Bhabhi sex story – Neighbor bhabhi fucked sex story – Hot bhabhi blowjob sex story: हैलो दोस्तों, मेरा नाम राकेश है, मैं 38 साल का हूं, ये बात आज से 12 साल पहले की है, जब मैं 26 साल का था, मैं हिमाचल प्रदेश का रहने वाला हूं। उस समय हम लोग अपने नए घर में शिफ्ट हुए थे, नवंबर-दिसंबर का ठंडा महीना था, जिस एरिया में हमारा घर था वो ज्यादा अच्छा नहीं था, इसलिए मैं वहां के लोगों से ज्यादा बातचीत नहीं करता था। मेरे घर से एक मकान छोड़कर दूसरे मकान में एक फैमिली रहती थी, पति-पत्नी और उनका एक बेटा, बेटा पीयूष 7-8 साल का था, पति की बुक शॉप थी, मैं उन्हें भैया कहता था, उनकी पत्नी का नाम गायत्री था, उनकी उम्र करीब 32 साल की होगी, वो बहुत खूबसूरत थीं, स्लिम बॉडी, गोरा रंग, लंबे बाल, सब कुछ परफेक्ट।
हमारे घर पर उनका आना-जाना था, इसलिए मैं उनसे अक्सर बातें करता रहता था, वो भी मुस्कुराकर जवाब देती थीं। एक दिन गायत्री भाभी ने मुझसे कहा, राकेश तुम मेरे बेटे पीयूष को कोचिंग पढ़ा दोगे, उसके एग्जाम आने वाले हैं, अगर तुम एक महीने पहले से पढ़ा दो तो वो अच्छे नंबरों से पास हो जाएगा। मैंने कहा ठीक है भाभी, मैं पीयूष को पढ़ा दिया करूंगा, लेकिन दिन में तो मैं ऑफिस चला जाता हूं, शाम को ही पढ़ा पाऊंगा। भाभी ने कहा कोई बात नहीं, शाम को ही ठीक है। सच में भाभी इतनी सेक्सी और खूबसूरत थीं कि क्या बताऊं, लेकिन मैंने उन्हें कभी गलत नजर से नहीं देखा था।
अगले दिन से मैं शाम को 7-8 बजे पीयूष को पढ़ाने जाने लगा, जब मैं पढ़ाता तो भाभी भी वहीं बैठी रहतीं और मुझसे बातें करतीं, कभी चाय लातीं, कभी कुछ पूछतीं। एक बार उन्होंने मुझसे पूछा, राकेश तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं। मैं घबरा गया कि भाभी अचानक ये क्या पूछ रही हैं, इससे पहले कभी ऐसी बात नहीं हुई थी, मैंने इनकार में सिर हिला दिया। वो हंसकर बोलीं, तुम तो लड़कियों की तरह शर्मा रहे हो। मैंने कहा नहीं भाभी ऐसी कोई बात नहीं, सच में कोई गर्लफ्रेंड नहीं है। उस दिन बात यहीं खत्म हो गई।
फिर एक दिन मैं पीयूष को पढ़ा रहा था, तभी भाभी ने अंदर से आवाज दी, राकेश जरा अंदर आओ। मैंने पीयूष को किताब पकड़ाई और अंदर चला गया, भाभी ने कहा गैस का रेगुलेटर नहीं बदल रहा, तुम बदल दो। मैं आगे बढ़ा, भाभी गैस सिलेंडर के पास ही खड़ी थीं, रेगुलेटर बदलते समय मेरा हाथ गलती से उनकी गांड से टच हो गया, भाभी ने कुछ नहीं कहा, बल्कि मुस्कुराईं। उनके हाथ बार-बार मेरे हाथ से टकरा रहे थे, उनका हाथ बहुत सॉफ्ट और गर्म था, किसी तरह रेगुलेटर बदल दिया और मैं वापस पढ़ाने चला गया।
अगले दिन फिर भाभी ने अंदर बुलाया, कहा कल भैया कुछ बुक्स लेकर आए थे, तुम्हें पढ़नी हों तो यहां रखी हैं, ले लो। मैंने बुक्स लीं और चला गया, उन बुक्स में हॉट पिक्चर्स और सेक्सी स्टोरीज थीं, मैंने सब पढ़ डाला, मन में कुछ-कुछ होने लगा। पूरी पढ़ने के बाद सोचा वापस रख दूं, दोपहर के 2 बजे उनके घर चला गया। घर में घुसा तो देखा भाभी सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज में थीं, ब्लाउज के दो बटन खुले थे, उनकी गुलाबी चूचियां साफ दिख रही थीं, ब्रा नहीं पहनी थी, मेरे लंड में तुरंत करंट दौड़ गया। भाभी ने मुझे देख लिया था लेकिन ऐसे बर्ताव किया जैसे नहीं देखा, फिर अचानक मुड़कर बोलीं, अरे राकेश तुम कब आए, मैंने तो देखा ही नहीं, आओ अंदर आ जाओ।
मैं अंदर बैठ गया, वो मेरे पास आईं और बोलीं, एक बात बताओ तुमने कभी किसी लड़की या औरत को नंगा देखा है। मैंने कहा नहीं भाभी आज तक नहीं देखा। वो मेरे बगल में बैठ गईं, बातें करते समय मैं बार-बार उनकी चूचियों की तरफ देख रहा था, भाभी ने नोटिस कर लिया। फिर बोलीं, अगर देखना है तो मुझसे कहो, मैं तुम्हें ऐसे ही दिखा दूंगी। मैं घबरा गया कि भाभी ये क्या बोल रही हैं, फिर उन्होंने मेरे चेहरे पर हाथ रखा और बोलीं, कभी किसी के साथ कुछ किया है या नहीं। मैं चुप रहा, भाभी अपना हाथ मेरे चेहरे और सीने पर फेरने लगीं। मैंने कहा भाभी मैं आपको किस करना चाहता हूं और उनके चेहरे को खींचकर उनके रसीले होंठों पर किस करने लगा, भाभी भी मेरे होंठ चूसने लगीं, हम दोनों 2 मिनट तक गहरा किस करते रहे, जीभें आपस में खेल रही थीं।
फिर भाभी बोलीं, तुम तो कह रहे थे कुछ किया नहीं लेकिन किस में तो एक्सपर्ट लगते हो। मैंने कुछ नहीं कहा और उनके ब्लाउज का एक और बटन खोलकर चूचियां दबाने लगा, भाभी को अच्छा लग रहा था, वो सिसकार रही थीं, आह्ह राकेश हल्के से। मैंने पूरा ब्लाउज खोल दिया, भाभी बोलीं, तुम तो बहुत तेज हो, पहले किस फिर बूब्स दबाने लगे। मैंने कहा भाभी आप बहुत खूबसूरत हो, मैं आपको चोदना चाहता हूं। भाभी बोलीं, इसलिए तो वो बुक्स दी थीं कि तुम कुछ समझो, मैं बिना कुछ कहे उनकी एक चूची मुंह में लेकर चूसने लगा, दूसरी को हाथ से मसलने लगा, भाभी मस्ती में आ गईं, ऊउह्ह आह्ह ह्ह्हीईई राकेश जोर से चूसो, बहुत अच्छा लग रहा है, चूसते रहो आह्ह्ह्ह ओह्ह।
मैं पूरी स्पीड से चूचियां चूस रहा था, निप्पल्स को दांतों से हल्का काट रहा था, भाभी की सांसें तेज हो गईं, मैंने हाथ पेटीकोट के अंदर डाला, जांघें सहलाने लगा, फिर चूत पर हाथ फेरा, भाभी की चूत पहले से ही गीली थी, वो आह्ह इह्ह ओह्ह ऊउइ ऊईई कर रही थीं। भाभी बोलीं, राकेश तुम तो बहुत एक्सपर्ट हो, पहले कितनों के साथ चुदाई की है। मैंने कहा भाभी 3-4 के साथ की है लेकिन आपकी चूचियां सबसे टेस्टी हैं और उंगली उनकी पेंटी के अंदर चूत में डाल दी, भाभी ने सस्स्स आह्ह्ह्ह आआअह्ह सिसकारी ली, बहुत अच्छा लग रहा है राकेश। मैंने झटके से पेंटी उतार दी, भाभी पूरी नंगी हो गईं, उनकी चूत पर हल्के बाल थे, गुलाबी और रसीली।
भाभी बोलीं, ये भाभी-भाभी क्या लगा रखा है, मुझे गायत्री या जानू कहकर बुलाओ। फिर गायत्री ने मुझे हल्का धक्का देकर बेड पर लेटाया, मेरे ऊपर चढ़ गईं, मेरे कपड़े उतारे, लंड हाथ में लेकर बोलीं, मेरे राजा तेरा लंड तो मस्त है, ये मेरी चूत में जाएगा तो मजा आ जाएगा और मुंह में लेकर चूसने लगीं, ग्ग्ग्ग गी गी गों गोग ग्ग्ग्ग, गहरा लेकर चूस रही थीं, जीभ लंड के सिरे पर घुमा रही थीं। मैंने भी उनके मुंह में धक्के देने शुरू किए, गायत्री जोर-जोर से चूस रही थीं, मुझे जल्दी ही झड़ने का मन हुआ, मैंने तेजी से मुंह चोदा और उनके मुंह में ही झड़ गया, गायत्री ने सब पी लिया, जीभ से लंड साफ किया और बोलीं, बहुत दिनों बाद ऐसा मजा आया। फिर वो बाथरूम गईं।
10 मिनट बाद वापस आईं, मेरे बगल में बैठीं, लंड हाथ में लेकर हिलाने लगीं, मैं उनके होंठ चूसने लगा। फिर मैंने कहा जानू मैं तुम्हारी चूत चाटूंगा, उनकी टांगें फैलाईं, बेड पर लेटाया, चूत को उंगलियों से खोलकर जीभ से चाटने लगा, गायत्री की चूत का रस मीठा था, वो आआह्ह्ह ओह्ह ऊउइ ऊईईई आह्ह ह्ह्ह्ह पूरा चाटो मेरी चूत को, ओह्ह्ह्ह बहुत अच्छा लग रहा है राकेश और कमर ऊपर-नीचे करने लगीं। मैंने पूरी जीभ अंदर डालकर चूसने लगा, क्लिटोरिस को चूस रहा था, गायत्री जोर-जोर से चिल्ला रही थीं, आह्ह्ह्ह आआअह्ह चाटो मेरी चूत का रस, पूरा पी लो। उनकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी, रस बह रहा था।
फिर गायत्री बोलीं, राकेश अब लंड डालो, मुझसे सहन नहीं हो रहा। मैंने लंड उनकी चूत पर रखा, हल्का धक्का दिया, आधा से ज्यादा घुस गया, गायत्री ने सस्स्स आआह्ह्ह जल्दी पूरा डालो कहा। मैंने जोर का धक्का मारा, पूरा लंड गायत्री की चूत में घुस गया, वो आह्ह्ह्ह मारो मुझे जोर से, आज जी भरकर चोदो। मैं पूरी स्पीड से धक्के मारने लगा, पच-पच की आवाजें आने लगीं, गायत्री भी कमर उठाकर साथ दे रही थीं, आह्ह इह्ह ओह्ह फाड़ दो मेरी चूत को, खूब चोदो राकेश। वो पहले झड़ गईं, चूत से रस निकला लेकिन मैं नहीं रुका, लगातार चोदता रहा।
फिर मैंने कहा दूसरी स्टाइल में चोदना है, गायत्री बोलीं कौन सी। मैंने कहा जमीन पर लेटो, दोनों पैर उठाकर बेड पर रखो। उन्होंने वैसा ही किया, मैं उनके पैरों के बीच गया, पैर फैलाकर कंधों पर रखे, चूत ऊपर हो गई, लंड डालकर जोर-जोर से धक्के मारने लगा, इस पोजीशन में लंड और गहरा जा रहा था, गायत्री बोलीं, ओह्ह्ह्ह बहुत मजा आ रहा है मेरे राजा, जैसे चाहो चोदो। 10 मिनट बाद मुझे लगा झड़ने वाला हूं, मैंने पूछा कहां गिराऊं, गायत्री बोलीं मेरी चूत में ही, मैंने पूरा वीर्य उनकी चूत में डाल दिया, दोनों थककर लेट गए।
तभी घड़ी देखी, 5 बजने वाले थे, गायत्री बोलीं पीयूष आने वाला है, तुम शाम को आना। मैं कपड़े पहनकर चला आया। शाम को फिर पीयूष को पढ़ाने गया, 15-20 मिनट बाद गायत्री ने अंदर बुलाया, बातें कीं, कल दोपहर आने को कहा, मैंने कहा ठीक है। फिर उन्होंने मेरे होंठों पर जोर से किस किया और बोलीं, तुम्हारे साथ जो मजा आता है वो भैया के साथ नहीं आता। मैंने पूछा कुछ दिन पहले जो लड़की आई थी वो कौन थी, गायत्री बोलीं मेरी मामा की बेटी है। मैंने कहा वो भी बहुत सेक्सी है, गायत्री बोलीं शादी से पहले हम दोनों ने कई बार साथ सेक्स किया है। मैंने कहा उसे भी बुलाओ, मैं तुम दोनों को एक साथ चोदना चाहता हूं। गायत्री बोलीं ठीक है, अगले महीने भैया 10 दिन दिल्ली जाएंगे, तब बुला लूंगी, तुम जैसे चाहो हम दोनों को चोदना। मैंने उनकी चूचियां दबाईं, होंठों पर किस किया और पीयूष को पढ़ाने चला गया।