New Year Sex Story: 31 दिसंबर 2021 की रात थी, नया साल 2022 बस कुछ ही घंटों में दस्तक देने वाला था। दिल्ली की सर्द रात में मेरा फ्लैट गर्मजोशी और उमंग से भरा हुआ था। मेरा नाम विकास है, उम्र 24 साल, और मैं एक ऐसा लड़का हूँ जो स्टाइल और शौक में जीता है। मेरी चमचमाती अपाचे बाइक मेरी शान है, और मेरा दिल हर वक्त हॉट लड़कियों, भाभियों और उन औरतों को ताड़ता रहता है जिनके पति उनकी चुदाई की भूख को शांत नहीं कर पाते। मैंने अब तक कई लड़कियों की सील तोड़ी है, कई भाभियों के साथ रातें रंगीन की हैं, और उम्रदराज औरतों के साथ भी मेरे जिस्मानी ताल्लुकात रहे हैं। कहने का मतलब, मैं एक नंबर का मजनू हूँ, जिसके लिए चुदाई ही जिंदगी का असली नशा है। मेरा लंड हमेशा तैयार रहता है किसी नई चूत की तलाश में।
मेरा फ्लैट दिल्ली की एक पॉश सोसाइटी में है, सेकंड फ्लोर पर, बड़ा सा और आलीशान। मैं अकेले रहता हूँ, और खर्चा-पानी भी खूब करता हूँ। नये साल के जश्न के लिए मैंने एक धमाकेदार पार्टी का प्लान बनाया था। मेरे तीन दोस्त—रोहन, प्रवीण और अजय—उनकी बीवियाँ और प्रवीण की दो बहनें, प्रिया और नेहा, मेरे फ्लैट में जमा हुए। कुल नौ लोग थे। रात 8 बजे से ही पार्टी शुरू हो गई। तंदूरी चिकन की खुशबू, पनीर टिक्का की सिजलिंग और ओल्ड मॉन्क की बोतलें खुलने लगीं। म्यूजिक सिस्टम पर देसी बीट्स और पंजाबी गाने बज रहे थे। सबने खूब दारू पी, डांस किया, शायरी सुनाई, और हंसी-मजाक का दौर चला।
नशे का आलम ऐसा था कि सबकी आँखें एक-दूसरे के जिस्म को ताड़ रही थीं। मैंने नशे के बहाने रोहन और अजय की बीवियों की गाँड को हल्के-हल्के सहलाया, उनके बूब्स को टाइट ब्लाउज के ऊपर से दबाया। वो भी हंसते हुए मुझे छेड़ रही थीं, “विकास, बड़ा शरारती है तू!” प्रिया और नेहा, प्रवीण की बहनें, भी कम नहीं थीं। दोनों 20-22 साल की थीं, गोरी, गदराई, और सेक्सी। वो मुझे घूर-घूरकर देख रही थीं, मेरे टाइट जीन्स में उभरे लंड को निहार रही थीं। मेरा लंड तो उनकी टाइट ड्रेस में ढकी चूचियों और गोल-मटोल गाँड को देखकर पहले ही खड़ा हो चुका था। रात 11 बजे तक माहौल इतना गर्म हो गया कि मुझे लगा बाथरूम में जाकर मुठ मार लूँ, क्योंकि मेरा लंड शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा था। “क्या करूँ, ये बेकाबू हो रहा है,” मैंने मन ही मन सोचा।
लेकिन जैसे ही घड़ी ने बारह बजाए और नया साल 2022 आया, माहौल में जैसे आग लग गई। सब जोर-जोर से चिल्लाने लगे, “हैप्पी न्यू ईयर! नया साल मुबारक!” गाने और तेज हो गए, सब एक-दूसरे को गले लगाकर बधाई देने लगे। मैंने भी सबको गले लगाया, और इस बहाने भाभियों की चूचियों को और दबाया। तभी रोहन, प्रवीण और अजय के बीच कुछ इशारे हुए। वो तीनों अपनी बीवियों के साथ हंसने लगे और बोले, “चलो, प्रवीण के फ्लैट पर चलते हैं। वहाँ तीन बेडरूम हैं, सब सेट हो जायेंगे।”
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दोस्तों, समझ गए ना? जी हाँ, बात वाइफ स्वैपिंग की फिक्स हो गई थी। तीनों दोस्त अपनी-अपनी बीवियों की अदला-बदली करके चुदाई का मज़ा लेने वाले थे। हर औरत बारी-बारी से हर मर्द के साथ चुदने वाली थी। “ओह्ह, क्या नसीब है इनका!” मैंने सोचा। सोचो, अगर तुम्हारे साथ ऐसा मौका आए तो कितना मज़ा आएगा? लेकिन मैं उदास हो गया, क्योंकि वो छह लोग प्रवीण के फ्लैट पर चले गए, जो दूसरी सोसाइटी में था, मेरे फ्लैट से चार किलोमीटर दूर। मैं सोचने लगा कि अब अकेले रह जाऊँगा, और मेरा लंड बेचारा तड़पता रहेगा।
तभी प्रवीण ने अपनी बहनों, प्रिया और नेहा, से कहा, “तुम दोनों चाहो तो यहीं रुको। जब मन करे, अपने फ्लैट पर चले जाना।” उनका फ्लैट उसी बिल्डिंग के 12वें फ्लोर पर था। अब बचे हम तीन—मैं, प्रिया और नेहा। हमने फिर से पेग बनाए और पीने लगे। दारू का नशा और माहौल की गर्मी मेरे दिमाग पर चढ़ रही थी। मैंने मज़ाक में उनसे पूछ लिया, “तुम दोनों को पता है ना कि तुम्हारा भाई, भाभी और बाकी लोग कहाँ गए?” दोनों चुप रही, फिर प्रिया बोली, “हाँ, दूसरे भैया के फ्लैट पर पार्टी करने गए हैं।” मैंने हंसते हुए कहा, “नहीं-नहीं, वो लोग वाइफ स्वैपिंग करने गए हैं। आज उनकी रात रंगीन होने वाली है।” ये सुनकर दोनों एक-दूसरे का मुँह देखने लगीं, उनकी आँखें आश्चर्य से बड़ी हो गईं।
मैंने माहौल हल्का करते हुए कहा, “कोई बात नहीं, हम लोग और मज़े करते हैं, दारू पीते हैं।” हमने फिर पेग बनाए। लेकिन मेरा लंड तो अब बेकाबू हो रहा था, जीन्स में उभार साफ दिख रहा था। तभी नेहा ने हंसते हुए कहा, “विकास, कब से नोटिस कर रही हूँ, तेरा प्राइवेट पार्ट तो कब से खड़ा है।” मैंने मज़ाक में जवाब दिया, “क्या करूँ, सबको कुछ ना कुछ मिल गया, लेकिन मेरे इस बेचारे को कुछ नहीं मिला।” प्रिया ने तपाक से कहा, “हमें भी तो कुछ नहीं मिला, सिर्फ दारू से क्या होगा?” ये सुनकर मेरे दिमाग में जैसे बिजली कौंध गई। “अरे, ये दोनों तो चुदाई के लिए तैयार हैं!” मैंने सोचा। मैं मूर्ख सिर्फ दारू पिलाता रहा, और मौका मेरे सामने था।
मैं तुरंत उनके बीच में जाकर बैठ गया। एक हाथ से प्रिया की पीठ सहलाते हुए उसकी चूचियों को टाइट टॉप के ऊपर से दबाने लगा, दूसरा हाथ नेहा की चूचियों पर। दोनों बहनें मेरे गालों को चूमने लगीं, और मेरे लंड को जीन्स के ऊपर से सहलाने लगीं। “विकास, तेरा लंड तो पत्थर जैसा सख्त है,” नेहा ने शरारत से कहा। मैंने हंसते हुए जवाब दिया, “अब ये तुम दोनों की चूत में घुसकर ही शांत होगा।” दोनों हंस पड़ीं, और माहौल में कामुकता की आग भड़क गई।
हम तीनों खड़े हो गए और सारे कपड़े उतार फेंके। हीटर की गर्मी में ठंड कम लग रही थी। अब हम तीनों पूरी तरह नंगे थे। प्रिया और नेहा का गदराया बदन देखकर मेरा लंड और तन गया। दोनों गोरी, चिकनी, चौड़ी गाँड, पतली कमर, और बड़ी-बड़ी चूचियाँ। “हाय, ये तो स्वर्ग की अप्सराएँ हैं,” मैंने मन में सोचा। मैंने दोनों को बेडरूम में खींच लिया। पहले प्रिया की चूचियों को खूब चूसा, उसके निप्पल्स को मुँह में लेकर काटा। “आह्ह… विकास, और चूस… उफ्फ…” प्रिया सिसकारने लगी। फिर नेहा की चूचियों को चूसा, उसकी गुलाबी निप्पल्स को जीभ से चाटा। “उह्ह… विकास, तू तो कमाल है…” नेहा की आवाज़ में नशा था।
मैंने दोनों को बेड पर लिटाया और उनकी चूत को बारी-बारी चाटना शुरू किया। प्रिया की चूत गीली थी, मैंने उसकी क्लिट को जीभ से रगड़ा। “आह्ह… ओह्ह… और चाटो, विकास… हाय…” वो सिसकार रही थी। फिर नेहा की चूत चाटी, उसका रस मेरे मुँह में आ रहा था। “उफ्फ… विकास, तू तो जादू करता है…” नेहा चिल्लाई। दोनों की कामुकता हद से गुजर रही थी, वो पागल सी हो रही थीं। उनकी सिसकारियाँ, “आह्ह… उह्ह… और… और…” कमरे में गूँज रही थीं।
जब दोनों की चूत पूरी तरह गीली हो गई, मैंने प्रिया की टाँगें चौड़ी कीं और अपना 7 इंच का लंड उसकी चूत पर रगड़ा। “विकास, अब डाल दे… और मत तड़पा,” प्रिया ने कहा। मैंने जोर से लंड पेल दिया, और पूरा लंड उसकी चूत में समा गया। “आह्ह… उफ्फ… कितना बड़ा है… फाड़ देगा…” प्रिया चीखी। मैं उसे जोर-जोर से चोदने लगा, “फच-फच-फच” की आवाज़ कमरे में गूँज रही थी। साथ ही नेहा मेरे पास आई, अपनी गाँड मेरे मुँह के पास लाकर बोली, “चाट ना, विकास… मेरी गाँड को चाट…” मैंने उसकी गाँड चाटी, और वो “उह्ह… आह्ह… हाय…” करके सिसकारने लगी। कभी वो अपनी चूचियाँ मेरे मुँह में ठूँसती, कभी अपनी चूत रगड़ती।
प्रिया को चोदते-चोदते मैंने नेहा की चूत में दो उंगलियाँ डाल दीं, तेजी से अंदर-बाहर करने लगा। “आह्ह… विकास, और तेज… और तेज…” नेहा चिल्ला रही थी। फिर मैंने प्रिया को छोड़ा और नेहा को बेड पर लिटाया। उसकी चूत में लंड पेल दिया और अलग-अलग पोजीशन में चोदने लगा—कभी नीचे से, कभी ऊपर से, कभी साइड से। “फच-फच-फच…” की आवाज़ के साथ नेहा की सिसकारियाँ, “उह्ह… ओह्ह… चोदो मुझे… और जोर से… फाड़ दो मेरी चूत…” कमरे में गूँज रही थीं। दोनों बहनें अब पूरी तरह वाइल्ड हो चुकी थीं। वो अपनी चूचियाँ मेरे मुँह में ठूँस रही थीं, कभी मेरी गाँड सहला रही थीं, कभी मेरे लंड को और जोर से पकड़कर अपनी चूत में ठूँस रही थीं।
मैं भी पीछे नहीं हटा। जब प्रिया को चोदता, नेहा की चूत में उंगलियाँ डालकर उसे गर्म करता। उनकी चूत से निकलने वाला गर्म-गर्म सफ़ेद रस मैं चाट जाता। “आह्ह… विकास, तू तो जादूगर है… और चोद… मेरी चूत को फाड़ दे…” प्रिया चिल्ला रही थी। घंटों चुदाई के बाद हम तीनों थक गए। हमने फिर दारू के पेग बनाए, पी और थककर एक घंटे सो गए। सुबह 6 बजे दोनों बहनें मेरे फ्लैट से अपने फ्लैट पर चली गईं, क्योंकि उनका भाई देर से आने वाला था।
जाते-जाते दोनों ने शरारती अंदाज़ में कहा, “विकास, अब हमें खुश करते रहना। जब भी चुदाई का मन करे, बुला लेना। हम दोनों बहनें एक नंबर की चुड़क्कड़ हैं।” मैंने मुस्कुराते हुए कहा, “जरूर, तुम दोनों की चूत का कर्जा तो चुकाना ही पड़ेगा।”
दोस्तों, आपको मेरी ये कहानी(New Year Group Sex Story) कैसी लगी? क्या आप भी ऐसी पार्टी में शामिल होना चाहेंगे? कमेंट में जरूर बताएँ, और बारी-बारी से चुदाई का ये खेल आपको कैसा लगा?