चुदाई की रेलगाड़ी

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नमस्कार दोस्तों! मैं आपका प्यारा ठरकी टीचर सूरज, एक बार फिर से एक नई कहानी लेकर आया हूं। जैसा कि आपने देखा, पिछली कहानी में मैंने पायल की कुंवारी भाभी की चूत चुदाई की थी, लेकिन अभी चुदाई का कार्यक्रम बाकी था।

मैं बेडरूम में आराम कर रहा था, जबकि पायल की भाभी और पायल किचन में कुछ खास बना रही थीं। खाना खाने के बाद हम फिर से चुदाई का खेल शुरू करने वाले थे। तभी अचानक मेरा फोन बज उठा। यह फोन मेरे घर से था—पिताजी का फोन।

उन्होंने बताया कि घर आ जाओ, तुम्हारे लिए एक लड़की का रिश्ता आया है। लड़की देखने जाना है। मैंने पूछा, “कब जाना है?” तो उन्होंने कहा, “तुम जब भी आओ, मुझे बता देना। मैं लड़की वालों से एक-दो दिन बाद का देख ले लूंगा।”

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मैंने कहा कि मैं कल शाम तक आ जाऊंगा, क्योंकि परसों शनिवार है और उसके बाद रविवार, तो घर रुकने का टाइम भी रहेगा। यह कहकर मैंने फोन रख दिया।

फोन रखकर मैं सोच में डूब गया कि क्या मैं वाकई शादी के लिए तैयार हूं। मेरी आदतें ऐसी नहीं हैं कि मैं किसी एक लड़की पर अपना पूरा जीवन लुटा सकूं। और वैसे भी, आजकल किस्मत कुछ ज्यादा ही मेहरबान है—हर हफ्ते कोई ना कोई नई चूत हाथ आ ही जाती है। फिर भी, मन में सोचा कि चलो, लड़की देख ही लेते हैं। इस ख्याल पर मैं मन ही मन मुस्कुराने लगा।

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तभी बाहर से सुप्रिया की आवाज आई, “सुनिए, खाना खा लीजिए।” उसकी आवाज में पत्नी वाली एक अलग ही मिठास थी। मैं बेड से उठा और बिना कुछ पहने ही नंगा डाइनिंग टेबल पर जाकर बैठ गया।

सुप्रिया बिना कपड़ों के ही खाना परोस रही थी, लेकिन पायल पूरे कपड़ों में थी। मैंने पायल से मजाक में कहा, “यह तो बिल्कुल गलत है, हम दोनों बिना कपड़ों के बैठे हैं और तुम कपड़ों में हो। जल्दी से कपड़े उतार कर हमारे साथ आकर खाना खाओ।” पायल ने बिना कोई देरी किए तुरंत अपने कपड़े उतार दिए और डाइनिंग टेबल पर हमारे साथ नंगी बैठ गई। अब हम तीनों नंगे बैठकर खाना खाने लगे।

उन्होंने पोहा बनाया था, क्योंकि उन्हें पता था कि आज का दिन काफी मेहनत वाला होने वाला है, इसलिए भारी खाना सही नहीं होगा। हमने थोड़ा-थोड़ा पोहा खाया और जैसे ही मैं डाइनिंग टेबल से उठने ही वाला था, सुप्रिया मेरे पास आकर घुटनों के बल बैठ गई। वह बोली, “खाना तो खा लिया, अब थोड़ा मीठा भी चाहिए मुझे।” उसने मेरे सामने खड़े लंड को अपने हाथों से पकड़ा और फिर उसे मुंह में लेकर धीरे-धीरे चूसने लगी।

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उसकी यह अदा मुझे बेहद पसंद आई। अब पायल भी खाना खा चुकी थी, वह पीछे से आकर मेरे पास घुटनों के बल बैठ गई और मेरी गांड को फैला कर मेरे छेद को अपनी जीभ से चाटने लगी। यह सब बेहद उत्तेजक था—दो लड़कियां मुझे अपनी जीभ का जादू दिखा रही थीं, और मैं इस खेल में पूरी तरह डूब चुका था।

पायल की भाभी कभी मेरे सुपर को अपनी जीभ से चाटती, तो कभी मेरे टट्टू (लंड के बॉल्स) को। फिर वह पूरा लंड मुंह में भरकर चूसने लगती। इसी तरह पायल भी पीछे से कभी मेरी गांड के छेद को जीभ से चाटती, तो कभी जीभ को छेद में अंदर तक घुसा देती। करीब दस मिनट तक यह खेल चलता रहा, और मैं झड़ने के करीब था।

मैं नहीं चाहता था कि मैं अभी ही झड़ जाऊं, इसलिए मैंने सुप्रिया को खड़ा किया और उसे अपनी बाहों में भरकर जोर से किस करने लगा।

और पायल अभी भी मेरी गांड की सेवा कर रही थी। मैंने सुप्रिया को गोद में उठाया और बेडरूम में ले गया। पायल, कुत्तिया की तरह, अपने चारों पैरों पर मेरे पीछे-पीछे चलती हुई बेडरूम में आ गई।

मैंने सुप्रिया को बेड पर घोड़ी बना दिया और पायल से कहा, “मेरे बैग से सामान निकालो।” उसने जल्दी से मेरे बैग से सामान निकालना शुरू किया। मेरे बैग में दो डिलडो और एक डिक बेल्ट था। यह डिलडो जैसा ही होता है, लेकिन इसमें एक पैंटी अटैच होती है, जिसे पहनकर लड़कियां भी चुदाई कर सकती हैं।

मैंने पायल को डिक बेल्ट देते हुए कहा, “ऐसे पहनो और अपनी भाभी की चुदाई करो।”

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इस डिक बेल्ट में लगा लंड करीब 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा था। पायल ने जल्दी से डिक बेल्ट पहना और अपनी भाभी सुप्रिया के पीछे जाकर खड़ी हो गई। सुप्रिया घोड़ी बनी हुई थी और पीछे मुड़कर हल्की मुस्कुराहट के साथ पायल को देख रही थी। माहौल बेहद कमुख था।

पायल ने लंड को उसकी चूत पर लगाया और एक ही धक्के में अपनी भाभी की चूत में पूरा लंड घुसेड़ दिया। फिर वो आगे झुककर अपनी भाभी के दोनों चूचियों को पकड़ ली। ऐसा करते हुए उसके दोनों चूची भाभी की पीठ पर दब रही थीं और वह तेजी से अपनी भाभी की चूत चुदाई करने लगी। यह सब देखकर मैं खुद भी बेहद गर्म हो रहा था।

चुदाई की रेलगाड़ी

अब मैं पायल के पीछे आ गया और पायल की चूत में अपना लंड सेट करके चोदने लगा। अब एक चुदाई की रेलगाड़ी बन गई थी, जिसमें सुप्रिया यानी पायल की भाभी सबसे आगे थी और पायल उन्हें चोद रही थी।

उसके बाद, बीच में पायल थी, जिसे मैं पीछे से चोद रहा था। मैं झुककर पायल और उसकी भाभी को पकड़ लिया और पायल की चूत में तेजी-तेजी धक्का मारने लगा। मेरे धक्का मारने से पायल भी अपनी भाभी की चूत में और तेजी से लगने लगी। यह खेल बेहद रोमांचक होता जा रहा था।

ऐसी चुदाई मैंने पहले कभी नहीं की थी, लेकिन अब मैं सोच रहा था कि सुप्रिया की जब भी चुदाई करूंगा, ऐसे ही करूंगा। कुछ देर बाद मैंने पायल को सुप्रिया की चूत से निकाल दिया और मैं नीचे लेट गया। फिर मैंने सुप्रिया से कहा कि मेरे लंड पर आकर बैठ जाए। सुप्रिया मेरे सामने चेहरा करके मेरे लंड पर आकर बैठ गई और अपने चूत में पूरा लंड लेकर उछलने लगी।

फिर मैंने पायल को कहा, “तुम पीछे से आकर अपनी भाभी की गांड में लंड पेल दो। तुम्हारी भाभी की गांड और चूत दोनों एक साथ चोदी जाएंगी।”

उसने ऐसा ही किया और पीछे से आकर अपनी भाभी के गांड में लंड सेट करने लगी। उसकी भाभी की गांड थोड़ी तंग थी, लेकिन उसने थोड़ी मेहनत करके नकली लंड को अपनी भाभी की गांड में उतार दिया।

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अब वह तेजी-तेजी से अपनी भाभी की गांड में लंड पेलने लगी, और मैं नीचे से सुप्रिया की चूत में धक्का मार रहा था। यह खेल करीब 1 घंटे तक चला। चूंकि हमने कुछ आराम भी किया था, इसलिए मुझे झड़ने का टेंशन नहीं था।

दोस्तों, इस तरह से मैंने करीब 24 घंटे में 5 से 6 राउंड पायल की भाभी की चुदाई की और इसी बीच पायल के भी चुदाई का कार्यक्रम संपन्न हो गया।

अगली सुबह 7:00 बजे उठकर मैं अपने घर की तरफ चल पड़ा। आज भी मैं विद्यालय नहीं जाने वाला था क्योंकि मुझे घर जाना था। मेरा घर लगभग 300 किलोमीटर दूर था, इसलिए मैंने जल्दी उठकर घर की तरफ रवाना हो गया।

करीब 4:00 बजे जब मैं घर पहुंचा, तो माता-पिता मुझे देखकर बेहद खुश हुए। उन्होंने बताया कि कल लड़की देखने जाना है। मैं भी कुछ नहीं बोला और “ओके” बोलकर अपने कमरे में चला गया।

मैं यही सोच रहा था कि कहीं मैं एक ही लड़की के चक्कर में फंसकर ना रह जाऊं, या फिर ऐसा ना हो जाए कि लड़की का जीवन मेरे वजह से बर्बाद हो जाए। क्योंकि सबका अपना-अपना जीने का तरीका होता है। मैं सिर्फ एक चूत की चुदाई करके जीवन नहीं बिताना चाहता।

यही सब सोचते-सोचते शाम हो गई। खाना खाकर मैं सो गया। सुबह मम्मी ने मुझे जगाया और बोलीं, “जल्दी से तैयार हो जा, आधे घंटे में लड़की देखने निकलेंगे।”

मैं तैयार हो गया और हम लड़की देखने निकल पड़े। लड़की का घर लगभग 40 किलोमीटर दूर था। जैसे ही हम लड़की के घर पहुंचे, हमारा स्वागत किया गया। थोड़ी बातचीत के बाद लड़की चाय लेकर सामने आई।

लड़की बेहद खूबसूरत थी और घरेलू टाइप की। ऐसी लड़कियां मुझे बेहद पसंद आती हैं, जो खूबसूरत, क्यूट, और घरेलू होती हैं। लड़की का नाम सीमा था। कुछ देर घर वालों और लड़की से सवाल-जवाब करने के बाद, मुझसे बोले, “गार्डन में थोड़ा टहलकर एक-दूसरे से बात कर लो।”

मैं भी यही चाहता था क्योंकि मैं यह रिश्ता तभी करना चाहता था जब लड़की भी इस टाइप की चीजों को जानती हो और मेरे साथ जीवन बिता सके। जैसे ही हम गार्डन में बात करने लगे, बातों-बातों में मैंने पूछ लिया, “क्या तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड रहा है?” उसने कहा, “हां, मेरे करीब चार बॉयफ्रेंड रहे हैं।”

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मैंने पूछा, “करीब?” तो उसने कहा, “करीब का मतलब यह है कि एक-दो फ्रेंड्स ऐसे थे जो कि थोड़े क्लोज थे, लेकिन मैं उनका बॉयफ्रेंड नहीं मानती।”

मैं थोड़ा हैरान था क्योंकि यह लड़की देखने में बिल्कुल गांव की भोली-भाली सी लग रही थी, लेकिन बातों से वह बेहद चालाक और कामुक लग रही थी।

फिर उसने पूछा, “आपकी गर्लफ्रेंड है?” मैंने जवाब में कहा, “गर्लफ्रेंड तो है, लेकिन तुम इसे अपने हिसाब से करीब-करीब गर्लफ्रेंड मान सकती हो।”

उसे अंदाजा लग गया था कि मैं किस टाइप का व्यक्ति हूं और मुझे भी अंदाजा होने लगा था। मैंने कहा, “बाकी बातें फोन पर करेंगे, यही बेहतर होगा।” वह बोली, “ठीक है,” और हम वापस कमरे में आ गए।

लड़की देखकर हमें घर आ गए। माता-पिता को लड़की अच्छी लगी थी, और घर-परिवार भी अच्छा लगा था। अब निर्णय मेरे ऊपर था और मैं लेने में जल्दीबाजी नहीं करना चाहता था। इसलिए मैंने अपने घर पर कहा कि मैं विद्यालय वापस जाने से पहले अपना निर्णय बता दूंगा, क्योंकि मैं अपना समय लेना चाहता था।

रात हुआ, 11:00 बजे के आसपास मैंने सीमा के नंबर पर व्हाट्सएप पर मैसेज भेज दिया। मुझे तुरंत रिप्लाई आ गया। मैं समझ गया कि वह मेरे ही मैसेज का इंतज़ार कर रही थी। मैंने बोला, “क्यों न हम कॉल पर बात करें?” वह बोली, “ठीक है, 2 मिनट में कॉल करती हूं।”

2 मिनट बाद उसका कॉल आया। वह बताने लगी कि वह छत पर आकर बात कर रही है क्योंकि घर वाले उसे चिढ़ाने लगेंगे यदि उन्हें पता चला कि मैं तुमसे बात कर रही हूं।

मैंने बात कुछ सामान्य विषयों से शुरू की, जैसे कि रुचि और खाना बनाना। इसके बाद मैं थोड़ा रोमांटिक माहौल बनाने लगा। मैंने पूछा, “हनीमून पर कहां जाने का सोचा है आपने?” वह बताने लगी, “कश्मीर एक बढ़िया जगह होगा हनीमून के लिए।”

और ऐसे ही थोड़ी-थोड़ी रोमांटिक बातें करते-करते, मैं यहां तक पहुंच गया कि मैंने पूछा, “आपने अभी क्या पहना हुआ है?” आप समझ सकते हैं कि अब मैं किस रास्ते पर था। उसने बताया कि उसने सूट सलवार पहना हुआ है। तो मैंने पूछा, “बस सूट सलवार?” वह थोड़ी शर्माने लगी। मैंने कहा, “इसके अलावा आपने क्या पहना है?” वह बोली, “ब्रा और पैंट।”

मैंने कहा, “अगर मैं आपके सारे कपड़े उतार दूंगा, तो आप क्या करोगी?” उसने कहा, “मैं शर्मा जाऊंगी।” मैं इसी पर फायदा उठाते हुए बोला, “क्या तुम्हारे बॉयफ्रेंड ने पहले कभी तुम्हें नंगा नहीं किया?” वह शरमाते हुए बोली, “किया तो है।”

फिर मैंने पूछा, “क्या आपने अपनी गर्लफ्रेंड को कभी नंगा किया है?” मैंने कहा, “मैं तो अपनी गर्लफ्रेंड को अपने सामने कपड़े पहने ही नहीं देता।” बातों-बातों में हम दोनों हंसने लगे।

फिर मैंने कहा, “देखो सीमा, मैं तुमसे खुलकर बातें करना चाहता हूं क्योंकि हमें जीवन साथ में बिताने हैं। मैं ऐसा नहीं चाहता कि मैं तुम्हें कोई झूठा वादा या झूठी बात बोलकर शादी कर लूं। बाद में तुम और मैं एक-दूसरे के साथ रहने के लिए परेशानियों का सामना करें। इसलिए मैं तुम्हें पहले ही बता देता हूं कि मैं एक स्कूल का टीचर हूं, जिसमें कुछ बेहद खूबसूरत और हॉट लड़कियां आती हैं, और मैं उनके साथ भी शारीरिक संबंध बना चुका हूं।

सच्चाई तो यह है कि मैं आज सुबह ही एक स्टूडेंट की कुंवारी भाभी के साथ संबंध बनाकर तुम्हें देखने आया था। यह मेरा शौक हो सकता है, या फिर जरूरी, लेकिन मैं ऐसा ही हूं और मैं नहीं चाहता कि तुम धोखे में रहकर मुझसे शादी करो। अगर हम शादी करते हैं, तो थ्रीसम, स्वैपिंग, और शेयरिंग जैसी चीजें हमारे लिए आम बात होंगी।

वह कुछ देर शांत रही, मुझे लगा वह गुस्सा हो गई। मैंने बोला, “देखो सीमा, अगर तुम्हें यह सब अच्छा नहीं लगा, तो तुम कल मना कर देना मेरे रिश्ते के बारे में। मैं नहीं चाहता कि तुम्हारा जीवन बर्बाद हो। तुम बेहद खूबसूरत हो, मैं तुम्हारे साथ शादी करने के लिए तैयार हूं और तुम्हें खुश भी रखूंगा, लेकिन तुम्हें मेरी सच्चाई एक्सेप्ट करनी होगी।”

कुछ देर बाद वह बोली, “ठीक है।” मैंने पूछा, “क्या ठीक है?” उसने बिना कुछ बोले फोन रख दिया। मैं समझ गया था कि अब यह रिश्ता खत्म हो चुका है। करीब 5 मिनट बाद फिर से उसका फोन आया और वह बताने लगी कि यह रिश्ता उसे मंजूर है। उसने बताया कि उसने कई बार दो लड़कों के साथ एक साथ सेक्स किया है और उसे नए-नए पार्टनर के साथ सेक्स करने में बेहद मजा आता है।

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“अगर आप मुझे शादी के बाद भी नए पार्टनर के साथ सेक्स करने का मौका देंगे, तो मुझे कोई दिक्कत नहीं है। आप किसके साथ सेक्स कर रहे हैं, लेकिन ऐसा भी नहीं होना चाहिए कि आप मुझे प्यार ना करें।” मैं बेहद खुश हुआ कि पहली बार में ही मुझे एक ऐसी लड़की मिल गई है जो कि मेरी तरह ही है।

उसने बताया कि उसे पारिवारिक संबंधों में भी बेहद मजा आता है, हालांकि उसने कभी ऐसा नहीं किया, लेकिन वह ऐसी कहानी इंडियन सेक्स स्टोरी पर पढ़ती है। मुझे यह सुनकर बेहद मजा आने लगा था, मेरा लंड खड़ा हो चुका था। मैंने उसे बताया, “तुम्हारी बातों से मैं गर्म हो चुका हूं।” वह बोली, “मैं भी।” मैंने कहा, “आप नीचे जाकर अपनी चूत की फोटो भेजना, मैं भी अपना लंड की फोटो भेजूंगा।”

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इस तरीके से मैंने अपने लिए सही लड़की का चुनाव कर लिया था और मैंने रविवार को शाम को मम्मी से बता दिया कि मुझे यह रिश्ता मंजूर है। मम्मी ने पापा को यह रिश्ता मंजूर होने के बाद मेरे माता-पिता को कहना था कि मैं जल्दी से जल्दी शादी कर लूं। मैं भी यही चाहता था।

पंडित जी को मुहूर्त दिखाया गया तो पता चला कि 3 जनवरी को एक अच्छा मुहूर्त है और शादी कर लीजिए। आज 23 नवंबर था, मतलब लगभग एक महीना और 10 दिन बाद मेरी शादी थी। मैं मन ही मन खुश हुआ और विद्यालय की तरफ निकल पड़ा और अपनी ठरकी टीचर की जिंदगी में व्यस्त हो गया।

मेरे घर वाले शादी की तैयारी में लगे थे, हालांकि हमारे घर पर शादी का बहुत बड़ा टेंशन नहीं था क्योंकि हमारे रिश्तेदार गिनती के थे और हम सामान्य तरीके से विवाह करने में भरोसा रखते थे। देखते-देखते शादी का समय निकट आ गया। तब तक मैं मोनिका, पायल, और उसकी भाभी की चुदाई में बेस्ट था।

शादी के एक सप्ताह पहले मैं अपने घर पहुंच गया। मैंने मोनिका, पायल, और उसकी भाभी को भी शादी में इनवाइट किया था। वे लोग भी शादी के 3 दिन पहले आ गए थे और शादी में हल्दी आदि कार्यक्रमों में शामिल होकर खूब एंजॉय किया।

अच्छा दोस्तों, शादी के खुशी के माहौल में मैं कुछ बताना भूल ही गया। जैसा कि मैंने बताया, लड़की देखने के बाद मैं विद्यालय वापस लौट गया। विद्यालय वापस लौटने के बाद, मैंने आर्यभट्ट कॉलेज में बायोलॉजी टीचर के लिए इंटरव्यू दिया। कुछ ही दिन में वहां से मुझे ऑफर लेकर आ गया, यानी कि मैं कॉलेज में नियुक्त हो गया था।

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अब मैं आर्यभट्ट कॉलेज में बायोलॉजी पढ़ाने के लिए चुन लिया गया था। इसका मतलब यह था कि मैं अब कॉलेज में नई-नई चूत का शिकार कर सकता था। चलिए, अगली कहानी में इस बारे में चर्चा करेंगे। अभी तो मैं शादी में व्यस्त हूं।

 

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