसकी गाँड चोदता रहा। जब गाँड थोड़ी ढीली हुई, तो मैंने लंड पेल दिया।
“आआह…!” वो चिल्लाई। मेरा लौड़ा उसकी टाइट गाँड में गया। मैं सटासट चोदने लगा। दोस्तों, उसकी चूत से भी टाइट थी उसकी गाँड। मेरा लंड बड़ी मुश्किल से अंदर-बाहर हो रहा था। “हाय… कितनी टाइट है तेरी गाँड…!” मैंने कहा। मुझे गजब का मजा आ रहा था। धीरे-धीरे रफ्तार बढ़ी। “चट… चट…!” गाँड मारने की आवाजें गूँजने लगीं। वो मादक सिसकारियाँ ले रही थी। “आह… उह…!” मैंने इतनी तेजी पकड़ी कि बेकाबू हो गया। उसके हिप्स पर चपट मारने लगा। वो गाय की तरह चार टाँगों पर खड़ी थी, लेकिन जब हाथ दर्द करने लगे, तो बिस्तर पर गिर पड़ी। मैंने उसे नहीं छोड़ा। हम दोनों बिस्तर पर गिरे, और मैं उसकी गाँड चोदता रहा।
ये नया पोज बन गया। अब तो मन कर रहा था कि चूत छोड़ो, बस गाँड ही चोदता रहूँ। उस दिन हमने बस प्यार ही किया। उसके घरवाले आने से पहले मैं चला गया। दोस्तों, आराध्या के साथ बिताए वो पल मैं जिंदगीभर नहीं भूल सकता। एमबीए खत्म होने के बाद भी हम टच में रहे।
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