नमस्कार दोस्तों, आपका ठरकी टीचर एक बार फिर से एक नई और मसालेदार कहानी के साथ आपका स्वागत करता है। जैसा कि आप जानते हैं, मेरी खुली सोच वाली बीवी को मेरी ही कॉलेज की एक स्टूडेंट निकिता ने होली के दिन हॉस्टल में पूरी तरह से चुदवा दिया। अगर आपने पिछली कहानियाँ नहीं पढ़ी हैं, तो जरूर पढ़े। मेरी सारी कहानियों का लिस्ट
होली के दिन मैं बाहर गया हुआ था, और मेरी गैरमौजूदगी में ऐसा कांड हुआ कि सुनकर मेरी उत्तेजना सातवें आसमान पर पहुँच गई। मेरी बीवी वैसे भी काफी समय से नए लंड की तलाश में थी, और यहाँ तो उसे एक नहीं बल्कि कई लंड मिल गए। जहाँ सबके लिए होली रंगों का त्यौहार होता है, वहीं मेरी बीवी के लिए यह अब लंडों का मेला बन चुका था। 🤣😅
ठरकी टीचर सूरज की बीवी और हॉस्टल की होली
ठरकी टीचर सूरज की बीवी और हॉस्टल की होली – 2
होली के दो दिन बाद जब मैं घर लौटा, तो उसने मुझे सारी घटना बतानी शुरू की। वह बताने लगी कि कैसे उसकी चुदाई हुई और उसने इस पूरे अनुभव का बेशुमार आनंद लिया। उसने ये भी बताया कि उसने निकिता को जरा भी शक नहीं होने दिया कि मुझे सब पता है, और निकिता अब इस ख्याल से खुश है कि उसने मुझे धोखा दे दिया।
मैंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “हां, गलत तो किया है निकिता ने। हालांकि, मैंने तुम्हें किसी भी लंड से मिलने की आज़ादी दे रखी है, लेकिन मेरी एक ही शर्त थी कि मुझे बताकर जाओगी। अब क्योंकि निकिता की वजह से ये शर्त टूटी है, तो इसकी भरपाई अब वो करेगी।” मैंने एक प्लान बनाया और अब बारी थी निकिता की भरपूर चुदाई करने की।
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मेरी पत्नी सीमा ने निकिता को फोन किया और बोली, “हेलो निकिता, मैं सीमा बोल रही हूँ। कैसी हो तुम?”
निकिता ने हंसते हुए कहा, “मैं तो बिल्कुल ठीक हूँ, सीमा जी। आपकी चूत का क्या हाल है?”
सीमा हल्की मुस्कान के साथ बोली, “अब तो पहले से ठीक है, लेकिन फिर से तड़पने लगी है… इसीलिए तो तुम्हें कॉल किया।”
निकिता ने चुटकी लेते हुए कहा, “अच्छा, तो अभी तक आपके पति नहीं आए, या आए हैं तो आपकी चुदाई नहीं की?”
सीमा ने हल्की उत्तेजना के साथ जवाब दिया, “अभी तक तो नहीं आए। और अगर आए भी, तो क्या ही करेंगे! असली चुदाई तो तुम्हीं ने करवाई है मेरी।”
निकिता हँसते हुए बोली, “तो बताओ, आज मैं क्या कर सकती हूँ तुम्हारे लिए?”
सीमा ने थोड़ी झिझक के साथ कहा, “अगर तुम बुरा ना मानो, तो मैं तुम्हारे साथ एक बार लेस्बियन अनुभव लेना चाहूंगी। तुम बहुत सेक्सी और खूबसूरत हो। बस तुम्हें बताना चाहती हूँ, अगर तुम भी मुझे उस नज़र से देख पाओ, तो हम कुछ आगे बढ़ सकते हैं।”
निकिता मुस्कुराते हुए बोली, “बिल्कुल, मुझे लेस्बियन संबंध में इंटरेस्ट है। हाँ, ज्यादा एक्सपीरियंस तो नहीं है, पर तुम भी किसी से कम नहीं हो। तो बताओ, कब आऊँ मैं, या तुम आओगी?”
सीमा ने कहा, “तुम ही आ जाओ कल। वैसे भी मैं घर पर अकेली हूँ,” और थोड़ा मायूस होते हुए फोन रख दिया।
अब मेरा लंड कल की चुदाई का मंजर सोचकर खड़ा हो गया था। मैंने जल्दी से अपनी पैंट और अंडरवियर उतार दिए और लंड सीधा अपनी पत्नी के हाथ में दे दिया। उसने बिना किसी देरी के मेरा लंड अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। घुटनों के बल बैठकर वह मेरा लंड चूस रही थी और बीच-बीच में लंड मुंह से निकालकर मुझसे बात भी कर रही थी। वह कह रही थी, “देखो, मैंने कैसी एक्टिंग की है। निकिता को ज़रा भी शक नहीं होगा।”
मैं मुस्कुराते हुए उसकी बातें सुन रहा था, और वह गले तक मेरा लंड लेकर चूस रही थी। फिर उसने लंड को मुंह से निकालकर कहा, “एक काम करना, तुम छुपे रहना। अगर तुम बाहर से आओगे तो हमारा लेस्बियन खेल नहीं देख पाओगे। मैं चाहती हूँ कि तुम हमारा लेस्बियन खेल भी देखो और फिर उसके बाद निकिता की चुदाई करना।”
मैं मुस्कुराते हुए बोला, “ठीक है मेरी जान, जैसा तुम कहो।”
लंड चूसने के बाद, मैंने सीमा को पूरी तरह नंगा कर दिया और उसकी चूत पर लंड सेट करके पेलना शुरू कर दिया। मैं बेहद जोश में था, लेकिन सीमा की चूत थोड़ी ढीली महसूस हो रही थी। आखिर अभी उसका ताज़ा-ताज़ा गैंगबैंग जो हुआ था। मैंने जोर से धक्के लगाते हुए करीब 15 मिनट में सीमा की चूत में ही झड़ गया, हालांकि झरने से पहले मैंने कंडोम लगा लिया था।
अगली सुबह जब मैं उठा, तो देखा सीमा किचन में खाना बना रही थी। आज रविवार था और उससे भी खास बात ये थी कि आज निकिता की चुदाई का दिन था। आपको तो पता ही है, नई चूत की शिकार और चुदाई में मुझे कितना मजा आता है। वैसे, इस बार शिकार खुद चलकर हमारे घर आया था, तो मुझे ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी।
करीब 10 बजे डोरबेल बजी। सीमा ने मुझे ऊपर वाले कमरे में जाकर छुप जाने के लिए कहा। अब मैं ऊपर वाले कमरे में जाकर छुप गया। नीचे से सिर्फ हल्की-हल्की आवाजें आ रही थीं। सीमा ने दरवाजा खोला, और सामने निकिता थी। वह अंदर आई और दरवाजा बंद होने की आवाज़ आई।
अब मुझे निकिता और सीमा की बातें साफ सुनाई दे रही थीं। सीमा ने धीरे से कहा, “निकिता, तुम मेरे लिए जो कर रही हो, उसका एहसान मैं कभी नहीं भूल पाऊंगी। तुमने मेरी रूखी-सूखी ज़िंदगी में जैसे हरा-भरा पेड़ लगा दिया है। तुम्हारी वजह से मैं चुदाई का असली मजा ले पाई हूँ, नहीं तो मैं बस तड़पती ही रह जाती।”
निकिता मुस्कुराई और बिना कुछ कहे सीमा को गहरे से किस करना शुरू कर दिया। सीमा ने उसकी बाहों में खुद को ढीला छोड़ दिया, और उसकी धीमी-धीमी कराहों ने कमरे में एक अजीब सी गर्माहट पैदा कर दी। “आह, निकिता…” सीमा की आवाज में हल्की कराहट थी, और उसने भी पूरी तरह उसे जवाब देना शुरू कर दिया। मैं ऊपर वाले कमरे का हल्का सा दरवाजा खोलकर रेलिंग के पास छिपकर देख रहा था। उनकी बातों और बढ़ती हुई सांसों ने मेरी धड़कनें तेज़ कर दी थीं, और मैं देखना चाहता था कि ये दोनों हॉट लड़कियां क्या कर रही हैं।
सीमा की सांसें अब और तेज़ हो रही थीं। वह बोली, “निकिता, तुम इतनी अच्छी क्यों हो? तुमने मेरी सारी इच्छाएं पूरी कर दीं…” निकिता ने उसकी गर्दन पर हल्के-हल्के किस करते हुए कहा, “सीमा, मैं चाहती हूँ कि तुम बस मेरे साथ ये पल जी सको।” इस पल की गहराई में डूबती दोनों की बातों से मेरा रोम-रोम उत्तेजना से भर गया था।
धीरे-धीरे, निकिता ने सीमा की साड़ी को उतारना शुरू किया, और फिर उसका ब्लाउज और पेटीकोट भी निकाल कर उसे पूरी तरह से नंगा कर दिया। सीमा ने भी उसी लगन से निकिता का सूट और सलवार उतार दिया। जैसे-जैसे कपड़े गिरते गए, वैसे-वैसे निकिता का खूबसूरत, मखमली बदन मेरे सामने प्रकट होता गया—हर curve में जैसे आग की एक लहर छुपी हो।
निकिता की त्वचा का रंग चांदनी की तरह उजला था, जैसे रेशम में कोई आग छुपी हो। उसकी चूचियाँ गुलाबी और सख्त थीं, मानो किसी गहरे गुलाब के फूल की कलियाँ हों, जो बस इंतजार कर रही हों किसी के छूने का। उसकी पतली कमर और घुमावदार कूल्हे एक मदहोश कर देने वाला दृश्य रच रहे थे। उसकी टांगें लम्बी और सुडौल थीं, जैसे किसी चित्रकार ने बेहद प्यार से उन्हें गढ़ा हो, और उसकी गुदाज चूत एक गुलाब की तरह खिला हुआ था, जो किसी के आगोश में आने को बेकरार था। निकिता के शरीर की हर एक curve ने मुझे सम्मोहित कर दिया था; मैं खुद पर काबू नहीं रख पा रहा था।
अब दोनों हसीनाएं नंगी होकर एक-दूसरे को किस कर रही थीं। सीमा की आवाज में हल्की कराहट थी, “उफ़्फ… निकिता, तुम कितनी सेक्सी हो।” उसने धीरे-धीरे निकिता की चूचियों को अपने हाथों में कसकर मसलना शुरू किया, और निकिता ने अपनी टांगें फैला दीं, सोफे पर आराम से बैठकर खुद को सीमा के हवाले कर दिया। “सीमा… मुझे तुम्हारी ज़रूरत है,” वह कराहते हुए बोली।
सीमा ने झुककर उसकी चूत के पास अपना चेहरा ले जाकर धीरे-धीरे उसे चूसना शुरू किया। निकिता की मुँह से “आह… हां… और तेज़ सीमा, और तेज़…” की सिसकारियाँ निकलने लगीं, और वह अपनी उंगलियों से सीमा के बालों को पकड़कर और गहराई तक ले जाने की कोशिश कर रही थी। सीमा की जीभ अब उसकी चूत पर रुक-रुक कर चल रही थी, और साथ ही वह अपने दोनों हाथों से उसकी चूचियों को मसल रही थी। “सीमा… आह… यही करो…,” निकिता की तेज़ होती हुई सांसों और कराहों ने माहौल को और गरम कर दिया था।
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यह नज़ारा देखकर मेरा लंड पूरी तरह खड़ा हो गया था। मैं खुद को रोकने में नाकाम महसूस कर रहा था, और मन ही मन ये सोच रहा था कि अब इन दोनों के बीच कब जाकर मैं इस खेल का हिस्सा बनूं।
कुछ देर तक दोनों का यह मस्त खेल चलता रहा। तभी मेरे मन में ख्याल आया, “क्यों न इसका एक वीडियो बना लिया जाए?” मैंने तुरंत अपना फोन निकाला और रिकॉर्डिंग चालू कर दी। अब निकिता ने सीमा को सोफे पर धकेल कर बैठा दिया, उसके दोनों पैर फैला दिए, और अपना चेहरा उसकी चूत के पास लाकर बोली, “सीमा, तेरी ये चूत आज मैंने फाड़नी है। बता, कैसे चुसवाना है तुझे?”
सीमा ने मुस्कुराते हुए कहा, “अरे कर न, मैं तो तड़प रही हूँ! जी-भरके चूस मेरी चूत। तेरी ये ज़ुबान न, पागल कर देती है मुझे।” निकिता ने बिना देरी किए अपनी जीभ उसकी चूत पर फेरना शुरू कर दिया, और सीमा हल्की-हल्की सिसकारियों में बोली, “हां… आह… और जोर से… और अंदर तक डाल अपनी ज़ुबान!”
करीब पाँच मिनट तक निकिता अपनी जीभ से सीमा की चूत का स्वाद लेती रही। सीमा का बदन थरथराने लगा, और आखिरकार वह निकिता के मुंह में ही झड़ गई। सांसें तेज़ लेते हुए उसने कहा, “तेरी जीभ में तो जादू है! पागल कर दिया तूने मुझे।”
थोड़ी देर बाद सीमा ने निकिता को उठाया, जो अभी तक घुटनों के बल बैठी हुई थी। उसने उसे अपने सामने खड़ा किया और फिर से उसके होंठों पर गहरा किस करते हुए बोली, “अब मैं तुझे तड़पाऊंगी। देख, कैसे तुझे मस्त कर देती हूँ।” उसने एक हाथ नीचे ले जाकर निकिता की चूत पर फेरना शुरू किया और बोली, “बोल न, कैसी चुदाई चाहिए तुझे?”
निकिता ने बेताबी से कहा, “अरे, तेरी उंगलियों का कमाल देखना चाहती हूँ! घुसा न, एक बार अंदर कर।”
सीमा ने मुस्कुराते हुए कहा, “तू कहे और मैं न करूं?” और धीरे-धीरे उसने अपनी दो उंगलियाँ निकिता की चूत में घुसा दीं। निकिता मचलते हुए बोली, “हां… हां… ऐसे ही कर! और जोर से… और तेज!”
अब मेरी उत्तेजना पूरी तरह से बढ़ चुकी थी। सीमा ने थोड़ी देर बाद निकिता को खींचते हुए बेडरूम में ले आई। वहां पहुँचकर उसने एक ब्लाइंडफोल्ड निकाल कर निकिता की आंखों पर बांधने लगी। निकिता ने चौंकते हुए पूछा, “ये क्या कर रही है, सीमा?”
सीमा हंसते हुए बोली, “इस खेल को और इंटरेस्टिंग बना रही हूँ। आज मैं तुझे हर तरह से चोदूंगी। तू सिर्फ महसूस कर। अगर मजा न आए, तो बोल देना!”
निकिता ने शरारत से कहा, “तेरे साथ होते हुए मजा क्यों नहीं आएगा, पागल! तू आज जो चाहे कर ले, मैं पूरी तरह से तेरे हवाले हूँ।” सीमा ने उसकी आँखों पर पट्टी बांध दी और फिर उसके नंगे बदन पर हल्की-हल्की उंगलियाँ फेरने लगी। दोनों की बातों और उनकी हरकतों ने पूरे माहौल को और गरम बना दिया था।
पट्टी बांधने के बाद, सीमा ने निकिता को धीरे से घोड़ी बनने के लिए कहा। मैं दबे पांव ऊपर से नीचे आ गया और अपने सारे कपड़े उतारकर नंगा हो गया। जैसे ही निकिता घोड़ी की मुद्रा में झुकी, सीमा ने उसके दोनों हाथ पीछे ले जाकर हल्की रस्सी से बांध दिए। रस्सी भले ही हल्की थी, लेकिन गांठ इतनी मजबूत थी कि निकिता हिल भी नहीं सकती थी। उसकी आंखों पर पट्टी बंधी हुई थी, और उसके चेहरे पर हल्की सी हैरानी झलक रही थी, जैसे उसे समझ नहीं आ रहा हो कि उसके साथ क्या होने वाला है।
मैं धीरे-धीरे उसके पीछे जाकर खड़ा हो गया, जहां से मुझे उसका पूरा नज़ारा दिखाई दे रहा था। सीमा ने उसकी चूत को हल्के से फैलाया और मुझे इशारा दिया। जैसे ही उसकी चूत खुली, मैंने बिना वक्त गवाएं अपना लंड वहां लगा दिया। इससे पहले कि निकिता को कुछ समझ आता, मैंने एक जोरदार धक्का मारा और अपना पूरा लंड उसकी चूत में जड़ तक उतार दिया। निकिता झटके से चीख पड़ी, लेकिन उसके हाथ बंधे हुए थे, और वह कुछ नहीं कर सकी।
मैंने उसकी कमर को कसकर पकड़ लिया और उसके कान के पास जाकर धीरे से फुसफुसाया, “तुम्हारी ये टाइट चूत और ये कसमसाता बदन… मुझे पागल कर रहा है। पूरी रात तुम्हें ऐसे ही पेलता रहूँगा।”
मेरे ये शब्द सुनते ही वह कांप गई। अब मैं तेज-तेज धक्के मारता जा रहा था, और वह अपने हाथ छुड़ाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उसकी कोशिशें बेकार थीं। कुछ ही समय में उसकी हिचकिचाहट खत्म हो गई, और वह खुद अपनी गांड पीछे कर मेरे लंड को और गहराई तक लेने लगी। उसकी सिसकारियों और सांसों की गर्माहट से मेरा जोश और बढ़ गया, और मैंने उसकी चूत को और तेजी से ठोकना शुरू कर दिया।
थोड़ी देर तक उसे घोड़ी बनाकर पेलने के बाद, मैंने उसे गोद में उठा लिया। उसने अपनी दोनों टांगें मेरी कमर के चारों ओर लपेट लीं, लेकिन उसके हाथ अभी भी पीछे बंधे हुए थे। उसे सहारा देने के लिए सीमा पीछे से उसे थामे हुए थी। मैंने निकिता की चूत में फिर से अपना लंड डालकर जोर-जोर से धक्के मारने शुरू कर दिए। निकिता अपनी बंद आँखों से सिसकारियाँ लेते हुए सीमा की चूचियों को चूसने लगी, और मैं उसकी चूत को लगातार पेलता जा रहा था। कुछ ही देर में उसका पूरा शरीर अकड़ गया, और वह जोर से झड़ गई।
झड़ने के बाद मैंने उसे नीचे उतारा और उसके मुंह में अपना लंड दे दिया। उसने बिना कुछ कहे प्यार से उसे चूसना शुरू कर दिया, और उसे गले तक ले जाने लगी, जैसे मेरी पत्नी सीमा करती है। करीब पाँच मिनट तक उसने मेरे लंड को गहराई तक चूसा, और मैं महसूस कर रहा था कि अब उसका हाथ खोल देना चाहिए।
मैंने धीरे से उसकी रस्सी खोली, और जैसे ही उसके हाथ खुले, उसने तुरंत अपनी आंखों की पट्टी हटा दी। मुझे देखते ही मुस्कुराते हुए बोली, “मुझे पता था कि आप मुझे एक दिन पेलेंगे जरूर।”
मैं और सीमा हंसने लगे, और निकिता भी मुस्कुराते हुए हंस पड़ी। वह बोली, “मुझे पहले से ही अंदाजा था कि आज मेरी चुदाई होने वाली है। मुझे पता था कि सीमा एक मस्त-मौजी औरत है, और आपने उसे नए लंड से चुदाई की पूरी छूट दे रखी है। लेकिन सीमा ने अच्छी एक्टिंग की थी। गैंगबैंग के समय, वह जोश में कुछ ऐसा बोल गई जिससे मुझे सब समझ में आ गया। चुदाई के दौरान उसने जोर से कहा, ‘मुझे मेरे पति ने चुदाई की पूरी छूट दे रखी है। मैं चाहूं तो जितने भी लंड चाहूं, ले सकती हूं। जो मुझे अच्छा चोड़ेगा, उसे मैं बाद में फिर से बुलाऊंगी।’ गैंगबैंग में ज्यादातर लोगों ने उसकी यह बात शायद नहीं सुनी, लेकिन मैंने ध्यान से सुन लिया था।”
अब मैंने निकिता को बेड पर लिटा दिया और मिशनरी पोजीशन में ऊपर से उसे चोदने लगा। चोदते-चोदते मैं उसके होंठों पर गहरे किस कर रहा था, और लगातार तेज़-तेज़ धक्के मारता जा रहा था। तभी मेरी पत्नी सीमा बाथरूम से निकली और लंड वाला बेल्ट पहनकर वापस आ गई—वही बेल्ट, जैसा मैंने पायल की भाभी की चुदाई में इस्तेमाल किया था। वैसा ही रंग का बेल्ट मैंने सीमा के लिए भी लिया था, क्योंकि मैं चाहता था कि वह भी निकिता की चुदाई करे। मैंने किसी और मर्द को बुलाने के बजाय यही सोचा कि नकली लंड वाले बेल्ट से सीमा भी निकिता को पूरा मजा देगी।
अब मैंने निकिता को अपनी गोद में उठा लिया। इस बार निकिता ने अपने दोनों हाथ मेरे कंधों पर डाल दिए और मुझसे लिपट गई, जबकि अपनी दोनों टांगों को मेरी कमर में फंसा लिया। मैंने अपना लंड उसकी चूत पर सेट किया और जोर से धक्के मारने लगा। तभी सीमा पीछे से आई और अपना नकली लंड निकिता की गांड पर सेट किया। जैसे ही उसने एक जोर का धक्का मारा, नकली लंड का आधा हिस्सा—लगभग पाँच इंच—निकिता की गांड में घुस गया। निकिता हल्के से कराह उठी। फिर सीमा ने एक और जोरदार धक्का दिया और पूरा लंड उसकी गांड में उतार दिया।
अब दोनों लंड एक साथ निकिता की चुदाई कर रहे थे, और निकिता की सिसकारियां और कराहें पूरे कमरे में गूंज रही थीं।
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सीमा बड़ी बेरहमी से निकिता की गांड मार रही थी। बीच-बीच में वह उसकी गांड पर चाटे मारती और पूछती, “क्यों रे, रंडी, मजा आ रहा है तुझे?” निकिता हंसते हुए जवाब देती, “हां, बहुत मजा आ रहा है, और जोर से दो मुझे!” अब आगे और पीछे दोनों तरफ से जोर के धक्के लग रहे थे। करीब दो मिनट ऐसे ही चलता रहा, और फिर निकिता का पूरा शरीर कांपने लगा। उसकी चूत से एक तेज़ धार निकली, जैसे उसने जोर से मूत दिया हो, लेकिन असल में उसने स्क्वर्ट किया था। उसकी चूत से इतना पानी निकला था कि पूरे बिस्तर पर फैल गया।
झड़ने के बाद वह थकी हुई और सुस्त सी हो गई। मैंने उसे गोद से उतारकर बेड पर लिटा दिया, और तभी सीमा ने अपना मुंह उसकी चूत पर लगाकर उसे चाटना शुरू कर दिया। मैं बारी-बारी से उसकी चूचियों को चूसने और किस करने लगा। हम उसे अगले राउंड के लिए तैयार कर रहे थे। मैं निकिता के निपल्स को धीरे-धीरे मसल रहा था, कभी हल्के से चुटकी में लेकर रगड़ता। इससे उसे बेहद मजा आ रहा था, और उसकी आँखों में मस्ती साफ झलक रही थी। धीरे-धीरे उसकी थकान दूर हो रही थी, और वह अगले राउंड के लिए तैयार लगने लगी।
इस बार हमने सोचा कि कुछ नया करते हैं। सीमा नीचे लेट गई और अपना नकली लंड सीधा खड़ा किया। उसने कहा, “आजा, रंडी, मेरे लंड पर बैठ जा।” बिना देर किए, निकिता सीमा के नकली लंड पर बैठ गई और उसे अपनी चूत में पूरा अंदर तक उतार लिया। वह तेजी से उछलने लगी, और सीमा भी जोश में नीचे से धक्के मारने लगी। तभी मैं पीछे से आया और निकिता की गांड को हल्का सा फैलाकर उसमें अपना लंड सेट किया और एक जोरदार धक्का मारा। पूरा लंड उसकी गांड में गहराई तक घुस गया। अब मैं धीरे-धीरे उसकी गांड की चुदाई कर रहा था, जबकि वह उछल कर सीमा के नकली लंड की सवारी कर रही थी।
अब निकिता बेहद मजे से चुद रही थी, और हमें भी उसकी चुदाई में खूब मजा आ रहा था। मैंने धीरे से अपना लंड उसकी गांड से निकाला और उसे चूत में सेट करने लगा। हालांकि उसकी चूत में पहले से सीमा का नकली लंड था, मैंने धीरे-धीरे अपना लंड भी उसकी चूत में फिट कर दिया। अब दो-दो लंड एक साथ निकिता की चूत में अंदर-बाहर हो रहे थे, और वह पूरी तरह इस दोहरी चुदाई के मजे में डूबी हुई थी।
करीब 10 मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद, मैं झड़ने के करीब पहुंच गया। मैंने निकिता को उठाया और उसे बेड के नीचे घुटनों के बल बिठा दिया ताकि वो मेरे सामने हो। अब मैं उसके मुंह पर मुथ मारने लगा और उसे अपना वीर्य पिलाने की ख्वाहिश जाग उठी। करीब 2 मिनट तक मुथ मारने के बाद, मेरा गाढ़ा सफेद वीर्य निकलने लगा, जो धीरे-धीरे निकिता के चेहरे पर टपकने लगा। निकिता ने अपनी जीभ निकालकर मेरे वीर्य को अपने मुंह में समेटने की कोशिश की।
जब मैं पूरी तरह से झड़ गया, तो निकिता ने अपनी उंगलियों से चेहरे पर लगे वीर्य को इकट्ठा कर-करके चाटना शुरू कर दिया। उसे इस तरह अपने चेहरे पर लगा वीर्य चाटते हुए देखकर मेरी उत्तेजना और बढ़ गई, और मुझे बेहद मजा आया।
उसके बाद हम तीनों फ्रेश हुए और हल्का दोपहर का खाना खाया। फिर दो राउंड और जबरदस्त चुदाई हुई। मैंने यह निर्णय लिया कि निकिता की चुदाई अब ऐसे ही चलती रहेगी। यह चुदाई वाकई मजेदार थी, और भविष्य में मैं जरूर अन्य ठरकी अध्यापकों के साथ मिलकर निकिता के लिए एक धमाकेदार गैंगबैंग का इंतजाम करूंगा, क्योंकि उसने मेरी पत्नी को गैंगबैंग का मजा दिया था। अब मैं चाहता हूँ कि निकिता को भी एक सही मायनों में बढ़िया गैंगबैंग का सुख मिले।
तो दोस्तों, यह थी निकिता की चुदाई की कहानी।
यह कोई बदले की कहानी नहीं थी। मैं बस इतना चाहता था कि निकिता ने जो सुख मेरी पत्नी को हॉस्टल में ले जाकर दिया, वही सुख मैं भी निकिता को दे सकूं। मैंने अपनी पूरी कोशिश की, और निकिता भी इससे बेहद खुश थी। हम तीनों ने मिलकर यह प्रॉमिस किया कि हम ऐसे ही मिलते रहेंगे और चुदाई का यह खेल जारी रखेंगे।
निकिता जाते-जाते मुझे एक जबरदस्त ब्लोजॉब देने लगी। उसने मेरे लंड को अपने होंठों से कसकर पकड़ लिया, उसकी गर्म सांसें और गीले होंठ मुझे पूरी तरह उत्तेजित कर रहे थे। धीरे-धीरे उसने मेरे लंड को गहराई तक अपने मुंह में लिया और अपनी जीभ से चारों ओर चाटने लगी। हर बार जब उसकी जीभ मेरे लंड को छू रही थी, मेरी उत्तेजना और बढ़ रही थी। बीच-बीच में उसने अपने हाथों से मेरे लंड को पकड़कर ऊपर-नीचे करना जारी रखा, और फिर उसने धीरे-धीरे अपने होंठ मेरे बॉल्स तक ले जाकर हल्के से उन्हें चूसना शुरू कर दिया। उसने मेरे बॉल्स को अपने मुंह में भरते हुए अपनी जीभ से चाटना शुरू किया, और उसकी इस मादक हरकत पर मैं खुद को और संभाल नहीं पा रहा था।
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फिर उसने अपनी जीभ को मेरे बॉल्स से नीचे की ओर बढ़ाते हुए मेरी जांघों और गुदा के आसपास चाटना शुरू किया। उसने मुझे बिस्तर पर थोड़ा झुकाया और मेरी टांगों को फैला दिया ताकि वह पूरी तरह मेरी चूतड़ तक पहुँच सके। उसकी जीभ धीरे-धीरे मेरी गुदा के पास पहुंची और उसने वहां हल्का सा चाटा। जैसे ही उसकी जीभ ने मेरी गुदा को छुआ, एक तीव्र उत्तेजना की लहर पूरे शरीर में दौड़ गई। उसने धीरे-धीरे वहां अपनी जीभ घुमानी शुरू की, कभी हल्के से तो कभी दबाव के साथ चाटते हुए, और मैं पूरी तरह से उसकी पकड़ में था। उसकी जीभ मेरे चूतड़ों और गुदा के आसपास खेल रही थी, और हर पल मेरी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी।
इस रिम जॉब के बाद उसने फिर से मेरे लंड को अपने होंठों में लिया और पूरे जोश के साथ उसे चूसने लगी। मैंने खुद को रोकने की कोशिश की, लेकिन उसकी मादक अदाएं और जीभ का स्पर्श इतने गहरे थे कि मैं खुद को संभाल नहीं पाया। आखिरकार, मैं झड़ते हुए अपना सारा वीर्य उसके मुंह में छोड़ दिया, और उसने सब कुछ अपने अंदर समेट लिया, एक बूंद भी बाहर नहीं गिरने दी। फिर उसने मेरे लंड को जीभ से चाटते हुए पूरी तरह साफ कर दिया।
जब निकिता चली गई, तो मैंने अपना फोन चेक किया और देखा कि फेसबुक पर एक मैसेज आया था। यह पायल का था, जिसने एक वीडियो भेजी थी जिसमें वह अपनी उंगलियों अपनी गुलाबी चुत का पानी निकाल रही थी, और उसमें लिखा था, “मिसिंग यू सर।”
तो दोस्तों, अगली कहानी में मिलते हैं!
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Agli kahani kab ayegi
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