ससुराल में सास की चुदाई

5
(1)

ये चुदाई कहानी मेरी सास की चुदाई की हैं,मुझे मेरी सास ने एक दिन शनिवार की शाम को बुलाया अकेले और कहा की तुमसे कुछ जरुरी बात करनी है माया के बारे में.मुझे जाना पड़ा अकेले ही,उन्होंने मुझे अकेले ही बुलाया था.उस दिन घर पर सास के आलावा कोई नही था,मेरी शादी एक गाँव में हुई थी जहाँ दूर दूर तक खेत ही खेत थे.आसपास कोई घर तक नही था.मै शनिवार को सास के घर चला गया.सास ने रत का खाना खाने के बाद मुझे अपने बेडरूम में बुला लिया पहले तो वो टीवी देखती रही,इतने में रात के १०.३० बज गए,उन्होंने मुझसे घर का हालचाल पूछा और माया के बारे में बात की,सास ने कहा की माया ने तुम्हारे बारे में मुझे ये कहा है की मेरा पति नपुंशक है.और मै वहां नही रहना चाहती,जिस वक़्त उन्होंने मुझे ये बात कही मै बेड के पास ही सोफे पर बैठा हुआ था और कुरता पायजामे में था,अक्टूबर का टाइम था,

ये बात सुनकर मेने कहा की नही मम्मी ऐसी कोई बात नही है,पर सास नही मानी.सास ने कहा की आज घर पर कोई नही है और तुम्हारे ससुर जी भी सोमवार की शाम को आयेंगे.तुम्हे कुछ कहना है,वर्ना मै माया को घर बुला कर उसका ब्याह कही और कर दूंगी,या फिर तुम अपने आप को साबित करो की तुम मर्द हो और माया को खुश रखोगे.मेरे सामने ये बहुत जबरदस्त इम्तिहान था,मै सोचने लगा की कैसे क्या साबित करूँ?

मेरी सास ऊपर बेड पर पैर लटका कर बेठी थी और मुह मेरे सामने था.सास ने धोती और blause पहना हुआ था.सास ने कहा की तुम्हे तो औरत को देखकर भी जोश नही आता है जैसे माया ने मुझे बताया है.और ये कहकर सास बेड पर पीछे की तरफ लेट गयी.और सास ने अपनी धोती ऊपर उठा दी.मेरी साँस तेज तेज चलने लगी.आप ये कहानी आप द इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। सास की मोटी और गोरी जांघों के बीच में काले स्याह बाल देख कर मेरा सर चकरा गया.सास नंगी हो गयी थी.मेरा लंड फुफकारने लगा था,सास ने कहा की देख क्या रहे हो? अब हालत क्यों पतली हो गयी है?मेने कहा की मम्मी मुझे शर्म आ रही है.

सास ने कहा की तो ऐसा करो बड़ी लाइट बंद कर दो और night बल्ब जला लो ,मै तुम्हे ऐसे ही इस कमरे से नही जाने दूंगी.मेने night बल्ब जला दिया.,तभी मेने तुरत एक निर्णय लिया और खड़े होकर सास की जांघों के बिच में हथेली से भरपूर पकड़ कर सहला दी.फिर मेने निचे झुक कर सास की चूत पर मुह लगा दिया और चूसने लगा.
सास के मुह से सिस्कारिया निकलने लगी,तभी मेने अपना पायजामा और कच्चा दोनों उतार दिए,मुझे खुद को सही साबित करना था मै सास का दाना अपनी जीभ से सहलाने लग गया.इसके बाद मेने अपनी पहले एक ऊँगली और फिर दूसरी बड़ी ऊँगली सास की चूत में डाल दी.औरतेजी से अन्दर बाहर चलायी,सास कामवासना में तदाफ्ने लगी थी.सास अपने चूतड धीरे धीरे उठाने लगी थी,उसकी चूत काफी tight थी.

मेने करीब २ मिनट नॉन स्टॉप ऊँगली चलायी ,सास अपने ऊपर कण्ट्रोल नही रख सकी सास ने बेड पर बेठने कीकोशिश की ,तभी मेने उसकी चूत को अपने मुह में समां लिया.मुझे पता था की अक्सर ५०% औरतें मस्ती में आकर पेशाब कर देती हैं,सास ने पेशाब की मोटी धार मेरे मुह में मार दी.मेने उसका सम्मान करते हुए करीब ७-८ चम्मच पेशाब पी ली,आप ये कहानी आप द इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
बस इसके बाद मेरा लंड काफी तन चूका था,अब मै देर नही करना चाहता था, सास मेरी जिंदगी की पहली औरत थी,जिसकी चूत में मै आज रात अपना बड़ा लंड डालने जा रहा था,मै धीरे से उठा और अपना मस्ताता हुआ कठोर लंड सास के छेद पर टिका कर अपने चूतड़ों से जोर से धक्का मारा,तो सास की दबी हुई चीख निकल गयी,मेने पूछा मम्मी क्या हुआ? सास ने कहा की माया ने, साली ने मुझे झूठ कहा था की तुम नामर्द हो, नामर्द तो मेरा आदमी है.बस इसके बाद में मेने सास के दोनों पैर अपने बाएं हाथ की मुट्ठी में पकड़ लिए और लंड अन्दर धकेलने लगा.

सास तसकने लगी,उसने शायद इतना मोटा और लम्बा लौड़ा कभी नही देखा होगा और न लिया था.अब हम दोनों चुप जरुर थे पर सास के छेद से मेरे हर धक्के में हवा बाहर आ रही थी ,मेरा लौड़ा काफी अन्दर चला गया था.मै एक हथेली से मस्ती में आ कर के उसके चूतड़ों पर दाई हथेली से मार रहा था.मेने सास के अन्दर ७ इंच तक घुसा दिया था.इसके बाद मेने १-२ मिनट बाद सास के दोनों पैर आजाद कर दिए अब सास ने खुद ही मस्ती में आकर के अपने पैर हवा में उठा लिए, उसकी पाजेब तेजी से बज रही थी.मेने अपनी स्पीड बढ़ा दी थी,फिर आखिर मै मेने सास के दोनों पैर पीछे उसके सर की तरफ झुका कर अन्दर ७-८ बार जोर जोर से पिचकारी मारी की उसका मुह खुल गया. इसके बाद मै सास के उपर लेट गया.हम दोनों के पैर निचे ही लटके हुए थे.लगभग ३ मिनट बाद सास ने मेरे कान में धीरे से कहा की प्रदीप ,तुमने मेरी हसरत पूरी कर दी,अब उतर जाओ ,

सास नेअपने पेटीकोट से मेरा मुरझाता हुआ लंड पोंछ दिया,सास मेरे गाल चूम रही थी,मेने कहा की मम्मी शर्म आ रही है,तब उसने कहा की किस बात की शर्म? ,अपनी मर्दानगी दिखाने में तुम्हे शर्म आ रही है? मेरा पति तो मेरी इच्छा पूरी नही कर सकता,मै तो माया की बात पर विस्वास कर बेठी,पर चलो जो हुआ अच्छा हुआ.आप ये कहानी आप द इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पड़ रहे है।  सास ने कहा की प्रदीप तुम पेशाब करके आ जाओ.मै बाथरूम गया और उसी हालत में नंगा वापिस आ गया.सास भी उठी और बात रूम गयी.मेने कपडे पहनने सुरु किये ही थे की सास ने कहा प्रदीप अब रात भर तुम मेरे बिस्टर पर ही सोओगे.
इसके साथ ही सास ने अपनी सदी निकल ली,और मुझे बिस्टर पर खींच लिया,सास ने मुझे अपनी बाँहों में भर लिया और कहा की प्रदीप मुझे फिर से प्यार करो न.और इतना कह कर सास ने मेरा लंड हिलाना सुरु कर दिया,मेरा लंड फिर से अंगड़ाई लेने लगा था. मै भी सास के गाल और होंठ चूसने लगा.सास ने कहा की उठो और अपनी कमर के पीछे तकिया लगा लो,मै उठा और मेने अपनी कमार्के पीछे मोटे तकिये की टेक लगा ली और टाँगें फेलाली,सास ने अपना पेटीकोट उतार दिया.जब की ब्लौसे अभी भी पहना हुआ था.वो उठी और मेरी जांघों के ऊपर तन्घें फेलाकर बेथ गयी,और मेरे कण में धीरे से कहा की प्रदीप आज अपनी प्यास बुझा लो जो माया तुम्हे न दे पाई मै दूंगी.

बस मुझे जी बहर कर प्यार करो मेने सिर्फ इतना ही कहा की मम्मी आप बहुत सुन्दर हो.सास ने अपने ब्लौसे के बत्तों खोल दिए और उसमे से दो गोरे गोरे निम्बू तन कर बाहर आ गए.सास ने अपने nipple मेरे मुह में दे दिए. मै भी मस्ती में आकर ठुम्नियाँ चूसने लगा.मेरे हथ्धिरे धीरे उसके सुदोल चूतड़ों पर मचलने लगे.मै सास के चूतड दबा रहा था और सास के पेट के निचे मेरा लंड दबा हुआ था.सास मेरे सीने से लिपटी पड़ी थी.

मेने सास की pony tail खोल दी थी,कमरे में उसका बदन लाल रंग में नहा रहा था. मुझे रह रह कर माया का ध्यान आ रहा था की उसका क्या होगा? पर अब मै पूरी तरह से काम वासना में डूब चूका था .कहने को वो मेरी सासु माँ थी पर हम दोनों पति पत्नी की तरह से सम्भोग में मगन थे.मेरे हाथ धीरे धीरे सास के चूतड़ों के बिच में कुछ धुन्धने में लगे थे.जैसे जैसे मेरे हाथ निचे फिसल रहे थे सास की साँसे तेज होती जा रही थी.इस उम्र में भी सास के अन्दर काम वेग देख कर मै सोच रहा था की ये औरत अपने नामर्द पति के साथ कैसे जीती होगी? तभी मेरी ऊँगली एक बेहद गरम जगह पर जा कर रुक गयी.

मेने मस्ती में आ कर के अपनी ऊँगली पर थूक लगाया और धीरे से सास के पिछवाड़े घुमानी सुरु कर दी,सास समझ गयी और धीरे से मेरे कान में बोली ,नही मुझे मारोगे क्या?

यहाँ नही, लेकिन मै ऊँगली घुमाता ही जा रहा था,सास इतनी ज्यादा कामुक हो गयी थी की,उसने मेरा लंड अपने हाथसे पकड़ा और जांघ उठा कर उस अपर बेठने की कोशिश करने लगी,उसने धीरे से मेरिलैंड का बड़ा सुपाडा अपने छेद पर लगाया और फच्च से बेथ गयी ,सास के मुह से बड़ी ही कामुक आवाज निकली,सास ने मेरे कंधे पकड़ लिए और अपने चूतड उच्चालने लग गयी,मेरा लंड किसी मजबूत खूंटे की तरह गदा हुआ था,सास मेरे होंठ भी चूम रही थी और बार बार अपने आगे आते हुए बाल पीछे कर रही थी.

मै सोच रहा था की इस औरत के अन्दर इतनी आग होगी मै सोच भी नही सकता था.इसके तो मेने शादी में पैर छुए थे.बस वो मेरे से सिर्फ १४ साल बड़ी थी.मै २९ वें में चल रहा था और वो ४३ की थी.सास कभ धीरे धीरे और कभी जोर जोर से अपने चूतड दबाने की कोशिश कर रही थी ३-४ मिनट बाद ही वो थक गयी और मेरे सीने पर सर टिका दिया.तब मेने अपनी गांड उठा कर उसे चोदना सुरु किया ,सास और मै फिर से मजे लेने लगे,रात में हम दोनों घर में अकेले ही थे.

सास ने गेट पर ताला लगा दिया था.आप ये कहानी आप द इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पड़ रहे है।  फिर मुझे सास ने बिस्टर पर गिरा दिया और बेशर्मी से कहा की प्रदीप मुझे अपनी छाती के नीचे रगड़ दो, मेने सास को बिस्टर पर बिलकुल नंगा लिटा दिया और फिर उसकी एक जांघ के ऊपर अपनी दायीं जांघ रख दी,अब मै उसके होंठ चूस रहा था उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी दुद्दी पर लगाया,मेने जोर से मसल दी,उसके मुह से मीठे दर्द की सिसकारी फूट पड़ी.मेने अपना हाथ सास की चूत पर रख दिया सास ने कहा की प्रदीप इसे ऐसे मत छोडो,इसे अपनी मर्दानगी का मजा दिखा दो ये बहुत तरस रही है,देखो ये इतनी प्यासी है की तुमने इसमें जो कुछ भी भरा था,उसे पीकर चुपचाप पड़ी है.

मै झुका और अपने मुह से चाटने लगा,सास ने कहा की नही .प्रदीप बर्दास्त नही होता,मेरे साथ अपनी सुहाग रात मनाओ.मुझे बार बार रगडो, मै तुम्हारी हूँ, वो बहुत कामासक्त हो चुकी थी.उसकी आवाज बता रही थी. की वो कुछ भी कर सकती है.मेने कह की मै तुम्हारी अरजो जरुर पूरी करूँगा पर माया को भूल कर भी मत बताना,सास ने मेरा हाथ अपने सर पर रख कर कसम खायी की नही नही प्रदीप ऐसा कभी नही होगा.

बस फिर क्या था? मै सास के ऊपर लेट गया और उसके कंधे पकड़ कर अपना मोटा और ८ इंची लम्बा लंड उसकी tight चूत में डालने लगा.,इस बार सास ने खुद ही अपनी टाँगें उठा दी,मेने सास के चूतड़ों के नीचे अपनी हथेलियाँ रख दी और ऊपर को उठा दी,इससे मेरा लंड बुरी तरह से उसकी बच्चेदानी को बार बार चूम रहा था,
और उसके मुह से हर झटके में ,उईईईईईईए मम्मा आआआआआअह ,उफ्फ्फफ्फ्फ्फ़ ,yesssssssssssss. निकल रही थी और मै उसे जानवर की तरह से बुरी तरह से चोद रहा था,मेने कई फिल्मे देखि थी जिसमे औरत मर्द का चाहे कितना भी बड़ा लौड़ा हो ,ये नही कहती की बहुत बड़ा है,और समझदार औरत वो ही होती हैजो मर्द को झेल जाती है.

आप ये कहानी आप द इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। मै बिच बिच में उसकी दुदियाँ भींच देता था.करीब १७ मिनट तक मस्त चुदैके बाद मै मेने सास को बायीं कर्थल दे दी और उसका बाया घुटना मोड़ कर उसकी दायीं जांघ के ऊपर बेथ कर उसकी चूत में फिर से लौड़ा डाल कर चोदने लगा, उसकी चूत चौड़ा गयी थी,वो बार बार मेरी तरफ प्यार से पर मीठे दर्द से आहत हो कर देख रही थी,. मगर मै कुछ नही कर सकता था,मेरे लौड़े ने बहुत दिनों बाद एक रसीली औरत कस्वाद चखा था.मेरे आंड इस position में उसकी चूत पर टक्कर मार रहे थे.सास ने कहा की प्रदीप अब बस भी करो न मेने अपनी स्पीड बढ़ा दी और अपना सारा सफेद गाढ़ा मॉल उसकी चूत में उंदेल दिया ,मै बता नही सकता की मुझे कितना परम आनंद मिला.
मेने सास के चूतड अब भी पकड़ रखे थे,मै सास के ऊपर गिर सा पड़ा.३ मिनट बाद मेरा लंड बाहर निकलना सुरु होगया,आयर फिर सास ने मुझे कहा की प्रदीप पेटीकोट से पोंछ लो.मेने ऐसा ही क्या सास ने कहा की राज़ तुम्हारी सुहागरात ये सिर्फ आज आज के लिए थी या मेरी जिंदगी आगे भी आबाद रखोगे? मेने कहा की मम्मी आप मुझे बहाने से तभी बुलाना जब ससुर जी घर पर नही होंगे,सास ने कहा की ठीक है.

इसके बाद मै और सास दोनों बातें करने लगे,मेने पूछा की मम्मी मेरे में ऐसा क्या है जो आपने मुझे हमेशा के लिए अपने बेड पर सोने का मौका दिया?सास ने कहा की राज़ तुम नही समझोगे,की आज रात तुमने मुझे क्या दिया है? मै इस शारीरिक सुख के मारे १३ साल से तड़फ रही हूँ जब से माया हुई थी.मेरा पति शराब का शोकिन है और दारू पीकर तो मुझे सूँघता तक नही.मै आज भी वेसी ही हूँ जैसी औरत २ साल बाद होती है,मै पूरी तरह से खिली भी नही हूँ जैसे और औरतें निचे से खिल जाती है,सचमुच फिल्मो में चुदने वाली औरतों की चूत के होंठ बाहर को लटक जाते हैं पर सास के नही थे.ससुर सास को चोद नही पाता था.

सास ने कहा की प्रदीप तुमने मेरी टाँगें थका दी हैं आज मेरी जिंदगी में पहली बार ऐसा हुआ है जब किसी अपने से पाला पड़ा हैऔर वो भी कड़क मर्द. जैसे तुम हो.मै सोच रही हूँ की माया साली एकदम पागल है जो तुम्हार प्यार अभी तक न पा सकी.मेरा मन सास की बातें सुन सुन कर उसे तीसरी बार चोदने का होने लगा.मै बाथरूम गया और कमरे में ही घुमने लगा.,मै छह रहा था की मेरा लौड़ा जल्दी से खड़ा हो जाये और मै अपनी सास को इस पर टांग दूँ.अस ने कहा की प्रदीप अब सो जाओ रात बहुत हो चुकी है तुम ऐसा करना की कल भी रुक जाना मै माया को फ़ोन कर दूंगी.पर मेरी तो आज पहली सुहागरात थी मै सास को कैसे छोड़ देता?

मै पिशाब करके आया तो मेरे लौड़े में फिर से कर्रेंट बनना सुरु हो गया था.सास ने देख लिया,तो पेटीकोट पहनने लगी.मै समझ गया की सास छक चुकी है.पर मै कहाँ मानने वाला था,मेने सास को मनाया कि बस मम्मी सिर्फ आखिरी बार पर वो कह रही थी की नही प्रदीप ,कल भी तो करोगे न?आप ये कहानी आप द इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। मेने सास को प्यार से कहा की नही मम्मी मै आपकी सुन्दरता देखना चाहता हूँ.और इतना कह कर के मेने सास की पीठ ऊपर कर दी,मै उसके चूतड दबाने लगा.मै उसकी जांघ पर बैठ गया और उसकी फुद्दी अपने अंगूठों से फेलाने लगा.साली वाकी बड़ी मस्त औरत थी.पता नही मेरा इतना सारा मॉल कहाँ हज़म कर गईं थी?मेने लंड उसके चूतड़ों के बिच में रख दिया और घिसने लगा सास जल्दी ही गरम हो गयी.

तब मेने उसकी जांघों के निचे हाथ डाल कर उस्के चूतड उठा दिए सास भी समझ गयी की पीछे से चोदेगा.इसलिए सास ने अपनी कुहनियाँ बिस्टर पर टिका दी और अपनी गांड उठा दी,मेने फिर से तीसरी बार अपना ८ इंची लम्बा लौड़ा सास की चूत में पेल दिया.सास बिलबिला गयी बस फिर मै उसे चढ़ह चढ़ कर अपने चूतड़ों से धक्के मार मार कर चोदने लगा,बीच बीच में में सास को अपने लंड पर उठा देता था.कभी कभी तेज झटके मारने पर सास निचे बिस्तर पर फेल जाती थी पर मै उसे फिर से उठा देता था.जितनी बार मर्द करता है हर बार वो पहले से ज्यादा समय लेता है.इस बार मुझे लंड पेलते पेलते भी दर्द होने लगा था पर मै झड़ने का नाम नही ले रहा था.मेने उसे करीब २२-२४ मिंट तक चोदा,और फिर उसकी चूत में झटके ले लेकर सारा मॉल फिर से झाड़ दिया ,
बस ये आखिरी बार था मेरा भी मन भर गया था,पर सास ने मुझे जो औरत होने का सुख दिया था वो मेरी यादगार बन कर रह गया था.इस बार हम दोनों छक गए थे.मेने सास को बहुत चूमा,और सास ने मुझे.रात के १ बज गया था .सास ने कहा की राज़ मै आज से तुम्हारी हूँ. इतना कह कर सास ने मेरी तरफ से मुह फेरकर करवट ले ली मेने भी सास को अपनी बाँहों में भर लिया और हम कब सो गए पता ही नही चला.सवेरे जब मेरी आँख खुकी तो मै तब भी नंगा था और सास ने मुझे आवाज दे कर जगाया कि अब तो उठ जाओ पतिदेव .मेरा शर्म के मारे बुरा हल था.पर वो मेरे पास बैठ गयी सास ने पूजा कर ली थी.और उसके करीने से गुंथे बाल बेहद अच्छे लग रहे थे,सास ने कहा कि राज़ आज बाज़ार चेलंगे

आपको कैसी लगीं? कृपया कमेंट के माध्यम से बताएं और यदि आप भी इनके कोई रोचक किस्से जानते हों तो हमें    ज़रूर भेजें.

यदि आपके पास Hindi,English में कोई article, story, essay  या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे E-mail करें. हमारी Id है:[email protected]. पसंद आने पर हम उसे आपके नाम के साथ यहाँ  PUBLISH  करेंगे. Thanks !

Related Posts💋

आपको यह कहानी कैसी लगी?

स्टार्स को क्लिक करके आप वोट कर सकते है।

Average rating 5 / 5. Vote count: 1

अभी तक कोई वोट नहीं मिला, आप पहला वोट करें

We are sorry that this post was not useful for you!

Let us improve this post!

Tell us how we can improve this post?

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

    प्रातिक्रिया दे

    आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *