website banner-not ads-just-self-branding

मेरे मंगेतर ने मुझे शादी से पहले ही चोदा और प्रेग्नेंट भी कर दिया

5
(1980)

हाय दोस्तों, मेरा नाम महक तिवारी है और मैं सुल्तानपुर की रहने वाली हूँ। मेरी उम्र अब 20 साल की है और मेरा कद 5.5 फीट है। मैं हमेशा से ही सेक्सी कहानियों की दीवानी रही हूँ। कोई ऐसी रात नहीं होती जब मैं इन्हें न पढ़ूँ। कहानियाँ पढ़ते-पढ़ते मेरे मन में एक ख्वाहिश थी कि मैं भी अपनी कहानी लिखूँ जो सबके सामने आए। आज मैं आप सभी को अपनी कहानी सुनाने जा रही हूँ। मुझे पूरा यकीन है कि आप सभी को मेरी कहानी बहुत पसंद आएगी। मेरी कहानी तो बहुत पहले से शुरू हो चुकी थी, बस कुछ नया होने की देरी थी। मैं आपको बता दूँ कि मैं दिखने में बहुत स्मार्ट और सेक्सी हूँ। जो भी मुझे एक बार देखता है, वो बस देखता ही रह जाता है। मेरी एक आदत है कि जब मैं किसी को पसंद कर लेती हूँ, तो उसे पाए बिना मुझे चैन नहीं मिलता।

बात तब की है जब मैं 18 साल की थी और कॉलेज में पढ़ रही थी। उस वक्त एक लड़का था जिसे मैं बहुत चाहती थी, लेकिन वो किसी और लड़की को पसंद करता था। मैंने उनके बीच ब्रेकअप करवाकर उससे अपनी सेटिंग कर ली। जब मेरी उससे सेटिंग हो गई, तो कुछ दिन तक सब ठीक चला। एक दिन मैं बहुत मूड में थी और मेरे घर पर कोई नहीं था। मैंने उसे अपने घर बुला लिया। उस रात उसने मेरी जमकर चुदाई की और मेरी चूत को पूरी तरह रगड़ दिया। वो मेरी पहली चुदाई थी। दर्द तो बहुत हुआ, लेकिन मज़ा उससे कहीं ज़्यादा आया। “आह्ह… ऊह्ह… धीरे करो ना!” मैं सिसक रही थी, पर वो रुका नहीं। उसने मेरे होंठों को चूमा, मेरी चूचियों को दबाया और फिर मेरी चूत में अपना लंड डालकर मुझे चोदता रहा। “उफ्फ… कितना मोटा है तेरा!” मैंने जोश में कहा, और वो हँसते हुए और तेज़ धक्के मारने लगा। उसके बाद मैंने उससे कई बार चुदवाया। धीरे-धीरे मैं और बड़ी हुई, मेरी पढ़ाई पूरी हो गई।

पढ़ाई पूरी होने के बाद मुझे घर से बाहर निकलने का मौका ही नहीं मिलता था। मेरा मन चुदाई के लिए तड़पने लगा। जब भी मूड होता, मैं अपने कमरे में चली जाती और किसी मोटी चीज़, जैसे खीरे या गाजर, को अपनी चूत में डालकर खुद को शांत करती। “हाय… ये तो लंड जैसा लग रहा है!” मैं सोचती और तेज़ी से अपनी चूत में वो चीज़ अंदर-बाहर करती। जब मैं बहुत जोश में होती, तो मेरी चूत से पानी निकलने लगता। “आह्ह… उफ्फ… कितना मज़ा आ रहा है!” पानी निकलते ही मुझे ऐसा सुकून मिलता जैसे मेरी चूत को कोई चोद रहा हो।

कुछ महीने पहले की बात है, मेरी जवानी को देखकर मेरे घरवाले मेरे लिए लड़का ढूँढने लगे। जल्द ही उन्हें एक लड़का मिल गया। एक दिन वो लड़का अपने घरवालों के साथ मुझे देखने आया। मम्मी-पापा के साथ बैठकर उन्होंने बातें की। फिर पापा ने मुझे बुलाया। मैं चाय लेकर आई और उस लड़के को एक नज़र देखा। उसने भी मुझे देखा। वो बहुत स्मार्ट था, उसकी बॉडी जिम वाली टाइट थी, और उसकी शर्ट के ऊपर से ही उसकी मसल्स दिख रहे थे। “हाय राम, ये तो पूरा माल है!” मैंने मन में सोचा। मैं वहीं बैठ गई। कुछ देर बाद बाकी लोग बाहर चले गए, और मैं उसके साथ अकेली रह गई। उसने मुझसे पूछा, “तुम्हारा नाम क्या है?” मैंने कहा, “महक, और आपका?” उसने बताया, “कुलदीप।” फिर मैंने हिम्मत करके पूछा, “क्या मैं आपको पसंद आई?” उसने मुस्कुराते हुए कहा, “तुम्हें कोई एक बार देख ले, तो मना कैसे कर सकता है? मैं तो बिल्कुल नहीं कर सकता!” उसने मुझे अपना नंबर दिया और बोला, “हमारी शादी पक्की है। फोन पर बात कर लिया करो।” मैं खुश हो गई, और मेरे घरवाले भी।

इसे भी पढ़ें:  पड़ोसन आंटी ने मुठ मारते पकड़ लिया मैंने उनकी चुदाई कर डाली

मैंने उससे बातें शुरू कर दीं। चूँकि शादी पक्की हो चुकी थी, मुझे कोई डर नहीं था। शुरू में तो नॉर्मल बातें होती थीं, लेकिन कुछ दिन बाद मैं उससे गंदी-गंदी बातें करने लगी। “कुलदीप, तेरा लंड कितना बड़ा है?” मैंने एक रात फोन पर पूछा। वो हँसते हुए बोला, “तू देख लेगी, तो पागल हो जाएगी!” हम फोन सेक्स करने लगे। कई बार तो उससे बात करते-करते मेरी चूत से अपने आप पानी निकलने लगता। “उफ्फ… कुलदीप, तू कितना गंदा बोलता है!” मैं सिसकते हुए कहती, और वो दूसरी तरफ मुठ मारने लगता। “महक, तेरी चूत को तो मैं चाट-चाटकर सुखा दूँगा!” वो जोश में बोलता।

एक दिन मैं बाज़ार जाने के बहाने कुलदीप से मिलने चली गई। उसने मेरे लिए ढेर सारा सामान खरीदा और मेरी पसंद के रंग की ब्रा और पैंटी भी ली। “ये पहन, तू इसमें बहुत हॉट लगेगी,” उसने कहा। मैंने हँसते हुए ब्रा-पैंटी ले ली और बोली, “कुछ अच्छा नहीं ला सकते थे?” उसने धीरे से पूछा, “क्या हम शादी से पहले कुछ कर सकते हैं?” मैंने पहले तो मना किया, “नहीं, शादी के बाद सबकुछ।” लेकिन मेरा मन भी तो चुदाई के लिए तड़प रहा था। उसने फिर कहा, “मेरा बहुत मन कर रहा है, महक।” मैंने हँसते हुए कहा, “ठीक है, लेकिन कहाँ?” उसने बताया, “मेरे दोस्त का रूम है, वहाँ चल सकते हैं।” मेरा भी चुदने का मन था, मैंने हामी भर दी।

हम उसके दोस्त के रूम पर पहुँचे। उसने अपने दोस्त को बाहर भेज दिया और दरवाज़ा बंद कर लिया। “चल, एक राउंड हो जाए,” उसने जोश में कहा। वो मुझ पर टूट पड़ा। उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और मेरे होंठों को चूमने लगा। “उफ्फ… कुलदीप, तू कितना गरम है!” मैंने सिसकते हुए कहा। वो मेरे पूरे चेहरे पर चुम्मियाँ बरसाने लगा। मेरे अंदर की आग भी भड़कने लगी। मैंने भी उसे कसकर पकड़ा और उसके होंठों को चूसने लगी। “आह्ह… तेरे होंठ कितने रसीले हैं!” मैंने जोश में कहा और उसके निचले होंठ को दाँतों से काटने लगी। वो मेरे टॉप के अंदर हाथ डालने लगा, मेरी पीठ को सहलाते हुए मेरी चूचियों तक पहुँचा। “हाय… कितनी मुलायम हैं तेरी चूचियाँ!” उसने कहा और उन्हें ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा। मैं भी उसकी पीठ सहलाते हुए उसके होंठों को पी रही थी। वो मेरे होंठों को काटने लगा, और मैं “आह्ह… ऊह्ह…” करके सिसकने लगी।

इसे भी पढ़ें:  बड़े लड़के से मेरी गांड की चुदाई कहानी

हम दोनों जोश में डूब गए थे। वो मेरी मुलायम और गोरी चूचियों को दबाने लगा। “उफ्फ… कुलदीप, धीरे कर ना!” मैंने कहा, लेकिन वो रुका नहीं। करीब 20 मिनट तक मेरे होंठों को चूसने के बाद वो मेरे गले को चूमने लगा, फिर मेरे कान को काटने लगा। “आह्ह… तू तो पागल कर देगा!” मैं सिसक रही थी। वो धीरे-धीरे मेरी चूचियों की तरफ बढ़ा और मेरे टॉप को उतार दिया। फिर उसने मेरी जीन्स भी निकाल दी। उसने अपने कपड़े भी उतार दिए और मेरी ब्रा को पकड़कर मेरी चूचियों को मसलने लगा। “हाय… कितनी गोरी हैं ये!” वो बोला और मेरी ब्रा उतार दी। मेरी गोरी चूचियों को देखकर वो पागल हो गया। उसने मेरे मम्मों को दबाना शुरू किया और फिर उन्हें अपने मुँह में ले लिया। “आह्ह… कुलदीप, तू तो मेरे मम्मों को खा जाएगा!” मैं जोश में चीख रही थी। वो मेरे निप्पल्स को चूसने लगा, कभी दबाता, कभी खींचता। “उफ्फ… आह्ह… ईईई… मम्मी!” मैं सिसक रही थी, लेकिन मज़ा इतना आ रहा था कि मैं रुकना नहीं चाहती थी।

वो मेरी चूचियों को इतने जोश में पी रहा था कि कभी-कभी उसके दाँत मेरी चूचियों में लग जाते। “आह्ह… धीरे ना, कुलदीप!” मैंने कहा, लेकिन वो और तेज़ हो गया। बहुत देर तक मेरी चूचियों को चूसने के बाद उसने मेरे पूरे शरीर पर हाथ फेरना शुरू किया। फिर उसका हाथ मेरी चूत पर आया। उसने मेरी पैंटी के ऊपर से मेरी चूत को सहलाना शुरू किया। “उफ्फ… कितनी गीली है तेरी चूत!” उसने कहा और मेरी पैंटी उतार दी। उसने मेरी चूत को सहलाना शुरू किया, और मैं मचलने लगी। “आह्ह… कुलदीप, तू क्या कर रहा है!” मैंने सिसकते हुए कहा। उसने अपनी उंगलियाँ मेरी चूत में डाल दीं। “उफ्फ… हाय… कितना मज़ा आ रहा है!” मैं चीख रही थी। वो मेरी चूत में उंगलियाँ तेज़ी से अंदर-बाहर करने लगा। “आह्ह… ऊह्ह… ओह्ह… उफ्फ!” मैं सिसक रही थी। फिर उसने अपनी जीभ से मेरी चूत को चाटना शुरू किया। “हाय माँ… ये क्या कर रहा है तू!” मैं तड़प रही थी। वो मेरी चूत को चाटता और उंगलियाँ डालता रहा। “उनहूँ… उनहूँ… आह्ह… उफ्फ!” मेरी चूत से पानी निकलने लगा। उसने उंगलियों की रफ्तार और तेज़ कर दी, और मेरी चूत से पानी की धार निकलने लगी। “हाय… कुलदीप, तूने तो मेरी चूत सुखा दी!” मैंने जोश में कहा।

पानी निकलने के बाद उसने अपना लंड बाहर निकाला। उसका लंड इतना बड़ा था कि मैं डर गई। “हाय राम, ये तो मेरी चूत फाड़ देगा!” मैंने सोचा। उसने अपना लंड मेरे हाथ में दे दिया। “चूस इसे, महक!” उसने कहा। मैंने उसके लंड को पकड़ा और चूसना शुरू किया। “उफ्फ… कितना मोटा है!” मैंने कहा और उसे काट-काटकर चूसने लगी। वो जोश में तड़प रहा था। “हाय… महक, तू तो मेरे लंड को खा जाएगी!” वो सिसक रहा था। बहुत देर तक उसके लंड को चूसने के बाद उसने उसे मेरे मुँह से निकाला और मेरी चूत पर रगड़ने लगा। “आह्ह… कितना गर्म है तेरा लंड!” मैंने कहा। फिर उसने ज़ोर से धक्का मारा और अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया। “आह्ह… मम्मी!” मैं चीख पड़ी। दर्द बहुत हुआ, लेकिन मज़ा भी आ रहा था। वो धीरे-धीरे धक्के मारने लगा। “उफ्फ… कितनी टाइट है तेरी चूत!” उसने कहा और रफ्तार बढ़ा दी। “आह्ह… ऊह्ह… हाय… धीरे कर ना!” मैं सिसक रही थी, लेकिन वो और तेज़ हो गया। “चल, ले मेरा लंड, महक!” वो जोश में बोल रहा था।

इसे भी पढ़ें:  Mast Chut Ko Chacha Ne Bharata Banaya: Chacha Bhatiji Sex Kahani

उसके मोटे लंड से मेरी चूत में रगड़ हो रही थी। “आह्ह… उफ्फ… मम्मी… सी सी सी… हाय!” मैं चीख रही थी। कुछ देर बाद मेरी चूत गीली हो गई, और उसका लंड आसानी से अंदर-बाहर होने लगा। “हाय… कितना मज़ा आ रहा है!” मैंने कहा। वो और जोश में आ गया। फिर उसने मुझे अपनी गोद में उठा लिया और अपने लंड को मेरी चूत में डालकर मुझे चोदने लगा। “आह्ह… कुलदीप, तू तो मेरी चूत फाड़ देगा!” मैं चीख रही थी। वो इतनी तेज़ी से मुझे चोद रहा था कि ऐसा लग रहा था जैसे कोई मशीन चल रही हो। “ले, महक, और ले मेरा लंड!” वो चिल्लाया। कुछ देर बाद उसने मेरी चूत में ही झड़ दिया। उसे लगा कि उसने लंड बाहर निकाल लिया, लेकिन उसका माल मेरी चूत में ही गिर गया। “हाय… तूने तो मेरी चूत भर दी!” मैंने जोश में कहा।

उस दिन चुदाई के बाद मैं घर आ गई। लेकिन कुछ दिन बाद पता चला कि मैं प्रेग्नेंट हूँ। मैंने कुलदीप को बताया। उसने कहा, “अबॉर्शन करवा लो।” लेकिन मैं अपने बच्चे का अबॉर्शन नहीं करवाना चाहती थी। मैंने मना कर दिया। फिर मैंने पूरी बात अपने और उसके घरवालों को बताई। घरवालों ने मिलकर हमारी शादी जल्दी करवा दी।

आपको मेरी कहानी(shadi se pehle chudai, pregnant, Hinglish sex story, gandi baatein) कैसी लगी? क्या आपने भी कभी शादी से पहले ऐसी चुदाई का मज़ा लिया है? नीचे कमेंट में अपनी राय ज़रूर बताएँ!

Related Posts

आपको यह कहानी कैसी लगी?

स्टार्स को क्लिक करके आप वोट कर सकते है।

Average rating 5 / 5. Vote count: 1980

अभी तक कोई वोट नहीं मिला, आप पहला वोट करें

We are sorry that this post was not useful for you!

Let us improve this post!

Tell us how we can improve this post?

Leave a Comment