तो दोस्तों, जैसा कि आपने पिछली कहानी (पायल और मोनिका का मिलन) में पढ़ा, पायल ने अपनी भाभी की चुदाई के लिए मुझे बुलाया था। उसकी भाभी की टाइट चूत देखकर मुझे यकीन था कि ये कमाल का मजा देने वाली है, उससे भी ज्यादा जो पायल के साथ मिला था। पायल ने पहले भी चुदाई का खेल खेला था, लेकिन उसकी भाभी तो बस एक-दो बार ही बिस्तर का स्वाद चख पाई थी, वो भी करीब 2 साल पहले।
सुबह उठते ही मेरा लंड पहले से ही खड़ा हुआ था, जैसे उसे याद हो कि आज उसे एक नई चूत का स्वाद चखने को मिलने वाला है। मैंने जल्दी से फ्रेश होकर अपनी झांटे साफ कीं और खुद को तैयार करने लगा। आज के लिए मैंने कुछ खास चीजें अपने बैग में रखीं, जो आपको आगे पता चलेंगी। फिर बाइक उठाई और पायल के घर की तरफ निकल पड़ा। पायल के घर के पास पहुँचने से पहले, मैंने अपनी बाइक एक प्लेग्राउंड में साइड में लगा दी, ताकि किसी को शक न हो। पायल ने पहले ही इशारा किया था कि ये खेल लंबा चलने वाला है, करीब 24 घंटे।
जैसे ही पायल के घर पहुँचा, देखा वो छत से मुझे देख रही थी, जैसे बस मेरे इंतजार में थी। मैंने बेल भी नहीं बजाई। वो फटाफट नीचे आकर दरवाजा खोली और मुझे अंदर खींच लिया। दरवाजा बंद होते ही उसने मुझे गले से लगा लिया और हम दोनों के होंठ आपस में कस गए। थोड़ी देर तक किस करने के बाद पायल ने कहा, “सर, आज जो आप मेरे लिए करने वाले हो, वो मेरे लिए बहुत खास है। मैं आपका ये एहसान कभी नहीं भूलूंगी।” मैं मुस्कुराते हुए सोफे पर बैठ गया और अपने बैग से एक पजामा-कुर्ता निकाला।
जैसा कि मैं जींस-टीशर्ट में आया था, अब मैंने पूरे कपड़े उतारकर नया अंडरवियर पहना, और फिर कुर्ता-पजामा चढ़ाया। पायल खड़ी-खड़ी मुझे देख रही थी, उसकी नजरें मेरे बदन पर टिकी थीं और वो मुस्कुरा रही थी। साथ ही अपने होंठों पर जीभ फिरा रही थी, उसकी निगाहें भी काफी कामुक लग रही थीं।
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यदि आज का दिन उसकी भाभी की सुहागरात न होता, तो ये तय था कि अब तक वो मेरे लंड को अपने मुंह में ले चुकी होती। मैंने उससे पूछा, “बताओ पायल, आगे का क्या प्लान है?” उसने हंसते हुए कहा, “ये आपका रूम है, और आपकी दुल्हन आपका इंतजार कर रही है। अब आप अंदर जा सकते हैं।” मैंने पायल से मजाक में कहा, “अगर तुम्हें कोई दिक्कत न हो, तो मेरी दुल्हन को बाहर ले आओ, ताकि पहले उसे अपनी दुल्हन बना लूं, फिर आगे का कार्यक्रम करेंगे।” वह समझ गई, क्योंकि मैं हर लड़की के साथ सिंदूर डालने का रिवाज पूरा करना पसंद करता हूं, वर्ना मेरे लिए वो चुदाई अधूरी ही रहती है।
अब पायल की भाभी बाहर आ चुकी थी। मैंने मुस्कुराते हुए उससे कहा, “हैलो, मैं सूरज। क्या तुम मुझसे विवाह करोगी?” उसने घूंघट के अंदर से ही सिर हिलाकर हामी भरी, लेकिन मैं तो उसे बोलते हुए सुनना चाहता था। मैंने कहा, “बिना शब्दों में इजाजत मिले, मैं इसे मंजूरी नहीं समझूंगा।” उसने फिर धीरे से कहा, “मेरा नाम सुप्रिया है, और हां, मैं तुमसे विवाह करने के लिए तैयार हूं।” बिना वक्त गवाए मैंने अपनी जेब से सिंदूर की डिबिया निकाली और उसका घूंघट उठाया। जैसे ही उसका चेहरा सामने आया, मैं जैसे पागल हो गया। इतनी खूबसूरत लड़की आज तक नहीं देखी थी! ये मैं यूं ही नहीं कह रहा—ये सच था।
हालांकि, मैंने कई लड़कियों के साथ ये सिंदूर-वाला खेल खेला है, लेकिन सुप्रिया को देखकर लग रहा था कि इस बार ये सिर्फ एक चुदाई नहीं, बल्कि इसके साथ जिंदगी बिताना किसी किस्मत से कम नहीं होगा। मैंने बिना देर किए उसकी मांग में तीन बार सिंदूर भर दिया, और वो मेरे पैर छूने के लिए झुक गई। फिर जैसे ही खड़ी हुई, मैंने उसे होंठों पर जोर से चूम लिया। करीब दो मिनट तक हम ऐसे ही एक-दूसरे में खोए रहे।
मैंने पीछे हटते हुए पायल की तरफ देखा और कहा, “ठीक है पायल, अब अपनी भाभी को कमरे में पहुंचा दो।” पायल ये सब देखकर मुस्कुरा रही थी। उसने हल्के से अपनी भाभी का हाथ पकड़ा और उसे कमरे की ओर ले जाने लगी। मैं मन ही मन सोच रहा था कि कैसा आदमी होगा जो इतनी हसीन बीवी को छोड़कर भाग गया होगा। या तो वो सचमुच नामर्द है, या किसी और के जाल में पूरी तरह फंस चुका है।
पायल करीब 5 मिनट बाद बेडरूम से बाहर निकली और बोली, “अब आप जा सकते हैं, सर।” उसने मुस्कुराते हुए पूछा, “क्या मैं आपका बैग भी पहुंचा दूं?” मैंने उसे हंसते हुए कहा, “हां, बिल्कुल। ले जाकर किसी टेबल पर रख दो, मुझे इसकी जरूरत पड़ेगी,” और उसे एक आंख मार दी।
पायल ने जल्दी से बैग उठाया और रूम में ले जाकर रख दिया। अब मेरी बारी थी अंदर जाने की। मैंने पायल से कहा, “यहीं सोफे पर इंतजार करना। जरूरत पड़ी तो मैं तुम्हें आवाज लगा दूंगा। दरवाजा खुला रहेगा, तुम बाहर से पूरा खेल का मजा ले सकती हो।”
मैं कमरे में घुसा और दरवाजे को थोड़ा खुला ही छोड़ दिया। कमरे में एक हल्की मद्धम रोशनी जल रही थी, जो माहौल को और गर्म कर रही थी। मैंने सोचा कि यही रोशनी रहने दूं, ताकि बाहर बैठी पायल भी हल्का-हल्का खेल का मजा ले सके।
मैं धीरे-धीरे बेड के पास पहुँचा, वहाँ बैठकर सुप्रिया के पास गया और उसका घूंघट उठा दिया। उसकी मांग टीका किनारे करते हुए उसके माथे पर एक लंबा-सा किस किया और उसे गले से लगा लिया। गले लगाते हुए मैंने उसके कान में हल्के से कहा, “ये तुम्हारी जिंदगी की पहली चुदाई होने वाली है, और मैं वादा करता हूँ, ये तुम्हें हमेशा याद रहेगी। तुम मुझसे बिना किसी संकोच के बात कर सकती हो और अपनी हर खुशी खुलकर मुझसे बांट सकती हो। अब से तुम मेरी बीवी हो।”
सुप्रिया हल्के से मुस्कुराते हुए बोली, “हूँ, मैं तैयार हूँ।” मैंने उसकी मुस्कान पर एक मुस्कान दी और उसके कानों के झुमके धीरे-धीरे उतारने लगा। सुप्रिया भी अपने दूसरे कान का झुमका खुद उतारने लगी और फिर अपना मांग टीका भी हटा दिया। अब उसने अपनी चूड़ियां भी निकालनी शुरू कर दीं। दोनों हाथों की चूड़ियां उतारकर उसने एक तरफ रख दीं और अपने बाकी गहने भी उतार दिए। उसकी तेज़ी को देखकर मुझे अंदाजा था कि वह भी पूरी तरह प्यास से भरी हुई है और तड़प रही है।
मैं उसके होंठों पर झुका और एक लंबा, गहरा किस किया। यह किस करीब 10 मिनट तक चलता रहा। कभी मैं अपनी जीभ उसके होंठों में डालता, तो कभी वह अपनी जीभ मेरे होंठों में घुसाकर हर कोने को चखने की कोशिश करती। हमारा यह खेल जारी था, और मेरे लंड की हालत अब एकदम टनक चुकी थी। मैं जानता था कि सुप्रिया भी पूरी तरह तैयार है।
अब मैंने उसकी साड़ी का पल्लू हटाना शुरू किया और उसके ब्लाउज के ऊपर से उसकी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया। उसकी चूचियाँ भले बहुत बड़ी नहीं थीं, लेकिन बेहद मुलायम थीं। मैं अपनी दोनों हथेलियों से उन्हें धीरे-धीरे मसल रहा था, और साथ ही उसकी गर्दन पर झुककर अपनी जीभ से उसे चाटने लगा। ऐसा करते-करते मैं कभी-कभी उसकी गर्दन को हल्के से किस भी कर लेता था।
कुछ देर बाद मैंने उसके ब्लाउज के हुक खोले और उसके बाद उसकी ब्रा भी उतार दी। ब्लाउज और ब्रा को हटाकर मैंने उन्हें बेड के नीचे फेंक दिया।
अब उसकी चूँचियाँ मेरे सामने पूरी तरह से नंगी थीं। मैंने दोनों हाथों से उन चूँचियों को हल्के से पकड़ा और सहलाने लगा। फिर मैंने उसके दाएं निप्पल को मुंह में लिया और चूसने लगा, जबकि बाएं निप्पल को अपनी चुटकी में पकड़कर मसलने लगा। वह मचल रही थी, उसके मुंह से हल्की सिसकारियां निकलने लगीं—उफ्फ्फ्फ़, अह्ह्ह्ह, अह्ह्हम्म्म्म।
अब मैंने बाएं निप्पल को चूसना शुरू कर दिया और दाहिने निप्पल को उंगलियों से दबाकर रगड़ने लगा। ऐसा करते-करते वह तेजी से सिकरिया लेने लगी, उफ्फ्फ्फ़, उफ्फ्फ्फ़, अह्ह्ह्ह।
अब मैंने उसे सहारा देते हुए बेड से उतारा और खड़ा कर दिया। अब वह मेरे सामने ऊपर से पूरी नंगी खड़ी थी, और वक्त आ चुका था कि उसे नीचे से भी पूरी नंगी किया जाए। मैंने उसकी साड़ी खोलना शुरू किया, और साड़ी खोलते-खोलते बीच-बीच में उसकी चूचियों को चूसता और हल्के से काट भी लेता। वह बिल्कुल मचलती जा रही थी।
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अब उसकी पेटिकोट और पेंटिं उसके बदन पर बाकी रह गई थीं। मैंने धीरे से उसके पेटिकोट का नारा खोला, और पेटीकोट सरककर नीचे गिर गया। अब उसके लाल रंग की पेंटिं मेरे सामने थी, और मैं देख पा रहा था कि उसकी पेंटिं नीचे से पूरी गीली थी। लेकिन यह मेरे लिए काफी नहीं था; मैं कुंवारी चूत को और तड़पाना चाहता था।
मैंने उसकी पैंटी नहीं उतारी और उसे बिस्तर पर वापस लिटा दिया। अब वह बिल्कुल नंगी, सिर्फ पैंटी में मेरे सामने लेटी हुई थी, और मैं अभी तक पूरे कपड़े में था। मैंने अपने बैग से एक चॉकलेट का पैकेट निकाला, जो कि पिघली हुई थी।
मैंने चॉकलेट को उसके दोनों चूचियों पर लगाना शुरू कर दिया। चॉकलेट लगाने के बाद, जो चॉकलेट मेरे उंगलियों पर रह गई थी, उन्हें मैंने उसके मुंह में डालकर साफ करवाया। वह बेहद अच्छे से उंगलियों को चाट-चाट कर साफ कर रही थी।
उसकी इस हरकत को देखकर मुझे अंदाजा लग गया था कि यह बेहद कमुख और प्यासी लड़की है, जिसे अच्छी तरह चुदाई की आवश्यकता है। अब मैं उसकी चूचियों को चॉकलेट से जीभ से चाट-चाट कर और चूस-चूस कर साफ कर रहा था, और वह मचल रही थी। कभी अपने हाथों को मरोड़ती, तो कभी अपनी कमर को हिला कर, वह न कहे शब्दों से अपनी खुशी और उत्तेजना को व्यक्त कर रही थी।
अब वह खुलकर सिसकारियां लेने लगी थी। वह बोलने लगी, “खा जाओ मेरी चूची, मैं बहुत प्यासी हूं। मुझे पूरी तरह से फाड़ देना, मुझे छोड़ना मत।”
फिर मैंने उसकी चूचियों को अच्छे तरीके से साफ कर दिया। अब मैंने एक बार फिर से उसकी पैंटी पर ऊपर से हाथ लगा कर देखा तो उसकी पैंट बिल्कुल गीली हो चुकी थी। लेकिन मुझे तड़पाने में ज्यादा मजा आता है, इसीलिए मैंने उसे उल्टा लिटा दिया और कहा, “घोड़ी बन जाओ।” वह तुरंत घोड़ी बन गई।
मैंने बैग से एक और चॉकलेट का पैकेट निकाला और उसके गांड के दोनों भाग पर चॉकलेट लगा दिया। फिर जीभ निकालकर कुत्ते की तरह उसके गांड के दोनों भाग को साफ करने लगा। वह लगातार मस्ती में सिसकारियां ले रही थी—अह्ह्ह्ह, उफ्फ्फ्फ़।
अब मैंने पैकेट में बचे थोड़े से चॉकलेट को उसेक गांड के छेद पर लगा दिया और उसे चाटने लगा, गांड के छेद पर लगा चॉकलेट मैंने अपनी जेब को नुकीली करके हल्के गांड में घुसा दिया वह बिल्कुल मचल गए और अपनी गांड आगे की तरफ कर ली, अब मैं समझ गया था कि मुझे अब उसकी पैंटी निकाल देनी चाहिए। अब तक मैं जो भी कर रहा था, वो उसकी पैंटी को किनारे करके कर रहा था। उसने वि शेप वाली पैंटी पहनी हुई थी। मैंने धीरे-धीरे उसकी पैंटी उतार दी और पीछे से उसकी चूत को फैलाकर देखने लगा। हल्की मध्यम रोशनी में उसकी चूत साफ दिखाई दे रही थी। क्या चूत थी, बिल्कुल कुंवारी! मैंने उसकी चूत पर एक किस किया और उसे सीधा लिटा दिया।
अब मैं उसके होंठों पर किस करने लगा और उसके कान में जाकर पूछा, “बताओ, शादीशुदा होकर कुंवारी रहना कैसा लगता है?” उसने हल्के से कहा, “बहुत खराब लगता है, और मुझे ये खराब फीलिंग पसंद नहीं है। आप मुझे कुंवारी मत छोड़ना।”
मैंने पूछा, “पायल ने तो कहा था कि तुम्हारी चुदाई हुई है एक-दो बार।” उसने हल्के से बोला, “उसे चुदाई नहीं कहते हैं, जो उनके भैया ने किया।” लेकिन मैं पायल की नजरों में उसके भैया की इज्जत नहीं गिराना चाहती, इसीलिए मैं यह बोल देती हूं कि मेरी चूत बहुत लंबे समय से बिना चुदाई के बंद हो गई है।
उसके भैया ने मुझे अच्छे से चोदा था, लेकिन सच तो यह है कि उसके भैया एक नामर्द हैं। उन्हें दूसरे मर्दों से गांड मरवाना पसंद है, इसीलिए वह दुबई में रहते हैं और वहीं अपनी इच्छाओं की पूर्ति करते हैं। कभी-कभी फोन करके मैं सोचती हूं कि उनके साथ फोन सेक्स ही कर लिया जाए, लेकिन वह इस बात के लिए भी राजी नहीं होते। वह बोलते हैं, “मैं लड़कियों के लिए इस तरह सोच ही नहीं सकता।”
इसलिए जब मैंने पायल की फटी चूत देखी, तो मुझे समझ में आया कि मुझे भी यही लैंड चाहिए। वह मुस्कुराने लगी, और मैंने उसकी मुस्कान में छिपे दर्द को पहचान लिया। मैंने हल्के से मुस्कराया और उसके होंठों पर किस करते हुए बोला, “कोई बात नहीं, सुप्रिया, अब से तुम मेरी पत्नी हो। अब तुम्हें जो सुकून मिलेगा, वह तुम भूल नहीं पाओगी।”
अब मैं बिस्तर से उतरकर खड़ा हो गया और बोला, “यह तो सरासर नाइंसाफी है। मैंने तुम्हें इतना प्यार दिया, और तुमने अभी तक एक कपड़ा भी नहीं उतारा।”
वह झट से उठी और मेरे कुर्ते को उतारने लगी। फिर उसने मेरे पजामे का नाडा खोला, और मेरा पजामा नीचे गिर गया। मेरा लंड मेरी अंडरवियर के ऊपर से साफ दिखाई दे रहा था। उसने मेरे चड्डी के ऊपर से लंड को हल्का सा सहलाया और फिर अंडरवियर को उतारने लगी।
अंडरवियर को उतारकर मेरा लंड पूरी तरह बाहर निकल आया। यह देखकर वह बेहद खुश लग रही थी। बोली, “क्या लंड है! आखिर आज मुझे चुदाई का मजा मिल जाएगा!” उसने बड़े प्यार से मेरे लंड को पकड़ा और चूमते हुए बोली, “यह तो बहुत प्यारा है।”
मैंने जल्दी से बैग में रखा कंडोम का पैकेट निकाला और उसे देते हुए कहा, “अगर चाहो तो कंडोम लगाकर तुम लंड चूस सकती हो। अगर तुम्हें ऐसा पसंद नहीं है तो…”
वह तुरंत बिना कुछ बोले मेरा लंड मुंह में ले ली और चूसने लगी। एक-दो बार चूसने और चाटने के बाद उसने बोला, “मैं लंड ऐसे खाना पसंद करूंगी। मुझे किसी और स्वाद की जरूरत नहीं है। मैं तो लंड का स्वाद पाने के लिए ही तड़प रही हूँ।”
और जब वह मेरे लंड को हल्का-हल्का चाटने लगी, तो मैं मस्त हो गया, और मेरे मुंह से सिसकारी निकल गई। अब वह मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने की कोशिश करने लगी। हालांकि मेरा लंड पूरा उसके मुंह में नहीं जा रहा था, लेकिन वह पूरी कोशिश कर रही थी। करीब 5 मिनट तक लंड चूसने के बाद मैंने कहा, “अब बस करो। अब मैं चाहता हूं कि तुम्हारी सील तोड़ दी जाए, क्योंकि जितनी जल्दी सील टूटेगी, आगे की चुदाई उतनी ही मजेदार होगी।”
मैं जल्दी से उसे बिस्तर के किनारे लिटाया। उसका पूरा शरीर बिस्तर पर था, लेकिन उसकी कमर के नीचे का हिस्सा मैं बिस्तर के नीचे रखकर उसके टांगों को अपने कंधे पर रख लिया। उसकी कमर बिस्तर के किनारे पर थी, जहां से मैं अपना लंड उसकी चूत में डालने वाला था। मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ना शुरू किया और अपने हाथ को आगे फैला कर उसके मुंह के पास लाते हुए कहा, “इस पर थूको, क्योंकि मुझे तुम्हारी चूत में लगाने के लिए तुम्हारी थूक की आवश्यकता है।”
उसने बिना कुछ कहे मुझे अपना थूक दे दिया। मैंने कहा, “थोड़ा और।” उसके थूक को लेकर मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर लगाया। अब मेरा लंड उसकी चूत में जाने के लिए बिल्कुल तैयार था। मैंने चूत में लंड को अच्छे तरीके से सेट किया और आगे झुककर उसकी चूत को मुंह में लेकर लंड को चूत में डालना शुरू कर दिया।
एक जोर का झटका मारते ही मेरा लंड उसकी चूत में फंस गया। अब वह तड़पने लगी। मैंने फिर उसके कान में जाकर कहा, “क्या लगा था, इतनी आसानी से सील टूट जाएगी?” उसने कुछ नहीं कहा और बस मुझे देखते रही। मैंने एक और जोर का धक्का मारा, और मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया। अब वह चिल्लाने लगी। मैं जानबूझकर उसके चिल्लाने की आवाज नहीं रोक रहा था, क्योंकि मुझे पता था कि उसकी आवाज घर के बाहर नहीं जाएगी। लेकिन हाल में बैठकर पायल उसकी चुदाई का आनंद ले रही थी। मैंने एक और जोर का धक्का मारा और उसकी चूत में पूरा लंड उतार दिया।
उसकी सील टूट चुकी थी, और मेरे लंड पर उसकी चूत से निकलता खून की गर्मी महसूस हो रही थी। अब वह रोने लगी और छुड़ाकर भागने की कोशिश करने लगी। मेरे दिमाग में एक आईडिया आया, और मैंने उसे हल्का छोड़ दिया, जिससे वह छुड़ाकर भाग जाए।
ऐसा ही हुआ, वह मुझे छोड़कर दूर जाकर खड़ी हो गई। मैंने हाथ बढ़ाकर उसे पकड़ा और बोला, “साली कुतिया, कहां जाएगी भागकर?” फिर उसकी चूत में लंड सेट करके एक धक्का और मारा। इस बार लंड एक ही बार में जड़ तक उतर गया।
मैं जानबूझकर उसे बार-बार छोड़ रहा था, क्योंकि मैं उसे दौड़ाकर चोदने की इच्छा में था। अब वह मुझे छुड़ाकर रूम के बाहर चली गई, जहां हाल में पायल सोफे पर बैठी थी। वह यह सब देखकर हल्का-हल्का हंस रही थी। उसे अंदाजा था कि मैं जानबूझकर उसकी भाभी को परेशान कर रहा हूँ।
मैंने फिर भागकर उसके भाभी यानी सुप्रिया को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वह इस बार मुझसे थोड़ी और दूर भाग गई और मेरे हाथ से निकल गई।
इस खेल में मुझे बेहद मजा आ रहा था। मेरा खड़ा लंड ऊपर-नीचे हो रहा था, और सुप्रिया की प्यारी, सुडौल गांड और चूचियां भी भागने के दौरान उछल रही थीं। यह सब बेहद उत्तेजक था। अब वह भी खेल का आनंद ले रही थी।
थोड़ी मेहनत के बाद, मैंने उसे पकड़ लिया और हाल में ही जमीन पर लेटा दिया। उसके दोनों टांगों को अपने कंधे पर रखकर उसे चोदने लगा। लगभग 10 फीट की दूरी पर पायल बैठकर इस खेल का आनंद ले रही थी। अब उसकी भाभी मजे से अपनी गांड उठाकर मेरा लंड अपनी चूत में ले रही थी।
और मैं उसे तेजी से चोद रहा था, और उसके कान में जाकर कहा, “कैसा लग रहा है, रानी?” वह धीरे-धीरे मुस्कुराते हुए बोली, “बहुत मजा आ रहा है, खासकर भागकर चोदने में।”
मैंने कहा, “अभी तो तुम्हें बहुत मजा आने वाला है, अभी तो तुम्हारी सील टूटी है।” फिर मैंने उसे लगाता चोदना शुरू कर दिया। कुछ देर चोदने के बाद, मैंने उसे घोड़ी बना दिया और उसकी चूत में लंड डालकर खूबसूरत घोड़ी की सवारी करने लगा। मैं झुककर उसके दोनों चूचियों को पकड़कर तेज-तेज धक्का मारने लगा, और हर धक्के के साथ उसकी चूचियाँ हवा में उछलने लगीं।
करीब 2 मिनट तक ऐसे धक्के लगाने के बाद, सुप्रिया कांपने लगी। यह शायद पहली बार था जब वह झड़ रही थी मेरे साथ। उसका बदन अकड़ गया, और मेरी घोड़ी अपने आप जमीन पर लेट गई। लेकिन मैंने अपना लंड उसकी चूत के पानी से नहलाना चाहता था, इसलिए मैं अपनी घोड़ी के साथ-साथ लेट गया। अब उसकी चूत का पानी मेरे लंड के ऊपर से बह रहा था।
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सच में, उसकी चूत में बहुत सारा पानी जमा हो रखा था। करीब 2 मिनट तक उसकी चूत थोड़ी-थोड़ी करके झड़ती रही, उसके बाद वह बहुत थक गई। लेकिन मैं तो अभी खेल शुरू किया था। मैंने लंड चूत से निकाला और उसे खड़ा किया।
अब उसे गोद में उठा लिया और कहा, “अपनी दोनों पैर मेरे कमर के आसपास लपेट लो।” उसने ऐसा ही किया। अब मैं उसे हवा में उठाकर चोदने वाला था। उसके दोनों पैर मेरे कमर के आसपास लपेटे हुए थे, और गले में हाथ डालकर उसने मुझे पकड़ लिया।
मैंने नीचे एक हाथ लगाकर अपना लंड उसकी चूत पर सेट किया और तेजी से धक्का लगाया। अब मेरा लंड उसकी चूत में पूरी तरह से अंदर था। शायद उसके बच्चेदानी पर मेरा लंड जाकर टकराया। उसने हल्की उचकी लेते हुए लेकिन सिसकारियों के साथ कहने लगी, “चोदो मुझे!”
अब मैं उसकी चूत में लगातार वार कर रहा था। कुछ देर ऐसे चोदने के बाद मैं रुक गया और उसे गोदी से उतारकर सोफे पर बैठ गया। उसने अपनी पीठ मेरी तरफ करके मेरे गोद में बैठ गई। वह मेरे लंड को चूत में लेकर बैठ गई थी और धीरे-धीरे उछल रही थी।
क्योंकि मैं थोड़ा थक गया था, इसलिए इस पोजीशन में आराम करने के लिए बैठा था। फिर 5 मिनट तक ऐसे कूदने के बाद, वह तेजी से लंड को अपनी चूत में लगाकर हल्का-हल्का कांपने लगी। मैं समझ गया था कि सुप्रिया फिर से झड़ने वाली है।
मैं भी नीचे से धक्का लगाने लगा, और वह ऊपर से तेजी-तेजी से अपना चूत पटककर लंड पर चोद रही थी। अब 2 मिनट की धुआंधार लगातार नॉनस्टॉप चुदाई के बाद, वह फिर से झड़ गई और पीछे होकर मेरे ऊपर लेट गई। मेरा लंड उसकी चूत के पानी से दो बार नहा चुका था।
आप समझ सकते हैं, जब मर्द का लंड चूत के पानी से नहा लेता है, तो और मोटा लंबा महसूस होने लगता है। अब मैंने उसे फिर से गोद में उठा लिया और चोदने लगा।
गोद में उठाकर चोदना मेरे लिए सबसे फेवरेट पोजीशन है। मैं उसे उठाकर लगातार चोदने लगा। इस बार मैं रुक नहीं रहा था, क्योंकि मैंने अपनी थकान मिटा ली थी। उसे गोद में लगातार चोदते हुए मैंने पायल से पूछा, “क्यों पायल रानी, आपकी भाभी की चुदाई का खेल कैसा लग रहा है?”
वह मुस्कुराकर बोली, “बेहद रोमांचक खेल है। इस खेल को ऐसे ही चलने दो।” फिर बोली, “भाभी, मजा आ रहा है ना?” वह हल्की सी शर्मा गई और बोली, “हां,” और सिर्फ खिलखिलाकर मुस्कुराने लगी।
अब मैं तेज-तेज धक्का मारने लगा और सुप्रिया को गोद में उठाए पायल के पास जाकर खड़ा हो गया। पायल नीचे बैठी हुई थी। मैं पायल के एकदम सामने खड़ा था, सुप्रिया मेरे गोद में थी, और पायल के चेहरे के ऊपर उसकी चूत का पानी हल्का-हल्का टपक रहा था। यह मुझे बेहद उत्तेजक लगा, और मैं और तेज-तेज सुप्रिया को अपनी गोद में चोदने लगा।
इस बार बिना किसी हिंट के, सुप्रिया झाड़ गई, और जानकर मैं चाहता था कि उसकी चूत का पानी पायल के ऊपर बरसे। ऐसा ही हुआ, चूत से इतना पानी निकल रहा था जैसे कि वह मूत रही हो। हाथ में लेकर मैंने देखा तो यह चूत का पानी था। मैं समझ चुका था कि यह लड़की बेहद प्यासी है।
उसे एक चुदाई, दो चुदाई में कुछ नहीं होने वाला है; इसे बढ़िया चुदाई की आवश्यकता है। अब वह थक गई थी, लेकिन इस बार पेलकर मैं भी अपना पानी उसकी चूत में निकलना चाहता था। मैंने उसे गोदी से उतारकर सोफे पर बैठा दिया और रूम से कंडोम लेकर आया। कंडोम के दो पैकेट थे: स्ट्रॉबेरी और चॉकलेट। मैंने बोला, “रानी, अपनी पसंद का कंडोम पहन लो।”
वह शरमाते हुए स्ट्रॉबेरी फ्लेवर का कंडोम निकाली और मेरे लंड पर चढ़ने लगी। जैसे ही उसने लंड पर कंडोम चढ़ाया और हाथ हटाया, मैंने उसे पकड़कर तुरंत वहीं सोफे के पास घोड़ी बना दिया और पायल से बोला, “इस घोड़ी के ऊपर अपने पैर रखो।”
वह अपनी भाभी के पीठ पर पैर फैलाकर बैठ गई और चुदाई का खेल देखने की तैयारी की। चूत में लंड फिर से पेलने लगा और लंड लगातार तेज-तेज धक्का मारने लगा। पायल ने झुककर भाभी को कान में कुछ कहा। पूछने पर पता चला कि उसने कहा, “मुबारक हो सुहागरात, भाभी जी।”
भाभी ने तेजी से जवाब दिया, “हां, आज हुई है मेरी असली सुहागरात। मेरी चूत की प्यास आज बुझी है। अब मैं सूरज जी से रोज चुदुँगी। आज से सूरज मेरे पति हैं। अगली बार तुम दोनों को एक साथ चोड़ेंगे, क्यों सूरज जी? मुझे अपनी नंद के साथ चोदेंगे ना?”
मैंने कहा, “हां, बिल्कुल! तुम दोनों कुत्तियों को एक साथ चोदने में मजा ही आ जाएगा।”
और मैंने पूरे जोर से धक्का मारा और उसकी चूत में बुरी तरह से झड़ गया। मेरा पूरा पानी कंडोम के अंदर भर गया। करीब 2 मिनट तक उसके ऊपर वैसे ही पड़ा रहा, फिर धीरे से अपना लंड निकाला और कंडोम उतारकर उसे दे दिया।
उसके बाद जो हुआ, उसकी मैंने उम्मीद भी नहीं की थी। सुप्रिया ने उस कंडोम को अपने मुंह में ले लिया। उसने कंडोम के खुले हिस्से को अपने होंठों से पकड़कर पूरा खाली कर दिया, यानी मेरा सारा पानी पी गई। ये देखकर मेरे अंदर एक अलग ही आग लग गई। ऐसा मेरे साथ पहली बार हुआ था, किसी लड़की ने कंडोम का सारा रस इस तरह से लिया था।
आंख मारते हुए वो बोली, “आप सच में बहुत अच्छे हो और जानते हो कि औरत को कैसे खुश करना है।” फिर उसने कहा, “आप आराम कर लीजिए, हम और पायल जाकर खाना बना लेते हैं। खाना खाने के बाद फिर मैं आपकी बाहों में समा जाऊंगी।” ये कहकर उसने मुझे जोर से किस किया और अपनी गांड मटकाते हुए किचन में चली गई।
आप यह स्टूडेंट टीचर की चुदाई की कहानी सेक्स स्टोरी की सबसे बड़ी वेबसाइट दी इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।
तभी पायल भी वहां पहुंच गई और उसकी मदद करने लगी। मैं बेडरूम में जाकर लेट गया और आराम करने लगा। अगली कहानी में मैं बताऊंगा कि कैसे मैंने पायल और उसकी भाभी सुप्रिया दोनों को एक साथ चोदा। क्योंकि ये खेल अभी खत्म नहीं हुआ था। हमारे पास अगली सुबह 7 बजे तक का पूरा समय था, क्योंकि पायल के माता-पिता की ट्रेन सुबह 8 बजे की थी।
जल्दी मिलते हैं अगली कहानी में। कहानी के बारे में अपनी राय ज़रूर दें, आपके कमेंट्स मुझे और भी मोटिवेट करते हैं!
कहानी का अगला भाग: चुदाई की रेलगाड़ी
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