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खुले विचारों वाली भाभी की चुत और गांड खोल दिया

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Indian Bhabhi Pussy and Anal Fuck: मुंबई के पालिका बाजार में रहने वाला 25 वर्षीय मंगेश इलेक्ट्रिक इंजीनियर था। स्मार्ट और गोरा मंगेश अपने बारे में कहता था कि वह बहुत सीधा-सादा लड़का है। उसका लंड 7 इंच लंबा और 4 इंच मोटा था, जो उसने खुद नापा था। उसे सेक्स स्टोरीज पढ़ने का बहुत शौक था, और वह रोज ऐसी कहानियाँ पढ़ता था। यह कहानी मंगेश के जीवन में घटी एक वास्तविक घटना पर आधारित थी, जिसे उसने काफी समय बाद साझा करने का निर्णय लिया।

यह घटना उस समय की है जब मंगेश अपनी पढ़ाई के आखिरी चरण में था। वह दो कमरे के फ्लैट में रहता था, जिसमें उसके साथ दो और लोग भी रहते थे। उसी फ्लैट में, पास के दूसरे कमरे में एक 55 वर्षीय वृद्धा, 36 वर्षीय भैया, 32 वर्षीय भाभी और उनका एक बच्चा रहते थे। मंगेश के अनुसार, भाभी का फिगर बेहद आकर्षक था—34-30-36।

मंगेश की भाभी से काफी दोस्ती हो गई थी। भाभी बेहद खुले विचारों वाली थीं, और अक्सर मज़ाक-मस्ती करती रहती थीं। शुरू में, मंगेश को यह सब सामान्य लगा। लेकिन धीरे-धीरे भाभी मंगेश पर अधिक ध्यान देने लगीं। वह कभी-कभी अपनी साड़ी का पल्लू जानबूझकर गिरा देतीं या मंगेश के पास से सटकर निकलतीं। मंगेश को यह अजीब तो लगता, लेकिन वह इसे संयोग मानकर अनदेखा कर देता।

एक दिन भाभी ने मंगेश से सीधे पूछ लिया, “तेरी गर्लफ्रेंड कौन है?”
मंगेश ने हंसकर कहा, “कोई नहीं है, भाभी।”
भाभी बोलीं, “तू इतना स्मार्ट और गोरा है, तेरी गर्लफ्रेंड तो होनी चाहिए।”
मंगेश ने फिर हंसते हुए कहा, “नहीं भाभी, सच में कोई नहीं है।”

अगले दिन जब मंगेश ने भाभी को कपड़े धोते देखा, तो उनकी डीप नेक ब्लाउज से झांकते बड़े-बड़े दूध दिख रहे थे। मंगेश की नजरें वहीं अटक गईं। भाभी ने उसे देख लिया और मुस्कुराते हुए बोलीं, “क्यों मंगेश, दूर से बस देखेगा या कुछ करेगा भी?”

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Indian Bhabhi Pussy and Anal Fuck Sex Story

मंगेश थोड़ा सकुचाते हुए बोला, “भाभी, मन तो कर रहा है, लेकिन डर लग रहा था कि कहीं आप गुस्सा न हो जाएं।”
भाभी ने हंसते हुए कहा, “अरे, बस कर! अब आ और अपनी मन की मुराद पूरी कर ले।”

यह सुनते ही मंगेश ने हिम्मत जुटाई और भाभी के पास जाकर उनके बड़े-बड़े दूधों को दबाना शुरू कर दिया। भाभी की साँसें तेज हो गईं और वे सिसकारियां भरने लगीं, “आह आह … ऊँह्ह … हाय मंगेश, कितना अच्छा लग रहा है। और जोर से दबा … आहाहाहा!”

मंगेश ने उन्हें छेड़ते हुए कहा, “भाभी, आप बस मौका दो। अगर जन्नत न दिखा दी, तो बोलना।”
भाभी मुस्कुराते हुए बोलीं, “अभी तो बस इसी से काम चला, क्योंकि अगर तेरे दोस्तों या मेरे पति ने देख लिया, तो शामत आ जाएगी।”

मंगेश ने चिढ़ाते हुए पूछा, “तो भाभी, अब कब दोगी मौका मुझे? मेरा लंड तो तुम्हारी याद में परेशान रहता है। तुम्हें याद करके रोज मुठ मारनी पड़ती है।”
भाभी ने उसे आश्वस्त किया, “चिंता मत कर, बहुत जल्दी मौका मिलेगा।”

एक हफ्ते बाद मंगेश की किस्मत चमक उठी। कॉलेज की छुट्टियां हो गईं, और उसके दोनों दोस्त अपने-अपने घर चले गए। इधर भाभी के पति और उनकी दादी अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले थे। मंगेश और भाभी दोनों इस मौके के इंतजार में थे।

जैसे ही भाभी के परिवार वाले यात्रा पर निकले, भाभी ने मंगेश को अपने फ्लैट पर बुला लिया। मंगेश वैसे भी तैयार बैठा था। उसने तुरंत भाभी का न्योता स्वीकार कर लिया और उनके फ्लैट पर पहुँच गया।

भाभी ने दरवाजा खोलते ही मंगेश को अपनी ओर खींच लिया। मंगेश ने उन्हें दीवार से टिकाया और उनके होंठों पर पागलों की तरह किस करने लगा। भाभी ने भी पूरा साथ दिया। दोनों एक-दूसरे को बेतहाशा चूम रहे थे।

मंगेश ने उत्तेजित होकर कहा, “भाभी, तेरे लिए कितना बेताब था मैं। आज जाकर तू मुझे मिली है। अब तुझे जन्नत की सैर कराऊंगा।”
भाभी ने मुस्कुराते हुए कहा, “हाँ, सब तेरा ही है। जो करना है, कर ले।”

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भाभी ने चिढ़ाते हुए कहा, “राजा, बस चूमता ही रहेगा या आगे भी बढ़ेगा?”
मंगेश ने तुरंत उनकी साड़ी उतारी। अब भाभी सिर्फ ब्रा और पैंटी में थीं। मंगेश ने ब्रा और पैंटी भी उतार दी और उन्हें बिस्तर पर लेटा दिया।

मंगेश ने भाभी के बड़े-बड़े दूधों को पकड़कर चूसना शुरू कर दिया। भाभी सिसकारियां भरने लगीं, “आह … अहाहा … और जोर से मंगेश … हाय … कितना अच्छा लग रहा है!”
भाभी इतने में ही एक बार झड़ गईं।

इसके बाद भाभी ने मंगेश के कपड़े उतारे और उसका खड़ा हुआ लंड देखा। भाभी आश्चर्यचकित होकर बोलीं, “मंगेश, तेरा लंड तो बहुत बड़ा और मोटा है। जो भी तुझसे चुदेगी, उसे तो सच में जन्नत नसीब होगी।”
मंगेश ने मुस्कुराते हुए कहा, “फिलहाल जन्नत तो तुम्हें ही मिलने वाली है।”

भाभी ने मंगेश के लंड को पकड़कर अपनी ओर खींचा और उसे चूसना शुरू कर दिया। वह हर जगह अपने होंठ और जीभ फिरा रही थीं। मंगेश जोर-जोर से सिसकारियां भरने लगा, “आह … हाय भाभी … कितना अच्छा कर रही हो … हाय और चाटो।”
भाभी ने उसका लंड लगभग 15 मिनट तक चूसा।

इसके बाद मंगेश ने भाभी को बैठाया और अपनी ओर खींचकर एक जोरदार झटका मारा। उसका पूरा लंड भाभी की चूत में गहराई तक घुस गया। भाभी जोर से चीख पड़ीं, “आह … मर गई … मंगेश, कितना मोटा है तेरा लंड!”

मंगेश ने बिना रुके भाभी को जोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया। भाभी मजे से चुदवा रही थीं और जोर-जोर से सिसकारियां भर रही थीं, “आह … हाय … और जोर से … आहाहा … अह्ह्ह्ह … मंगेश, रुक मत।”
भाभी की आवाज पूरे कमरे में गूँज रही थी। मंगेश ने लगभग आधे घंटे तक लगातार भाभी की चूत को पेला।

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इसके बाद मंगेश ने भाभी से कहा, “भाभी, अब मैं तुम्हारी कुंवारी गांड भी मारूंगा।”
भाभी पहले झिझकीं, लेकिन फिर मंगेश को मना नहीं कर सकीं।

मंगेश ने भाभी की गांड पर थोड़ा थूक लगाया और अपना लंड उसमें धीरे-धीरे डालने लगा। भाभी ने दर्द से चीखते हुए कहा, “आह … मंगेश, थोड़ा धीरे … दर्द हो रहा है।”
लेकिन मंगेश रुका नहीं। उसने जोर लगाकर पूरा लंड भाभी की गांड में डाल दिया और फिर चोदने लगा। भाभी दर्द और मजे के बीच सिसकारियां भर रही थीं, “आह … हाय … और मंगेश … कितना अच्छा लग रहा है।”

भाभी और मंगेश के बीच यह सिलसिला लगातार 8 दिनों तक चलता रहा। हर दिन मंगेश भाभी की चूत और गांड दोनों को जमकर चोदता। भाभी अब पूरी तरह से मंगेश के लंड की दीवानी हो चुकी थीं।

जब भी उन्हें मौका मिलता, वे दोनों इस तरह की चुदाई करते। भाभी ने मंगेश से कहा, “अब मुझे सिर्फ तेरा लंड चाहिए। तेरे जैसा मजा किसी और से नहीं मिल सकता।”

मंगेश ने अपनी कहानी को समाप्त करते हुए कहा, “तो दोस्तों, यह मेरी जिंदगी की सच्ची घटना थी। उम्मीद करता हूँ कि आप सभी को यह कहानी पसंद आई होगी। मैं वादा करता हूँ कि आपके मनोरंजन के लिए नई-नई कहानियां लेकर आता रहूंगा।”

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